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जब फोन थाने से आया तो मुझे तो उन्होंने
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कुछ नहीं बताया। भाई से बात की हॉस्पिटल
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सब चले गए। मुझे यही इतला थी कि उसका
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एक्सीडेंट हो गया। जख्मी है। हम लोग उसको
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लेके आ रहे हैं। मैंने कहा रात देर को जब
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वो आए खाली हाथ। मैंने कहा अब ज़हन को
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क्यों नहीं लेकर आए? तो कहते हैं अम्मी
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मेरा भाई इस दुनिया से चला गया। वसूलखाने
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में छोड़ के आ गया। तो मेरी तो दुनिया ही
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लूट गई। मेरा बच्चा मेरे से जुदा हो गया।
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मुझे इस बात पे फक्र है कि मेरा बच्चा एक
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नेक बच्चा था। वो अपने मुल्क पे कुर्बान
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हो गया। मैं अपना दूसरा बेटा भी इंशाल्लाह
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पुलिस में भर्ती करूंगी।
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वो भी कह रहा है कि अम्मी मैं अपने भाई की
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जगह पे जाऊंगा। उसने एक शहादत की मौत भूल
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की। अपने मुल्क के लिए अपने आप को कुर्बान
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कर लिया। अपने आप को उसने अमर कर लिया।
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पूरे खानदान का मेरा सर बुलंद करके चला
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गया। जो उसके इरादे थे उसने अपने आप को
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अमर किया। वो यही चाहता था कि मैं दिल से
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अपनी इस जॉब को अपनाऊंगा। इसके लिए
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कुर्बान करके अपना वो पूरा कर दिया।
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मां शहीद चाचा जी वालदा