0:00
तो आज की बड़ी खबर भाई अब प्रोबेट
0:03
मैंडेटरी नहीं रहा इंडियन सक्सेशन एक्ट
0:06
में लेटेस्ट अमेंडमेंट आज आपको समझाएंगे
0:10
यह बहुत बड़ी खबर है और इससे क्या
0:13
बेनिफिट्स होंगे क्या इसमें अमेंडमेंट्स
0:15
आए हैं फटाक से समझते हैं बिना किसी वक्त
0:18
की बर्बादी के आज के इस वीडियो को शुरू
0:20
करते हैं मैं तो पर्सनली बहुत खुश हूं आगे
0:28
तो बंधुओं जैसा कि मैंने कहा प्रोबेट अब
0:30
मैंडेटरी नहीं होगा। इंडियन सक्सेशन एक्ट
0:32
में ये लेटेस्ट अमेंडमेंट्स की कुछ बातें
0:34
हैं। देखो इंडिया का सबसे जो इंडिया के
0:38
सबसे बड़े शहर हैं जैसे बॉम्बे, चेन्नई,
0:41
कोलकाता अ में एक 100 साल पुराना रूल अब
0:45
खत्म होने जा रहा है। पहले यहां अगर किसी
0:48
ने विल बनाई होती थी तो उस विल पर एक्ट
0:51
करने से पहले कोर्ट से प्रोबेट लेना
0:53
कंपलसरी होता था। मतलब बिना कोर्ट अप्रूवल
0:56
के विल एनफोर्स ही नहीं हो सकती थी। अब ये
0:58
लीगल कंपलशन हटा दिया गया है।
1:02
कुछ ही दिन पहले पार्लियामेंट ने रिपीलिंग
1:05
एंड अमेंडमेंट बिल 2025 पास कर दिया है।
1:08
जिसके थ्रू इंडियन सक्सेशन एक्ट 1925 का
1:12
डिलीट कर दिया गया है। इसका सीधा मतलब है
1:15
अब कुछ विल्स के लिए प्रोबेट लेना
1:18
मैंडेटरी नहीं होगा। तो आज जो हम बात कर
1:20
रहे हैं ये एक बहुत बड़े लीगल रिफॉर्म की
1:23
बात कर रहे हैं जो क्वाइटली पास हो गया है
1:25
और क्रोड़ ऑफ फैमिलीज़ पर इंपैक्ट डालेगा।
1:27
मुंबई, चेन्नई और कोलकाता जैसे मेट्रो
1:29
सिटीज में तो बिल्कुल।
1:32
सो बेसिकली ऐसे शहरों में यदि कोई विल
1:36
बनाई गई हो या इन शहरों की प्रॉपर्टी से
1:39
रिलेटेड हो तो उस विल पर एक्ट करने से
1:42
पहले प्रोबेट लेना कंपलसरी होता था। ठीक
1:44
है? चाहे विल कितनी भी क्लियर हो बिना
1:48
प्रोबेट के प्रॉपर्टी ट्रांसफर नहीं हो
1:50
सकती थी। बैंक अकाउंट एक्सेस नहीं मिलता
1:51
था। शेयर्स सिक्योरिटीज़ फ्रीज़ रहते थे। और
1:54
यह सिर्फ कुछ रिलीजंस पर अप्लाई होता था।
1:58
अब 2025 में पार्लियामेंट ने इस सिस्टम को
2:00
ऑफिशियली खत्म कर दिया है। ये चेंज कैसे
2:04
आया? पहले तो हम इसको समझते हैं। देखो हुआ
2:07
क्या कि पार्लियामेंट ने रिपीलिंग एंड
2:10
अमेंडिंग बिल 2025 पास किया। यह बिल
2:13
नॉर्मली पुराने और ऑब्सोल्यूट लॉस को
2:16
हटाने के लिए होता है। लेकिन इस बार इसने
2:19
इंडियन सक्सेशन एक्ट 1925 में एक मेजर
2:22
सब्सटेंटिव चेंज कर दिया। इस बिल में
2:25
क्लियरली लिखा है सेक्शन 23 शैल बी
2:28
ओमिटेड। यानी सेक्शन 23 को पूरी तरह डिलीट
2:33
कर दिया गया है। जैसे ही प्रेसिडेंट इस
2:36
बिल पर एसेंट देते हैं और गैजेट
2:38
नोटिफिकेशन आता है उसके बाद ये लॉ
2:41
ऑफिशियली एप्लीकेबल हो जाएगा। अब पहले
2:43
समझते हैं प्रोबेट क्या है? देखो आम भाषा
2:45
में सिंपल भाषा में ताकि आपके सर को तकलीफ
2:48
नहीं हो। प्रोबेट का मतलब होता है कोर्ट
2:50
का स्टैंप ऑफ अप्रूवल किसी भी विल पे।
2:53
प्रोबेट प्रोसीडिंग में कोर्ट यह चेक करती
2:56
है विल जेन्युइन है या फेक है। विल लीगली
2:59
एग्जीक्यूट हुई है या नहीं? टेस्टेडर
3:02
मेंटली साउंड था या नहीं? विल किसी प्रेशर
3:05
फ्रॉड या मैनपुलेशन में तो नहीं बनाई गई।
3:07
और कोर्ट के बाद एग्जीकटर को लीगल अथॉरिटी
3:10
मिलती है। स्टेट डिस्ट्रीब्यूट करने का
3:12
राइट मिलता है। यानी प्रोबेड एक तरह से
3:15
विल का लीगल वैलिडेशन प्रोसेस था। ठीक है?
3:19
तो सेक्शन 213 पहले क्या कहता था? वो यह
3:22
बोलता था कि कोई भी एग्जीकटर या लेगटी
3:25
अपना राइट कोर्ट में तब तक एस्टैब्लिश
3:28
नहीं कर सकता जब तक प्रोबेट ना मिल जाए।
3:31
लेकिन ये रूल सबके लिए नहीं था। रिलीजन
3:35
बेस्ड डिस्क्रिमिनेशन था। मतलब क्या?
3:36
मैंडेटरी प्रोबेट सिर्फ कम्युनिटीज के लिए
3:38
था। हिंदूस, बुद्धिस्ट, सिख, जैन, पारसीज,
3:41
मुस्लिम और क्रिश्चियंस को प्रोबेट की कोई
3:43
कंपलसरी रिक्वायरमेंट थी नहीं। ठीक है?
3:46
ज्योग्राफी बेस्ड डिस्क्रिमिनेशन थी। मतलब
3:49
यह रूल सिर्फ तब अप्लाई होता था जब विल
3:52
मुंबई, मद्रास याक हाई कोर्ट के ओरिजिनल
3:56
सिविल जुरिसडिक्शन में बनाई गई हो। या विल
3:58
का रिलेशन इन सिटीज की इमूवेबल प्रॉपर्टी
4:01
से हो। मतलब दिल्ली में विल उसकी नो
4:05
कंपलसरी प्रोबेट। बेंगलुरु में विल नो
4:08
कंपलसरी प्रोबेट। लेकिन मुंबई में विल
4:11
कंपलसरी प्रोबेट चाहिए। ठीक है? ये एक
4:15
वियर्ड लीगल एनोमली थी। ठीक है? तो
4:18
गवर्नमेंट ने सेक्शन 23 क्यों हटाया?
4:21
देखो, बिल के स्टेटमेंट ऑफ ऑब्जेक्ट्स एंड
4:24
रीज़ंस में गवर्नमेंट ने ओपनली एक्सेप्ट
4:26
किया है कि सेक्शन 23 डिस्क्रिमिनेटरी था।
4:30
ये रिलीजन और ज्योग्राफी के बेसिस पर
4:33
अनइक्वल ट्रीटमेंट कर रहा था। इसलिए
4:36
ऑब्जेक्टिव ये है कि यूनिफॉर्म सक्सेशन लॉ
4:39
हो। सब कम्युनिटीज़ के लिए सेम रूल, सब
4:42
सिटीज के लिए सेम प्रोसेस। हाय प्रोफाइल
4:44
प्रोबेट डिस्प्यूट्स की यदि बात करें तो
4:46
इंडिया के कुछ सबसे बड़े इनहेरिटेंस केसेस
4:50
प्रोबेट के अराउंड ही घूमते रहे हैं।
4:53
बिरला लोधा डिस्प्यूट 5000 करोड़ का बिजनेस
4:56
एंपायर एक डिस्प्यूटेड विल के बेस पर
4:59
इयर्स तक प्रोबेट और वैलिडिटी पर झगड़ा
5:02
चला। रजनीशो का केस पकड़ लीजिए। विल पर
5:06
फॉर् सिग्नेचर का एलगेशन था। प्रोबेट
5:08
प्रोसीडिंग के थ्रू ऑथेंटिसिटी चैलेंज हो
5:10
गई थी। यह केसेस दिखाते हैं कि प्रोबेड
5:14
कितना पावरफुल लीगल टूल था। अब ग्राउंड
5:17
रियलिटी क्या होगी? देखो 2003 ये जो
5:20
सेक्शन हटाने के बाद प्रोबेड मैंडेटरी
5:22
नहीं रहा। एग्जीकटर्स और बेनिफिशरीज लैंड
5:26
रजिस्ट्री म्युनिसिपल रिकॉर्ड बैंक्स
5:28
फाइनेंसियल इंस्टीटशंस के पास डायरेक्टली
5:31
विल के साथ जा सकते हैं। अब कोर्ट ऑर्डर
5:34
की जरूरत नहीं है। टाइम बचेगा। कॉस्ट कम
5:36
होगी। लिटिगेशन रिड्यूस होगी। स्पेशली
5:38
मुंबई, चेन्नई, कोलकाता में लोगों के लिए
5:44
सेक्शन 530 का जो चेंज है डे्स और
5:49
सिक्योरिटीज की यदि हम बात करें
5:52
सिर्फ प्रॉपर्टी ही नहीं। अब सेक्शन 370
5:56
में भी कॉन्सिक्वशियल अमेंडमेंट्स किए गए
5:59
हैं। इसका मतलब क्या? देखो भाई शेयर्स,
6:05
म्यूचल फंड्स, डिबेंचर्स और बाकी
6:07
सिक्योरिटीज अब प्रोबेट के बिना भी
6:10
ट्रांसफर हो सकती है। पहले यहां भी
6:12
प्रोबेट के वजह से अकाउंट फ्रीज हो जाते
6:15
थे। नॉमिनीज़ के बावजूद डिले होता था।
6:20
लेकिन मैं अभी एक बात आपको क्लियर कर दूं।
6:22
इसका डाउन साइड भी है। और डाउन साइड क्या
6:25
है? प्रोबेट का एक बड़ा एडवांटेज था
6:29
अर्ली जुडिशियल स्क्रूटनी।
6:32
अब क्योंकि प्रोबेड ऑप्शनल है। विल की
6:35
वैलिडिटी अप फ्रंट फ्रंट फाइनल नहीं होती।
6:39
एसेट डिस्ट्रीब्यूट होने के बाद भी विल
6:42
चैलेंज हो सकती है। फ्रॉड एलगेशन आ सकते
6:44
हैं। इसलिए लॉयर्स अभी भी कई केसेस में
6:48
प्रोबेड लेने की स्ट्रेटजी सजेस्ट करेंगे।
6:52
एस्पेशली जब प्रॉपर्टी हाई वैल्यू हो या
6:54
फैमिली डिस्प्यूट एक्सपेक्टेड हो
6:56
पोटेंशियल ऐसा कुछ लगता है तो।
6:59
यहां पर देखो एक मैं सेविंग्स क्लॉज़ का
7:01
रोल बताना चाहता हूं। बिल में एक सेविंग्स
7:04
क्लॉज़ भी है। इसका मतलब क्या है? ये लॉ
7:08
फ्यूचर के लिए अप्लाई होगा। जो चीजें पहले
7:11
हो चुकी है वो डिस्टर्ब नहीं होंगी। सो
7:14
एकिस्टिंग प्रोबेट्स फुल्ली वैलिड रहेंगे।
7:17
पेंडिंग प्रोबेट केसेस कंटिन्यू होंगे।
7:20
ओल्ड राइट्स और लायबिलिटीज़ अनटच रहे हैं।
7:23
तो इसका फाइनल कंक्लूजन क्या है? देखो
7:26
2013 का रिमूवल हुआ तो एक कॉलोनियल एरा
7:30
सिस्टम का एंड है। रिलीजन और ज्योग्राफी
7:32
के बेसिस पर डिस्क्रिमिनेशन ये खत्म करता
7:35
है और सक्सेशन लॉ को सिंपल फास्टर और
7:37
ज्यादा एक्सेसबल बनाता है। लेकिन साथ ही
7:40
विल ड्राफ्टिंग और डॉक्यूमेंटेशन अब और
7:43
ज्यादा इंपॉर्टेंट हो जाएगा क्योंकि कोर्ट
7:45
स्क्रूटनी ऑटोमेटिक नहीं रहेगी। यह कुछ
7:49
चीजें हैं जो बहुत ही इंपॉर्टेंट है और की
7:51
हाईलाइट्स हैं इस पर्टिकुलर रिपीलिंग एंड
7:55
अमेंडिंग बिल 2025 में। अब जैसे इसको
7:59
प्रेसिडेंट एक्सेंट मिलता है तो भाई
8:02
मौजामजा भी है लेकिन कुछ उसके डाउन हिल्स
8:04
भी है। अब आपका इसके बारे में क्या ख्याल
8:06
है? हमें कमेंट सेक्शन में बताइए और उन
8:09
लोगों के साथ शेयर करिए जिन्हें यह जानना
8:11
बहुत ज्यादा जरूरी है। इसी के साथ आज के
8:15
लिए हम आपसे विदा लेते हैं। बने रहिए जस्ट
8:17
बी लॉजिकल पर और अगर इन्हीं सारे मैटर्स
8:20
में आपको एकदम फाड़ू एक्सपर्टीज चाहिए तो
8:23
जाके कमर्शियन की वेबसाइट चेक करिए। भाई
8:25
साहब आपके लिए हमने बहुत सारे कोर्सर्सेस
8:27
बनाए हैं जो इंडिया में फर्स्ट एवर
8:28
कोर्सर्सेस हैं ऑफ देर ओन काइंड। ये
8:30
कोर्सर्सेस करिए। दूसरों से स्टैंड आउट
8:33
करिए और फ्लेक्स मारिए। और इसी के साथ में
8:37
अपनी एक्सीलेंस डेवलप करिए। क्योंकि आजकल
8:40
बिना एक्सीलेंस के कुछ नहीं होता। अ गन
8:43
विदाउट बुलेट्स इज जस्ट अ पीस ऑफ़ स्क्रैप।
8:46
सो डोंट बी अ पीस ऑफ़ स्क्रैप
8:50
बी द अल्टीमेट वेपनरी व्हेन इट कम्स टू
8:55
लॉ। और लेट मी पुट माय फेवरेट वर्ड बी द
9:00
कैवलरी फोर्स हियर। चेक चेक आउट करिए
9:03
कमर्स की वेबसाइट और ऐसी ही वीडियोस के
9:06
लिए बने रहिए जस्ट बी लॉजिकल के साथ चलते