#Dutch East India Company | Facts, #History, & Significance | डच ईस्ट इंडिया कंपनी (VOC)
Nov 12, 2024
The Dutch East India Company in 1612 (A)
Vereenigde Oostindische Compagnie
#Dutch East India Company, trading company founded in the Dutch Republic (present-day Netherlands) in 1602 to protect that state’s trade in the Indian Ocean and to assist in the Dutch war of independence from Spain. The company prospered through most of the 17th century as the instrument of the powerful Dutch commercial empire in the East Indies (present-day Indonesia). It was dissolved in 1799.
Jan Pieterszoon CoenJan Pieterszoon Coen, oil painting, 17th century.
What was the first publicly traded company?2 of 2
What was the first publicly traded company?Learn about how the Dutch East India Company secured a commercial empire for the Dutch Republic.
#eastindiacompany
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नमस्कार सभी को परीक्षा जंक्शन के प्लेटफार्म पर आप सभी का हार्दिक स्वागत है और जैसे कि हम बताने वाले थे आपको कि
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पॉलिटी में हमने और हिस्ट्री का हम दोनों को एक साथ लेकर चल रहे हैं और कल आप सभी
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के लिए हम 10 एमसीक्यू यानी 10 10 यानी टोटल मिला के 20 आएंगे और 20 एमसीक्यू का
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हम पॉलिटी और हिस्ट्री का एक साथ लेकर आने वाले हैं
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और कल मुझे रिस्पांस चाहिए ही चाहिए किसी भी कीमत पर मुझे रिस्पांस एक साथ चाहिए सभी का लाइव रिएक्शन चाहिए चलिए तो कल की
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बात कल होंगी कल जब लाइव आएंगे तो शेड्यूल आप सभी को मिल जाएगा इससे पहले हम हिस्ट्री के इतिहास के लेक्चर की तरफ चलते
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हैं और आधुनिक इतिहास की हम बात कर रहे थे सभी तो आधुनिक
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इतिहास आधुनिक इतिहास की हम बात करते हैं जैसा कि हम सभी जानते हैं कि इतिहास एक
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हमारे जीवन का एक वो महत्त्वपूर्ण हिस्सा है जिसको हम चाहते और ना चाहते हुए भी कभी
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इसको हम अपनी लाइफ से अलग नहीं कर सकते जैसे कि हमने आप सभी को बताते हैं कि हर
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स्थिति का हर वस्तु का हर दुनिया में किसी भी चीज का इवन इंसान का अपना एक अपना
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इतिहास होता है वो उस इतिहास को अपने से कैसे जोड़ता है डिपेंड उसकी सोच पर करता
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है तो हमें यही चीज देखना है कि इतिहास जो है वो हमसे कितना कनेक्ट हो पाता है कितना
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कनेक्ट नहीं हो पाता है लेकिन यह डिपेंड करता है हम पर हमारी सोच पर हमारी
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मेंटालिटी पर हमारी फिलॉसफी साइकोलॉजी जितना भी है वो हम पर डिपेंड करता है कि
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हम अपने इतिहास को कितना अटैच कर रहे हैं कितना नहीं कर पा रहे हैं तो आज हम इतिहास
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में यूरोपीय कंपनियों की तरफ चल रहे थे आप सभी को पता है और यूरोपीय कंपनियों में
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हमने पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी को करा दिया था जिसमें एस्तादो द इंडिया कंपनी के नाम से जानी जाती है वेरी गुड अपने को भी
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कहना पड़ता है वेरी गुड कभी और आप तो खैर ही सुभानल्ला है और आगे की यात्रा साथ में
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ही करने वाले हैं तो अब हम चलते हैं डच ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ लेकिन आपको भी
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पता है कि जब दूसरी ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में हम पढ़ने जा रहे हैं तो पहली
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ईस्ट इंडिया कंपनी का पतन वह कैसे गई दूसरे ने पहले को रिप्लेस कैसे किया सारी
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चीजें हम आज यहां पर जानने वाले हैं और यह सारे गवर्नमेंट एग्जाम के पर्पस से पढ़ाया
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जा रहा है आप सभी को पता है क्योंकि डेट सन जब भी कोई भी चीज हम यहां पर कराते हैं
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तो बाकायदा उसको डिनोट करते हैं अलग कलर से मेंशन करते हैं ताकि आपको ये सारी
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चीजें याद भी रहे चलिए तो हम यात्रा स्टार्ट करते हैं अपनी जनवरी डच ईस्ट
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इंडिया कंपनी आज हमारा यह रहेगा डच ईस्ट इंडिया कंपनी आप सभी को पता है कि
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हमारे भारत में गुलामी के उस दौर में 1498 से जो शुरुआत हुई थी ना हमारे गुलामी के
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दौर की तो 1498 से लेकर और 1947 तक करीबन 450 साल 450 इयर्स प्लस हमारे देश
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किसी ना किसी कंपनी का उपनिवेश रहा अब गुलाम रहा हम औपन विश्क शासन के अधीन थे
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किसी ना किसी सरकार के अत्याचार को जेल रहे थे क्या यह अत्याचार हम लंबे समय तक जेल पाते क्या हम अत्याचारों से उ नहीं गए
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थे क्या हमने अपने संविधान की मांग नहीं की थी क्या हम क्या हमारे महापुरुषों ने
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क्या हमारे पूर्वजों ने इस इतिहास से जुड़ी हर घटनाओं के लिए अपने जिम्मेदार रहे हो या नहीं रहे हो लेकिन अपनी जान तो
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गवाई है तो वही इतिहास हमें आज फिर दोहरा रहा है लेकिन किताबों में दोहराया जा रहा
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है ना कि हकीकत में दोहराया जा रहा है तो डच ईस्ट इंडिया कंपनी की मैं बात
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करने वाला हूं और डच ईस्ट इंडिया कंपनी सबसे पहले देखो
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एक कंपनी जब आती है बेटा जब एक कंपनी आती है तो वह दूसरी कंपनी को रिप्लेस करती
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है दूसरी कंपनी का आना तो पहली कंपनी का रिप्लेसमेंट हो गया अब रिप्लेसमेंट हमको
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यही बताता है कि पहली कंपनी में क्या ऐसी कमी थी मैं आपको बताना चाहूंगा कुछ कमी थी
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पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी की कमी लिख लेते हैं पहले कि वो गई क्यों और डच उसकी जगह आई क्यों चलिए तो पहले सबसे पहले हम य
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पर लिखेंगे
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पुर्तगाली देखो यह लेक्चर हम आईस के हिसाब से भी लेते हैं आप सभी को पता
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है पुर्तगाली
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ईस्ट इंडिया पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी
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देखिए तो पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में देख लेते हैं देखो पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी का सबसे बड़ा फंडा यह
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था कि यह जो लोग थे ना यह अपनी तकनीकी
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नौसैनिक शक्ति में अस्त्र शस्त्रों में बड़े ही निपुण थे इनकी सबसे खास बात पहली
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यह थी तो इसको एक बार लिख लेते हैं य पर
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हम लिखेंगे पुर्तगाली कंपनी
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पुर्तगाली कंपनी अपने अपनी नौ सैनिक
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शक्ति अपनी नौ सैनिक
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शक्ति अच्छी
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तकनीक अच्छी तकनीक
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एवं अस्त्रों में एवं अस्त्र शस्त्र
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में बेहतर थी बेहतर थी इसलिए इन्होंने समुद्र शक्ति
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के अच्छे होने के नाते या नेवल शक्ति अच्छी होने के लिए इन्होंने सभी हिंद
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महासागर जैसे बड़े महासागर में बंगाल की खाड़ी में दक्षिणी पूर्वी एशिया में
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पूर्वी व्यापार पर एक अधिकार सा कर लिया था और ईरान का और अरबों का सारा व्यापर तोड़ दिया था इन्होंने तो वही चीज मैं
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समझाने की कोशिश कर रहा हूं कि पुर्तगाली में यह खास बातें थी कि उनकी नेवल शक्ति
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बहुत अच्छी थी उनकी तकनीक बहुत अच्छी थी और उनके अस्त्र शस्त्र बहुत बेहतर थे बेटर
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टेक्नोलॉजी से बनाए गए थे बहुत बेहतर थे सुपर अब आते हैं पुर्तगाली ईस्ट इंडिया कंपनी की सबसे पहले हम कमियों की बात कर
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लेते कि कमियां क्या थी आप सभी को पता है कि इन्होंने अंतरजातीय विवाह यानी
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इंटरकास्ट मैरिज इन्होंने सबसे पहले प्रारंभ की थी लेकिन इंटरकास्ट मैरिज
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प्रारंभ करने का इनका एक ही था कि ईसाइयत का प्रचार करना लेकिन ईसाइयत का प्रचार
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करने के के आड़ में यह पोर्तुगीज वाले लोग इतने गिर गए थे कि यह ब्रेन वाश करने लग
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गए अरे आप अपने धर्म का प्रचार कर रहे हो तो आप किसी हिंदू महिला से शादी कर
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लोगे केवल इसलिए कि आप उस महिला का और उस
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महिला से पैदा होने वाले बच्चों का धर्म परिवर्तन करा रहे हो ये ऐसा कौन सा प्रचार हुआ भाई तो ईसाइयत का इन्होंने क्या किया
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ईसाइयत का प्रचार तो किया लेकिन गलत तरीके से किया तो पहली कमी लिख दीजिए की कमिया
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पहली कमी मैं लिखने जा रहा हूं कि इन्होंने
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इन्होंने ईसाइयत का प्रचार करने के लिए ईसाइयत
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का ईसाइयत का प्रचार करने के लिए
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ईसाइयत का प्रचार करने के
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लिए अंतरजातीय विवाह का अंतरजातीय विवाह का विवाह की प्रथा
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अंतरजातीय विवाग की
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प्रथा प्रारंभ की पहला पॉइंट जिसमें जवन धर्मांतरण होता था सीधा
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पहली कमी आपके सामने आ गई है दूसरी कमी की मैं आपसे बात करने वाला हूं दूसरी कमी इनकी यह हो सकती है कि यह
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हिंद महासागर में गैर पुर्तगाली जहाजों के आने से यह वहां पर उनसे जबरन कॉटेज पद्धति
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के अनुसार शुल्क वसूला करते थे तो लिखिए इसमें और उसमें अकबर भी एक बार अकबर हुआ
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या फिर एक बार ये सहजा जहांगीर ये एक बार इनके झांसे में भी आ गए थे आप सभी को पता
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है इन सभी का चैलेंज तो इन्होने सात का प्रचार करने अंतरजातीय विग की प्रथा प्रारंभ की थी दूसरी बात
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इन्होंने इन्होंने
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हिंद महासागर के सभी बसों पर हिंद महासागर
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के सभी बेस कैंपों
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पर सभी बेस कैंपों पर
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कोर्टेज पद्धति से कॉटेज पद्धति से जवन शुल्क
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वसूला जवन शुल्क वसूला
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अन्यथा लूटपाट की
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अन्यथा लूटपाट की बताओ मतलब यहां भी ब्रेन वॉश करने में लगे हुए हैं यहां भी अब आपको
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बता दूं इवन तक इन्होंने किसको नहीं छोड़ा इन्होंने हिंदू और मुस्लिम सम्राटों को नहीं छोड़ा
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उनके भी जहाजों जब उनके माल आते थे जहाज प उतरते थे बंदरगाहों पे तो उनसे भी ये
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कॉटेज पद्धति से प्रोसेस से शुल्क वसूला करते थे और कॉटेज पद्धति क्या थी कॉटेज
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पद्धति का मतलब था कि पुर्तगाली कैप्टन से जब तक कोई गैर पुर्तगाली जहाज लाइसेंस
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नहीं ले लेता तब तक उसको हिंद महासागर में एंट्री नहीं थी अदि गलती से एंट्री कर ली
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किसी भी नॉन पुर्तगीज शिप ने तो उसको लूट लिया जाता था उस पर आक्रमण करके उसके
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नाविक और जहाज दोनों को खत्म कर दिया जाता था चलिए तो यहां तक अब तीसरी कमी की हम
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बात कर लेते हैं एक बात और तीसरी कमी की बात पुर्तगालियों
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ने पुर्तगालियों ने महिला
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एवं बच्चों को महिला एवं बच्चों को बेचकर
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महिला एवं बच्चों को बेचकर मुनाफा
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कमाया मुनाफा कमाया और यहीं
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से और यहीं से दास प्रथा प्रारंभ हुई और यहीं से दास प्रथा
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प्रारंभ हो गई लो भाई अब इसका मतलब यह है कि जब
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पुर्तगाली महिला और बच्चों को बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं तो इनको लगा यह तो बहुत अच्छी बात है इंसानों को बेचो पैसा
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कमाओ इससे अच्छी क्या बात है उनको बेहोस बेहोस कर दो और बेहोस करने से क्या होगा उनको बेच देंगे अफ्रीका जाकर बेच देंगे
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बताओ बस यही तो चीज है ना कि आप तरीके से काम नहीं कर रहे हैं आप व्यापार करने आए
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थे या दास प्रथा को प्रारंभ करने आए थे आप क्या करने आए थे हमें यह बताइए आप जबरन
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महिलाओं से शादी करने आए थे क्या हिंदू महिलाओं से कि जबरदस्ती हम शादी कर लेंगे
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उनको ईसाई बना देंगे फिर जो बच्चे होंगे वो ईसाई बन जाएंगे तो ऐसे करके पूरी दुनिया ईसाइयत में कन्वर्ट हो जाएगी धर्म
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की बुराई नहीं है यहां पर लोगों की सोच की बुराई है कि लोग किस तरीके से अपने धर्म
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का प्रचार कर रहे हैं समझे ना चलिए उसके बाद देखें तो जब
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शुल्क वसूल रहे अरे यह पुर्तगाली अपने आप को ऐसे समझ बैठे जैसे कि भारत तो हमारा ही
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है भारत भारत तो मतलब हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है य तो रहना बस यह लोग ऐसे इस
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प्रकार से समझ गए थे अपने आप को और यही थे लास्ट में जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने
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विजय ऑपरेशन के माध्यम से इनसे बोला था कि गोवा खाली करो भाई साहब यह लोग क्या क्या
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बोले कि गोवा तो हमारा है यह गवा को अपना समझ बैठे भाई उनका क्या करें ये कुछ अपने
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आप को यह समझ रथ कि भारत तो हमारे लिए है भारत के लोगों को तो छोड़ो भारत में रहना
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हमारा तो जन्म सिद्ध अधिकार है और वहां पर इस तरीके की हरकत करना जन्म सिद्ध अधिकार
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तो नहीं हो सकता चलिए अब इनकी देखते हैं लास्ट जो इनके कुकर्म थे मैं कुकर्म ही
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कहूंगा देखिए और भी की कई बात थी एक बार की कहानी है कि 1579 के आसपास
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मतलब लगभग ल 159 छोड़ते छोड़ते हैं एक बार पुर्तगाली क्या था अकबर जहांगीर शाहजा ये
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अकबर अब देखो अकबर तो अकबर था अकबर एक बरे मुगल सम्राटों में मैं अकबर का कभी बुरा
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नहीं कहता हां उनके उसकी नीतियां मैं अकबर का बहुत बड़ा फैन हूं सच में
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अकबर आज भी हम बात करें आज हमारे इंडियन इकॉनमी की बात करते हैं तो आज भी अकबर की
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सारी पद्धति काम करती है हमारे भारतीय अर्थव्यवस्था में चा उठा तो मिक्ड इकॉनमी उठा लो मिक्स्ड इकॉनमी में भी अपने इंडिया
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का अकबर का बहुत बड़ा सिस्टम काम करता है ठीक है मैं अकबर को एक योग्य और एक
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सुसज्जित शासक मानता हूं उसकी नीतियां और उसके पॉलिसीज उसके स्ट्रेटेजी क्या थी यार
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वास्तव में उसको अकबर ऐसे नहीं कहा गया उसका वैसे पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद था
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जलालुद्दीन मोहम्मद लेकिन अकबर जब किसी प्रजा ने उसको नाम दिया ही होगा तो प्रजा इतनी बेवकूफ तो नहीं होगी ना और कोई अपनी
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जबरदस्ती उपाधि ले सकता है लेकिन सम्मान तो नहीं पा सकता ना सम्मान पाने के लिए
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लोगों के दिलों पर राज करना पड़ता है और लोगों के दिलों पर राज करने के लिए लोगों
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से सहानुभूति कमानी पड़ती है लोगों से इज्जत कमानी पड़ती है तब जाकर वह सम्मान
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मिल पाता है तब जाकर वह अकबर कहा जाता है उसे तो पुर्तगालियों ने अब अकबर क्या था
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कि मतलब बहुत सारे डिफरेंट डिफरेंट रिलीजन कल्चर ट्रेडिशनल इनमें काफी इंटरेस्ट लेता
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था तो अब पुर्तगालियों को लगने लगा यार अकबर तो सही है यार अकबर तो ईसाई धर्म में
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अब अकबर उस समय ईसाई धर्म में बहुत ज्यादा इवॉल्व होने लग गया था मतलब अकबर को बहुत
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ज्यादा पसंद था कि हिंदू देवी देवताओं की पूजा कैसे होती है ईसाई लोग कैसे होते हैं
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उनका बड़ा मन था वो जानना चाहता था इस चीज को वो कई बार राजपूतों के में भी देखता
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रहता था कि यहां पे ऐसे रीति रिवाज होते हैं यहां पर ऐसे अब सोचो ना कि उनकी धर्म पत्नी हरका बाई जिसे जोधाबाई के नाम से
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जाना जाता है हरका बाई जो थी वो खुद एक हिंदू महिला थी उनका कभी भी विवाह के बाद
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धर्म परिवर्तन नहीं किया गया आप सोच रहे हो ना कितनी बड़ी बात है यह बहुत बड़ी बात
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है अकबर का एक मैचर लेवल है अब अकबर क्या था कि उस समय सभी धर्मों में इंटरेस्ट
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रखता था रखता था हिंदू में हिंदू के रिचुअल्स ट्रेडीशन जानना ईसाई में
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इंटरेस्ट जानना अब पुर्तगालियों को लगने लगा कि अकब जो है व ईसाइयत में इंटरेस्ट
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दिखा रहा है अरे इंटरेस्ट केवल जानने का था वरना अकबर सच्चा मुसलमान था अकबर अकबर
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को कोई भी व्यक्ति उसके धर्म से अड़क धर्म से छिन्न भिन्न नहीं कर सकता था वह एक
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सच्चा मुसलमान व्यक्ति था वह अपने धर्म से बहुत प्यार करता था लेकिन वह किसी अन्य
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धर्म को हानि नहीं पहुंचा सकता था तो पुर्तगालियों को लग लगा अकबर जो है व
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ईसाइयत की तरफ आ रहा है अकबरी छोड़ो साजा सॉरी जहांगीर सहजा इन तीनों का दरबार में
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जाकर धर्मांतरण करना चाहा लेकिन यह ठहरे सच्चे मुसलमान तो लिख देंगे कि पुर्तगालियों
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ने पुर्तगालियों ने
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अकबर अकबर एवं सहजा
17:01
का सहजा का धर्मांतरण करने में असफल
17:08
रहे
17:18
धर्मांतरण असफल रहे ठीक है तो यह कमियां थी अब इन कमियों के चलते उस समय मुगलों का
17:28
शासन पूरे उसमें तो मुगलों के शासन में भैया यह तो भैया नहीं हो पाएगा सहजा आया और सहजा
17:35
ने सीधा पत्ता साफ कर दिया इनका देखते हैं कैसे अब देखते हैं अब वह समय आ गया जब
17:40
पुर्तगाली जाने वाले हैं तो क्या किया अब जब इन सारी कमियों को देखा तो 1579 तक आते
17:47
आते 1579 तक आते
17:54
आते आते आते सहजा के शाही फरमान
17:59
से बहुत हो गया शाजा ने बोला बहुत हो गया चलो अब यहां से निकलो टाइम से उ 79 1579
18:09
तक आते-आते शाहजा ने शाही फरमान के माध्यम
18:14
से शाही फरमान के माध्यम
18:21
से शाही फरमान के माध्यम से इनके सभी
18:26
व्यापारिक अधिकार छीन लिए गए
18:32
इनके सभी इनके सभी व्यापारिक
18:41
अधिकार छीन लिए गए इनके सभी व्यापारिक अधिकार
18:48
छीन लिए इनके सभी व्यापारिक अधिकार छीन लिए गए
18:54
और क्या कर लिया गया और इनको 159 तक आते
18:59
आते साजा ने बंगाल के करीब सतगांव के बसी नदी के किनारे बसा दिया कि तुम यहीं रहो
19:06
तुम इसी लायक हो तो लिखेंगे कि 1579
19:11
तक 1579 तक
19:22
यह और 1579 तक इन्हें इन्हें
19:30
बंगाल के सतगांव बंगाल के सतगांव
19:37
के किनारे बसे नदी सतगांव के समीप नदी के
19:44
किनारे बसा दिया के समीप नदी के किनारे बसा
19:57
दिया बसा और 1579
20:04
तक और 1579 तक पुर्तगालियों की
20:11
शक्ति पुर्तगालियों की शक्ति
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शक्तियां सीमित एवं समात स हो गई
20:24
शक्तियां लगभग सीमित हो
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गई लगभग सीमित हो गई या समाप्त सी हो गई अब आप सोच रहे हो ना क्या आप राजा का
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धर्मांतरण करा रहे हो जबरन किसी भी राजा का जबरन धर्मांतरण कराने का मतलब क्या
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होता है भाई राजा है वह उस समय और उस समय राजा राजा होता था राजा को ईश्वर और राजा
20:53
को भगवान का रूप मानती थी जनता उस समय यदि राजा अच्छा है तो यदि राजा अच्छा है तो उस
20:59
समय भगवान का रूप मानते थे और आप उसी के साथ जर्मन धर्मांतरण करा रहे हो यार इतने बेवकूफ तो नहीं होते राजा जितना ये
21:06
पुर्तगाली समझ रहे थे लेकिन पुर्तगाली यह समझ बैठे ना वही वाली बात थी ये खुद को ये
21:12
दूसरों की जमीन को अपना कैसे समझ सकते हो आप आप कहीं मेहमान बन के जाते हो यदि कल
21:18
को मैं मेहमान बन के जाता हूं तो मैं उसके घर को अपना घर नहीं समझते समझ लेता यदि
21:23
मुझ में थोड़ी बहुत इज्जत होगी यदि मुझ में थोड़ी बहुत शर्म है तो मैं क्या सोचूंगा कि मैं एक मेहमान की तर ही रहूंगा
21:29
यहां पर लेकिन यह लोग मेहमान की तरह नहीं रह रहे थे यहां पर दिक्कत यह थी और जब आप
21:35
किसी की सर जमीन के उसी के राजा को परेशान करोगे ना तो राजा आपका यह हल करेगा और
21:41
राजा ने यह हल कर दिया लेकिन अब यहां से डचों की एंट्री होती है
21:47
डचों ने जैसे ही 16वीं शताब्दी के प्रारंभ में डचों ने अपना कदम भारत की जमीन पर रखा
21:55
था और उन्होंने पुर्तगालियों को स्थापित कर दिया 16वीं शताब्दी के चलते 17वी
22:01
शताब्दी के आसपास 17वी शताब्दी में डचों ने पुर्तगालियों को पूरी तरह विस्थापित कर
22:07
दिया तो लिखेंगे इसमें 17वी शताब्दी आने वाली
22:13
है 17वी शताब्दी में 17वी शताब्दी
22:20
में डचों ने डचों ने पुर्तगालियों
22:27
को ड ने पुर्तगालियों को पुर्तगालियों
22:34
को पूरी तरह पूरी तरह प्रतिस्थापित यानी रिप्लेस
22:41
कर दिया पूरी तरह प्रतिस्थापित
22:49
किया प्र प्रतिस्थापित किया और आप सभी को पता है कि डच भी जो थे ना वो अस्त्र
22:56
शस्त्रों में जहाज के निर्माणों में प्रिंटिंग प्रेस में और नौसैनिक शक्ति में
23:02
बहुत अच्छे थे यह लगभग पुर्तगालियों से भी ज्यादा निकले थोड़े से क्योंकि आप सभी को
23:07
पता है कि 16वीं शताब्दी से यह तैयारी थी इनकी 16वीं शताब्दी से
23:13
डच 16वीं शताब्दी से डच
23:18
अपनी नौ सैनिक शक्ति अपनी नौ सैनिक
23:25
शक्ति एवं तकनीक को मजबूत कर रहे थे एवं
23:31
तकनीकी शस्त्रों को तकनीकी शस्त्रों
23:44
को मजबूत कर रहे थे यह बात हकीकत है क्या कर रहे थे मजबूत कर रहे थे एक शताब्दी
23:51
पहले सोच रहे हो जैसे आप 25 में आईस का एग्जाम दोगे आप एक साल से तैयारी कर रहे
23:57
हो यह काम साल पहले से कर रहे थे डच और इन्होंने अंत में जाकर क्या कर दिया पूरी
24:02
तरह प्रतिस्थापित कर दिया और मैं आपको बताऊं जो डच ईस्ट इंडिया कंपनी थी यह
24:07
पूर्ण रूप से एक वाणिज्यिक और व्यापारिक कंपनी थी लिख दे कि डच ईस्ट इंडिया
24:16
कंपनी डच ईस्ट इंडिया कंपनी डच ईस्ट इंडिया
24:23
कंपनी पूरी तरह पूरी तरह
24:30
एक एक वाणिज्यिक
24:37
एवं व्यापारिक व्यापारिक कंपनी थी यह पूरी तरह
24:45
व्यापारिक और वाणिज्यिक कंपनी थी और डच ईस्ट इंडिया कंपनी का एक मुख्य लक्ष्य यह था कि उसे पूर्व और दक्षिणी पूर्व एशिया
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की तरफ व्यापार करना है तो लिख दें आप तो और डच ईस्ट इंडिया कंपनी का
25:00
डच ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य
25:08
उद्देश्य डच ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य उद्देश्य क्या था कि पूरब और दक्षिणी
25:13
पूर्वी एशिया की तरफ व्यापार करना है पूर्व एवं दक्षिणी पूर्व
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एशिया पूर्व एवं दक्षिणी पूर्व एशिया
25:29
एशिया की
25:36
ओर व्यापार करना है चलिए और यह क्यों करना
25:42
है इसके पीछे भी एक छोटी सी कहानी है चलिए तो यहां तक आप समझ गए पूरे कंटेंट आपके
25:47
पास मिल जाएगा डोंट वरी अब आगे चलते हैं यहां डालते हैं सभी
25:52
डच ईस्ट इंडिया कंपनी का एक छोटा सा परफॉर्मा डच ईस्ट इंडिया या कंपनी इस
25:59
तरीके से सभी नोट डाउन करेंगे पहले क्योंकि यहां पर हम फ्लो चार्ट बनाने वाले हैं जो आपको शायद अच्छा भी लगेगा
26:09
ओके अब डच ईस्ट इंडिया कंपनी के बारे में थोड़ा सा देख लेते हैं तो यहां भी लिख दे
26:16
चलो डच ईस्ट इंडिया
26:23
कंपनी देखिए डच ईस्ट इंडिया कंपनी की मैं बात करता हूं तो सबसे पहले यहीं से
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स्टार्ट करते
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हैं देखें डच ईस्ट इंडिया कंपनी की शुरुआत सबसे पहले मैं आपको बता दूं ऐसे यह भारत
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में कदम नहीं रखी थी 1579 तक तो इन्होंने इन्होंने पुर्तगालियों को प्रतिस्थापित कर
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ही दिया था 1579 तक और 1579 में साजा को डच पसंद आ गए थे या अंग्रेज पसंद आ गए थे
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अब शाजा का जो लगाव था वो अधिकतर अंग्रेजों से ज्यादा था मैं आपको बताना चाहूंगा तो डच ईस्ट इंडिया कंपनी की
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स्थापना से पहले एक व्यक्ति था कार नॉलेस क्या था यानी 1596 में एक व्यक्ति हुआ
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जिसका नाम था कार नॉलेस डी हाउट मैन यह एक क्या था य व्यापारी था तो कार नॉलेस 1596
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में 1596 में कार नॉलेस डी हाउट मैन
27:31
डी डी हाउट मैन
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ने ने एशिया के यह मार् कोपलो की तरह था एशिया के पूर्व में एशिया के पूर्व
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में सुमात्रा एवं वृतांत की यात्रा
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की वृतांत की
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यात्रा की अब सोच रहे हो तो पूर्व में सुमात्रा सुमात्रा इंडोनेशिया का सबसे
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बड़ा द्वीप है इंडोनेशिया आज जावा और सुमात्रा से मिलकर बना है समझे ना तो जावा
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सुमात्रा और सुमात्रा सबसे बड़ा द्वीप है जावा छोटा है तो इंडोनेशिया में है सुमात्रा जो दक्षिणी पूर्वी एशिया की बात
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करते हैं तो इसीलिए इनका पर्पस क्या हो गया इसलिए आप लिख सकते
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हैं इसलिए डच पूर्व की ओर डच जो थे य पूर्व की ओर
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व्यापार करने के लिए परिवर्तित थे व्यापार करने के
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लिए अग्रसर थे ओके तो यहां तक आप इसे लिख सकते हैं
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यानी इसलिए डच पूर्व की ओर व्यापार करने के लिए क्या थे अग्रेसर थे तो यहां तक आप
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समझ 156 में जब यह आगे चलते हैं 1602 में तो आगे हम
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चले चलो आगे चलते हैं अब आगे जाकर क्या होता है लगभग लगभग
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1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना भारत में की जाती है 1602
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में डच
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ईस्ट इंडिया क कनी की
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स्थापना की स्थापना कहां होती है 1602 में डच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना भारत में
29:40
होती है और सैसी 1602 में क्या हुई य कंपनी स्थापित हुई 1596 में यह हुआ ठीक है
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और 1602 में जब कंपनी की स्थापना होती है तो इनकी पहली फैक्ट्री की मैं बात करता हूं आपसे अभी इनकी पहली फैक्ट्री कहां
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बनती है देखते हैं 16005 में 1605 में इनकी पहली फैक्ट्री का
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नाम है मसूली पटनम आज ये आंध्र प्रदेश में आता है मसूली
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पटनम ये इनकी पहली फैक्ट्री है याद रखना तो लिख दें पहली
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फैक्ट्री फर्स्ट कारखाना ये इनका पहला कारखाना है सभी ओके
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डन उसके बाद बात करते हैं नेक्स्ट दूसरी फैक्ट्री बनी थी इनकी 1610 में
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सूरत 1610 में इनकी दूसरी फैक्ट्री है कहां पर सॉरी पुलीकट में बनी थी कहां बनी
30:41
थी पुलीकट में
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उड़ीसा य उस समय की बात कर रहा हूं मैं यह दूसरी फैक्ट्री थी ठीक
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है सेकंड कारखाना है आपका ठीक है तीसरी बात करते हैं हम इनकी 1600
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करीबन 16 में 6 साल बाद 1616 में इनकी फैक्ट्री बनती है सूरत
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में ठीक है यह इनकी तीसरी फैक्ट्री थी थर्ड और इनकी चौथी फैक्ट्री बनती है
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1600 63 में ठीक है हा 1663 में इनकी
31:30
फैक्ट्री बनती है एक मिनट रुकिए मसूली पटनम था एक तो पुलीकट था एक सूरत था और
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सूरत के अलावा एक था इनका हुगली शायद हुगली नहीं था हुगली है
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नाग पटनम में इनकी फैक्ट्री थी श्रीलंका में इनकी फैक्ट्री थी श्रीलंका में थी
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नागपट्टनम में थी एक और फैक्ट्री थी इनकी 1663 में एक्चुअली में थोड़ा मिस कर रहे
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हैं लेकिन चलो कोई इसको हम बता देंगे अभी नाम मिस कर रहे अब आते हैं नेक्स्ट इनकी
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और भी फैक्ट्री थी देखो 1632 में इनकी फैक्ट्री थी कहां पर श्रीलंका सीधा
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श्रीलंका लैंड किया इन्होने श्रीलंका उसके अलावा इनकी और भी फैक्ट्री थी
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1600 1658 कर लेते हैं चलो ठीक है 1659 के करीब इनकी और भी फैक्ट्री थी
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जैसे कि हुगली और नाग
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पटनम हुगली
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एवं नाग पटनम इनकी कुछ ऐसी फैक्ट्री भी थी ठीक है ओके यह भी था तो देखो भैया डच के
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बारे में कौन पहले आया था कहां से स्थापना हुई कितनी कितनी फैक्ट्रियां थी यह सभी को
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पता चल गया है ओके यहां से ऐसे ग्राफ बना लीजिए आगे चलते हैं यहां पर
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ओके देखो फ्लो चार्ट से ही आप समझ सकते
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हो ओके एक यहां कर लेते हैं और एक यहां हो जाए ठीक है
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ठीक तो अब बात करते हैं नेक्स्ट अच्छा आपको पता है डच ईस्ट इंडिया कंपनी की हम बात करते हैं तो यह फ्लूट शिप जहाज का
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निर्माण किया उन्होने किसका किया फ्लूट शिप जहाज का फ्लूट शिप जहाज का निर्माण करना फ्लूट
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शिप जहाज का निर्माण किया
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ओके इनसे पूछा जा सकता है एक क्वेश्चन आपका बहुत इंपोर्टेंट हो सकता है कि फ्लूट शिप जहाज का निर्माण करने वाली कौन सी
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यूरोपी कंपनी थी आपका आंसर होना चाहिए डच थी कौन सी डच ईस्ट इंडिया कंपनी थी उसके
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अलावा हम बात करते हैं नेक्स्ट तो डच आपके बारे में पता चल गया पूरा ओके अब आते हैं नेक्स्ट बात करते हैं
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डचों के बारे में अच्छा डचों की सबसे बड़ी जो खेती की बात करते हैं तो डच जो थे सबसे
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पहले इन्होने पूर्व की तरफ से व्यापर करना स्टार्ट किया था डचों ने और यह पूर्व की तरफ तक ही रहे यह मसालों का सबसे बड़ा
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मुख्य केंद्र इंडोनेशिया को मानते थे तो लिख देंगे मसाले मसाले एवं
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मिर्ची मसाले एवं मिर्ची के लिए मिर्ची के लिए इन्होंने
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इंडोनेशिया को इन्होंने इंडोनेशिया
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इंडोनेशिया को इंडोनेशिया को व्यापार का मुख्य केंद्र
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बनाया व्यापार का
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मुख्य केंद्र बनाया समझ गए ना इन्होंने व्यापार का मुख्य केंद्र बनाया था चलिए अब
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हां तक आप समझ चुके हैं बली वादी थोड़ा बहुत आपको पता ही है और यह पूर्णत व्यापारिक और वाणिज्य कंपनी थी आप लिख
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सकते हैं
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पूर्णत व्यापारिक
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एवं वाणिज्य कंपनी अब देखें इतना सब कुछ हो गया के
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बारे में डच कब से आए कब स्थापना हुई कितनी फैक्ट्री थी कौन सा व्यापार करते थे
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फ्लूट शिप के बारे में बता दिया और लगभग लगभग इनकी एंट्री हो चुकी थी भारत में
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1579 के आसपास 1579 के
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आसपास लगभग एंट्री लिख दो ऑलमोस्ट एंट्री हो चुकी थी
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इनकी लगभग ऑलमोस्ट एंट्री इनकी 1579 के आसपास हो चुकी थी क्योंकि 16 शताब्दी से
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तैयारी कर रहे थे और 1596 में कार नॉलेज डी हाउट मैन ये आ चुके थे इनका नाम भी याद
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रखना एक मिनट जल्द सॉरी यहां से और कार नॉलेज डी हाउट मैन ये
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आ गए थे यक ठीक है तो इनका नाम भी याद रखना क्योंकि ये बहुत इंपॉर्टेंट हो सकता
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है चलिए यहां तक मैंने पूरा लगा दिया ओके तो आप समझ गए पूरा यह आपके पास रहेगा नहीं
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रहेगा चलिए अब बात करते हैं जैसे कि आप सभी को पता है कि अंग्रेज अंग्रेजों ने
37:03
डचों को मैंने एक चीज आपको बताई थी कि एक कंपनी दूसरी कंपनी को प्रतिस्थापित करती
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है रिप्लेस करती है इसका एक रीजन होता है या तो पहले वाले की कोई कमी रही है या
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दूसरा वाला शक्तिशाली ज्यादा है भाई आज मैं किसी को रिप्लेस करता हूं या तो उसकी
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कोई कमी है जिसको मैं रिप्लेस कर रहा हूं उसमें कोई ना कोई कमी तो होगी ना तभी तो
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मैं बेटर हुआ या फिर मुझ में इतनी ताकत है कि मैं उसको रिप्लेस कर सकता हूं दोनों
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में से कोई एक चीज तो है और दोनों एक साथ कभी नहीं हो सकती तो ऐसा ही आते हैं
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अंग्रेजों के बारे में अब अंग्रेजों ने डचों को ऐसे प्रतिस्थापित कर दिया जैसे कि
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कहते हैं ना कि जैसे कि आधी में एक पत्ता है हरा भरा पेड़ है और आधी के आते ही उस
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हरे भरे पेड़ से सारे पत्ते झड़ जाते हैं अचानक से लोगों ने कहा यह तो हरा भरा पेड़
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था अभी क्या हुआ इसका और तुरंत पता चला कि उससे सारे पत्ते धीरे धीरे करके पत जड़ के
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मौसम जैसे हट गए ऐसे ही तो इस तरीके से ऐसा मैनिपुलेट किया गया इन सभी को डचों को
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पुर्तगाली तो लगभग समाप्त हो ही चुके थे उनसे इतना र नहीं था लेकिन अब सबसे बड़ा र
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था डचों से य डचों के बारे में कुछ ना कुछ तो इनको करना ही था समझे
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ना दच के बारे में कुछ ना कुछ तो करना ही था अब सबसे बड़ी बात यह है कि अंग्रेजों
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ने डचों को कैसे रिप्लेस किया पहली बात दूसरी बात हमें बताते हैं
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कि अंग्रेजों ने और डचों के हारने का कारण क्या था ऐसा भी देख लेते हैं तो इसमें
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अंग्रेजों की ताकत और डचों की कमियां एक बार देख लेते हैं चलिए और डच यहां पर
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फिनिश हो जाता है फिर कल पढ़ाएंगे आपको ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी जो कि बहुत ही इंपॉर्टेंट है डियर बहुत इंपॉर्टेंट
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डच ईस्ट
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इंडिया कंपनी के
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पतन के कारण अ डच ईस्ट इंडिया कंपनी के पतन के
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कारण तो सबसे पहले तो लिख देते टाइटल क्या है टाइटल तो य रहेगा आपका वो तो आप सभी को
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पता ही है ओके तो यहां पर लिखते हैं स्टार्ट
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में चलो वाइट कलर ते डच ईस्ट इंडिया कंपनी के पतंग के कारण तो पहले तो लिखेंगे कि डच
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ईस्ट इंडिया कंपनी अंग्रेजों की तुलना में इनमें थोड़ा उत्साह और थोड़ा मनोबल कम था
39:55
य लिख पहले तो
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डचों में अंग्रेजों की तुलना में डचों में अंग्रेजों की तुलना
40:14
में उत्साह एवं
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मनोबल उत्साह एवं मनोबल की कमी थी उत्साह एवं मनोबल की
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कमी थी पहले यह पहली बात आ गई ठीक है इसको यहां पर पहला नोट डाउन भी हम कर सकते हैं
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ओके सेकंड बात करते हैं इनका सेकंड रीजन क्या
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था यह रेड से होना था ना यस हा
40:50
ठीक अब देखो दूसरा कारण हम जान लेते हैं इका कि दूसरा कारण क्या हो सकता है यह
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पहला कारण था ओके दूसरे कारण की बात करें तो देखो डच जो
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था जब डच की बात कर रहे यह पोलैंड की बात कर रहे हैं यह कहीं की बात नहीं कर रहे
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होलैंड सॉरी होलैंड की बात कर रहे हैं हम य होलैंड कंट्री यूरोप में तो हॉलैंड की
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बात कर रहे हैं हॉलैंड जाकर देख लेना यूरोप के मैप में हलैंड मिलेगा आपको यह करीबन उत्तर पूर्व की तरफ मिलेगा उत्तर
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पश्चिम की तरफ सॉरी तो डच ईस्ट इंडिया कंपनी और अंग्रेजी ईस्ट
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इंडिया कंपनी में इतना फर्क था कि अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी जो थी वह निजी हाथों में थी और जबकि डच ईस्ट इंडिया
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कंपनी जो थी वह राष्ट्र के अधिकार में आती थी इसलिए राष्ट्र के राष्ट्र प्रमुख के माध्यम से चलती थी फ्रांस की तरह तो लिख
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दें कि डच ईस्ट इंडिया कंपनी डच ईस्ट इंडिया
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कंपनी डच ईस्ट इंडिया कंपनी एक एक राष्ट्र अधिकारी कंपनी थी एक
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राष्ट्र एक राष्ट्र अधिकारिता कंपनी
42:07
थी एक राष्ट्र अधिकारिता कंपनी थी
42:13
किंतु अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी किंतु
42:20
अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंप
42:28
एक निजी कंपनी थी एक प्राइवेट कंपनी थी एक
42:39
प्राइवेट एक प्राइवेट कंपनी थी ओके चलिए तीसरा कारण क्या रहे
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है तीसरा कारण यह हो सकता है कि देखो डच जो था वो खुद अंग्रेजों का गुलाम था उस
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समय जिस समय डच हमारे भारत में आए थे ना उस समय खुद जो डच था ना वो अंग्रेजों का
43:00
गुलाम था मतलब अंग्रेज तो डच में बैठे हैं और डच भारत पर आ गए तो इनडायरेक्टली क्या
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हुआ इनडायरेक्टली ये हुआ कि अंग्रेजों के नियंत्रण में डच तो अभी भी हैं वो बस डच
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जो थे वो भारत में आ गए थे और भारत अंग्रेजों का ही था तो कुल मिला के क्या हुआ कुल मिला के ये हुआ कि डच जो था वो
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पहले से ही एक पराधीन राष्ट्र है पराधीन राष्ट्र का मतलब होता है दूसरे राष्ट्र का हस्तक्षेप दूसरे राष्ट्र के अधीन पहले से
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ही पराधीन राष्ट्र है और जबक ब्रिटेन तो दुनिया के कई सारे उपनिवेश बनाकर बैठा था
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तो ब्रिटेन तो एक स्वतंत्र राष्ट्र हुआ करता था तो लिख दे य पर तो लिखेंगे डच डच पहले से
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ही डच पहले से ही एक पराधीन राष्ट्र
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था पहले से ही पराधीन राष्ट्र
43:52
था पराधीन राष्ट्र था और
43:59
अंग्रेज यानी ब्रिटेन ब्रिटेन एक स्वतंत्र राष्ट्र
44:07
था ब्रिटेन एक स्वतंत्र राष्ट्र था तो यह सारी चीजें
44:14
हो गई अब आते हैं चौथी यह चौथा बहुत इंपॉर्टेंट हो सकता
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है देखें अब इसमें यह होगा कि जो डच ईस्ट इंडिया कंपनी है और जो अंग्रेज ईस्ट
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इंडिया कंपनी है मैं आपको बता दूं एक्चुअली में देखो डचों के पास इतने अच्छे
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साधन इतनी अच्छी तकनीक इतने अच्छे अस्त्र और शस्त्र नहीं थे क्योंकि डच ईस्ट इंडिया
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कंपनी का मुनाफा इतना नहीं होता था लेकिन अंग्रेजी ईस्ट इंडिया कंपनी के पास तकनीक
44:44
अस्त्र शस्त्र और नौसैनिक शक्ति अंग्रेजों ने बढ़ा ली नहीं थी और बढ़ा
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ली लेकिन इन्होंने क्यों किया क्योंकि इनके पास मुनाफे की भरमार थी तो लिख देंगे
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क्योंकि प्राइवेट कंपनी हमेशा अपना मुनाफा सोचती है तो लिख दे की डचों के
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पास डचों के पास पर्याप्त
45:13
साधन पर्याप्त साधन की कमी थी पर्याप्त साधन की कमी थी
45:22
क्योंकि क्योंकि डच कंपनी
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एक अधिकारिता कंपनी
45:40
थी एक अधिकारिता कंपनी थी
45:47
एवं जबकि अंग्रेजी
45:53
कंपनी जबकि अंग्रेजी कंपनी
45:58
एक प्राइवेट कंपनी
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थी एक प्राइवेट कंपनी थी इसलिए अधिक मुनाफे के
46:12
कारण इसलिए अधिक मुनाफे के
46:22
कारण उसके पास पर्याप्त साधन थे
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उसके
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पास पर्याप्त साधन थे यही चीज आपको समझाने की कोशिश कर रहा हूं दच वाली बात ठीक है
46:46
ओके तो चार कारण आपको मिल चुके हैं मेरे हिसाब से यह काफी है डचों के हारने का
46:52
कारण ठीक है ईस्ट इंडिया कंपनी से इसको अच्छे से तरीके से इसको अच्छे से कवर कर
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लेना क्योंकि यह आपके लिए इंपॉर्टेंट हो सकता है और मेनली आईएस वालों के लिए बहुत
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ज्यादा इंपॉर्टेंट भी हो सकता है ओके बहुत अच्छे तो यहां तक हमने क्लियर कर ही लिया
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है कोई दिक्कत भी नहीं आ सक तो हां अब यह डिस्टर्ब हो जाएगा शायद अरे
47:23
शिट ओके और यह आएगा वाइट से कहते हैं ना एक बार चीज को छेड़ना नहीं चाहिए
47:30
फिर उसका पूरा शकल बिगड़ जाता है खैर तो यहां तक आप सभी को समझ में आ गया है और
47:36
हमारी डच ईस्ट इंडिया कंपनी फिनिश हो चुकी है और कल हम ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की तरफ आगे बढ़ने वाले हैं सभी याद रखना है
47:44
ठीक है तो अभी के लिए लेक्चर इतना ही रहेगा फिर मिलते हैं आपसे आगे अंग्रेजी
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ईस्ट इंडिया कंपनी के लिए और वो आपके लिए हिस्ट्री का सबसे इंपोर्टेंट चैप्टर भी है
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क्योंकि हमें आप अंग्रेजों के साथ ही रहना है हम और आप और अंग्रेज बस और कौन है कोई
48:02
नहीं है यानी हम तो और आप होगे भारतीय और अंग्रेज ठहरे गैर मुल्की तो इस पे हम बात
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करेंगे आपसे कल और आई होप आप आज आपको लेक्चर बहुत अच्छा लगा होगा मेरा कांसेप्ट
48:13
के साथ फिर मिलते हैं आपसे और कल हां कल एमसीक्यू लेके आने वाले हैं आप याद रखें सभी तैयार रहे रिस्पांस के लिए हम आपका
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लाइव हम आपसे लाइव रूबरू होंगे लाइव आपका आंसर करेंगे कल मैं लाइव हूं आज पहली बार
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आप ला लाइव आने का मौका मिलेगा आपके साथ मुझे इस मंच के माध्यम से पहली बार तो
48:32
चलिए तो कल आते हैं हम लाइव और एमसीक्यू लेकर बहुत अच्छे जय हिंद जय भारत

