Fundamental Rights - Article 12 to 35 of Indian Constitution #ParikshaJunction #FundamentalRights 5
Nov 12, 2024
The #FundamentalRights in India enshrined in part III (Article 12–35) of the #Constitution of India guarantee civil liberties such that all Indians can lead their lives in peace and harmony as citizens of #India. These rights are known as "fundamental" as they are the most essential for all-round development i.e., material, intellectual, moral and spiritual and protected by fundamental law of the land i.e. constitution. If the rights provided by Constitution especially the #Fundamentalrights are violated the Supreme Court and the High Courts can issue writs under #Articles32 and 226 of the #Constitution, respectively, directing the State Machinery for enforcement of the fundamental rights.
Part 1 : https://youtu.be/ZEE7GBAq6V0
Part 2 : https://youtu.be/u2A7xzyWZOQ
Part 3 : https://youtu.be/yUnFLMHBZhY
Part 4 : https://youtu.be/9ikxiXqaMNM
Part 5 : https://youtu.be/Uwe_aPB2GcY
These include individual rights common to most liberal democracies, such as equality before law, freedom of speech and expression, freedom of association and peaceful assembly, freedom to practice religion and the right to constitutional remedies for the protection of civil rights by means of writs such as habeas corpus. Violations of these rights result in punishments as prescribed in the #BharatiyaNyayaSanhita #BNS subject to discretion of the judiciary. The #FundamentalRights are defined as basic human freedoms where every Indian citizen has the right to enjoy for a proper and harmonious development of personality and life. These rights apply universally to all citizens of India, irrespective of their race, place of birth, religion, caste or gender. They are enforceable by the courts, subject to certain restrictions. The Rights have their origins in many sources, including England's Bill of Rights, the United States Bill of Rights and France's Declaration of the Rights of Man. #Satta #politics #king
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नमस्कार सभी को परीक्षा जंक्शन के इस प्लेटफॉर्म पर सभी का हार्दिक स्वागत है और जैसा कि हम पॉलिटी में प्रीवियस
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लेक्चर में बात कर चुके थे आर्टिकल 15 की देखो सबसे पहले मैं संविधान के बारे में बता दूं क्योंकि कुछ लोग संविधान को
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ज्यादा ही बहुत से कंट्रक्शन मानते हैं
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जैसे कि संविधान को पढ़ लेने का अर्थ केवल पर्याप्त यही नहीं होता आपने संविधान को
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पढ़ा है संविधान को समझा है तो संविधान को पढ़ संविधान को समझ लेना इसका अर्थ यह
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नहीं है कि आप संविधान के पूर्ण ज्ञाता हो चुके हैं तो आप अपनी आंखों से क्राइम को
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नहीं देख पाओगे देखो क्राइम तो होता है आपने पूरे भारत के हर क्षेत्र में कोई ना कोई अपराध घटेगा ि सबसे बड़ी बात है कि आप
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संविधान को जब पढ़ चुके हैं तो उस क्राइम को रोकने की जिम्मेदारी आपकी है लेकिन आप बोलोगे सर हम तो सिस्टम का हिस्सा ही नहीं
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है हम कैसे रोक अरे भाई मैं आप बता रहा हूं एक आईपीसी आपको अच्छे से याद है और उस
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आईपी आईपीसी के साथ आपके साथ खिलवाड़ हो रहा है उस आईपीसी का ज्ञान झाड़ दीजिए एक
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बार किसी सच बता रहा हूं आपके सामने सरेंडर ना कर दे तो मेरा नाम बदल दे सच
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में हां बहुत से लोग बोलते हैं अरे क्या ज्ञान दे रहे हो कानून बानून का कानून कुछ नहीं होता हम हम ही कानून है तो एक बार
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सीधे एफआईआर लिखवाई है पुलिस का वारंट आएगा तो अपने व्यक्ति बोलेगा कि भैया कानून तो सबसे बड़ा होता है तो ही है तो
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उल्टे लोगों को सीधा कैसे करना है ये संविधान से चलिए आज बात करते हैं
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आगे के आर्टिकल्स की तरफ आगे अनुच्छेदों की तरफ देखो जैसा कि मेरा मानना है कि आप
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संविधान को जब पढ़ रहे हैं तो संविधान को पढ़ते वक्त उसे कांसेप्ट के साथ क्लियर
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रखें क्योंकि संविधान में आप देखो सीधी बात है आपने दावा कर दिया किसी के सामने
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कि संविधान जानता हूं और आपके सामने आपने दावा उसके सामने किया है जो संविधान का
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ज्ञाता है तो व आपसे कोई भी क्वेश्चन कर देगा और जब आपसे क्वेश्चन करेगा और आपने नहीं बताया तो इतनी बुरी बेइज्जती होगी कि
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उसकी आप वहां पर कभी शक्ल नहीं बताओगे अपनी इसलिए जब भी कभी दावा करो संविधान को
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जानने का तो यह सोच समझ के करना और यह तभी कर पाओगे आप जब आप पूरे कांसेप्ट के साथ
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संविधान को समझोगे ठीक है तो चलिए अब हम बात करते हैं आगे के लेक्चर की तरफ और
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सबसे बड़ी बात है हम यह देख लेते हैं एक बार कि आर्टिकल 15 हम सब क्लॉस 15 पढ़ रहे थे और उसमें मैं क्रीमी लेयर के बारे में
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बता रहा था य क्रीमी लेयर का मतलब होता है मलाईदार परत यानी मलाई परत केवल उन लोगों
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के पास होती यानी मलाई का मतलब क्या होता है जैसे कि हमारे घर पर हमारे दादी दादा जीया मां बाप यह कहते थे बेटा क्या बात है
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क्या बात है बहुत मजे से हो मजे का मतलब होता है कि आपकी जिंदगी सेटल हो आपको किसी
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भी बात की फिक्र नहीं आपके पास जमीन है आपके पास घर है आपके पास नौकरी है और आपके
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पास सबसे बड़ी नौकरी के साथ साथ आपके साथ प्रतिष्ठा भी जुड़ी हुई है आपके पास पद की गरिमा भी है तो कुल मिलाकर आपके पास वो सब
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कुछ है जो जिंदगी में चाहिए होता है एक इंसान को जीने के लिए ठीक है हालांकि
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मूलभूत आवश्यकताएं नहीं है ये मूलभूत आवश्यकताओं से भी ऊपर की बात कर रहा हूं तो क्रीमी लेयर का मतलब हुआ मलाईदार परत
3:11
और मलाईदार परत का मतलब है कि जो व्यक्ति आज क्या होती है दूध और छाछ में अंतर क्या
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है जैसे कि दूध होता है उसमें मलाई होती है छच में कभी आपने मलाई बनते देखा है क्या नहीं देखा यानी जब दूध में से मलाई
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निकाली जाती है उसे छाना जाता है तो छाज बन जाता है लोग छाज को किस अहमियत से देखते हैं आप सभी को पर तो चलिए हम क्रीमी
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लेयर की बात कर रहे थे क्रीम लेयर में कौन-कौन आते हैं जिनको 27 पर आरक्षण का
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लाभ नहीं मिलेगा यानी ओबीसी कैटेगरी अब यह मत सोच लेना कि कोई अपने नाम के पीछे
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ओबीसी लगा रहा है तो वो 15 सब क्लस फाइव के तहत रिजर्वेशन का फायदा ले रहा है ऐसा
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बिल्कुल नहीं है जब मैंने अपने मित्र से बात की तो वो मित्र जो थे वो क्रीमी नॉन
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क्रीमी लेयर की श्रेणी में आते हैं सॉरी वो क्रीम लेयर की श्रेणी में आते हैं मैंने उनसे बोला कि भाई अपना सर्टिफिकेट
4:00
क्यों नहीं बनवा लेते क मेरा काम तो है चीजें उगल वाना तो मैंने दोस्ते उगल वा ली
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तो उसने बोला कि भाई मैं नॉन क्लियर में श्रेणी में नहीं आता मैं क्रिमिनल एर में आता हूं क् मेरे पिताजी जो है वो ग्रुप ए
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के सर्विसमैन है और ग्रुप ए में आता है ऑफिसर रैंक ऑफिसर रैंक के व्यक्ति आते हैं
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तो वो तो अपना ओबीसी का नहीं बनवा सकता ना इसलिए वो सेंटर की नजर में अन रिजर्व
4:23
कैटेगरी में आता है जनरल कैटेगरी में तो चलिए एक बार मैं क्रीमी लेयर की बात दोबारा कर लेता हूं
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और दोबारा क्या मैंने तो पूरा बताया भी नहीं था आपको क्रम लेयर चलिए तो क्रीम
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लेयर में भारत का राष्ट्रपति प्रधानमंत्री जितने भी नेतागण हैं लीडर लीडरशिप जो करते
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हैं वह आते हैं उसके अलावा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजेस आते हैं यहां पर और महान्य वादी आते हैं महालेखा आते हैं मतलब
4:49
कुल मिलाकर जितने भी संवैधानिक पद की मैं बात कर रहा हूं उन उन व्यक्तियों के बेटे और बेटियां ठीक है या फिर वोह स्वयं ही
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क्यों ना हो उनको का लाभ किसी प्रकार से नहीं मिल सकता 27 पर जो फॉर इन एजुकेशनल
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इंस्टिट्यूट फॉर ओबीसी अदर बैकवर्ड क्लासेस इट मीस ऑ सोशली एजुकेशनली ऑफ
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बैकवर्ड क्लासेस उनको तो बिल्कुल नहीं मिल सक तो क्रमी लेयर में हम शायद एक पॉइंट की
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तरफ थे थर्ड पॉइंट था हमारा थर्ड था या फोर्थ था चलो थ कर लेते तो थर्ड पॉइंट में
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मैंने बताया था आप लिख सकते हैं कि ग्रुप ए एवं ग्रुप बी
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यानी आप कह सकते हैं वर्ग ए या वर्ग ए या ग्रुप ए तथा वर्ग
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बी वर्ग बी तथा वर्ग बी या ग्रुप
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बी ग्रुप बी में कार्यरत में
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कार्यरत कार्यरत कर्मचारी कार्यरत कर्मचारी
6:00
चाहे वह कर्मचारी चाहे वह
6:06
कर्मचारी चाहे व कर्मचारी कहां पर हो केंद्रीय सेवा में
6:11
हो केंद्री केंद्र सेवा सेवाए तथा राज्य सेवा के अधीन
6:20
हो राज्य सेवाओं के अधीन हो अधीन कार्यरत
6:30
अधीन कार्यरत हो बस आप समझ गए ना वह हमेशा क्रिमिनल की श्रेणी में आते हैं वो 27 पर
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रिजर्वेशन यानी आर्टिकल 15 सब क्लस फ का फायदा नहीं उठा सकता अब आते हैं चौथी चौथी
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कैटेगरी क्रीम लेयर की क्या होती है चलिए चौथा क्राइटेरिया होता है या फोर्थ क्राइटेरिया ऑफ द क्रीम लेयर इ
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दैट इसमें आते हैं यानी डॉक्टर्स इंजीनियर एडवोकेट यूनिवर्सिटी में जो प्रोफेसर होते
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हैं वो और उसके बाद सेकंड ग्रेड के ऑफिसर जो भी होते हैं आप लिख सकते हैं
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विश्वविद्यालय विश्व विद्यालय एवं अन्य प्रतिष्ठानों
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में एवं अन्य प्रतिष्ठानों में अन्य प्रतिष्ठानों
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में उच्च पदों पर उच्च पदों पर
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जैसे प्रोफेसर जैसे
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प्रोफेसर कमा और क्या सकते हैं जैसे
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डॉक्टर डॉक्टर हो सकता है उसके अलावा इंजीनियर हो सकता
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है ठीक है इंजीनियर हो सकता है और इसके अलावा अधिवक्ता हो सकता है जिसे आप
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एडवोकेट कहते हैं एक अधिवक्ता हो सकता है दूसरा और कलाकार हो सकते हैं यानी कलाकार
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हो सकते हैं जिसे आप एक्टर कहते हो ना एक्ट्रेस कहते हो कलाकार ही तो होते हैं सारे कल को आप सारख खान के बेटे को
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क्रिमिनल की नॉन क्रम की श्रेणी में रख दोगे तो गलत हो जाएगा ना ठीक है और कलाकार हो गए कलाकार के अलावा अन्य पेशेवर अन्य
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जैसे पेशेवर अन्य जैसे पेशेवर पेशेवर व्यक्ति
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कभी भी यहां पर नहीं आ सकते नॉन क्रीम वो क्रीम लेयर में आते दूसरी बात हम कर लेते
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हैं जैसे मान लो कोई बड़ा उद्योगपति है जैसे कि व्यापार
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वाणिज्य व्यापार है वाणिज्य है और उसके अलावा
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उद्योगपति इंडस्ट्रियलिस्ट उद्योगपति हो सकता है ठीक है या कोई बिजनेसमैन जैसे कि
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व्यापार करता है तो बिजनेसमैन हो गया उद्योगपति है तो इंडस्ट्रियलिस्ट हो गया ठीक है कोई कॉमर्शियल धंधा करता है अपना
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तो वो वाणिज्य में आ गया जैसे उद्योगपति उसके अलावा और आते हैं एक यहां
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पर है आपको मैं बता दूं इनकम की बात बात करें तो इनकम में 8 लाख से ऊपर नहीं होनी
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चाहिए और जैसे कि एक है शहरी क्षेत्रों में जिनके पास भवन है शहरी क्षेत्रों में
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शहरी क्षेत्रों में एक भवन यानी एक घर होना चाहिए एक भवन तथा कृषि भूमि
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तथा कृषि भूमि यदि मान लो किसी भी व्यक्ति पर पाच एकड़ से ज्यादा कितनी पा एकड़ से
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ज्यादा एग्री फार्म है उसके पास तो नॉन क्रीम की श्रेणी में नहीं आएगा वो क्र
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क्रीमी लेयर की श्रेणी में आ जाएगा उसके बाद य भवन में फ्लैट भी आ सकता है ठीक है
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फ्लैट है कोई जमीन है यह भी आ सकता है उसके बाद आते हैं नेक्स्ट क्रीम लेयर में
9:42
जिसकी इनकम 8 लाख से ज्यादा नहीं है जिसकी इनकम 8 लाख से ज्यादा है लिखें जिसकी
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आय जिसकी आय 88 लाख से ज्यादा है
10:01
8 लाख से ज्यादा है ठीक है 8 लाख है तो भी चलेगा
10:07
लेकिन 8 लाख से ज्यादा नहीं होनी चाहिए ठीक है चलिए 8 लाख भी है तो भी नहीं चलेगा
10:13
8 लाख से कम होनी चाहिए और मैं आपको बता दूं यह जो 8 लाख का आंकड़ा था यह कब किया
10:18
गया था 2013 में किया ठीक है चलिए तो क्रीम इलर मतलब होता है कि जो वे छात्र जो
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इसमें आते हैं वह आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते वह ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं लेंगे
10:33
ओबीसी मतलब 27 प्र ओबीसी आरक्षण का लाभ
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नहीं ले सकते नहीं ले सकते अब मैं आपसे क्वेश्चन
10:45
पूछ रहा हूं आप मुझे बताइएगा कि जब मैंने क्रीमी लेयर का जिक्र किया है तो क्रीमी
10:50
लेयर में मैंने इन इन पशों की बात की है अब मुझे बताइए कि भारत के राष्ट्रपति से
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लेकर जितने भी मैंने यहां पर पद लिखे हैं क्या इनके पास पैसा नहीं है है 8 लाख है
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अब मुझे बताइए कि क्रीमी लेयर वालों को क्या मैं ईडब्ल्यूएस का रिजर्वेशन दे सकता
11:09
हूं 10 पर वाला मुझे बताइए सोच के बताना कमेंट बॉक्स में बताना क्या क्रीमीलेयर
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वालों को यदि देखो क्रीमर वालों को ओबीसी रिजर्वेशन तो नहीं मिलेगा 27 पर आरक्षण तो
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इनके लिए नहीं है इनके लिए बैन है भाई साहब ठीक है अब क्रीम लेयर वालों के लिए जब ओबीसी 27 पर रिजर्वेशन बैन हो है बंद
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हो चुका है ये एससी एसटी की बात नहीं कर रहा मैं ओबीसी की बात कर रहा हूं एससीबीसी ओबीसी के लिए जब क्रीमी लेयर में
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आरक्षण नहीं मिल रहा है इनको ओबीसी रिजर्वेशन नहीं मिल रहा है तो आप मुझे बताइए क्या इनको मैं इकोनॉमिक ईडब्ल्यूएस
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के बेसिस पर मैक्सिमम से मैक्सिमम 10 पर रिजर्वेशन दे सकता हूं या
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नहीं बताइए इसका आंसर जो जो जिन बच्चों ने कमेंट बॉक्स में राइट करेंगे मैं बाका
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उनके कमेंट देखूंगा क्योंकि क्रमर वालों को को 10 पर मैक्सिमम रिजर्वेशन भी नहीं
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दे सकते हम जो ईडब्ल्यूएस का रिजर्वेशन है तो आप सोच लीजिए क्यों नहीं दे सकते क्योंकि भाई साहब ईडब्ल्यूएस का जो
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रिजर्वेशन है ये इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के लिए दिया जाता है और जो भी यहां पर
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मैंने पद लिखे हैं वो पैसे से कभी भी यहां पर आप आर्थिक रूप से तंगी नहीं होती क्या
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एडवोकेट के घर तंगी होती है क्या क्या कलाकार के घर होती है क्या क्या इंजीनियर की घर होती है क्या क्या प्रोफेसर इतना कम
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कमाता है क्या क्या डॉक्टर के पास इनकम कम होती है क्या आप मुझे बताइए क्या डॉक्टर्स
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का भी महीने का तीन से साढ़े 5 लाख पैकेज नहीं होता क्या तो क्या वो साल में 8 लाख
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से कम कमाता है क्या तो कुल मिला के उनको ईडब्ल्यूएस का 10 पर रिजर्वेशन यहां पर हम
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नहीं दे सकते क्रॉस कर दो जी तो कुल मिला के उन्हें रिजर्वेशन की श्रेणी से बाहर
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रखा गया है लेकिन अब आती है सबसे बड़ी बात कि क्या सर क्रिमिनल वालों को ओबीसी की
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बात करें ठीक है चलिए तो बात समझ गए क्योंकि ईडब्ल्यूएस का रिजर्वेशन किसी
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जातिवाद के आधार पर या किसी धार्मिक आधार पर नहीं दिया जाता बल्कि आर्थिक तंगी यानी
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आर्थिक स्थिति इकोनॉमिक कंडीशंस के आधार पर दिया जाता है फाइनेंशियल कंडीशन के आधार पर दिया जाता है ठीक है और इनमें से
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कोई भी व्यक्ति मुझे लगता नहीं है कि वो फाइनेंशियल रूप से वीक होगा वो बल्कि स्ट्रांग ही होगा फाइनेंशियल स्टेबल होगा
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चलिए आगे चलते हैं क्रिम लेयर से आगे आर्टिकल 15 सब क्लॉस 6स
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सभी डाल लीजिए एक बार अब मैं बात करता हूं आपसे
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अनुच्छेद 16 क्यों आ गया 156
13:50
आएगा अनुच्छेद 15 है और 15 सब क्लॉस सिक्स
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आरक्षण क्या कहता है यह भी आरक्षण की व्यवस्था करता है मैं आपको बताता हूं लेकिन आरक्षण किस तरीके का है हमारे भारत
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के माननीय प्रधानमंत्री नरेल प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया नरेंद्र मोदी जी उन्होंने सबसे
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बड़ी जो एक कानून था का नाम था मैं आपको बता दूं शायद यह जनहित याचिका में आया था
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एक जनहित याचिका वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया 2019 का सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट है आप
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जाएंगे तो आप किताब संविधान की खोलकर देख सकते हैं वहां पर 15 सब क्लॉस सि हां पर
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पेज है वहां लिखा हुआ है साफ-साफ कि जनहित याचिका वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया 2019 के
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सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट के आधार पर इसमें जब सुनवाई हुई थी तो आज 2024 में
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2023 24 में सुप्रीम कोर्ट ने ईडब्ल्यूएस के रिजर्वेशन को क्या कर दिया है वैद कर
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दिया है क्या कर दिया है वैध कर दिया यानी संवैधानिक मान्यता इसको दे दी है यानी यह
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असंवैधानिक नहीं हो सकता और ठीक है चलिए अब सबस बार बात कर लेते
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हैं जैसे की अब ऑफलाइन बैचे से हमारा क कई बार बाता रहा है ऑफलाइन बचेस में कई बार
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एक क्वेश्चन आया एक बच्चे का जब मैं सा पॉलिटी पॉलिटी ले रहे थे और पॉलिटी
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में डाउट आया मैंने पूछा की डाउट पूछ सकते हैं ऑफलाइन में क्या होता है कि पा मिनट हमप के लिए दे देते हम बच्चे डाउट पूछ एक
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बच्चे का डाउट आया कि सर हमारा भी फिलहाल ही में एक ब्रेकअप हुआ है बोला अच्छा देख
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कभी-कभी ऐसे क्वेश्चन भी मूड फ्रेश कर देते हैं मैंने बोला कि बोलो पूरी बात बोलो तो तुम अब अधूरी बात नहीं होगी
15:39
उन्होने बोला कि सर अभी मेरा हाल ही में ब्रेकअप हुआ है और एक्चुअली में उन्होंने
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मुझसे यह वादा किया था कि हम शादी करेंगे बब लड़की पक्ष से य वादा आया लड़के को कि
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हम शादी करेंगे लेकिन बाद में लड़की मुकर गई लड़की ने मना कर दिया किसी भी तरीके से हो गया या तो लड़के की हरकत सही हो सकती
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या फिर कोई भी रीजन हो सकता है या उसको कोई बेटर ऑप्शन मिल गया होगा तो हालांकि फाइनल में ये हुआ कि मना कर दी तो बच्चे
16:06
ने पूछा कि सर मैं कौन सा केस करूं है ना बच्चा थोड़ा अग्रेसिव था तो
16:12
हमने बोला कि मैं केस करने की नौबत कहां से आ गई कक केस करने की बात ही नहीं तो
16:18
फिर मैंने उसको एक स्टेटमेंट बोला मैंने उसको एक कथन बोला यदि महबूब को यदि महबूब
16:24
को सुनने में कानों की जरूरत पड़ जाए महबूब को सुनने में कानों की जरूरत पड़
16:30
जाए तो आंखों को आग लगा देनी शायद मैंने उसे बोला कि तुमने यही
16:36
किया होगा अपने महबूब को कानों से मत सुनिए आंखों से सु अब य थोड़ा प्रैक्टिकल
16:43
में आप बोलेगे सर आंखों से कैसे सुने अरे आंखों को पढ़ना सीख एक होता है अपने
16:48
एथिक्स में जब हम यूपीएससी तयारी से गुजरे तो वहां पर हमने एथिक्स बहुत अच्छे से एथिक्स में एक इमोशनल इंटेलिजेंस की भावना
16:55
आती है मतलब एक होता है इंटेलिजेंस एक होता है इमोशनल इंटेलिजेंस इमोशनल
17:00
इंटेलिजेंस आपको यही सिखाता है कि आप दूसरे की भावनाओं को कैसे कंट्रोल करेंगे
17:05
यानी दूसरे की भावनाओं को कंट्रोल करना उन्हें समझना तथा अपनी भावनाओं को समझना
17:10
एवं कंट्रोल करना नियंत्रित करना जो व्यक्ति इमोशनल इंटेलिजेंस का बाप बन गया
17:17
वो इस दुनिया में कभी भी धोखा नहीं कर सकता क्योंकि सबसे बड़ी बात है ई आई की जो
17:22
ई आई हमारा पैटर्न काम करता है ई आई संविधान से काम नहीं करता संविधान से मत जोड़ना ईईआई और एक आई काम करता आई जो होता
17:31
है वह आपके आईक्यू को बताता है जिसे आप कहते हैं इमोशनल क्ट यानी आपकी बुद्धिमत्ता कितनी मानसिक बुद्धि और
17:39
इमोशनल इंटेलिजेंस का मतलब होता है आपकी भावनात्मक बुद्धिमत्ता कितनी यानी यदि आप
17:45
दूसरे की भावना को समझ रहे हैं भावना को कंट्रोल कर रहे हैं अपने साथ तो आप समझ
17:51
लीजिए आप लोगों की आंखों से आंखें पढ़ना सीख गए और वही चीज है तो इसलिए एक शेर आया
18:00
महबूब को सुनने महबूब को सुनने में कानों की जरूरत पड़े य महबूब को सुनने में कानों
18:07
की जरूरत पड़े तो आंखों को आग लगा देनी हालांकि उसको कहीं हद तक समझ में आ गया तो मैंने बोला कि यट
18:14
मैटर यह संविधान का मामला नहीं है आपको किसके साथ रहना है किस साथ नहीं
18:20
रहना व हैव राइट हमारे पास अधिकार है हम किसके साथ रहे और किसके साथ ना रहे लेकिन
18:28
हा किसी पक्ष की गलती रही होगी तब मैंने उसको समझाया तो कौन सा मैटर संविधान का है कौन
18:34
सा मैटर संविधान का नहीं है इस चीज बड़े बारीकी तरीके से हमको सोचना
18:40
पड़े ऐसे नहीं है कि हम कहीं भी हवाबाजी कर सकते हैं या कोई भी चीज हम कानून से
18:46
जोड़ सकते हैं नहीं य इमोशनल इंटेलिजेंस का मामला था संविधान से जोड़ने की इसको है
18:52
भी नहीं ठीक है चलिए लेकिन आजकल तो पता नहीं कि कुछ लॉ
19:00
बनाए जा रहे हैं कि जिसमें लड़का लड़की वादा कर चुके हैं शादी का एक दूसरे से तो
19:05
वहां पर कुछ केसेस भी है वहां पर आप लड़की पर केस भी कर सकते हैं कुछ बनाए जा रहे हैं मतलब अप्रॉक्स मुझे पूरा याद नहीं है
19:12
लेकिन ऐसे कानून सा बनाए भी गए हैं चलिए तो अब आते हैं 15 सब क्लॉस सिक्स पर 15 सब
19:19
क्लॉस सिक्स में हमारे भारत के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2019 में
19:25
एक बहुत बड़ा कदम उठाया और वो कदम यह था कि आठ थिक रूप से पिछड़े वर्ग के समुदाय
19:31
के लोगों के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के समुदाय के वर्ग के लोगों के लिए
19:37
उन्होंने क्या कर दिया मैक्सिमम 10 पर रिजर्वेशन यानी 10 पर आरक्षण का फायदा
19:45
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए मिलेगा और यह वहां मिलेगा यानी उच्चतर
19:51
शैक्षणिक संस्थाओ में मिला जाएगा यानी हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में 10 पर
19:58
रिजर्वेशन इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन के लोगों को दिया जाएगा और यह कदम जनहित याचिका वर्सेस
20:05
यूनियन ऑफ इंडिया 200 जजमेंट में उठाया गया था आपको मैं बता दूं तो चलिए आप लिख
20:11
दीजिए यहां पर 2019 में 2020 में कर दीजिए क्योंकि 20
20:17
में डाला गया था 2020
20:23
में 2020 में केंद्र सरकार ने
20:31
केंद्र सरकार द्वारा केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय के
20:40
लोगों के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग
20:47
के लोगों के लिए आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लोगों
20:53
के लिए उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों
21:01
में उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों
21:07
में उच्चतर शैक्षणिक संस्थानों में अधिकतम
21:15
अधिकतम 10 प्र आरक्षण अधिकतम 10 प्र
21:21
आरक्षण की व्यवस्था की गई आरक्षण की व्यवस्था की गई
21:30
अरे हम एक चीज भूल गए हैं शायद हमने एक बार आपसे सभी से प्रॉमिस किया था
21:36
प्लेटफार्म के माध्यम से कि हम यूसीसी का एक चैप्टर लाएंगे यूसीसी यूनिफॉर्म सिविल
21:43
कोड आर्टिकल 14 ऑफ द इंडियन कॉन्स्टिट्यूशन जो है हमारा हम यूसीसी के
21:48
ऊपर एक लेक्चर लाने वाले हैं और शायद में दिवाली के उस माहौल में भूल गया बताना
21:55
चलिए तो यूसीसी का भी हम जल्दी लेक्चर लाने वाले हैं यूनिफॉर्म कोड के बारे में क्योंकि यूनिफॉर्म सिविल कोड हुआ
22:01
रिजर्वेशन हुआ ये कई सारे मुद्दे हमारे ऐसे हैं आज जो पॉलिटी में बहुत ज्यादा
22:07
मैटर करते हैं और इनको हम आंखों से देख देखी दिखाई चीज को नजरअंदाज करना एक पाप
22:14
और बड़े गुनाह के समान होता है ठीक है तो हम इसे पाप और गुनाह की कैटेगरी में ना
22:20
लाकर हम इसे न्याय की कैटेगरी में लाना चाहते हैं इसलिए हम जल्दी ही इस
22:25
प्लेटफार्म के माध्यम से यूनिफॉर्म सिविल कोड के ऊपर पूरा लेक्चर लाने वाले हैं करीबन एक से डेढ़ घंटे का तो सभी तैयार
22:32
रहना क्योंकि वहां पर आपको पूरा यूसीसी बताया जाएगा इसका ऐतिहासिक यानी इसका
22:37
हिस्टोरिकल बैकग्राउंड बताया जाएगा आपको इसका हिस्टोरिकल रीडिंग क्या रहा है यूसीसी का फर आगे आगे यूसीसी कैसे सफर
22:44
किया अंबेडकर जी की डिबेट बताई जाएगी यहां पर सब कुछ बताया जाएगा बस आप तैयार रहना
22:50
यूसीसी का लेक्चर जल्दी ही लाएंगे बहुत अच्छे कुछ चीजें याद आ जाती
22:55
है बहुत अच्छी बात है तो 10 पर आरक्षण की व्यवस्था कर दी गई अब कितना परसेंट है 10
23:02
पर ठीक है चलिए इस पर हम थोड़ा सा हाईलाइट कर देते हैं 10 पर डिजर्न फॉर इकोनॉमिकली
23:09
वीकर सेक्शन इन हायर एजुकेशनल इंस्टिट्यूट जैसे
23:14
आईआईटी एंड आईआईएम एंड एम्स एंड मेडिकल कॉलेजेस एंड
23:21
हॉस्पिटल ओके डॉक्टर्स के लिए तो यहां तक क्लियर है सभी को
23:29
इससे केस जोड़ देते हैं जनहित
23:34
याचिका जनहित याचिका वर्सेस यूनियन ऑफ
23:42
इंडिया यूनियन ऑफ इंडिया 2020 का जजमेंट है और इसमें ही क्या कर दिया था इसमें
23:50
सुप्रीम कोर्ट ने ये कलर शायद दिख नहीं रहा होगा
23:55
आपको इसमें सुप्रीम कोर्ट
24:03
ने सुप्रीम कोर्ट ने 10 पर यानी ईडब्ल्यूएस के 10 पर
24:10
रिजर्वेशन को ईडब्ल्यूएस के 10 पर आरक्षण के
24:17
प्रावधान को रिजर्वेशन के प्रोविजन को आरक्षण
24:22
के प्रावधान को संवैधानिक ठहराया
24:34
चलिए बहुत अच्छे तो अब याद रखना कौन सा जनहित
24:40
याचिका जजमेंट बहुत बड़ा है सुप्रीम कोर्ट
24:46
ओके चलिए आगे चलते हैं आर्टिकल 16 की तरफ 15 के सब क्लॉस खत्म हो चुके हैं कौन-कौन
24:52
से सब क्लॉज में क्या-क्या मैंने पढ़ाया है प्लीज उसको तैयारी से कर ले एक बार देख
24:58
ले गौर कर ले और संविधान से मोहब्बत कर ठीक है कक जब आप
25:07
किसी से इतनी चाहत रखते हैं क्यक किताबें भी चाहत चाहती है ठीक है चाहत और मोहब्बत
25:13
में यही फर्क है मोहब्बत में का अर्थ होता है पा लेना और चाहत का मतलब होता है कि
25:19
उसे चाहते ही रहना संविधान को चाहते ही रहिए य आपको एग्जाम हॉल में आपकी चाहत एक
25:26
दिन काम आएगी क्योंकि किताबों को जब आप पढ़ते हो तो किताबों को
25:31
आप नहीं पढ़ते किताबें आपको पढ़ती है अब हम बात करते हैं आर्टिकल 16 की तरफ
25:40
और सभी तैयार हो जाए आर्टिकल 16 क्या कहता है पहले इसका एक ऑथेंटिक यानी ऑथेंटिक
25:47
स्टेटमेंट क्या है आर्टिकल 16 का देखो यह कहता है कि सरकार
25:53
यानी यह कहता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 के अनुसार
25:58
अकॉर्डिंग टूस आर्टिकल 16 भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 के
26:04
अनुसार सरकार राज्य सेवाओं के अधीन आने वाले सभी
26:09
पदों पर के नियोजन में किसी भी तरीके का भेदभाव नहीं
26:17
करेगी मुख्यत धर्म जाति लिंग मूल स्थान और
26:23
मूल वंश के आधार पर भेदभाव नहीं होगा यानी सरकार कोई अधिकार बिल्कुल भी नहीं है और
26:30
कतई नहीं है बिल्कुल सख्त मनाई है सरकार को कि सरकार अपॉइंटमेंट के बेस पर आपको
26:36
लगता है कि सरकार अपॉइंटमेंट के वक्त सर जो हमसे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाती है
26:42
डीवी करवाती है सर उसमें भी आरक्षण की व्यवस्था होती है अरे वही आरक्षण का मतलब
26:48
आप समानता मानिए बस मैंने एक चीज को यहां पर थोड़ा सा क्लेरिफाई कर दिया है कि
26:54
आरक्षण और समानता दोनों में बस इतनी सी समानता है उन लोगों को मिलना चाहिए जिनको
27:00
इनकी वास्तव में आवश्यकता है ऐसे लोगों को बिल्कुल नहीं कि जिनको आवश्यकता ही नहीं
27:05
है लेकिन हम उनको दिए जा रहे हैं और समानता की जगह असमानता आई जा रही है समाज
27:11
में यहां पर खतरा हो सकता आर्टिकल 16 में लिख सकते हैं आप
27:18
सरकार सरकार किसी भी आधार पर सरकार किसी भी आधार
27:27
पर और किसी भी आधार प पर मतलब है आप
27:34
धर्म जाति
27:41
लिंग मूल वंश और जन्म
27:46
स्थान के आधार पर
27:58
आधार पर राज्य सेवाओं के
28:06
अधीन राज्य
28:12
सेवाओं के अधीन आने
28:18
वाले आने वाले सभी पदों पर आने वाले सभी पदों पर सभी पदों की
28:25
भर्तियां एवं नियोजन भर्तियां एवं नियोजन या अपॉइंटमेंट
28:37
नियोजन में भेदभाव नहीं करेगी भेदभाव नहीं
28:46
करेगी अर्थात सरकारी नियोजन में अवसर की
28:52
समानता अर्थात सरकारी
28:59
भर्तियों एवं नियोजन में सरकारी भर्तियों
29:04
एवं नियोजन में एवं नियोजन
29:12
में अवसर की
29:17
समानता अवसर की समानता को विकसित करेगी को डेवलप
29:25
करेगी विकसित करेगी तो आप यहां तक समझ चुके हैं मैंने पूरा आर्टिकल यहां पर
29:31
ऑथेंटिक लैंग्वेज उसकी लिख दी है और आप समझ चुके हैं कि सरकार जब कोई भर्ती निकालती है तो उसमें धर्म जाति के आधार पर
29:38
नहीं लिखती देखो अब मैं बता दूं एप्लीकेशन फॉर्म का मैटर क्या होता है रिजर्वेशन का मैटर समझ गए आप समानता लाना है यानी एक
29:45
व्यक्ति यह है एक व्यक्ति यह है यानी आप इसको इस वाले व्यक्ति को इतना फायदा दे
29:50
दें कि ऊपर बढ़ता चला जाए और जो नीचे है जिसको रिजर्वेशन तक लाभ नहीं मिल रहा है जो ऊपर नहीं आ पा रहा है किसी भी एक
29:58
प्रमोशन की वजह से ठीक है तो इसका मतलब है कि आप इस व्यक्ति को थोड़ा सा तो ऊपर लाइए
30:03
भाई इतना तो लाइए कम से कम कि समाज में कम से कम स्टैंड तो कर सके लेकिन हां अब यह
30:10
व्यक्ति मान लो इतना इसको यहां से उठाया और यहां तक ला दिया अब ये नीचे हो गया अब
30:16
इसको ऊपर लाना है तो कुल मिला के ये समाज में क्रम चलता रहता है कभी कोई ऊपर है तो कोई नीचे है तो कुल मिला के यदि मान लो
30:23
पहले व्यक्ति ये यहां पर था इसको आरक्षण का लाभ मिलता चला गया मिलता चला गया मिलता चला गया इसकी पूरी कम्युनिटी यहां पर आ गई
30:30
ठीक है अब नीचे कौन हो गया यह वाला व्यक्ति इस कम्युनिटी का अब इसको ऊपर लाया जाएगा फिर दोबारा फिर य ऊपर चला जाएगा तो
30:37
कुल मिलाकर यहां पर समानता लाई जा रही है संविधान केवल यहां पर इक्वलिटी की बात कर रहा है और रिजर्वेशन कभी भी आर्टिकल 14 का
30:45
लशन नहीं करता है जो विधि के समक्ष समानता जस्टिस बिफोर द लॉ ठीक है बिल्कुल उसका
30:51
बरोत नहीं करता है तो चलिए आर्टिकल 16 क्या आप समझ गए देखिए अब एप्लीकेशन फॉम की
30:58
बात करते तो आरक्षण का मुद्दा जो है वो कुल मिलाकर आप समानता की बात करें क्योंकि
31:03
आरक्षण का मुद्दा सबसे पहले उठाया था किसने हमारे संविधान के जनक हमारे फादर ऑफ
31:10
द इंडियन कांस्टिट्यूशन डॉक्टर भीमराव अंबेडकर उन्होंने इस केस को मुद्दा उठाया और वास्तव में वह आरक्षण चाहते थे और
31:17
उन्होंने करके बताया और वास्तव में जब डॉक्टर अंबेडकर इसकी बात आरक्षण की करते थे ना तो कई सारे नेता इसके विरोध में भी
31:25
थे और कई सारे नेता इसके समर्थन में ठीक है और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर खुद अनुसूचित
31:31
जाति संघ यानी शेड्यूल कास्ट यूनियन के खुद नेता भी थे अध्यक्ष
31:36
भी तो आर्टिकल 16 में अब एप्लीकेशन फॉर्म की सर सरकारी नियोजन में भर्ती के समय जो
31:42
हमसे एप्लीकेशन फॉर्म भरवाए जाते हैं उनमें भी तो सरकार हमसे रिलीजन मांगती है
31:47
जाति मांगती है और जेंडर मांगती है और उसके बाद में आपका जन्म खा हुआ है यह
31:53
मांगती है आपका स्टेट कौन सा है यह मांगा जाता है सर यह क्या लफड़ा है बात तो सही
31:58
कह रहे हो आप एप्लीकेशन फॉर्म में तो सर हो रहा है बे तो मैंने इस बात को उचित ठहराया मैंने बोला कि देखो बेटा एप्लीकेशन
32:06
फॉर्म के समय आप जो यह कटेया फिल करते हो धर्म का करो या जाति का करो या फिरने
32:13
जेंडर का भी करते हो या फिर अपने जन्म स्थान का करते हो आपका जन्म कहां हुआ है ठीक
32:18
है या किस स्टेट की किस जगह पर हुआ है तो इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार आपसे
32:24
भेदभाव कर रही है कि उसको कोई इंटरेस्ट आ रहा उसको कोई इंटरेस्ट नहीं बल्कि सरकार तो
32:31
अपना काम कर रही है और सरकार का काम यह है कि वह समाज में हर वर्ग में व देखे वो एक
32:39
बार इस पर गौर करे कि कौन सा वर्ग यानी ऐसा कौन सा वर्ग है जिसका पर्याप्त
32:45
प्रतिनिधित्व नहीं है यानी जो सरकारी फॉर्म नहीं बरता जैसे कि कल को मान लो
32:50
हमारी सोसाइटी में दो ग्रुप आ जाए एक एक्स नाम का ग्रुप एक वा नाम का ग्रुप अब एक्स
32:56
नाम के ग्रुप मान लो सरकार ने भर्ती निकाली दिल्ली पुलिस की अब दिल्ली पुलिस
33:02
की भर्ती आ गई साब अब दिल्ली पुलिस में जो भर्ती आई है उसमें सारे फॉर्म भरेंगे एक्स
33:09
भी भरेगा वा भी भरेगा लेकिन क्या होता है एक्स नाम के व्यक्ति जो है इनको एक्स नाम
33:16
के व्यक्ति ने दिल्ली पुलिस का फॉर्म फिल किया ठीक है लेकिन वा नाम के कम्युनिटी वाई नाम की कम्युनिटी ने दिल्ली
33:24
पुलिस में फॉर्म को कम भरा ठीक है मतलब वहां पर कम फम एप्लीकेशन फॉर्म को देखा या वहा पर देखा
33:31
सरकार ने इस कम्युनिटी के लोग ज्यादा फॉर्म भर रहे हैं इस कम्युनिटी के लोग कम फॉर्म भर रहे ऐसा क्यों तो उन्होंने क्या
33:38
किया फिर कमीशन के माध्यम से इसकी जांच करवाई और कमीशन ने सिफारिश दी कि सर बाई
33:44
नाम की जो कम्युनिटी है ना उनके पास रिसोर्सेस नहीं है उनके पास इंटरनेट की
33:49
व्यवस्था भी नहीं है कुल मिला केर यानी यही चीज यहां पर कंटीन्यूअस आगे
33:57
ती जा रही थी ठीक है तो यानी एक्स नाम की कम्युनिटी ने दिल्ली पुलिस के फॉर्म ज्यादा फिल किए और बाई नाम की कम्युनिटी
34:04
ने दिल्ली पुलिस के फॉर्म इतने कम इसलिए फिल किए क्योंकि उनके पास रिसोर्सेस नहीं
34:10
थे जब रिसोर्सेस नहीं होते तो हमारी पहुंच बहुत कम हो जाती इसलिए तो यहां पर सरकार
34:17
का ये ड्यूटी है सरकार का यह राइट है कि वो यहां पर उस कम्युनिटी जांच करें
34:22
इन्वेस्टिगेटिंग करे कि कौन सी कम्युनिटी अपना रिप्रेजेंटेशन कम दिखा रही है इसलिए
34:29
आपसे धर्म आपसे जाति आपसे लिंग और आपसे जन्म स्थान पूछा जाता है कि जैसे कि मान
34:35
लो राजस्थान में आज 33 जिले हैं मतलब अभी 50 का घोषणा कर दी है ऑथेंटिक 49 मान सकते
34:41
हैं 49 जिले हैं आज राजस्थान लेकिन 4 जिलों में से क्या सारे जिले फॉर्म भर रहे
34:48
हैं बराबर मात्रा में राजस्थान सरकार वैकेंसी निकालती है ऐसा तो नहीं हो सकता मान लो कुछ कम्युनिटी ऐसी होगी जो
34:55
राजस्थान के आज पिछड़े इलाकों में रह रही है जिनके पास पीने के लिए ना तो पानी है ना खाने के लिए खाना है ना रहने के लिए घर
35:01
है उनके पास रिसोर्सेस वो भर्तियों की बात तो छोड़ो व रोटी को अपने रोटियों की
35:08
व्यवस्था कर ले तो बहुत बड़ी बात है व अपने रहने का इंतजाम कर ले तो बहुत बड़ी बात है इसलिए जब एडवर्टाइजमेंट उनसे पढ़ने
35:17
में नहीं आएगा तो व फॉर्म फिल ही क्यों करेंगे सीधी बात है ना क्योंकि पहली बात तो उन्हे हमने हमें ऊंचे वर्गों ने निचले
35:25
तबके वर्गों को कभी पढ़ने का मौका नहीं दिया अब जिस व्यक्ति पर सरकार की विज्ञप्ति को पढ़ा ही नहीं जा रहा वो
35:30
फॉर्म क्या भरेगा इसलिए इसलिए सरकार क्या करती है उस कम्युनिटी को ऊपर लाने का
35:36
प्रयास करती है और ऊपर लाने का प्रयास में केवल एक है कि सरकार उस कम्युनिटी से डाटा
35:42
मंगवाए और डेटा लेने का तरीका क्या है एप्लीकेशन तो आप समझ चुके हैं एप्लीकेशन
35:49
फॉर्म में जो आपसे जाति पूछी जाती है वो एक डिस्क्रिमिनेशन नहीं है या न
35:55
डिस्क्रिमिनेशन इट इक्टी अकॉर्डिंग टू आर्टिकल 4 दिस इंडियन कांस्टिट्यूशन यानी
36:02
हमारे आर्टिकल 14 है विधि के समक्ष समानता कि कानून सबको बराबर की नजरों से देखेगा
36:08
और कानून सबको बराबर की नजरों से कब देखेगा जब हम सभी को बराबर की मात्रा में य पर
36:20
लाएंगे चलिए अब आगे चलते हैं 16 सब क्लस वन 16 सब क्लॉज वन में एक
36:28
बड़ा ही अजीबो गरीब केस था मध्य प्रदेश
36:34
यानी एक केस आया था मैं आपको बताना चाहूंगा 16 सब क्लज वन की तरफ चलते हैं अब यहां पर एक केस
36:47
आया 15 सब क्लॉज वन इस केस को ध्यान से पढ़ना क्योंकि कभी-कभी क्या जाता है
36:55
प्रतिनियुक्ति एक शब्द आता है जिसको इंग्लिश में कहते हैं कंपैशनेट क्या कहते हैं
37:00
कंपैशनेट क्योंकि आप सभी की नियुक्ति होती है जो भी आज आप बच्चे तैयारी कर रहे हैं
37:06
चा यूपीएससी का कर रहे हैं ठीक है चाहे वो एसएससी सीजीएल का कर रहे हैं किसी भी
37:11
सरकारी अपॉइंटमेंट के लिए आप जो सरकारी नौकरी की भर्ती की तैयारी कर रहे हैं वो
37:17
आप सरकारी नियोजन मान लीजिए गवर्नमेंट अपॉइंटमेंट मान लीजिए ठीक है लेकिन कंपैशनेट अपॉइंटमेंट का क्या मतलब है
37:25
हमारे संविधान ने कंपैशनेट अपॉइंटमेंट की व्यवस्था को क्यों एक्सेप्ट किया वाई ये
37:31
क्वेश्चन आपके माइंड में उठना चाहिए तो आर्टिकल 16 सब क्लॉज वन की मैं एक बत बात बताता
37:36
हूं आर्टिकल 16 सब क्लॉज वन में एक कंपैशनेट अपॉइंटमेंट की बात हुई और यह
37:43
शब्द कैसे उठा यानी श्रीमती ज्योति शर्मा वर्सेस स्टेट ऑफ एमपी का केस था
37:48
2020 श्रीमती ज्योति शर्मा जो एमपी की रहने वाली थी उन्होंने केस दायर किया हाई
37:55
कोर्ट ऑफ मध्य प्रदेश ठीक ऑफ एमपी क्योंकि राज्य का मामला है तो पहले तो एमपी में
38:00
जाएगा उसके बाद फिर सुप्रीम कोर्ट में जाएगा यदि वो सेटिस्फाइड नहीं हो तो श्रीमती ज्योति शर्मा के जो पिताजी थे ठीक
38:08
है वो एक गवर्नमेंट सर्वेंट थे ठीक है हालांकि मुझे पद का नाम याद नहीं है लेकिन हल्का मुझे केस याद है आप सुन ले एक बार
38:15
तो उनके पिताजी गवर्नमेंट सर्वेंट थे और जब गवर्नमेंट सर्वेंट थे तो उनके पद पर रहते हुए ही मृत्यु हो गई थी डेथ हो गई थी
38:23
और जब उनके पद पर रहते हुए डेथ हो गई थी तो अब सीधी जिम्मेदारी है आप सभी को पता
38:28
है कि जब आपके माता पिता की पद पर रहते हुए सरकारी सेवा में पद पर रहते हुए
38:33
मृत्यु हो जाती है तो उसकी नौकरी उसके बेटे को मिल जाती है लेकिन श्रीमती ज्योति
38:40
शर्मा का कोई भाई नहीं था यानी पिताजी का कोई बेटा नहीं था अब यह बात है और श्रीमती
38:45
ज्योति शर्मा की शादी हो चुकी थी तो जब श्रीमती ज्योति शर्मा की शादी हो गई तो घर की किसी भी चीज पर उसका पटवारा नहीं यानी
38:52
उसका कोई हक नहीं क्योंकि नौकरी तो बेटे को मिलती है बेटी को नहीं ये पहले एक नहीं था
38:58
तो अब यह श्रीमती ज्योति शर्मा ने मामला उठा दिया हाई कोर्ट हाई कोर्ट का ये बयान
39:03
आया कि हम लिंग के आधार पर यह भेदभाव नहीं कर सकते य नौकरी बेटी को नहीं मिलेगी
39:12
क्योंकि वह एक फीमेल है नहीं यानी जेंडर के बेसिस पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा
39:18
जैसे नौकरी एक मेल को मिलती है कंपैशनेट के आधार पर ऐसे ही इसी प्रकार से एक फीमेल
39:24
को भी नौकरी मिलेगी कंपैशनेट के बेसिस इसे कहते हैं कंपट अपॉइंटमेंट जब आप बिना
39:31
पेपर दिए जनाब बिना पेपर दिए बिना फॉर्म फिल किए पले आप फॉर्म फिल करते हो फिर
39:37
पेपर देते हो तो बिना फॉर्म फिल किए और बिना पेपर दिए जब आपके माता या पिता की
39:43
जगह पर आपकी जब नौकरी लगती है तो उसे कंपैशनेट अपॉइंटमेंट कहा जाता लिख देते
39:49
बार आप य पर लिख सकते हैं प्रतिनियुक्ति
39:55
प्रतिनियुक्ति प्रति अधिकार कंपैशनेट अपॉइंटमेंट
40:01
राइट इंग्लिश में लिख सकते हैं आप
40:07
इसे कंपैशनेट अपॉइंटमेंट
40:15
राइट बताओ अब यहां पर संविधान के जानने वालों ने यह नहीं को सोचा होगा कि भैया अब
40:23
यहां से लिंक अब जो जो व्यक्ति ये कहते थे कि भैया जडर के बेसिस पर भेदभाव हो रहा है भेदभाव हो रहा है अब बोलो ना जो संविधान
40:32
को पढ़ लिया या जो संविधान को पढ़ के नहीं आए हैं लेकिन फिर भी संविधान के रक्षक बने हुए बड़े सोचने वाली बात मुझे समझ में
40:40
नहीं आती संविधान के रक्षक संविधान के रक्षक संविधान पढ़ के तो आ
40:45
जाओ रक्षक बन लेना भाई चलिए तो कमप अपॉइंटमेंट य पर आप केस लिख सकते हैं
40:54
श्रीमती ज्योति शर्मा श्रीमती ज्योति शर्मा वर्सेस स्टेट ऑफ
41:03
एम स्ट ऑफ मध्य
41:10
प्रदेश बहुत बढ़िया तो आप समझ गए य पर ठीक है
41:17
प्रतिनियुक्ति अब मैं सीधा पढ़ाने जा रहा हूं आपको अनुच्छेद 16 सब क्लस सि
41:27
सर बोलेंगे बीच के कहां गए बीच के हम खा गए नहीं है बीच में क्या हुआ है आर्टिकल
41:34
जो ू सब क्लस थ है वो लगभग 15 आपको तो सिक्स प बात कर लेते हैं क्योंकि फाइ और
41:41
सिक्स मैं आपको एक बात बता दूं 15 सब क्लस फिक्स है ना ये ईडब्ल्यूएस की बात करता है
41:47
लेकिन ईडब्ल्यूएस में सरकारी सेवाओं की बात पहले आपने 15 सब क्लस सि देखा था तो
41:52
15 सब क्लस सि क्या कहता है वो कहता है ईडब्ल्यूएस रिजर्वेशन मैक्सिमम 10 पर फर ईडब्ल्यूएस कैटेगरी इन
42:02
हायर एजुकेशन यानी वो शैक्षणिक संस्थानों के लिए लेकिन सब क्लस सिक्स जो है 16 वाला
42:09
यह काम करता है सरकारी सेवा लिख आप 2000 नहीं केंद्र सरकार
42:16
ने केंद्र सरकार ने 2019 में आर्थिक रूप
42:23
से
42:28
आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय
42:37
के वर्गों के लोगों के लिए वर्गों के लोगों के
42:44
लिए वर्गों के लोगों के लिए सरकारी सेवाओं
42:55
में सरकार सेवाओं
43:01
में अधिकतम 10 प्र आरक्षण की व्यवस्था की गई 10 प्र
43:08
आरक्षण की व्यवस्था की
43:15
गई बहुत बढ़िया यहां से आप समझ चुके हैं यानी सब क्रॉस सिक्स में बात क्या होती है
43:22
सरकारी सेवा केलिए गवर्नमेंट अपॉइंटमेंट
43:28
आर्टिकल 16 खत्म हो चुका है आपका अब आते हैं आर्टिकल 17 की
43:36
तरफ आपको पता है 2019 में हमारे भारत में
43:42
लोगों को ऐसे गिरफ्तार किया जा रहा था जैसे कि वह कोई जानवर है जानवर इन द सेंस
43:50
जैसे एक हमारे इतिहास में हमारा कॉलोनियल सिस्टम काम कर रहा था हमारे भारत में आप
43:57
उपनिवेश काल कहते हैं तो कॉलोनियल टाइम पीरियड में क्या था अंग्रेजों ने प्रथा बनाई थी और अंग्रेजों की ये प्रथा थी ये
44:04
ट्रेडीशन था कि यानी उनकी नजर में हर भारतीय गलत था कहने में कोई दिक्कत नहीं
44:11
है और कहना भी चाहिए कॉन टाइम पीरियड में यह था कि वह कहते थे अंग्रेज कहते थे कि
44:17
हर क्रांतिकारी देशद्रोही जहां तक अंग्रेजों ने तो राजगुरु सुखदेव और भगत सिंह को नहीं छोड़ा
44:25
या उनकी नजर में तो यह पाप गुना है जो अपने देश के लिए लड़ रहा है
44:30
गुना कर रहा है अंग्रेजों को तो यही लगता था तो अंग्रेजों ने 1919 के आसपास एक
44:37
रोलेट एक्ट पारित किया उस रोलेट एक्ट में ये ट्रेडीशन लाया गया था यह एक कहावत आई
44:43
थी वहां पर उस रोलेट एक्ट में यह था कि जो भी अंग्रेजी सरकार के
44:49
खिलाफ इतिहास नहीं पढ़ा रहा लेकिन उसका थोड़ा सा पार्ट बता रहा हूं यहां पर वो काम आएगा कि रोलेट एक्ट में यह प्रावधान
44:57
ये प्रोविजन किया गया कि जो भी अंग्रेजी सरकार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है या
45:03
षड्यंत्र रच रहा है य देश के किसी भी कोने में अंग्रेजी सरकार को खतरा पहुंचाना चाहता है ठीक है उनके खिलाफ जांच की जाए
45:12
और यदि जांच सत्य पाई गई कुछ सत्य नहीं है अंग्रेजों के लिए तो
45:17
उनका हेड भी उनका टेल भी उनका था यदि कोई व्यक्ति उनके खिलाफ षड्यंत्र भी नहीं कर रहा होता था ना तो उस पर आरोप लगा देते थे
45:25
और उसे अपराधी बनाने में उन्हे दो मिनट नहीं लगती थी ठीक है यही उनका सिस्टम था क्योंकि अंग्रेज कौन से न्यायवादी थे वो
45:32
थे भ्रष्टाचारी चलिए उसके बाद क्या हुआ उने एक सिस्टम बनाया रोलेट एक्ट में कहावत की गई ना कोई वकील ना कोई अपील और ना कोई
45:40
दलील नी तीन कहावत थी यदि कोई व्यक्ति आरोपी हो चुका है व ना तो आपको कोई वकील
45:48
करने देगा ना आप अपील करोगे और ना ही आप कोई दलील दोगे कुल मिलाकर ना तो अपना बचाव
45:55
कर सकते हो केवल मु दर्शक बने रही है अंग्रेजी सरकार कह रही है कि यू आर अ
46:00
क्रिमिनल तो आप मान लीजिए यस आई एम अ क्रिमिनल बस इतनी सी बात थी यही नरेंद्र
46:06
मोदी सरकार में 2019 में केस आया था और 2019 का यह केस था कि उस समय क्या था
46:13
नरेंद्र मोदी जी ने एससी एसटी एक्ट पारित किया और एससी एसटी एक्ट में यह हुआ कि जो
46:19
भी व्यक्ति जो नॉन एससी एसटी है जैसे कि सवण वर्ग है ठीक है यानी जो भी व्यक्ति
46:26
एससी और और एसटी कम्युनिटी के वर्ग का अपमान करेगा चाहे अपने काम से करे चाहे
46:32
अपनी जवानी मुंह से करे मुंह जवानी से करे कैसे भी करेगा उसको सीधे गिरफ्तार करिए
46:38
बिना वारंट के और उसको सीधे जेल में डालिए और जमानत भी नहीं होनी चाहिए ये केंद्र
46:45
सरकार का स्टेटमेंट इसका मतलब क्या हुआ इसका मतलब
46:50
यह हुआ कि कुल मिला के यहां पर एससी एक्ट एक्ट के जो कम्युनिटी के जो लोग थे उनको
46:57
नरेंद्र मोदी सरकार प्रोटेक्ट करना चाहती थी लेकिन कहते हैं कि हमारे भारत में यदि
47:03
किसी को भी शह दे दी जाए तो वो उस कानून का दुरुपयोग करने लग जाता है ये हुआ है और
47:09
हकीकत में हुआ जैसे कि अभी क्या होता है अभी हमारे भारत में एक मेरे हमारे मित्र
47:16
एक एडवोकेट हैं संविधान से रूबरू होते रहते हैं तो एडवोकेट हैं बातचीत होती रहती
47:22
है तो एक केस हमने भी सुना अब ये तो एससी एसटी एक एक्ट था इसके एससी और एसटी
47:29
कम्युनिटी के लोगों ने ही इसका सबसे ज्यादा मिसयूज किया किसी की दुश्मनी चाहे
47:35
परिवार से हो चाहे किसी की संपत्ति से हो यदि मान लो किसी भी एससी एसटी ने इस पर य
47:41
आरोप लगा दिया कि यह मुझसे दुर्व्यवहार कर रहा है आप समझ रहे हो ना यानी मामला कोई
47:46
और था और लगा दिया एससी एसटी एक्ट पुलिस आई उसको गिरफ्तार करके ले गई अब वो पुलिस
47:52
से कह रहा है कि सर मैंने अपमान थोड़ी किया था मैं तो किसी और मैटर पर बात कर रहा था तो यह होता कानून का दग तुरंत
47:58
नरेंद्र मोदी सरकार ने इसको वापस लिया क्योंकि इसका मिसयूज बहुत ज्यादा होने लग
48:03
अच्छी बात है कानून का दुरुपयोग नहीं होना कानून का आप यदि यूज कर रहे हैं कानून को
48:09
अपना बड़ा भाई के तौर पर मान रहे हैं तो मैं मानता हूं कि ठीक फिर चलता है हालांकि
48:16
हमारे शेड्यूल कास्ट और शेड्यूल ट्राइब को लेकर हमारे भारत में और भी सारे कानून है जैसे कि एक चलता है अनटचेबिलिटी प्रिवेंशन
48:24
एक्ट ऑफ 19 काम करता है उसके अलावा एक काम करता है
48:30
सिविल प्रोटेक्शन राइट्स एक्ट ऑफ 1976 काम करता है ये बहुत अच्छा कानून है चलिए
48:36
कानून आज भी है ऐसी बात नहीं है लेकिन बिना वारंट के गिरफ्तारी करना से कोई वकील
48:41
हायर नहीं कर सकता भैया कोई अंग्रेजी सरकार हो क्या ऐसा नहीं होना चाहिए चलिए
48:47
बहुत अच्छे अब आते हैं नेक्स्ट आर्टिकल 17 प जिसको लिखना बहुत सही वक्त भी है और लिख
48:54
देते हैं तो ये केवल अनटचेबिलिटी को छुआ छूत का अंत कर हमारे आज भारत की
49:01
विडंबना है भारत के कई सारे गांव में आज भी छुआ छूत बड़े स्तर पर हो रही है आंखों
49:08
देखी देखी घटना बताना तो नहीं चाहता दुख होता है बताते हुए लेकिन फिर भी आज भी
49:14
भारत के कई सारे रूढ़ीवादी गांव में पर रूढ़ीवादी प्रथाएं वहां पर भी ऊंची जाति
49:22
का व्यक्ति एक गिलास पानी पीने से इसलिए मना कर देता है नीज जाति का व्यक्ति लाया
49:28
था वह पानी अपवित्र हो गया चाहे मैं तमिलनाडु के उस बाली गोंडापुर गांव की बात
49:35
करूं वहां के सरपंच ने नीचे जाति के लोगों से कुए से पानी
49:41
निकालने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि वहां से नीची जाति का भी पानी पीता है और वह अवित्र हो
49:48
जाएगा यही बात है सा यह सारी चीजें आपको देखनी पड़ेंगी और
49:53
यह चीजें करंट में आती है न्यूज में आती है न्यूज देखा करें का यूज यूज किया करें
49:59
प्लीज ठीक है मैं आपको एक एप्लीकेशन बता देता हूं एक इनशॉर्ट्स एप्लीकेशन आ आप
50:05
वहां पर नेशनल और इंटरनेशनल डिबेट्स नेशनल और इंटरनेशनल सकते हैं जो भी हो रहा है
50:12
हमारे ज्यादा तो आपको भारत से ही मतलब होगा भारत की भीती आप देख सकते इंग्लिश में है सारा तो
50:20
हिंदी वाले भी समझ जाएंगे ऐसे कोई दिक्कत आएगी नहीं बहुत इजी इंग्लिश चलिए आर्टिकल 17 एक बार लिख लेते
50:26
हैं
50:32
इसम लिख सकते हैं कि सरकार सरकार व्यक्तियों
50:41
का सरकार का यह सरकार का यह अधिकार है सरकार का यह
50:49
अधिकार है वह समाज से
50:56
समाज सोसाइटी से समाज से समाज से हुआ छूत का अंत करें और बताऊं
51:05
आर्टिकल 17 हमारे भीमराव अंबेडकर जी के द्वारा इस पर कतई जोड़ दिया गया इतना जोड़
51:10
दिया गया छूत को मैं आपको बता दूं यह आज की कोई कहानी नहीं है ऐसा नहीं है कि भारत
51:16
आजाद हुआ 1947 में 50 में संविधान बन गया था लागू हो गया था पूरी तरीके से ठीक है
51:22
तब से य कहानी है तो ये 74 72 सालों की कहानी नहीं है ये 3000 की कितनी तीन से
51:28
साढ़े इतिहास गवा इस चीज आपने कभी भीमराव अंबेडकर की उस किताब को पढ़िए का उनकी
51:34
अंबेडकर मुझे पब्लिकेशन याद नहीं कल बता दूंगा भीमराव अंबेडकर जी की जीवनी है मैं
51:40
उन्होंने लिखा है जब मैं बेलगाड़ी से स्कूल जाता था तो उस समय भी बेलगाड़ी का
51:46
जो चालक था व मुझे इसलिए मना कर दिया करता था क्योंकि मैं दलित था क्योंकि मैं दलित
51:52
था मैं बैक वेंचर इसलिए था क्योंकि वहा के य के प्रोफेसर मुझे इसलिए मना करते थे
51:58
क्योंकि आप दलित हो तो आप पीछे बैठो हालांकि उसमें छात्रों का भी हाथ था ऐसी
52:03
बात नहीं है तो कई सारी उन्होने कहानिया लिखी उस कहानी के किस्से आप वहां से पढ़ सकते हैं तो वह समाज
52:11
से पूर्ण रूप से पूर्ण रूप से छुआछूत का अंत
52:19
करें अनटचेबिलिटी कह सकते हैं इसको
52:29
छूत का अंत करे कहते एलन ऑफ
52:36
अनटचेबल अंत करे ठीक है और शॉर्ट में लिख सकते
52:43
हैं एलन ऑफ
52:55
अनटचेबल देखो दलितों के साथ य भेदभाव हो रहा है आज भी हो रहा है बात नहीं है मैं
53:01
तो कह रहा हूं कि जो व्यक्ति छुआछूत करता है उसको कभी मेट्रो सिटी में जाके पटक दो
53:06
और उससे बोलो कि मेट्रो में सफर करो बड़ी बात बोली है मैंने मेट्रो में
53:12
सफर करो अब मेट्रो में तो वो किसी भी हाल में देखो हुआ छूत वाली सोच वाले जो
53:18
व्यक्ति होते हैं ना उनकी सोच को समझा के नहीं बदला जा सकता उनकी सोच को बदला जा
53:24
सकता है एनवायरमेंट आप उन किसी प्रकार का दबाव मत बनाइए मैं आपसे कह रहा हूं यदि
53:29
आपके गांव में आज भी परदादा जी जिंदा है ग्रेट ग्रैंडफादर है जिंदा भी है तो
53:36
करीबन करीबन मैं मानता हूं उस प्रता के ही रहे होंगे बिल्कुल रहे होंगे क्योंकि उनका जमाना उस टाइम पर छूत वाला ही था ठीक है
53:44
हा दादा जी फिर भी अतक नहीं करते होंगे लेकिन जो ग्रेट ग्रैंडफादर है वो करते होंगे पक्की बात यदि वो ची जाति से आ तो
53:51
कुल मिला के बात ये है यदि उनको समझाना बुझाए तो भैया उनके एथिक्स उनकी ए जो है
53:57
वो 90 और 95 की हालांकि कुछ तो 100 क्रॉस भी कर जाते हैं तो उनकी जज इस वक्त ऐसी है
54:05
समझाना भुना काम नहीं आएगा क्योंकि उनके जवानी से लेकर और उनके बुढ़ापे तक का जो
54:11
सफर है ना व इतना मजबूत हो गया है उनको समझाने या भुने से काम नहीं चलत को यदि आज भी भारत के उन गांव से
54:19
पंचायतों से ठीक हैम करना है तो सबसे बड़ी बात है कि उन बड़े बूढ़ों को आप मेट्रो
54:25
सिटी में लाकर पटको और मेट्रो सिटी में उसे य बोलो कि एक दिन बिता के बताए सही
54:30
बता रहा हूं देखो भूख से प्यारा कुछ नहीं होता ठीक है और मौत से डर सबको लगता है
54:37
ठीक है मैं बता रहा हूं यदि वो एक दिन भूखा रहेंगे एक दिन भूखा दो दिन भूखा उसके
54:42
बाद वह किसी ना किसी रेस्टोरेंट पर जाकर जरूर पूछेंगे भाई साहब खाने में क्या बनाए ठीक है अब भूखा व्यक्ति खाना बनाने वाले
54:49
रेस्टोरेंट से धर्म नहीं पूछेगा जाति नहीं पूछेगा वो दलित भी हो सकता है अब खाना
54:55
खाना ही पड़ेगा उस दिन उनकी छुआछूत की सोच खत्म हो जाएगी उनको मेट्रो में लाकर पटग
55:01
और बोलिए कि मेट्रो में एंट्री करिए अब उनके लिए पर्सनल मेट्रो तो लाई नहीं जाएगी मेट्रो में जो लोग सफर कर रहे हैं वो कई
55:08
सारे धर्म और कई सारे जाति के वहां पर उनको टच भी होगा तो वहां पर उनकी सोच खत्म
55:13
वो बोलेंगे यार कुछ नहीं होता टच होने हम तो नहीं हुए पब तो ऐसे लोगों के एथिक्स
55:18
बहुत मजबूत होते हैं तो रास्ते भी एक बार यूपीएससी में क्वेश्चन पूछा गया था आईएएस
55:23
में कि छुआ छोत को अंत या खत्म समाप्त करने के सुझाव दीजिए ठीक है कुछ 250 शब्द
55:30
का था उसपे ये सुझाव बहुत अच्छा लगा मुझे काम भी आया समाज से पूर्ण रूप से छुआछूत का अंत करे सरकार का ये होगा और इसके लिए
55:38
सरकार अब जो करे अब भैया ना करे तो उसका क्या इलाज है और सबसे बड़ी बात आर्टिकल 17
55:44
जो है यह सरकार एवं व्यक्तियों पर भी लागू हो सरकार
55:51
एवं व्यक्तियों पर भी लागू होता है अब चलो सरकार तो अनटचेबिलिटी नहीं करती है छुआछूत
55:56
नहीं करती है लेकिन मान लो व्यक्ति ही करने लग जाए तो सोसाइटी में आपका पड़ोसी
56:01
दलित से है तो आप उसके साथ छुआछूत कर रहे हैं ठीक है व्यक्तियों पर लागू होता है यानी
56:09
व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से भी नहीं कर सकता लागू होता
56:15
है चलिए बहुत अच्छे अब आर्टिकल 17 पे थोड़ा सा राइट लिख लेते हैं अब सरकार क्या
56:21
करती है देखो हमारे भारत में कुछ लोग ऐसे हैं
56:27
जिनको मोरालिटी और एथिक्स समझ में नहीं आती उनके लिए एक अच्छा सा व्यवस्था कर रखी
56:35
है वह है दंड की वव जब आप एथिक्स में यूपीएससी वाले समझ गए होंगे जब आप एथिक्स
56:41
पढ़ते हैं तो एथिक्स में एक सोशलाइजेशन प्रोसेस आता है और सोशलाइजेशन प्रोसेस यह बताता है कि भैया जो समाज के रूल्स मानेगा
56:49
उसको तो हम पुरस्कार देंगे उसको प्राइस देंगे और जो नहीं मानेगा उसको दंड देंगे उनको सक्शन करेंगे ठीक है अब सक्शन कर
56:56
दिया तो कुछ लोगों के बात प्यार की भाषा समझ में नहीं आती तो उनके लिए सरकार ने एक अलग व्यवस्था कर रखी उनके लिए कर रखा है
57:03
कि देखो भैया संविधान पढ़ के आओ संविधान में आर्टिकल 17 लिखा हुआ है कि छुआछूत का अंत करो ठीक है फिर भी तुम नहीं करते हो
57:12
तो तुम्हारे लिए एक बहुत अच्छा एक गुलाब के फूलों से भरी माला हम आपके लिए तैयार
57:18
कर लेते हैं और वो है दंड की व्यवस्था दंड की व्यवस्था का मतलब होता है आजीवन
57:23
कारावास की व्यवस्था और आजीवन कारावास में जमानत नहीं होती है भाई साहब मैं आपको बता
57:28
दूं तो कभी भी एससी और एसटी एक्ट प्रोटेक्शन एक्ट से भैया प्लीज बच के रहना
57:34
बचके कम से कम किसी की भावना को आहत ना करें और कम से कम डर की भावना तो बिलक ठीक
57:41
है डर की भावना से ही काम कर लो यार क्यों किसी का अपमान करना इसके लिए सरकार ने एक
57:46
एक्ट बनाया था 1956 में पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार थी और उस समय एक्ट चलता था
57:52
अनटचेबिलिटी प्रिवेंशन एक्ट ऑफ 1956 आप लिख सकते हैं अश्व
58:00
प्रसताव पश्चताप निषेध
58:06
अधिनियम अपराध निषेध अधिनियम ये एक्ट काम करता था समझे चलिए
58:15
उसके बाद हम बात करते हैं और इसी को 1956 काम करता था और इसी को हमारे
58:22
1976 हमारे भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी के समय
58:28
इसको क्या कर दिया इसको कर दिया सिविल राइट्स प्रोटेक्शन एक्ट सिविल
58:35
राइट्स प्रोटेक्शन एक्ट प्रोटेक्शन एक्ट ऑफ
58:42
1976 कर यानी सिविल अधिकार संरक्षण
58:52
अधिनियम सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम
58:59
चलिए बहुत अच्छे तो कुल मिलाकर आप बात समझ गए हैं अच्छा एक स्टूडेंट मुझसे पूछता भी
59:05
है और देखो यह मेरी ऑफलाइन स्टोरी है जब हम ऑफलाइन बचेस लेते थे तो वहां पर तुरंत क्वेश्चन आ जाते हैं कैमरे कैमरे के सामने
59:13
हम क्लास लेते हैं तो क्वेश्चन बाद में मिलते हैं और उनका रिप्लाई फिर बाद में आता है ठीक है ऑफलाइन बचेस की खास बात यह
59:19
होती है कि वहां पर क्वेश्चन तुरंत पुट अप होते हैं एक टाइम होता है लेक्चर के बाद 10 से 15 मिनट का वहां पर डाउट सॉल्विंग
59:26
होती है तो वहां बड़ा मजा आता है डिबेट करने में स्टूडेंट पूछता है हमसे कि सर आर्टिकल 17 में जो छुआछूत है छुआछूत को
59:35
कभी भी हमारे संविधान में इसको लिखा नहीं गया मैं आपको बता दू छूत संविधान में नहीं
59:40
है सब आप इस संविधान शब्द मत मान लेना गलती से कि सर छुआ छू संविधान में लिखा
59:45
हुआ है कि अंबेडकर साहब को लिख के गए थे नहीं जी नहीं लिख के नहीं गए थे इसको यानी हमारे छुआ छू शब्द की हम बात करते हैं
59:52
अनटच की बात करते हैं ये हमारे व्यवहार से और हमारे एक्शन से क्या होता है जस्टिफाई
59:59
होता है यानी हमारा व्यवहार कैसा है कल को कोई व्यक्ति किसी दलित को एब्यूजिंग वर्ड
1:00:04
यूज़ करें उससे बदतमीजी से बात करें उसकी जाति को कोसे तो यह हो गया उसका व्यवहार
1:00:10
ठीक है तो उसके बिहेव के बेसिस पे उसको दंड मिलेगा व सक्शन दिया एक होता है एक्शन
1:00:15
एक्शन का मतलब क्या है जैसे पानी का गिलास मैं एग्जांपल लिया था आप किसी को घर में इसलिए अंदर नहीं आने दे रहे क्योंकि वो
1:00:22
दलित है ठीक है यह एक्शन और उसके आने के बाद फिर आप घर की धरी को धो रहे हो ये
1:00:27
एक्शन है तो कुल मिलाकर बात बता रहा हूं अपने व्यवहार से और अपने एक्शन से भी हम
1:00:34
अनटचेबिलिटी को शो कर सकते हैं लेकिन हमको नहीं करनी है क्योंकि इसके लिए सरकार ने
1:00:39
दंड की व्यवस्था की है आज भी कई सारे लोग केस
1:00:44
में नाम दर्ज है इनका जिनकी जमानत तक नहीं हां जी जमानत नहीं वकील भी दूर भागता
1:00:52
है इससे वकील केस को हायर नहीं करते को भी हायर नहीं करेगा भैया अनटचेबिलिटी
1:00:58
का मामला है मैं नहीं जा रहा कुल मिला के यही बात होती है फिर भी आप इसका सम्मान
1:01:04
करें और सम्मान नहीं करते हैं जो इसका सम्मान नहीं करेंगे य पर सक्शन भी है तो
1:01:09
प्लीज बच के र ठीक है चलिए अब हम आर्टिकल 18 की बात करेंगे लेकिन ये बात करेंगे हम
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नेक्स्ट लेक्चर में चलिए अब जो आर्टिकल 15 16 और 17 इस लेक्चर में हो गए आर्टिकल 18
1:01:22
के हम नेक्स्ट लेक्चर में बात करेंगे फिर मिलते हैं आपसे सभी खुश रहे अच्छे रहे
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स्वस्थ रहे नमस्कार धन्यवाद सी
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