Fundamental Rights - Article 12 to 35 of Indian Constitution #ParikshaJunction #FundamentalRights 7
Nov 12, 2024
The #FundamentalRights in India enshrined in part III (Article 12–35) of the #Constitution of India guarantee civil liberties such that all Indians can lead their lives in peace and harmony as citizens of #India. These rights are known as "fundamental" as they are the most essential for all-round development i.e., material, intellectual, moral and spiritual and protected by fundamental law of the land i.e. constitution. If the rights provided by Constitution especially the #Fundamentalrights are violated the Supreme Court and the High Courts can issue writs under #Articles32 and 226 of the #Constitution, respectively, directing the State Machinery for enforcement of the fundamental rights.
Part 1 : https://youtu.be/ZEE7GBAq6V0
Part 2 : https://youtu.be/u2A7xzyWZOQ
Part 3 : https://youtu.be/yUnFLMHBZhY
Part 4 : https://youtu.be/9ikxiXqaMNM
Part 5 : https://youtu.be/Uwe_aPB2GcY
Part 6 : https://youtu.be/2SlMt7-MDFo
Part 7 : https://youtu.be/6jj89gf1ZTs
These include individual rights common to most liberal democracies, such as equality before law, freedom of speech and expression, freedom of association and peaceful assembly, freedom to practice religion and the right to constitutional remedies for the protection of civil rights by means of writs such as habeas corpus. Violations of these rights result in punishments as prescribed in the #BharatiyaNyayaSanhita #BNS subject to discretion of the judiciary. The #FundamentalRights are defined as basic human freedoms where every Indian citizen has the right to enjoy for a proper and harmonious development of personality and life. These rights apply universally to all citizens of India, irrespective of their race, place of birth, religion, caste or gender. They are enforceable by the courts, subject to certain restrictions. The Rights have their origins in many sources, including England's Bill of Rights, the United States Bill of Rights and France's Declaration of the Rights of Man. #Satta #politics #king
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Welcome to #ParikshaJn.
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नमस्कार सभी को परीक्षा जंक्शन के प्लेटफॉर्म पर सभी का हार्दिक स्वागत है चलिए प्रारंभ करते हैं पॉलिटिकल लेक्चर
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जैसा कि मैंने बोला था कि नेक्स्ट लेक्चर में जल्दी मिलेंगे आपसे और हम आर्टिकल 19 की तरफ बढ़ रहे थे और आर्टिकल 19 में हमने
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पूरा ग्राफ बना दिया था पूरा चार्ट जो था फ्लो चार्ट कहते हैं पूरा बना दिया है
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हमने और उसमें सबसे पहले जो 191 ए की तरफ था हम राइट टू स्पीच और एक्सप्रेशंस की
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बात कर रहे थे वाक एवं अभिव्यक्ति स्वतंत्र तो वहां हम पहुंचते हैं डिस्कस
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करते हैं उसके एक्सप्लेनेशन आगे पीछे की जो भी बातें हैं वो सब बताई जाएंगी तो
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चलिए और सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट बात यह है कि आप परीक्षा जंक्शन के प्लेटफॉर्म को
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सब्सक्राइब कर लीजिए और शेयर करिए क्योंकि शेयर करने से फायदा यह है देखो आपको पता
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है फायदा क्या हो सकता है यानी आपकी पहले तो मेंटालिटी को बदलिए मेंटालिटी क्या हो सकती है हम ही पढ़ेंगे सर हमारे अलावा कोई
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और ना पड़े हम को ही फायदा हो हम ही नौकरी लगे भाई मैं मानता हूं कि कंपटीशन का दौर
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है आपके अंदर एक वो भावना है कि सर इतने सारे कम पद हैं और उस परे इतनी सारी भीड़
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है सर बैठेगा कौन तो मैं यह नहीं कह रहा कि बैठेगा कौन देखो यदि आपके अंदर एक
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आत्मविश्वास है और आप दूसरे से कुछ अलग कर रहे हैं तो यकीनन मानिए देखो लेक्चर दुनिया देख लेती लेकिन आप सभी को पता है
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कि इस लेक्चर का फायदा वही लोग उठा पाएंगे जिनमें लगन है जिनम मेहनत का थोड़ा नून है
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जो लगने की कगार पर पहुंच चुके हैं जो लगने वाले वही लोग इस लेक्चर का फायदा उठा
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सकते हैं तो चलिए और भी इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से कुछ इंटरेस्टिंग और भी किया जा रहा है
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आपके कंपट एग्जाम में आने वाले कुछ हिडन पार्ट यानी हमारे इतिहास में हम इतिहास भी
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पढ़ाते हैं आप सभी को पता ही चल गया होगा इतिहास भी पढ़ाते हैं तो इतिहास और पॉलिटी में दोनों ही सब्जेक्ट में कुछ हमारी
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किताबों में ऐसे अनगिनत कहानियां जो हमसे छुपाई गई है 70 और 75 सालों के अंदर और
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ऐसा ही नहीं है अभी तक भी छुपाई जा रही है लेकिन नरेंद्र मोदी जी सरकार में उन चीजों को बाहर लाया जा रहा है तो कुछ ऐसी
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किताबें कुछ ऐसे नोबल जहां पर आपके कंपट एग्जाम में कुछ बातें आ सकती है लेकिन व
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किताबों में नहीं है वो कहां से है यह हमारी जिम्मेदारी है हम उनको लाएंगे इसलिए
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आप तैयार रहे वो अनगिनत कहानियां व किससे व वो भी हमारी स्टोरी है वो सब बनाई
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जाएंगी यहां पर और जैसा कि मैं यूसीसी की लेक्चर का वादा कर चुका हूं कि हम यूसीसी का लेक्चर जल्दी ही लाने वाले हैं ठीक है
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चलिए तो स्टार्ट कर लेते हैं पहली बात हम आर्टिकल 19 और आर्टिकल 191 ए की तरफ चलते
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हैं आप सभी डालेंगे अनुच्छेद 19 1
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ए अनुच्छेद 19 1 ए 191 ए और 191 ए क्या था
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फलो चार्ट से देख के याद करिए एक बार बाग एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता य ये अनुच्छेद हमारे सीजीएल के क्वेश्चन पेपर
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में या यूपीएससी के क्वेश्चन पेपर में थोड़ा सा लेवल का फर्क हो सकता है कि क्वेश्चन किस तरीके से आ रहा है लेकिन
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क्वेश्चन आता जरूर है इससे ही आता है मैं आपको बता दूं क्योंकि फ्रीडम स्वतंत्रता
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जो है इसका बहुत ज्यादा एक कहते हैं इसका एक्सटेंड एक्सप्लेनेशन है यानी बहुत ही
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विस्तृत व्याख्या है इसकी इसकी व्याख्या करना हर किसी की बस की बात नहीं होती मैं
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बता रहा हूं आपको और स्टूडेंट तो उसकी व्याख्या बहुत छोटे शब्दों में कर देता है लेकिन फ्रीडम की बात करें आजादी की बात
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करें तो हमारे कई सारे दार्शनिक हुए जैसे कि मनु की बात कर लेते हैं भारत के सबसे प्राचीन दार्शनिक है मनु मनु स्मृति कहा
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गया उन्होंने भी स्वतंत्रता का जिक्र कई बार किया है और जान जाक रूसो हैं जनस मिल
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हैं य कई सारे दार्शनिक हैं जिन्होंने स्वतंत्रता के ऊपर कई सारी बातें बोली ठीक है जिन्होंने पॉजिटिव फ्रीडम को समझाया
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जिन्होंने पॉजिटिव लिबर्टी एंड नेगेटिव लि लिबर्टी को समझाया कई सारी चीजें चलिए और
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स्वतंत्रता शब्द का जो हमारे संविधान में उल्लेख है वो कहां से लिया गया है वो लिया गया है अपने फ्रांस की क्रांति से 1789
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में जो क्रांति हुई थी फ्रेंच रिवोल्यूशन कहते हैं वहां से लिया गया स्वतंत्रता समता और बंधुत्व मैंने प्रस्तावना में
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पढ़ा दिया था लेकिन अब आते हैं यह आर्टिकल क्या कहता है यह अनुच्छेद क्या कहता है आपके क्वेश्चन पेपर में जब य अनुच्छेद
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मिलता है तो आप भत हो जाते हैं सब जानते हैं कि राइट टू फ्रीडम राइट टू फ्रीडम ऑफ
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स्पीच एंड एक्सप्रेशन लेकिन कोई नहीं जानता कोई यह
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नहीं जानता कि इस अनुच्छेद में और भी सारे प्रोविजन केवल एक ही नहीं है आपने सर आपने
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राइट टू फ्रीडम स्पीच और एक्सप्रेशन बोला सर यह तो पेपर में नहीं आया था लेकिन पेपर में कुछ और आया था इसलिए हमसे गलत हो गया
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तो इसलिए मैं कह रहा हूं कि इसको संजीदा से पढ़िए सीरियस लीजिएगा इसको सच में आज
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सिंसियर नहीं है आज सीरियस होने की जरूरत है चलिए तो आर्टिकल 191 ए कहता है कि बाक
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एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्र मुझे आज तक एक चीज याद
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है कि जब हमने पढ़ाना स्टार्ट किया था
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टीचिंग करियर में जब हम आए थे तो हमसे एक
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जैसे मैं कहीं बैठा था तो मुझसे मैं कहीं पर पढ़ाने के लिए मतलब कहते हैं ना कि जब
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देखो टीचिंग एक टैलेंट होता है ये मेरे बहुत अच्छे मित्र हमारे वकील साहब
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उन्होंने बोली यह बात जब उनके साथ टाइम स्पेंड कर रहे थे तो उन्होंने बहुत अच्छी बात बोली मुझे वो संविधान के बारे में
5:35
मुझसे ज्यादा जानते हैं क्योंकि वो एक वकील है और यह एडवोकेट मुझसे एक बात बोल रहा है उनका प्रोफेशन है वो मेरे बहुत
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अच्छे मित्र है तो और सबसे बड़ी बात तो उन्होंने मुझसे एक बात बोली जब हम उस समय
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दोनों अकेले थे तो उन्होंने मैंने मैंने एक बात बोली उनसे कि मित्र से पूछी मैं कि
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मित्र यह बताइए हमको कि मैंने की हम टीचिंग कर रहे हैं तो मैं की ये इसपे
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नॉलेज ज्यादा हावी है या टैलेंट ज्यादा हावी है तो उन्होंने बहुत अच्छा जवाब दिया उन्होंने बोला कि देखो टीचिंग एक टैलेंट
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होता है टीचिंग क्या होती है टैलेंट होती है क्षमता होती है जो जन्म जात भी हो सकती
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है है ना जन्म जात हो सकती हैको हम कहते हैं क्या कहते हैं एप्टिट्यूड य प्रतिभा
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कहते हैं यदि प्रतिभा आपके अंदर जन्म जात है तो उसको बस अभ्यास की जरूरत है वो
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ऑटोमेटिक ली आपकी योग्यता और क्षमता बन जाती है ठीक है अब उन्होंने मुझसे एक बात
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की कि फिरने आप क्यों नहीं पढ़ाते हो आप तो संविधान के बारे में बहुत अच्छा खासा जानते हो मतलब आप लॉ में इतना अच्छा कर
6:34
चुके हो वकील हो अभी राजस्थान हाई कोर्ट के वकील हैं वो तो आप तो इतना अच्छा करते हैं एक्सप्ले आप क्यों नहीं पढ़ाते तो
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उन्होंने बात बोली कि मेरे अंदर वो टैलेंट नहीं मतलब मैं बच्चों को कन्वेंस नहीं कर
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पाऊंगा मैं समझा नहीं सकता मैं डिबेट कर सकता हूं डिबेट करने में और समझाने में फर्क होता है तो टीचिंग
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एक टैलेंट होता है लेकिन वही टीचिंग कर सकता है जिसके अंदर वो कैपेबिलिटी है वो
7:02
क्षमता है मैंने ये महसूस कि और मेरे हमेशा से मतलब मैंने अपना जब टीचिंग करियर
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था तो हमने हमने बहुत छोटी क्लास से स्टार्ट किया था मैं यकीनन मैं किसी को बताता नहीं हूं लेकिन आज है अंदर से एक कि
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मैंने थर्ड क्लास जो थर्ड स्टैंडर्ड होते हैं बच्चे तीसरी चौथी क्लास में होते हैं मैंने वहां से स्टार्ट किया
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था बहुत ही सुंदर था मतलब तीसरी क्लास में हम जब बच् मैं उस समय मैथ पढ़ाता था
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क्योंकि थर्ड क्लास में मैथ ही पढ़ा सकता हूं और तो क्या ही पढ़ाऊंगा क्योंकि मैं मैथ बैकग्राउंड से था बीएससी किया था और
7:32
उसमें कोई छुटू बुटू मैथ आती है ये सबस्ट्रेक्शन एडिशंस आते हैं मल्टीप्लाई तो ये आते हैं तो मुझे आज भी वो समय याद
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है आज से करीबन 9 10 साल पहले मैं वो पढ़ाता था थर्ड स्टैंडर्ड धीरे-धीरे फोर्थ फिफ्थ सिक्स्थ सेवंथ एथ ना 10थ आए फिर
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इसके बाद हम सीनियर क्लास में आए तो सीनियर क्लास को भी पढ़ाया उसके बाद हमने कॉलेज के फर्स्ट ईयर को पढ़ाया देन
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धीरे-धीरे करके फिर हम कंपट एग्जाम में आए क्योंकि बिकॉज हमारी कंपट एग्जाम में समझ बहुत अच्छी हो चुकी थी क्योंकि मैंने कंपट
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एग्जाम को बहुत टाइम दिया है हालांकि होना या नहीं होना लेकिन अब सच बता रहा हूं कोई इंटरेस्ट भी
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नहीं सीरियसली क्योंकि जब आप अपने अंदर हुनर को एक पहचान लेते सबसे बड़ी आज की
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समस्या ये है कि बच्चा हुनर को नहीं पहचानता क्या है हुनर बताओ हुनर नहीं
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पहचान पा रहा है वो केवल भेड़ चाल चल रहा है यदि सब सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे हैं तो हम भी करेंगे सब गाना गा रहे हैं
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तो हम भी गाएंगे हालांकि मेरा शौक सिंगर बनने का था वो तो नहीं हो पाया
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गले ने साथ नहीं दिया लेकिन हां मैं अब खुश हूं क्योंकि मैंने अपने पैशन को फॉलो किया अपने को फॉलो किया और मैं बहुत खुश
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भी हूं संतुष्ट भी हूं बहुत अच्छा लग रहा है सच में और आपको पढ़ाते हुए ज्यादा और ज्यादा खुशी हो जाती है आप मेरा
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मोटिवेशन चलिए खैर मुझे एक व्यक्ति ने बोला था कि जब मैं पहली बार पढ़ाने के लिए गया तो मैंने बोला कि सर पढ़ाना चाहते हैं
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पहली बार जब होता है जब अपना कोई भी चीज स्टार्ट करते हैं क ना कहीं से स्टार्ट ही कर क्योंकि पेट से तो कोई लेकर नहीं आता
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तो मैंने बोला कि हम पढ़ाना चाहते हैं तो उन्होंने बोला कि आपके पास बो एक्सपीरियंस नहीं है लेकिन हा मेरे
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पास क्षमता जरूर मेरे पास क्षमता है आप मुझे मौका दे तो जरूर मैं अच्छा ही करके
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बताऊ हालाकि उन्होंने अच्छा मौका दिया और कई जगह से मुझे अनुभव की वजह से मेरे पास
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जीरो अनुभव था तो मुझे लौटाया गया ले अब अच्छा खासा एक्सपीरियंस मेरे पास तो यह होता है कि आपको स्टार्टिंग में मका कौन
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दे र कोई नहीं तो चलिए स्टार्ट करते हैं आ तो चलती रहती है जीवन के उतार चढ़ाव चलते
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रहते हैं अपस एंड डाउन तो बाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्र तो सबसे बड़ी बात है कि बच्चों आप अपने अंदर के टैलेंट को
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जिस दिन पहचान गए ना आप दुनिया के सबसे सक्सेसफुल आदमी हो आपको क्या करना
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है आपने वह पता लगा लिया तो आप उस काम को फिर सही करोगे और जब आप उस काम को सही कर
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सकते हो तो फिर दुख किस बात का दुख किस बात का यही चीज है तो बा एवं अभिव्यक्ति
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की स्वतंत्र अब बहुत सारे बच्चे इसमें कंफ्यूज होते हैं सर इसमें हम कौन-कौन से प्रोविजंस को रख सकते हैं आप मुझे ये
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बताइए बात भी सही है प्रोविजंस कौन-कौन से रख सकते हैं भाई ये भी तो बड़ा बड़ा मसला
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हो गया आजकल चलिए तो इसमें पहले हम इसकी व्याख्या कर लेते हैं इसकी व्याख्या क्या होती है यानी इसका एक्सप्लेनेशन क्या हो
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सकता है तो आप लिख दीजिए एक्सप्लेनेशन ठीक है यानी इसकी
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व्याख्या तो व्याख्या में मैं कहूंगा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को और मैं आपको बता दूं यह अधिकार आर्टिकल 19 जो है यह
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विदेशी नहीं मिलता ये विदेशी व्यक्तियों को नहीं मिलता हां कुछ अधिकार ऐसे हैं जो मिल सकते हैं लेकिन बाग एवं अभिव्यक्ति की
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स्वतंत्रता को विदेशी व्यक्तियों को नहीं मिलता है ठीक है तो पहली बात एक्सप्लेनेशन
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में कहा गया है कि भारत के प्रत्येक नागरिक को भारत
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के प्रत्येक नागरिक को भारत के प्रत्येक नागरिक को ठीक
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भारत के प्रत्येक नागरिक
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को अपनी अभिव्यक्ति अपनी
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अभिव्यक्ति को कहते हैं भावना अपनी
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अभिव्यक्ति कमा विश्वास कमा विश्वास कमा मत कमा विश्वास
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कमा
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मत तथा
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तथा तथा मौखिक
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एवं लिखित संकेत के माध्यम से व्यक्त कर सकता एवं लिखित संकेत के माध्यम से व्यक्त
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कर सक माध्यम से व्यक्त कर
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सकता व्यक्त कर सकता
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है यानी भारत का कोई भी नागरिक भारत का नागरिक होना चाहिए अन्य
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विदेशी नागरिक नहीं होना चाहिए भारत का कोई भी नागरिक अपनी अभिव्यक्ति अभिव्यक्ति का मतलब होता है अपनी भावना कि वो क्या
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कहना चाह रहा है ठीक है क्या वो जैसे कि भावना में कुछ भी आ सकता है वो किसी व्यक्ति के प्रति क्या सोचता है नेगेटिव
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अप्रोच रखता है या पॉजिटिव अप्रोच रखता है पहली बात दूसरी बात वह किसी सरकार के बारे
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में क्या सोचता है उसकी पॉलिसीज के बारे में क्या सोचता है अच्छा सोचता है बुरा सोचता है वो ये सारी चीजें देख सकता है
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उसके बाद हम बात करते हैं कि वह अपना विश्वास यानी किस पर वो विश्वास करता है किस पर वो विश्वास नहीं करता है जैसे कि
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मान लो आजकल कोई भी व्यक्ति य भाजपा सरकार पर विश्वास नहीं करता है तो वह अपना मत रख
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सकता है तो विश्वास को रखना अपना मत को रखना जैसे कि मान लो मत का मतलब होता है वोट जैसे आज भी आपको पता है कि भारत का
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नागरिक जो है वो वोट के समय इलेक्शन के टाइम ि कोई कांग्रेस को वोट देता है तो अच्छी बात है बीजेपी को वोट देता है तो वो
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भी ठीक है तो कोई समाजवादी को देता है तो कोई बहुजन समाज पार्टी को देता है तो कुल
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मिला के कोई आम आदमी पार्टी को देता है तो कुल मिलाकर ये होता है कि वो अपना वोट अपना मत किसी को भी दे सकता है अपना
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विश्वास किसी पर रख सकता है या नहीं भी रख सकता है और अपनी अभिव्यक्ति अपनी भावनाए
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वो मंच पर जाकर व्यक्त कर सकता है उसको अधिकार है यानी कुल मिलाकर कह सकता है कि
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और अपने मौखिक अपने मत मौखिक एवं लिखित संकेत के माध्यम से व्यक्त कर सकता है चा
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तो वो लिख करर दे सकता है और चाहे वो बोल कर भी दे सकता है तो इसे कहते हैं बाक एवं
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अ स्वतंत्रता बाक का मतलब होता है बोलना और अभिव्यक्ति का मतलब होता है भावनाएं
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फिलिंग्स इमोशंस तो अपने इमोशंस और अपनी फीलिंग को वो व्यक्त कर सकता जैसे मान लो
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आपके सामने कौन है आपके सामने मान लो कोई सुंदर सी नारी बैठी है ठीक है अब आप यहां
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बैठे हैं आपको वो पसंद आ रही है तो सीधी बात है आप वहां प इसका इस्तेमाल अच्छे से करिए ठीक है जैसे कि आपने वहां पर जाके
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बोला अब तमज से बोलिएगा बत्तमीज मत बन जाइएगा ना हां अब जाके वहां पे आपने क्या बोला कि हमें आप पसंद है हमें आप पसंद है
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तो इसका मतलब ये है कि आप वहां पर आर्टिकल 191 ए का यूज कर रहे हैं यानी आप अपनी
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[संगीत] फीलिंग्लेस को थोपने में और
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फीलिंग्लेस थोप एगा मत थोपना नहीं है बताना है केवल अब सामने वाला उसको क्या
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समझे ये उसकी सोच है वो बुरा सोचता है तो बुरा सोचे अच्छा सोचता है तो अच्छा सोचे
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अपना काम करके वहां से वापसी हो और हां रिप्लाई का दो दिन वेट करो एकदम से नहीं
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है कि आपने बोला उसका रिस्पांस तुरंत आ जाएगा जी नहीं ऐसा नहीं आएगा लेकिन हां मैं सिखा नहीं रहा हूं आपको कि कहीं जाकर
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आप इस्तेमाल करें बता रहा हूं एग्जांपल के तौर पर कि आप ऐसा कर सकते हैं लेकिन फिर भी आज के युवा इतने आतुर हैं इतने जल्दी
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बाजी में रहते हैं कि उन्हें रिप्लाई का इंतजार नहीं है अरे आप जब किसी का इंतजार
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नहीं कर सकते तो व मोहब्बत ही कैसी वो भावनाएं कैसी वो फीलिंग और इमोशंस कैसा
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जहां पर आप किसी का इंतजार ना कर सके इंतजार का मतलब यह नहीं है कि आप दो साल और तीन सालों में देवदास बन जाइए एक
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इंतजार होता है समय सीमा का टाइम लिमिट का वो ध्यान रखिए तो चलिए इसका मतलब है कि आप
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अ किसी व्यक्ति से आप सरकार से आप किसी से भी कुछ भी कह सकते हो
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लेकिन सरकार आपको पता है कि हमारे संविधान में एक कहा गया है कि सरकार मौलिक
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अधिकारों को प्रतिबंधित तो नहीं कर सकती लेकिन इन पर एक कुछ लिमिटेशंस लगा सकती है
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कुछ हद तक इन्हें समाप्त भी कर सकती कुछ हद तक जैसे कि इन पर सीमाएं लगा सकती है
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लिमिटेशन लगा सकती तो लिखेंगे नोट लगा के नोट लगाकर लिखेंगे यहां पर
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सरकार सरकार आप लिख सकते हैं यहां पर कि
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सरकार सरकार बाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाक
16:23
एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
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एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता स्वतंत्रता
16:35
पर कुछ सीमा तक कुछ सीमाओं
16:41
तक कुछ सीमाओ तक कुछ सीमाओं तक प्रतिबंध लगा सकती है
16:48
प्रतिबंध लगा सकती है कुछ सीमाओ तक प्रतिबंध लगा सकती है अब
16:56
वो कैसे प्रतिबंध है इसका देख लेते कर लेते हैं एक बार इसका जिक्र है पहला जैसे
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कि मान लो अभी क्या हुआ था एक जम्मू कश्मीर का केस था लद्दाख का केस था मुझे
17:07
यादद नहीं आ रहा एट एक एमएलए का केस था वो जजमेंट मुझे याद नहीं आ रहा अचानक तो उस केस में क्या था
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एक्चुअली में सीमा इसकी पहली देखो लिमिट क्या होती है पहली लिमिटेशन इसकी होती है पहला जो रेस्टेशन होता है वो क्या होता है
17:22
यदि आप अपनी भावनाएं अपना विश्वास और अपना मत यानी
17:28
अपनी भावनाओं को इस प्रकार से व्यक्त नहीं करना कि समाज में पब्लिक ऑर्डर बिगड़ जाता है यानी सरकार ये इंश्योर करती है कि जब
17:36
सामने वाला व्यक्ति कुछ बोल रहा है तो बोलने वाला व्यक्ति यह अपनी शब्दों को
17:41
अपने शब्दों को लिहाज में बोले उटपटांग तरीके से सरकार पर आरोप ना लगाए जैसे कि
17:48
सरकार को गाली देना ये गलत बात है क्योंकि वो सरकार है आप तो चलो प विश्वास नहीं
17:54
करते आप तो अपनी भावना व्यक्त कर रहे हैं लेकिन उन लोगों का क्या है जिन लोगों ने ने विश्वास करके उनको वोट दिया था तभी तो
18:01
वो प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति बने तभी तो वो विधायक बना तभी तो वो सांसद बना तो
18:06
आपने तो व्यक्त कर दिया लेकिन आपके व्यक्त करने से कितने लोगों को यहां पर हर्ट हुआ है इसकी भरपाई कौन करेगा इसलिए सरकार और
18:14
दूसरी बात यदि आप कल को कुछ गलत बोलकर आ गए और सबसे बड़ी बात है कि आप पर फिर हमला
18:20
हो गया तो हमले में क्या होगा हमले में यह होगा कि कुल मिलाकर यहां पर अराजकता फैल
18:26
जाएगी समाज के दो टुकड़े हो जाएंगे और जब समाज टूटेगा तो देश टूटेगा ही टूटेगा तो
18:31
कुल मिलाकर यहां पर सरकार इंश्योर करती है कि किसी भी प्रकार की अभद्रता बोलने में
18:37
नहीं होनी चाहिए ठीक है सार्वजनिक जो आदेश है उसका पालन होना चाहिए और देश की संपता
18:43
देश की अखंडता और देश की एकता बनी रहे इसलिए लिखेंगे कि
18:51
सरकार सरकार यह सुनिश्चित करती है सरकार यह सुनिश्चित करती है इंश्योर करती है
18:59
सरकार यह सुनिश्चित करती है कि करती है कि किसी भी प्रकार की
19:09
अराजकता किसी भी किसी भी प्रकार की
19:17
अराजकता अराजकता
19:22
सांप्रदायिकता सांप्रदायिकता अराजकता सांप्रदायिकता
19:31
तथा सार्वजनिक आदेश की अवेल ना हो सार्वजनिक आदेश
19:41
की की अवेल ना
19:46
हो अवेल ना हो ये इंश्योर करती है दूसरी बात क्या
19:52
इंश्योर करती है दूसरी बात ये इंश्योर करती है कि पहली बात और दूसरी बात क्या
19:58
होती दूसरी बात इंश्योर करेगी कि देश की संपता उसकी एकता और अखंडता पर कोई खतरा
20:04
नहीं होना चाहिए लिखेंगे दूसरा इंश्योर करती है देश की एकता यानी उसकी इंटीग्रिटी
20:11
देश की एकता म यूनिटी देश की एकता
20:17
अखंडता और उसकी संपता को कोई खतरा ना पहुंचे और उसकी
20:22
सोटी और उसकी संपता यानी सवन संपता को कोई
20:28
खतरा ना
20:34
पहुंचे कोई खतरा ना
20:39
पहुंचे तो यह बात है यानी आप ऐसी कभी भी अपनी भावनाएं अपनी
20:51
फीलिंग्लेस में कुछ आप हिंदू धर्म से आते हैं ठीक है आप मंच प गए मान लो कॉलेज का
20:56
मंच हैया स्कूल का मंच है यूनिवर्सिटी का मंच है ठीक है अब उस यूनिवर्सिटी में कुछ मुस्लिम छात्र भी पढ़ते हैं आपने कुछ ऐसा
21:03
बोल दिया कि मुस्लिम लोगों की भावनाएं आहात हो गई उनकी
21:12
फीलिंग्लेस लड़ाई हो गई नहीं हो गई अब हिंदू मुस्लिम
21:20
दंगा हो जाएगा वहां पर यूनिवर्सिटी में नहीं पूरे जिले में अब इससे क्या होगा जब जिले में होगा तो जिले की आग पूरे राज्य
21:27
में भड़के गी और राज्य से पूरे देश में जाएगी तो देश के हिंदू और मुसलमान फिर आमने-सामने हो जाएंगे अब इससे देश क्या
21:33
होगा टूटेगा तो कुल मिला के सरकार ये इंश्योर कर लेती है कि आप जो बोल रहे
21:39
हैं उसमें किसी भी प्रकार की अभद्रता नहीं होनी चाहिए जैसे कि क्या होता है जब आपने
21:44
कभी-कभी न्यूज़ चैनल पर देखा होगा या कभी-कभी आपने अ पोडियम पर या मंच पर किसी को भाषण
21:51
देते हुए देखा होगा जब कोई भी व्यक्ति बोलते बोलते बोलते बोलते अपनी भाषा में
21:56
अवद्र और गाली शब्द का प्रयोग करने लग जाता है तो पुलिस वाले उसको तुरंत पकड़ के नीचे ले आते हैं क्यों ले आते हैं क्योंकि
22:03
वहां पर अराजकता फैल सकती है देश खतरे में आ सकता है तो तुरंत पुलिस वाले उसको वापस लाते हैं कि इधर आओ भाई क्या बोल रहे हो
22:10
ऐसे नहीं बोल रहे है जाओ बाहर जाओ असेंबली से बाहर जाओ उसको बाहर ही भगा देते हैं कैंपस से ऐसे ऐसे थोड़ी बोला था बोलने को
22:18
ठीक है यानी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है तुमको ऐसा नहीं है कि अभिव्यक्ति के नाम पर तुम देश को ही खतरा पहुंचाओ पहली बात
22:25
तो कुल मिलाकर आपको यहां बात समझ में आ चुकी है तीसरी सरकार ये इंश्योर करती है सरकार यह भी देखती है कि भाई कोई व्यक्ति
22:33
आकर हमारे देश के साथ जो भी विदेशी संबंध बने हुए हैं उनके खिलाफ तो कोई नहीं बोल
22:40
रहा है जैसे आर्टिकल 51 क्या कहता है अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा की
22:45
अभिवृद्धि भारत तथा उसके अन्य मित्र राष्ट्रों के साथ संबंध को बनाए रखने वाले संबंधी भाषण
22:52
आर्टिकल 51 कहता नहीं कहता यही कहता है यानी भारत का और मित्र राष्ट्रों के साथ
22:58
जो संबंध बने हुए हैं उसके खिलाफ आपको कोई भी भाषण नहीं देना पहली बात और दूसरी बात
23:04
लिख सकते हैं लिखेंगे कि भारत भारत एवं मित्र राष्ट्रों के संबंधों
23:13
के खिलाफ नहीं बोलना मित्र राष्ट्रों के खिलाफ मित्र राष्ट्रों के संबंधों के
23:22
खिलाफ संबंधों के खिलाफ नहीं बोलना खिलाफ
23:30
नहीं बोलना क्योंकि आप तो बोलकर चले जाएंगे लेकिन आपको बोलकर जाने के बाद क्या होगा
23:36
जो मित्र राष्ट्र सुनेगा क्योंकि आजकल सोशल मीडिया का जमाना है और सोशल मीडिया में एक भी चीज को पेयर होने में टाइम नहीं
23:44
लगता पब्लिक होने में टाइम नहीं लगता यदि आप भारत का और मान लो कल को इजराइल का और
23:50
इजराइल के राष्ट्रपति उसके प्रधानमंत्री बेंजामिन निता न्यू को आप गलत गलत शब्द बोलते हैं तो कुल मिलाकर आपके क्या होगा
23:58
यानी आपका तो कुछ नहीं होगा आपको तो केवल इतना होगा कि आप पर कार्रवाई हो जाएगी लेकिन दूसरी बात क्या होगा दोनों देशों के
24:05
संबंध बिगड़ेंगे और आपको पता है कि इजराइल अभी कैसी स्थि बैठा हुआ है बिल्कुल सनकी बैठा हुआ है भाई साहब उसके खिलाफ कोई
24:12
बोलेगा तो सीधे अगली अगले टाइम विदन सेकंड के अंदर मिसाइल आ जाएगी अब सोच रहे हो आप
24:18
आपके बोलने से तो कोई चले गए आप तो लेकिन सबसे बड़ी बात क्या हो गई क्या हो गई
24:24
दोनों देशों के संबंध बिगड़े हैं और युद्ध की केवल आपकी वजह समझ गए ना कुल मिलाकर यहां पर आपको सरकार
24:32
यह भी ध्यान रखती है यानी सरकार इन इन आधारों पर आपकी राइट टू फ्रीडम और स्पीच और एक्सप्रेशन पर लिमिटेशंस लगा सकती है
24:40
रेजिस्ट्रेशन लगा सकती है और इसको बैन भी कर सकती है प्रोहिबिटेड भी कर चलिए आप
24:46
अनुच्छेद ये समझ चुके हैं लेकिन बाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में और भी सारे अधिकार आते हैं ब जान लीजिए क्योंकि
24:54
कभी-कभी आर्टिकल 191 ए में पूछ पूछ लिया जाता है चलिए
25:00
जैसे कि आर्टिकल 191 ए में कई सारे आते हैं आर्टिकल 191 ए इसमें क्या आता है पहला
25:06
क्या आता है बताइए पहला आता है प्रेस की स्वतंत्रता क्या आती है प्रेस की
25:12
स्वतंत्रता प्रेस की स्वतंत्रता एक तो यह शब्द आता है यानी प्रेस का मतलब होता है
25:18
मीडिया और इसको कहते हैं राइट टू फ्रीडम ऑफ प्रेस या फ्रीडम ऑफ प्रेस कह
25:24
दीजिए इसको कहते हैं फ्रीडम ऑफ प्रेस
25:30
फ्रीडम ऑफ प्रेस प्रेस की स्वतंत्रता और इसको पेपर
25:36
में जाना जाएगा राइट टू प्रेस के नाम से के नाम से राइट टू प्रेस के नाम
25:41
से राइट टू प्रेस के नाम से इसको जाना जाएगा पेपर में यदि कभी भी आपसे पूछा जाए
25:47
कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद के अनुसार राइट
25:52
टू प्रेस या फ्रीडम ऑफ प्रेस का एक अधिकार दिया गया है तो आपको पता होना चाहिए आर्टिकल 191 दिया गया लेकिन यह तो होती है
26:01
भावनाएं आप समझना इस बात को लेकिन आर्टिकल 191 ए में यह कहीं भी नहीं लिखा गया है
26:07
इसमें केवल एक शब्द आता है एक लाइन आती है बाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बाक एवं
26:14
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंदर यह सारे प्रावधान है ये आर्टिकल में नहीं है ठीक
26:19
है दूसरी बात हम करते हैं उसके बाद प्रेस की स्वतंत्रता के बाद
26:25
क्या आ सकता है उसके बाद आ सता है कौन सा विरोध और प्रदर्शन करने का अधिकार भी है
26:30
लिख दीजिए विरोध एवं प्रदर्शन करने का अधिकार विरोध एवं प्रदर्शन करने का
26:39
अधिकार प्रदर्शन करने का अधिकार एक शब्द यह भी
26:44
निकलता है तो मैं आपको समझा दूं एक बार बच्चों इसे कहते हैं राइट टू प्रोटेस्ट क्या कहते हैं राइट टू प्रोटेस्ट यह भी
26:52
शब्द आपसे पूछा जा सकता है आप लिख दीजिए राइट टू प्रोटेस्ट
26:58
यानी आप कहीं भी किसी भी प्रकार से अपना प्रोटेस्ट कर सकते हैं लेकिन प्रोटेस्ट को
27:03
संविधान के दायरे में किया जाए किसी भी तरीके से कोई अनोहनी नहीं होनी चाहिए राइट
27:08
टू प्रोटेस्ट कर सकते हैं अब कुछ लोग प्रोटेस्ट करते हैं भाई साहब किसान आंदोलन हुआ तो पटरी रेल की पटरी उखड़ने लग गई रेल
27:16
की पटरी उखड़ने लग गई पहली बात बताओ य यह हो रहे हैं बताओ अब रेल की पटरी उखड़ने
27:22
में और विरोध प्रदर्शन करिए ना भाई आपसे किसने बोला है जुलूस में जुलूस निकालिए
27:27
पूरा विरोध करना प्रदर्शन करना जुलूस निकालना खूब निकालिए है लेकिन रेल की पटरियां
27:34
उखाड़ने में बसों को फूकने में है ना अभी एक आया था विरोध प्रदर्शन हो रहा था पता
27:39
नहीं किस बात का था एक भाई और बहन बाइक से जा रहे थे उनकी बाइक को आग लगा दी तुमने य
27:45
कै यह कैसा अरोध प्रदर्शन है भाई यह नौटंकी तो नहीं है
27:51
कहीं भाई बहन जा रहे थे मान लो गलती से आग उनके शरीर पर आ जाती तो आप होते जो
27:59
प्रोटेस्ट कर रहे थे वहां पर कौन जिम्मेदार होता है बताइए यही तो चीज है
28:05
समझने वाली चीज होती है हम जब देखते हैं तो बड़ी पीड़ा होती है हो क्या रहा है और
28:10
फिर सही बताऊ ऐसे पर तो लाठी चार्ज होना जो हमारी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान
28:15
पहुंचाते हैं वह कतई भी इस कैटेगरी में नहीं आते अरे सरकार पर ें दबाव बनाना ही है तो
28:24
इसके हजार तरीके हमारे पास मौजूद है सरकार पर दबाव बना रहे हैं इसलिए रेलों
28:29
को फूक बसों को फूक और आदमियों को मारेंगे एंबुलेंस को निकलने नहीं देंगे यह रास्ता है सरकार पर दबाव बनाने
28:37
का इनका और वैसे ये कहते हैं कि सरकार इनकी हर बात मान
28:42
जाए बताओ फिर ये कहते हैं फिर यही लोग कहते हैं ये बसों को फूकने वाले रेलों को
28:48
फूकने वाले यही लोग कहते हैं कि संविधान खतरे में है तब इनके समझ में नहीं आता कि संविधान
28:54
क्या है तब यही लोग कहेंगे कि संविधान खतरे में है फिर सरकार पर इल्जाम लगाते
28:59
हैं अरे तुम तो संविधान के दायरे में काम कर लो पहले बाद सरकार को समझाना कि व्ट इ
29:05
कांस्टिट्यूशन ठीक है चलिए राइट टू प्रोटेस्ट है लेकिन
29:11
एक बात याद रखना इसमें कभी भी हड़ताल करने का अधिकार नहीं आता हड़ताल करना हड़ताल करने का अधिकार
29:20
जिसे आप राइट टू स्ट्राइक बोलते हैं हड़ताल करने का अधिकार इसमें इंक्लूड
29:26
मत करना बच्चों टू स्ट्राइक को कभी भी हम आर्टिकल 191 ए के तहत बाक एवं अभिति की
29:33
स्वतंत्रता नहीं बोलेंगे यह मत कह देना सर कल को बैंक की हड़ताल हुई थी तो बैंक की हड़ताल लीगल है
29:40
याद रखना बैंक की हड़ताल को इलीगल माना गया है सॉरी किसी भी हड़ताल को चाहे वो
29:46
औद्योगिक चाहे वो इंडस्ट्रियल सेक्टर की हो चाहे व किसी गवर्नमेंट सेक्टर की हो चाहे वो किसी प्राइवेट सेक्टर की इन
29:53
हड़ताल को इलीगल माना गया है क्योंकि हड़ताल हड़ताल का जो होता है व औद्योगिक
29:59
अधिनियम से होता है इंडस्ट्री एक्ट से होता है ठीक है हमारे संविधान में
30:05
इंडस्ट्री एक्ट काम करता है उससे हम इसको रिलेट करके माने तो हड़ताल करने का अधिकार कभी भी 19 से कनेक्ट मत करना यह राइट टू
30:14
स्ट्राइक कहा जाता है ठीक है तो प्रेस की स्तता य है प्रेस में अखबार भी आता है
30:19
देखो प्रेस में कौन आता है प्रेस में आती है मीडिया प्रेस में क्या आती है मीडिया सोशल
30:26
मीडिया इसमें चैनल आ गए सोशल मीडिया आ गया
30:32
फिल्में आ गई क्या आ गई फिल्में आ गई फिल्म्स आ गया ठीक है ये आ सकते हैं और
30:39
फिल्म आ गया है मीडिया आ चुका है टीवी वाला मीडिया है ये य सोशल मीडिया वाले मीडिया जो पूरे दिन लगे रहते है ना र ऊपर
30:46
नीचे करने उंगलियों को वही है सोशल मीडिया उसके अलावा और कौन सी प्रेस है और प्रेस
30:52
में आपका एक हो सकता है न्यूजपेपर हो सकता है चलो एक न्यूजपेपर हो सकता है न्यूजपेपर
30:57
ले लीजिए और क्या हो सकता है किसी राइटर की बुक हो सकती है ठीक है कोई नोबल हो सकता है ऐसे
31:06
लिए अब बात करते हैं नेक्स्ट आर्टिकल 191 बी की तरफ तो लिमिटेशन पढ़ ली आपने
31:15
ओके अही चलना है पेज बाकी है अभी
31:22
रा अब हम पढ़ते हैं आर्टिकल 19
31:30
आर्टिकल 191 कहता है शांतिपूर्ण सम्मेलन करने की है यानी राइट टू फ्रीडम ऑफ पीसफुली
31:42
असेंबल यह कहता है शांतिपूर्ण सम्मेलन करने की
31:49
स्वतंत्र सम्मेलन करने की
31:56
स्वतंत्रता अब इसके बारे में थोड़ा सा हम बार पकड़ लेते
32:03
हैं देखिए भारत के प्रत्येक व्यक्ति यानी प्रत्येक नागरिक को भारत के प्रत्येक
32:09
नागरिक को अपना शांतिपूर्ण सम्मेलन करने की पूरी स्वतंत्र लेकिन शांतिपूर्ण
32:16
सम्मेलन करने का अधिकार व्यक्तियों को तो है लेकिन शांतिपूर्ण सम्मेलन करने का
32:21
अधिकार केवल सार्वजनिक संपत्तियों पर बिना किसी हथियार के यदि आपको सम्मेलन करना
32:28
यदि आपको असेंबल करना है तो असेंबल आप कहां करेंगे सार्वजनिक संपत्ति पर करेंगे
32:34
जैसे कि दिल्ली में जंतर मंतर पर होता है दिल्ली के जब कभी भी दिल्ली में प्रोटेस्ट होता है तो जंतर मंतर पर होता है और वहां
32:41
पर वहां की चौकी वहां के एसएचओ स्टेशन हाउस ऑफिसर से परमिशन ली जाती है कि सर हम
32:47
सम्मेलन करना चाहते हैं शांतिपूर्ण तरीके से वो भी बिना किसी हथियार और यह क्या है
32:53
एक सार्वजनिक संपत्ति है जंतर मंतर गवर्नमेंट की प्रॉपर्टी है किसी प्राइवेट प्रॉपर्टी नहीं है आप किसी की प्राइवेट
32:59
प्रॉपर्टी पर जाकर असेंबल करेंगे तो यह आपको अधिकार नहीं है यहां पर लिख सकते हैं
33:04
कि भारत के प्रत्येक व्यक्ति को भारत के प्रत्येक नागरिक
33:10
को भारत के प्रत्येक नागरिक को प्रत्येक नागरिक
33:17
को शांतिपूर्ण सम्मेलन करने की स्वतंत्रता
33:25
शांतिपूर्ण सम्मेलन करने की स्वतंत्रता करने की पूर्ण स्वतंत्रता
33:34
है पूर्ण स्वतंत्रता है
33:40
लेकिन लेकिन यह सम्मेलन लेकिन यह
33:48
सम्मेलन किसी सार्वजनिक संपत्ति यह सम्मेलन
33:56
किसी सार्वजनिक
34:01
संपत्ति संपत्ति पर बिना किसी हथियार
34:08
के बिना किसी हथियार
34:15
के चलिए तो कुल मिलाकर आप समझ गए कि हम शांतिपूर्ण सम्मेलन कर सकते हैं इस
34:21
सम्मेलन का मतलब है जैसे कि मान लो हम सरकार के खिलाफ कोई मोर्चा छेड़ने वाले हैं तो मोर्चा का मतलब हो गया उसमें कम से
34:28
कम 1000 से 2000 लोग और 10000 लोग 1 लाख लोग हो सकते हैं तो आप वहां पे कोई लीडर
34:34
अपने अ आंदोलनकारियों को समझा रहा है कि भाई हमें कैसे करना है कैसे मैनेज करना है
34:40
कहां से कब चलेंगे कितने लोग चलेंगे कौन पूर्व जाएगा कौन पश्चिम जाएगा ये सारी चीज
34:45
हो जैसे कि कोई भी ले सकते हैं शांतिपूर्ण सम्मेलन होते ही रहते हैं और हां जो
34:51
शांतिपूर्ण नहीं होते उनके खिलाफ क्या होती है कार्रवाई होती है तो सरकार इस पर भी कुछ लिमिटेशन लगा के रखती है
35:00
जैसे सरकार इस पर क्या लिमिटेशंस लगा सकती है तो सीमाएं सीमाएं या
35:07
प्रतिबंध अब इस पर क्या प्रतिबंध है देख लेते हैं तो पहली बात है देश की सुरक्षा का मामला है देश की राष्ट्रीय सुरक्षा
35:15
एकता अखंडता और संपता को कोई खतरा नहीं होना चाहिए पहली बात पता चला आप हथियार
35:21
लेकर आ गए अब यदि सार्वजनिक संपत्ति पर बैठे हैं तब भी आप हथियार लेकर नहीं बैठ सकते इसलिए सबसे पहले जब आप परमिशन लेते
35:29
हैं किसी भी ऑफिसर से वहां के रीजनल ऑफिसर से तो सबसे पहले व यही पूछता है कि आप कोई
35:35
भी हथियार नहीं लाएंगे यदि आप कोई भी हथियार लाता हुआ पाया गया पूरे असेंबल को
35:42
अशांति पूर्ण घोषित किया जाएगा और कभी भी आपको असेंबल नहीं करने दिया तो लिख सकते
35:47
हैं पहला है देश की राष्ट्रीय
35:53
सुरक्षा देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नेशनल सिक्योरिटी देश जरूरी है ना भाई ऐसे
36:02
थोड़ी ना कि कोई आएगा देश को तोड़ के चला जाएगा देश की राष्ट्रीय
36:09
सुरक्षा एकता अखंडता तो खतरा ना
36:17
पहुंचे खतरा ना पहुंचे एक तो पहली शर्त आपको मिल गई दूसरी
36:23
शर्त की बात करें दूसरी शर्त क्या है दूसरी शर्त हो सकती है सार्वजनिक आदेश और
36:29
सार्वजनिक हित की बात करें तो लिखेंगे सार्वजनिक आदेश के पालना
36:37
हो सार्वजनिक आदेश की
36:43
पालना सार्वजनिक आदेश की पालना हो और सार्वजनिक हित को लेकर हो सकता
36:54
है सार्वजनिक हित को लेकर हो सकता अच्छा और दूसरी सीमा तीसरी सीमा क्या हो
37:01
सकती है यह पहली सीमा थी अब तीसरी लिमिटेशंस क्या हो सकती है तीसरी लिमिटेशन
37:07
हो सकती है यातायात कंट्रोल को लेकर ट्रैफिक कंट्रोल जैसे कि मान लो आपको पता
37:12
है कि शहर में ट्रैफिक कंट्रोल बहुत है मतलब ट्रैफिक बहुत है ट्रैफिक जैम हो रहा है तो ट्रैफिक को लेकर जैसे कि पुलिस यह
37:20
भी कह सकती है कि आने वाले संडे को ट्रैफिक ज्यादा रहेगा इसलिए आप अपने जुलूस
37:25
को अपने विरोध प्रदर्शन को आपने सम्मेलन को आप किसी और दिन करिए क्योंकि ट्रैफिक
37:31
की वजह से क्योंकि ट्रैफिक को तो हम नहीं रोक सकते कि आप यहां पर मत आइए ऐसा नहीं रोक सकते ट्रैफिक तो आएगा क्योंकि ट्रैफिक
37:38
क्योंकि ट्रैफिक किसी के हाथ में है क्या ये बताइए कितना रोक लोगे आप किसी को ठीक है मान लो ट्रैफिक बढ़ भी जाता है तो
37:45
ट्रैफिक की वजह से वहां पर सम्मेलन नहीं किया जाएगा यह बात आपसे बोली जा सकती है जैसे मान लो दिल्ली के जंतर मंतर पे
37:52
ट्रैफिक ज्यादा है तो ट्रैफिक ज्यादा होने की वजह से उस टाइम सम्मेलन को रोक दिया सकता है ठीक है तो लिख आप वहा पर ये नहीं
38:00
बोलोगे नहीं सर हमारा अधिकार है य तो अरे अधिकार है न लिमिटेशन में तो आपकी संवैधानिक की जांच हो रही है नहीं हो
38:07
रही यहां पर लिख सकते हैं यातायात नियंत्रण को
38:13
लेकर यातायात नियंत्रण की व्यवस्था नियंत्रण की व्यवस्था के मध्य
38:21
नजर व्यवस्था को देखते हो
38:30
को देखते हुए सम्मेलन रोका जा सकता
38:46
है समझ गए आप तो लिमिटेशंस और प्रतिबंध बहुत जरूरी हो जाते
38:52
हैं लिमिटेशंस और प्रतिबंध ये एक्चुअली में वो एक अपने आप में तियार होता है ताकि
38:59
आप समझ संविधान को जान सके सर लिमिटेशन भी हो सकती है क्या बिल्कुल कल को आप
39:04
लिमिटेशन पढ़ के नहीं गए पढ़ लिया आपने एक्सप्लेनेशन और आपने कर दिया बवाल आपने कर दिया बवाल जैसे कि आप मान लो
39:13
इसका एक्सप्लेनेशन पढ़ के चले गए एसएचओ के पास और दिल्ली के जंतर मंतर पर आपने एसएचओ
39:18
से बात की या किसी भी रीजनल ऑफिसर से बात कर ली कि सर हम सम्मेलन करना चाहते हैं अब मान लो उस दिन ट्रैफिक कंट्रोल बहुत
39:26
ज्यादा है ट्रैफिक ट्रैफिक जैम की स्थिति हो सकती है अब माफ के एसएचओ ने बोला कि
39:31
नहीं सर आप अभी सम्मेलन तो नहीं कर सकते क्योंकि ट्रैफिक ज्यादा है अब आप तो आपको तो यही नहीं पता कि भैया एक लिमिटेशंस है
39:39
यह यह लिमिटेशंस के तहत ऑफिसर आपसे बोल रहा है बल्कि समझदार है वोह व आपसे कह रहा
39:46
है पहली बात और आप उससे लड़ रहे हैं नहीं यह तो हमारा अधिकार है तो हमें जुलूस
39:52
क्यों नहीं करने दोगे भाई साहब हमें मोर्चा क्यों नहीं निकालने दोगे जैसे कि आपको बताया सोनम बांगचक की बात करें
39:58
लद्दाख में ठीक है इतने प्रसिद्ध आदमी है इंडिया के एनवायरमेंटलिस्ट हैं ठीक है
40:05
उसके अलावा वो इंजीनियर भी है एक के अलावा वो क्लाइमेट जलवायु परिवर्तन के सबसे बड़े
40:11
समर्थक भी है ठीक है तो यही चीज है यानी इतना बड़ा एनवायरमेंटलिस्ट इतना बड़ा ऑथर
40:18
इतना बड़ा इंजीनियर सोनम बांगचक जो लद्दाख के निवासी हैं जब वो दिल्ली चलो मार्च जो
40:25
उन्होंने किया था इसी के तहत किया था क्या था इनका दिल्ली चलो
40:32
मार्च दिल्ली चलो मार्च जो उन्होंने 2 अक्टूबर 2024 को पूरा कर लिया था और गांधी
40:40
जयंती के दिन आकर 2 अक्टूबर को उन्होंने क्या की गांधी जी की जयंती मनाई क्या मनाई
40:47
जयंती कुल मिला के बर्थ एनिवर्सरी जब ी उनकी गांधी जी की 2 अक्टूबर को तो
40:53
उन्होंने दिल्ली में आके लद्दाख से चले दिल्ली की तर केवल किसके लिए एक तो सा
40:59
थोड़ा पॉलिटिकल केसेस भी मतलब लद्दाख के लोगों को व चाहिए मतलब कि उनको विधानसभा
41:05
विधानसभा दे दो उनको बेसिस राज्य का दर्जा दे दो कुछ ऐसा है चल एक भी चल ये मैटर चल रहा है दूसरा मैटर चल रहा है जलवायु
41:12
परिवर्तन को लेके वहां पर ठीक है तो दो मैटर बहुत है तो सोनम बांगचक लद्दाख से
41:17
दिल्ली चले शांतिपूर्ण तरीके से बिना किसी हथियार के और दिल्ली आकर 2 अक्टूबर को उन्होने गांधी जी की वर्थ एनिवर्सरी की
41:24
शंज होता है सम्मेलन चलिए अब लिमिटेशन समझ गए
41:30
आप ओके अब आते हैं आर्टिकल 191 सी की तरफ यहां लिख सकते हैं
41:39
अनुच्छेद 191 सी और 191 सी क्या कहता है
41:45
यह कहता है संघ या संगम बनाने की स्वतंत्रता राइट टू फ्रीडम ऑफ
41:52
यूनियन स या
41:58
संग या संगम बनाने की
42:04
स्वतंत्रता बनाने की स्वतंत्रता यह कहता है तो संघ या संगम
42:11
बनाने की स्वतंत्रता की हम बात करें इसमें कहा गया है इसमें यह साफ साफ बोला गया है बच्चों कि भारत के प्रत्येक नागरिक को
42:19
भारत के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी इच्छा से किसी भी प्रकार का संघ बनाने की पूरी
42:25
स्वतंत्रता है जैसे कि पॉलिटिकल पार्टी आज मैं भी कोई पॉलिटिकल पार्टी बना सकता हूं
42:31
मेरे पास हक है मेरे पास राइट है बस उस पॉलिटिकल पार्टी को इलेक्शन कमीशन ऑफ इया
42:36
से क्या मिल जाए ऑथेंटिकेशन मिल तो कुल मिलाकर भारत का प्रत्येक नागरिक अपनी
42:42
इच्छा से शैक्षिक तरीके से व कोई भी यूनियन संगठन संघ जैसे पॉलिटिकल पार्टी का
42:50
गठन करना किसी व्यापार संघ का ट्रेड यूनियन का गठन करना ठीक है उसके अलावा
42:56
किसी सहकारी सम कोपरेटिव कमिटी का गठन करना ठीक है कुल मिलाकर किसी भी प्रकार का
43:02
संगठन उसे बनाना है तो वह बना सकता है लिख सकते हैं आप इसमें भारत
43:07
के भारत का प्रत्येक नागरिक भारत का प्रत्येक
43:15
नागरिक भारत का प्रत्येक नागरिक किसी भी प्रकार
43:21
का किसी भी प्रकार का संगठन बना सकता है
43:27
किसी प्रकार का संघ बना सकता है संघ बना सकता
43:34
है बना सकता है ठीक है चलिए किसी प्रकार का जैसे की एग्जांपल सेट कर लेते जसे
43:41
एग्जांपल में क्या हो सकता है एग्जांपल में हो सकता है राजनीतिक दल पॉलिटिकल
43:46
पार्टी क्यक पॉलिटिकल पार्टी भी तो एक संघ होती नहीं होती राजनीतिक दल आप इसे कह
43:52
सकते हो पॉलिटिकल पार्टी
43:58
चलिए उसके अलावा दूसरा क्या हो सकता है दूसरा हो सकता है व्यापार संघ सेसे सभी
44:04
व्यापारियों ने मिलकर क्या बना दिया एक संघ बना दिया उसे बोलते हैं व्यापारी संघ व्यापार संघ बना दिया
44:11
एक ठीक है उसके अलावा मान लो और आपने क्या बना दिया कोई संगठन बना
44:17
दिया ठीक है संगठन बना दिया उसके अलावा आपने क्या बना दिया और संगठन के अलावा हो सकता है सहकारी
44:25
समिति लिखेंगे सहकारी समिति बना सकता है कोऑपरेटिव कमिटी
44:32
बना सकता है सहकारी समिति बना सकता है तो इस प्रकार से क्या बना सकता है वह ऐसे संघ
44:39
का निर्माण कर सकता य लिख सकते हैं आप
44:45
ट्रेड यूनियन यहां पर कह सकते हैं ऑर्गेनाइजेशन हां कह सकते
44:55
हैं कोपरेट कमेटी चलिए ओके समझ गए आप लेकिन आपको एक
45:05
बात याद रखनी होगी कि भारत का प्रत्येक व्यक्ति संगठन तो बना सकता है संगठन तो
45:11
बना सकता है लेकिन इस पर भी कुछ लिमिटेशन पर भी कुछ लिमिटेशन सरकार यह
45:20
कहती है कि आप इस प्रकार का संघ कभी नहीं बनाएंगे जो जैसे कि क्या है बताइए
45:27
आप इस प्रकार का संघ कभी ऐसा नहीं बनाएंगे जो देश की सुरक्षा उसकी एकता को खतरा
45:33
पहुंचाता है जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करे के साथ मजाक बनाए जैसे
45:38
कि आतंकवादी सघ टेररिज्म ऑर्गेनाइजेशन कभी नहीं बनाए
45:44
दूसरा या कोई ऐसा संघ आपने बना दिया जो बाड़ से तो अच्छा दिख रहा है लेकिन उसके
45:52
अंदर कई सारी टेररिज्म एक्टिविटीज चल रही है याद रखें कि वो संगठन उसे आतंकवादी
45:58
घोषित करके लिमिटेशंस में डाल केर बाहर फेंक दिया जाए तो लिख सकते हैं लिमिटेशंस
46:03
में सीमाए और प्रतिबंध अब प्रतिबंध में क्या हो सकता है
46:08
तो लिखेंगे वह संगठन वह
46:17
संगठन जो देश की राष्ट्रीय सुरक्षा देश
46:25
की देश की राष्ट्रीय सुरक्षा
46:32
एवं उसकी संपता के साथ खिलवाड़ करें
46:39
उसकी संपता के साथ खिलवाड़
46:51
करें खिलवाड़ करे तो आप समझ गए यानी कुल मिलाकर मैं ये कहना चाहता हूं कि ऐसा कोई
46:57
भी संगठन नहीं बनाना है यानी आप भी बना सकते हैं लेकिन आप बना सकते हैं चार
47:02
प्रकार के ठी है और इसमें लिख दे दिए जैसे एग्जांपल के तौर पर आता है आतंकवादी संगठन
47:09
अभी आपको पता है करंट की न्यूज़ क्या है करंट की न्यूज ये है भारत के भारत के गृह
47:17
एवं सहकारी समिति मंत्री आप केंद्रीय मंत्री कहते हैं भारत के अभी गृह मंत्री
47:22
जो हैं अमित शाह माननीय अमित शाह जी ने अभी एक संगठन को आतंकवादी संगठन घोषित किया है
47:30
और इसका नाम क्या है जैसे कि एक संगठन पहले था जमे का मैं आपको बता दूं जैसे कई
47:35
सारे संगठन बैन कर दिए हैं एक है जमे का संगठन जमे का संगठन जो था ये आतंकवादी
47:41
संगठन है को बैन कर रखा है क्योंकि जमे का संगठन क्या था ये भारत में ऐसी सारी
47:46
गतिविधियों को अंजाम देता था जो भारत को तोड़ने का प्रयास करती है ये क्या करता था
47:51
कि भारत के हिस्सों में जाता और भारत के लोगों को भड़काता था हिंसा के लिए ठीक है
47:57
चलिए और सबसे बड़ी बात जमेका के अलावा दूसरा संगठन जो था और उसके अलावा य जमेका
48:02
वो वाला संगठन है जो बाबरी मस्जिद का कांड हुआ था ठीक है और दूसरा जो संगठन है वो
48:07
क्या है दूसरा संगठन का नाम है अभी हिज उल अतर लिख दीजिए उसको अभी अमित शाह ने क्या
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कर दिया है आतंकवादी संगठन हिज अल उतर ऐसा
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कुछ संगठन है एजेक्ट मुझे याद नहीं है लेकिन हां कुछ ऐसा ही है कुछ अरबी भाषा फारसी भाषा में लिखा हुआ है ठीक है हिज अल
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उतर यह संगठन जो है आतंकवादी संगठन है और अभी इसको भारत के गृह मंत्री माननीय अमित
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शाह जी ने बैन कर दिया अब यह भारत में काम नहीं कर सकता किसी भी और काम करता पाया
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गया तो इन पर सरकार क्या लगा देगी यूएपीए एक्ट लगा देगी यूएपी एक्ट काम करता है
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1967 का इसे बोलते हैं अनलॉफुल एक्टिविटीज ऑफ प्रिवेंशन एक्ट
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19 ठीक है चलिए अब जैसे कि आज हमारे ऐसे संगठन जो आतंकवादी संगठन नहीं है लेकिन आज
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भी ऐसे संगठन काम कर रहे हैं हमारे भारत में ऐसे एग्जांपल मैं सेट कर देता हूं जैसे कि पहला है हिंदू विश्व परिषद आप सभी
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को पता है हिंदू विश्व परिषद ये एक संगठन है एक काउंसिल है
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काउंसिल संगठन कुछ भी कह सकते हैं यहां पर आप परिषद भी जोड़ दीजिए परिषद भी बना सकते हैं यहां पे आप परिषद बना सकते हैं ठीक है
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कोई समिति बना सकते हैं तो कुल मिलाकर मैं ये कहना चाह रहा हूं कि आज भी हमारे भारत में ऐसे संगठन काम कर रहे हैं जो आतंकवादी
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संगठन नहीं है लेकिन संघ है कि विश्व हिंदू परिषद एक हो सकता है राष्ट्रीय
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स्वयंसेवक संघ जिसे आप आरएसएस कहते हो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राष्ट्रीय
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स्वयंसेवक संघ के लीडर कौन है भगवंत मोहन मोहन भागवत कुछ ऐसे हैं राष्ट्रीय
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स्वयंसेवक संघ काम कर रहा है बताओ आज हमारे देश में आरएसएस आरएसएस आजकल
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पॉलिटिक्स में बहुत इवॉल्व है और हमेशा से रहा है आज नहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
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दूसरा है विश्व हिंदू परिषद हिंदू विश्व परिषद एक बात है ठीक है और संगठन क्या हो
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सकता है दूसरा संगठन हो सकता है वक्फ बोर्ड क्या है वक्फ बोर्ड भी कह सकते हैं वक्फ बोर्ड हो सकता है चलिए वक्फ
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बोर्ड हो सकता है और संगठन कौन से हो सकते हैं जो अभी यहां पर भारत में काम कर रहे हैं बड़े स्तर पर जैसे कि सहकारी समिति हो
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सकती है ठीक है चलिए यहां पर लिखते हैं सहकारी समिति
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सहकारी समिति काम कर रही नहीं कर रही और इनके मंत्री कौन है अमित शाह जी है नहीं है चलिए बहुत अच्छे तो कुल मिला के य पूरा
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जिम्मेदारी किस पर है अमित शाह जी पर पूरी जिम्मेदारी अब आते हैं आर्टिकल
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19 की तरफ लिमिटेशन पढ़नी है साथ में
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हमको अब पढ़ते हैं हम अनुच्छेद
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191 और 19 वडी कहता है कि भारत में यानी भारत के प्रत्येक व्यक्ति को भारत के किसी
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भी हिस्से में मुक्त रूप से विचरण करने की स्वतंत्रता यानी मूवमेंट राइट टू फ्रीडम
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ऑफ मूवमेंट ख सकते हैं विचरण करना या आवाद रूप
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से लिख सकते हैं भारत के प्रत्येक नागरिक को भारत के प्रत्येक नागरिक
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को भारत के प्रत्येक नागरिक को भारत के किसी भी हिस्से में भारत
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के किसी भी हिस्से में भारत के किसी भी हिस्से में आवाद रूप
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से यानी मुक्त रूप से आवाद या मुक्त रूप
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से विचरण करने की पूर्ण स्वतंत्रता है
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विचरण करने की पूर्ण
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स्वतंत्रता ठीक है तो आप समझ गए कि आबाद रूप से मुक्त विचरण करना है तो आप आर्टिकल
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19 वडी को उठा लीजिए आपको पता है कि आपके दोस्त आपके फ्रेंड्स आपके कलीग जब आपका मन
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करता है आप यहां से गाड़ी करते हैं और सीधे कश्मीर की तरफ जाते हैं सीधे जम्मू जाते हैं ठीक है सीधे उत्तराखंड चले जाते
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हैं हिमाचल चले जाते हैं आज शिमला जाएंगे आज धर्मशाला जाएंगे आज मसूरी जाएंगे आज देहरादून घूमेंगे आज कश्मीर जाएंगे कश्मीर
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वैली देखेंगे स्पति वैली जाएंगे वैष्णो देवी मंदिर जाएंगे केदारनाथ केदारनाथ जाएंगे कभी तमिलनाडु जाएंगे तो कभी केरल
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में जाएंगे हम ठीक है कभी गोवा और गोवा जाने का सपना तो आपका साथ पूरा अभी हुआ भी
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नहीं हो हां बड़ी तमन्ना रहती है गोवा जाने की हैं चलिए तो भारत के प्रत्येक
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नागरिक को आबाद रूप से मुक्त रूप से घूमने की पूरी पूरी स्वतंत्रता है उसको किसी भी हिस्से में नहीं रोका जा सकता यह बात अपने
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दिमाग में बिठा लीजिए लेकिन इस बात को भी बिठा लीजिए कि आज हमारे भारत में इसके ऊपर
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भी कुछ लिमिटेशंस लगी हुई है जैसे कि सीमाओं की बात करते कि हमारी सीमाएं
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यानी सीमाओं या फिर कह सकते हैं प्रतिबंध ये प्रतिबंध क्या कहता है देखिए सरकार ने
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इस पर भी क्या लगा रखा है सरकार ने इस पर भी प्रतिबंध लगा रखा है साहब और क्या कहती
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है सरकार यह कहते कह सकती है कि भारत के नागरिक को उन क्षेत्रों में रोका जा सकता
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है जैसे किन क्षेत्रों में रोका जा सकता है बताइए मुझे भारत का नागरिक उन क्षेत्रों में विचरण नहीं कर सकता जहां पर
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वहां के निवासी लोगों को कोई परेशानी होती जैसे कि यानी भारत के उस नागरिक को उन
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क्षेत्रों में जाने से रोका जा सकता है जहां पर निवासी लोगों की हां पर रेजिडेंसी
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जो पीपल रेजिडेंसी जो लोग है वहां के निवासी रहते हैं वहां पर ठीक है उनकी
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संस्कृत उनकी भाषा उनका कला खतरे में नहीं
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यानी उनकी संस्कृति को कोई नुकसान होता दिख रहा है या उनकी कला या उनकी भाषा पर
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ऐसा लग रहा है कि आप उन पर जाकर वहां पर गंदगी फैला रहे हैं तो वहां पर आप नहीं जा सकते गंदगी इन द सेंस पूरा माहौल बिगाड़
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रहे हैं कुल मिलाकर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजातियों की संस्कृति भाषा के
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को देखते हुए आपको वहां पर घूमने से रोका जा सकता पहली बात कल को आप यह मत कहना कि
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सर हमें उत्तराखंड गए थे उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में क्या हुआ था वहां पर हमको जाने नहीं दिया गांव में ये तो सर हमारे
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आर्टिकल 192 कालशन हो गया मैं तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा सर एक बार सोच लेना कि वहां
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पर जाने क्यों नहीं दिया क्योंकि वहां पर जो जनजाति रहती है संस्कृति और उनकी कला
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और उनकी भाषा कुछ इस प्रकार की है कि आपके जाने से वहां पर कुछ खतरा हो स
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जैसे कि आप वहां पर गए ठीक है और उन्होंने क्या सोचा कि यह जो लोग है ना ये अलग ही
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दुनिया से आए क्योंकि जनजाति जो होती है उनका थोड़ा बाहर से रुख थोड़ा कम होता है
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व आपके पहनावे को लेकर यह ना सोच ले यह किस दुनिया का व्यक्ति है और किस दुनिया
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का व्यक्ति है यह व्यक्ति हमारी संस्कृति को हमारी कला को हमारी भाषा को बिगाड़ने
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आया है उनको ऐसा लगता है कि यह व्यक्ति हमारी संस्कृति को खत्म कर देगा इसलिए वो
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व्यक्ति आप पर हमला भी कर सकते हैं ठीक है इसलिए आपको नक्सल इलाके में जाने के लिए मना करती है सरकार इसलिए आपसे जनजाति जो
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ट्राइवल एरिया है वहां पर जाने से मना करती है हां मत जाइए नुकसान आप ही को होगा
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ठीक है उन पर कोई केस नहीं होगा फिर याद रखना उसके अलावा सरकार आपसे घूमने की बात
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करें विचरण की बात करें तो वहां पर जाने से मना करती है जो भौगोलिक रूप से संवेदनशील क्षेत्र है जहां पर भूकंप आने
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का खतरा रहता है ज्वालामुखी फटने का खतरा रहता है जहां पर लैंड स्लाइड होते रहते हैं वहां पर जाने से मना करती है जैसे कि
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कहां पर जैसे कि मान लो केदारनाथ की घाटी में कुछ जगह ऐसी है आज भी कि वहां पर जाने
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के लिए मना है टॉप हिल्स है कुछ सारी तो वहां पर मत जाइए आप क्योंकि वहां पर हमेशा वाइब्रेट होता रहता है ऐसी जगह मत जाइए
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ठीक है वहां पर जवान होते हैं आर्मी के वो मना कर देते हैं कि प्लीज नो एंट्री ठीक
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है और दूसरी बात जैसे कि बनों में आप जाते हैं कभी वर्ल्ड सेंचुरी गए कभी आप सरिस्का गए होंगे रथम गए होंगे या उत्तराखंड के
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मानस में गए होंगे असम के मानस में गए होंगे उत्तराखंड का जिम कर्बिट नेशनल पार्क है तो ऐसे कभी नेशनल पार्क में भी
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आप कहीं भी नहीं घूम सकते क्योंकि वहां पर जो जंगली जानवर है उन क्षेत्रों में आप
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नहीं जा सकते तो ऐसे ऐसे क्षेत्र है और दूसरी बात ठीक है तो ऐसे व्यक्तियों को
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रोका जा सकता है तो पहली बात आप ऐसे लिख द वे क्षेत्र वे क्षेत्र जो जो भौगोलिक रूप से
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वे क्षेत्र जो भौगोलिक रूप से संवेदनशील
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है सेंसिटिव संवेदनशील
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हो संवेदनशील है
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जैसे भूकंप जैसे भूकंपीय क्षेत्र जैसे भूकंप क्षेत्र हो सकता है
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ठीक है ज्वालामुखी क्षेत्र
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ज्वालामुखी क्षेत्र हो सकता है जैसे और क्या हो सकता है भूस्खलन क्षेत्र ंड
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स्लाइड कैसे भूस्खलन क्षेत्र हो सकता है लैंड स्लाइड हो सकता है ठीक है चलिए पहली
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लिमिटेशन दूसरी लिमिटेशन क्या हो सकती है दूसरी हो सकती है आदिवासी और जनजाति
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क्षेत्रों के ख
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आदिवासी एवं जनजाति आदिवासी एवं
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जनजाति क्षेत्रों की क्षेत्रों की
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भाषा कोमा
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संस्कृति कला के हित में कला के हित में रोक रो जा सकता
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है रोका जा सकता है एक ये लिमिटेशंस हो गई दूसरी बात करते हैं ऑल लिमिटेशंस क्या हो
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सकती है ऑल लिमिटेशन जैसे हो सकती है क्या है एक बताई थी ना मैंने आपको हां चलिए एक
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लिमिटेशंस आप लिख लीजिए इसमें एक तो भौगोलिक संवेदनशील वाला हो गया आदिवासी क्षेत्र वाला हो गया और क्या हो सकता है
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हां एक उस दो प्रकार के व्यक्तियों को रोगा सकता है जैसे कि एड्स
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जैसे कि मान लो जो व्यक्ति एड्स से पीड़ित है एड्स बीमारी होती है जो संक्रमण रोग होता है आपके किसी के मिलने से भी फैल
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जाती है ठीक है एक होता है एड्स बीमारी जो व्यक्ति ऐसी बीमारी से ग्रसित है जिससे
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दूसरा व्यक्ति भी बीमार हो सकता है जैसे कि कोविड के समय आपको कोविड के समय
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आइसोलेटेड क्यों किया जाता था भाई आप कोविड पॉजिटिव हो और आप सरकार से कह रहे
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हो मैं तो जाऊंगा घूमने तो पहले आपका टेस्ट होता था आप जब आपको लॉकडाउन खुला था
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आपको लॉकडाउन खुलने के समय का थोड़ा बहुत समय याद है जब लॉकडाउन खु धीरे-धीरे खुलने लगा धीरे-धीरे ट्रेन की टिकट होने लगी लोग
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घूमने लगे अ नॉर्थ की साइड कश्मीर साइड तो वहां पे सबसे पहले जो पहली स्टेज थी वहां
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पर सबसे पहले कोविड टेस्ट होता था कि सरकार उस राज्य की सरकार आपसे कोविड टेस्ट
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करवाएगी कोविड में यदि आप पॉजिटिव पाए गए तो आपको आइसोलेटेड वहीं किया जाएगा भेजा नहीं जाएगा वहीं किया जाएगा उसी राज्य के
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उसी हॉस्पिटल में ठीक जहां पर आप हो पहली बात दूसरी बात आप नेगेटिव हो तो आपको फिर
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परमिशन दी जाएगी तो कुल मिलाकर आपको संक्रमण बीमारियों के आधार पर भी रोका जा
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सकता है तो लिखेंगे संक्रमित बीमारी के आधार पर
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संक्रमित बीमारी के आधार पर भी रोका जा सकता है बीमारी के आधार पर भी रोका जा
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सकता है आधार पर भी रोका जा सकता है
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जैसे एड्स ख जैसे क्या हो सकता है जैसे एड्स हो सकता
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है और जैसे कोरोना कर लीजिए चलो य बीमारी तो आई थी ना कोरोना कर लीजिए एडस है
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कोरोना है या ऐसा कोई बीमारी है जो संक्रमण बीमारी है ठीक है चलिए दूसरी बात
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हा कैंसर संक्रमण बीमारी नहीं होती मैं आपको बता कैंसर से संक्रमण नहीं हो संक्रमण नहीं होते वो ठीक है अलग चीज है
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तो यह हो गया और क्या हो सकता है कोई अपराधी व्यक्ति है जिस पर अपराध सिद्ध हो
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चुका है या जो अभी आरोपी है एक्यूज है अभियुक्त है उसको नहीं जाने देंगे तो
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पुलिस की जो कस्टडी में है वो नहीं जाएगा तो लिखे आरोपी या अपराधी व्यक्ति आरोपी या अपराध सिद्ध व्यक्ति ऐसा
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नहीं है कि कहीं क्रिमिनल को छोड़ दिया भाई तू जा या घूम यार बहुत दिन हो गए जेल में पड़े तुझे अब तू घूम आराम से नहीं
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क्योंकि अपराधी व्यक्ति जहां पर जाएगा वहां अपराधी करेगा इससे समाज को खतरा है तो आरोपी या अपराध सिद्ध
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व्यक्ति सिद्ध व्यक्ति को रोका जा सकता है व्यक्ति को रोका जा सकता
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है चलिए तो आप यहां तक समझ चुके हैं लिमिटेशंस और प्रोहिबिट शंस तीन लिमिट है
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191 डी हो चुका है और नेक्स्ट लेक्चर में हम ई की बात करेंगे और की बात करेंगे और
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आर्टिकल 19 को खत्म कर देंगे और 20 को भी खत्म चलिए अब समझ में आ रहा है आपको कितना
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इंटरेस्टिंग तरीके से पढ़ रहे हैं एक सिंपल लैंग्वेज केवल कांसेप्ट हमारा क्लियर होना चाए चलिए तो फिर मिलते हैं
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आपसे जल्दी ही जैसे कि देखो हां मैं सॉरी बताना भूल गया संवेदनशील क्षेत्र जैसे क्या है जोशी मट अभी जोशी मट में भूकंप
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आया था नहीं आया था सॉरी लैंड स्लाइड जोशी मठ में लैंड स्लाइड हुआ है भाई साहब अभी अभी हाल ही में हुआ था एक साल पहले ठीक है
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देख लो तो वहां पर आप जाने से बची क्योंकि संवेदनशील क्षेत्रों में जाने से वहां पर
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जब कई सारे लोग जा रहे हैं तो वहां पर दबाब बढ़ता है पहाड़ों पर और जब पहाड़ों पर दबाव बढ़ेगा तो क्या होगा वहां पर लैंड
1:02:33
स्लाइड होंगे है भूकंप आएंगे ओके फिर मिलते हैं आपसे नेक्स्ट लेक्चर की तरफ और
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कैसा लग रहा है आपको पॉलिटिकल लेक्चर बहुत और अब से आगे से हम जो भी पॉलिटिकल लेक्चर
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लेक आएंगे उसमें हम टॉपिक के साथ-साथ सब टॉपिक भी उसमें थंबनेल में डालेंगे ताकि आपको पता रहे कि सर ने आज क्या पढ़ाया और
1:02:50
ये लेक्चर किसके ऊपर है चलिए तो फिर मिलते हैं आपसे जल्दी नेक्स्ट लेक्चर में सभी को को मेरा नमस्कार
#Education
#Government
#Legal

