Climate of #india its features & effects of El Nino & La Nina | #ParikshaJunction | #MuftShiksha
Nov 12, 2024
El Niño and La Niña are opposite phases of what is known as the El Niño-Southern Oscillation (ENSO) cycle. The ENSO is a recurring climatic pattern involving temperature changes in the waters of the eastern and central tropical Pacific Ocean, and changes in the patterns of upper and lower-level winds, sea level pressure, and tropical rainfall across the Pacific Basin. El Nino is often called the warm phase and La Nina is called the cold phase of ENSO. These deviations from the normal surface temperatures can have a large-scale impact on the global weather conditions and overall climate.
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0:51
हेलो दोस्तों
1:08
जैसा कि भूगोल की कक्षाओं में आज हम क्लाइमेट के ऊपर डिस्कस करने वाले हैं आप लोग के बीच किसी कारण बस हमारे लाइव
1:17
क्लासेस में थोड़ी सी रुकावट आ गई कोई बात नहीं अभी कुछ ही दो मिनट में आपकी लाइव
1:22
क्लास फिर से शुरू होने जा रही है क्लाइमेट के ऊपर जो हम अभी शुरू करने जा रहे हैं
1:30
ठीक है हां जी आवाज जा रही है सर एक बार मैं टेक्निकल टीम से बात कर हां जी सर
1:37
आवाज जा रही है रेडी करो
1:42
क्ला ठीक है तो क्लास हम दो मिनट में शुरू करते हैं
1:48
तब तक जितने बच्चे हैं नाइंथ से नाथ 11 12थ कंपटीशन के जितने भी विद्यार्थी सारे
1:55
क्लास में जुड़े अभी और दो मिनट में हम कक्षाओं को शुरू करते हैं और मैसेज करके
2:01
अपनी बातों को बताए जैसे ध्रु ने अभी मैसेज किया है वेरी गुड ध्रु गुड इवनिंग कैसे हैं आप आपकी तैयारी
2:09
बहुत अच्छे चल रही है बिल्कुल अपने दोस्तों को भी शेयर कीजिए फटाफट दोस्त भी
2:14
जुड़े इनसे क्लासेस से और भी बच्चे जुड़
2:19
जाए हम दो मिनट में कक्षाओं की शुरुआत करने जा रहे हैं और हमारी जो कक्षा होगी
2:25
आज की वो होगी क्लाइमेटोलॉजी पर ठीक है तो
2:30
क्लाइमेटोलॉजी के ऊपर हम लोग अध्ययन करने जा रहे
2:39
हैं ठीक है हां
2:49
जी चलिए पांच बच्चे अभी ग्रुप में जुड़ रहे हैं एक
2:54
सेकंड फटाफट ग्रुप से जुड़िए आप लोग
3:00
अच्छा सर जो बच्चे जुड़ रहे हैं जो बचे जुड़ उनका
3:19
नाम तो बच्चे जुड़ रहे हैं फटाफट चार बच्चे जुड़ चुके हैं और बच्चे फटाफट
3:24
जुड़िए विद्यार्थी जैसा कि हमने आपसे वादा किया था आज हमारी कक्षाएं क्लाइमेटोलॉजी पर
3:33
चलेंगी बहुत-बहुत धन्यवाद आप लोगों को और आज हमने आपको बताया हैं कि आज का जो दिन
3:39
है वह यूएनओ डे के रूप में मनाया जाता है यूएनओ डे मींस 244 अक्टूबर याद रखिए आज ही के दिन
3:48
24 अक्टूबर 1945 को यूएनओ की स्थापना हुई
3:53
थी यूनाइटेड नेशन ऑर्गेनाइजेशन की ठीक है जो कहां है
4:00
न्यूयॉर्क में ठीक है इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है अमेरिका और भी बहुत सारे
4:06
देश मिलकर के इसकी स्थापना किए थे इसके पांच सदस्य परमानेंट सदस्य
4:11
हैं तो आज यूएनओ डे के रूप में मनाया जा रहा है बहुत से ऐसे चीजें हैं जो यूएन में
4:18
रिफॉर्म्स की बातें चल रही है चर्चा चल रही है जैसे इसके परमानेंट मेंबर्स की संख्याओं को बढ़ाया जाए भारत ने भी
4:25
रिफॉर्म्स की और कदम भराया भारत ने भी अपने जो है एजेंडा में इस चीज को रखा है
4:31
कि यूएन में रिफॉर्म्स होने चाहिए क्योंकि विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश
4:37
भारत यूएनओ का परमानेंट सदस्य नहीं है य एक बड़ी चिंता की बात चलिए कोई नहीं आज हम
4:44
लोग क्लाइमेटोलॉजी शुरुआत कर रहे हैं तो हमारे साथ बच्चे जुड़ रहे हैं निष्कर्ष जुड़ गए हमारे
4:50
साथ वेरी गुड निष्कर्ष थैंक यू अब पियूष भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं वेरी गुड
4:57
पियूष और भी विद्यार्थी फटाफट जुड़ आज हम लोग फिर से क्लाइमेटोलॉजी के ऊपर
5:02
डिस्कस करने जा रहे हैं वेरी गुड विद्यार्थी चलिए जी तो आज हमारी क्लास
5:09
होगी क्लाइमेटोलॉजी के ऊपर ठीक है यानी जलवायु जैसे कि हमने आपको
5:17
बताया क्लाइमेट अगर हम बात करें
5:38
हां ठीक है रेड कलर से भी चल सकता है ग्रीन कलर
5:44
से क्लाइमेट क्लाइमेट मींस होता है जलवायु ठीक है मेनली क्लाइमेट जो है किन-किन
5:52
चीजों से जो है निर्भर करता है सबसे ज्यादा डिपेंड जो है किन चीजों पर करता है क्लाइमेट हम लोग उसके बारे में थोड़ा सा
6:00
जानेंगे सबसे पहला याद रखिएगा तीन चीजें मोस्ट इंपॉर्टेंट है क्लाइमेट के लिए सबसे
6:05
पहला आता है आपका एयर यानी
6:10
वायु जो हमारा पृथ्वी एक एटमॉस्फेयर है पृथ्वी का
6:19
जो आउटर मस्ट लेयर है पृथ्वी के जो एटमॉस्फियर है हमने एक वीडियो भी इस पर बना रखा है पृथ्वी के एटमॉस्फियर के बारे
6:27
में पूरा डिटेल उस पर अध्ययन है तो आज हम लोग जो है तो सबसे पहला है एयर दूसरा है
6:35
वाटर दो चीजें एयर और वाटर यानी जल निर्भर
6:41
करती हैं और तीसरी सबसे इंपॉर्टेंट चीज है वह है सन सूरज सूर्य से दो चीजें मिलती
6:48
हैं यहां सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है हीट ठीक है हीट की आवश्यकता है हमें यह तीन चीजें जो हैं क्लाइमेट को निर्धारित करती
6:56
है ठीक है क्लाइमेट को बांटे अगर वर्ल्ड लेवल पर क्लाइमेट को बहुत सारे वैज्ञानिकों ने बांटा है भूगोल बताओं ने
7:02
जैसे कोपेन ने बांटा है नवरी ने बांटा है और थर्न वेस्ट ने बांटा है और भी बहुत
7:08
सारे वैज्ञानिकों ने बांटा है लेकिन हमें उस पर जाना नहीं है क्योंकि हमें इंडियन मानसून के ऊपर अध्ययन करना है हमें डिटेल
7:15
में जोग्राफी की कक्षाओं को नहीं जानी है हमें यहां पर यह जानना है कि यह इन तीनों
7:20
का क्या प्रभाव होता है ठीक है इन तीनों के प्रभाव को जानने के लिए हम लोग छोटा सा एक और पॉइंट जानेंगे कि दो चीजों हैं जो
7:29
हम लोग लोग को सबसे ज्यादा इंपॉर्टेंट है वो याद रखना है कि हवाएं जब गर्म होती है
7:35
हॉट एयर ठीक है हवाएं जब गर्म होती हैं तो लो प्रेशर क्रिएट करती
7:42
हैं प्रेशर क्या होता है हमने एक बार बताया था आप लोगों को प्रेशर क्या होता है सिंपल तरीका से समझिए ऑल डायरेक्शन में
7:50
एजर्टन में जो फोर्स लगता है उसको प्रेशर बोलते हैं या यूनिट एरिया में एक यूनिट
7:55
एरिया में जो फोर्स लगता है उसको हम प्रेशर कहते हैं ठीक है
8:01
तो प्रेशर जो है वह आपका यूनिट एरिया में लगता है तो जब हवा
8:08
जो गर्म होती है हवाएं जो गर्म होती हैं वो ऊपर की तरफ अपलिफ्ट होने की कोशिश करती
8:13
है यानी हॉट एयर यानी कि टेंपरेचर हवाओं का क्या होगा जैसे जैसे हवाओं का टेंपरेचर
8:18
बढ़ेगा वो ऊपर की तरफ उठेंगी हवाएं जब भी ऊपर आएगा कोई भी ऑब्जेक्ट जो अर्थ की सतह से ऊपर की तरफ अपलिफ्ट होगा उसका प्रेशर
8:25
लो होगा और दूसरा जो कोल्ड हवाएं होती हैं कोल्ड एयर वो हाई प्रेशर क्रिएट करती है यह याद रखना
8:35
है कोल्ड एयर हाई प्रेशर क्रिएट करती है हॉट एयर लो प्रेशर क्रिएट करती है ठीक है
8:41
कोल्ड एवर नीचे आएगा जब भी याद रखेंगे अगर ये मान लीजिए कि हमारा पृथ्वी का सतह है
8:47
सरफेस ऑफ द अर्थ अगर हम पृथ्वी के सरफेस की बात करें तो जितनी ऊंचाई पर जाएंगे ऑन
8:52
द हाइट हाइट जितना ज्यादा बढ़ेगा प्रेशर उतना ही कम होगा
9:00
कौन सा प्रेशर एटमॉस्फेरिक प्रेशर की बात कर रहे हैं हम वो उतना ही ज्यादा कम होगा लेस होगा ठीक है जब कोई जितनी गहराई में
9:09
जाएगा प्रेशर उतना ही ज्यादा क्या होगा इंक्रीज करेगा यह पॉइंट याद रखना है आप लोग मोस्ट इंपोर्टेंट पॉइंट है ठीक है यह
9:15
चीज आपको समझ में आई अब टेंपरेचर य प्रेशर समझ में आया अब टेंपरेचर देखि क्या होता है अर्थ की सतह पर हाइट बढ़ने से यानी
9:23
ऊंचाई पर जितनी दूरी पर जाएंगे एल्टीट्यूड इसको कहा जाता है
9:30
एल्टीट्यूड बढ़ने से ऊंचाई बढ़ने से क्या होता है टेंपरेचर डिक्रीज करता
9:36
है टेंपरेचर कम होता है जैसे जैसे हाइट बढ़ेगा टेंपरेचर वैसे कम होगा क्या सिस्टम
9:43
है इसका 165 165 मीटर की ऊंचाई पर जाने से एक
9:50
डिग्री सेंटीग्रेड टेंपरेचर जो है वह क्या हो जाएगा लेस हो जाएगा कम हो जाएगा अगर हम
9:56
एक किलोमीटर आसमान में चले जाते हैं तो हम टेंपरेचर 6 डिग्री 6.5 डिग्री सेल्सियस
10:02
क्या हो जाएगा कम हो जाएगा लेस हो जाएगा 6.5 डिग्री टेंपरेचर जो है वो कम हो जाएगा
10:10
ये पॉइंट याद रखना है आपको अब यहां एक और चीज ये तीन चीजें समझ में आया यानी हाइट
10:15
बढ़ने से टेंपरेचर डिक्रीज करता है और सेम
10:20
हाइट बढ़ने से प्रेशर रिलीज कम होता है लो प्रेशर बनता है क्लियर अब हम लोग आगे चलते
10:27
हैं अब हम आते हैं पृथ्वी पर बहुत सारे बेल्ट बने हुए हैं हाई प्रेशर और लो प्रेशर बेल्ट तो पृथ्वी के जो बेल्ट है
10:33
हाई प्रेशर लो प्रेशर बेल्ट उसके ऊपर हम लोग अध्ययन करेंगे अब ध्यान देंगे यहां पृथ्वी पर जो इक्वेटोरियल वाला पार्ट है
10:40
याद रखिएगा आपका इक्वेटोरियल जो जोन एरिया है यहां पर स के किरणें डायरेक्ट पड़ती
10:46
हैं सूरज की रोशनी सूरज की किरने हीट डायरेक्ट पड़ती है आपके इक्वेटोरियल पार्ट
10:52
पर और इक्व टोरियल पार्ट पर डायरेक्ट पढने की वजह से क्या होता है कि इस एरिया की जो हवाएं हैं वो हॉट हो जाती गर्म हो जाती
11:00
हैं और हम हमने आपको बताया कि जहां हवाए गर्म होंगी वहां लो प्रेशर जोन बनेगा कैसा
11:06
जोन बनेगा लो प्रेशर जोन और लो प्रेशर जोन बनने का मतलब है कि हवाएं जो है यहां पर
11:13
गर्म होंगी ऊपर की तरफ अपलिफ्ट करेंगे दूसरा पॉइंट जब यहां पर सूरज की किरणें
11:19
लंबवत होंगी परपेंडिकुलर होंगी तो इसके आगे पीछे यानी ट्रॉपिकल जो जोन होगा जो
11:24
ट्रॉपिकल एरिया होगा सबट्रॉपिकल जोन याद रखिए जो सबट्रॉपिकल जोन होगा इन सब
11:30
ट्रॉपिकल बेल्ट जो होगा जो जोन होगा इस जोन को हर्स लेट्यूस भी नाम दिया जाता है
11:36
क्योंकि यहां पर बहुत स्पीड में एक जेट स्ट्रीम राए चलती है व बताएंगे आपको आगे
11:41
की चीजें हैं यहां याद रखिए इसकी अपेक्षा यहां पर जो है लो टेंपरेचर होगा यहां की
11:48
हवाएं कोल्ड होंगी और ठंडी हवाओं होने के कारण जो है ठंडी हवाएं होने के कारण यहां
11:55
पर कैसा जोन बनेगा लो प्रेशर जोन ठंडी हवाएं होने के कारण यहां
12:02
पर लो प्रेशर जोन हवाएं यहां की क्या होंगी ठंडी हवाएं होंगी इस वजह से इस
12:07
एरिया में लो प्रेशर जोन क्रिएट होगा यह आपको याद रखना है और ऊपर में भी आपका क्या
12:14
होगा लो प्रेशर जोन अब जब एक फार्मूला एक नियम है वह नियम यह है विंड सिस्टम का एक
12:21
नियम काम करता है याद रखिएगा विंड सिस्टम में एक नियम काम करता है वह नियम यह है कि
12:26
हवाएं जो है हमेशा हाई प्रेशर से लो प्रेशर की ओर फ्लो करती हैं हाई प्रेशर टू
12:33
लो प्रेशर ठीक है अगर टेंपरेचर की बात करें
12:39
तो लो टेंपरेचर से हाई टेंपरेचर की
12:44
ओर यह पॉइंट आपको याद रखना है यह रट जाने हैं तो इधर वाले एरिया में यहां ध्यान दे
12:50
रहे हैं इस वाले एरिया में क्या हो रहा है इधर बन रहा है हाई प्रेशर इधर बन रहा है
12:56
हाई प्रेशर इधर लो प्रेशर तो हवाएं जो है नीचे की तरफ इक्वेटर की तरफ आएंगी तो जो
13:02
हवाएं इक्वेटर की तरफ जो है ब्लो करती हैं यह सालों भर हवाएं चलती है इन्हीं हवाओं
13:08
को हम लोग क्या बोलते हैं ट्रेड विंड याद रखिएगा इन हवाओं का नाम है ट्रेड विंड ठीक
13:15
है वेरी गुड बहुत सारे विद्यार्थी जुड़ रहे हैं प्लीज कमेंट कीजिए किसी बच्चे को कोई
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प्रॉब्लम हो रही है तो कोई भी क्वेश्चन है आप कमेंट कर सकते हैं सभी विद्यार्थी को
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बहुत-बहुत धन्यवाद जुड़ने के लिए तो आगे हम लोग देखते हैं तो आज हमारा यह चीज चल रहा है कि आप
13:34
इक्वेटोरियल एरिया में हवाएं किस प्रकार चल रही है जिसको ट्रेड विंड कहा जाता है
13:40
ठीक है अब देखिए होता क्या है कि यह ट्रेड विंड डाइवर्ट क्यों कर रही है नॉर्थ साइड
13:45
की ट्रेड विंड राइट नॉर्थ में जो ट्रेड विंड होती है वह राइट साइड डाइवर्ट करती
13:51
है याद रखना है और जो साउथ में ट्रेड विंड होती है वो लेफ्ट साइड डायवर्ट करती है
13:57
क्यों करती है क्या कारण है इसके पीछे एक फोर्स काम कर रहा होता है उस फोर्स का नाम है कोरिया सिस फोर्स कोरिया सिस का फोर्स
14:05
का खोज फेरल नामक एक वैज्ञानिक ने किया था उन्होंने बताया था कि जब पृथ्वी अपने
14:11
अक्ष पर घूमती है रोटेट करती है तो एक फोर्स काम कर रहा होता है वह होता क्या है समझेंगे ध्यान से कि जब पृथ्वी अपने अक्ष
14:18
पर रोटेट कर रही होती है तो इस पार्ट की अपेक्षा इस पार्ट को ज्यादा यह वाला जो
14:23
एरिया है इसको ज्यादा तेजी से मूव करना होता है तब जाकर के ये इसके टाइम के
14:29
अकॉर्डिंग मूव कर जाए क्योंकि अगर हम देखें ध्यान से अगर हमने कोई ग्लोब बना लिया है मान लीजिए ये वाला तो ये वाला
14:35
पार्ट बहुत जल्दी मूव कर जाएगा लेकिन ये वाला पार्ट को मूव करने के लिए ज्यादा समय लगेगा तो स्पीड ज्यादा इस वाले पार्ट पर
14:40
होगा तो क्या होगा कि इसकी अपेक्षा इसका स्पीड ज्यादा अब होता क्या है यहां से हाई
14:46
प्रेशर जोन से हवाएं लो प्रेशर की ओ सीधी जाएंगी लेकिन इसका स्पीड ज्यादा है तो ये मूव कर जाएगा तो ये हवाए ये डाइवर्ट होंगी
14:53
ये हवाएं डायवर्ट होंगी और डायवर्ट होने की वजह से जो नॉर्थ से हवाएं चलती हैं वो
14:59
राइट साइड डाइवर्ट होती है सेम इसी तरीके से साउथ से जो हवाए चलती है वो लेफ्ट साइड डाइवर्ट करती हैं यह पॉइंट आपको याद रखना
15:07
है अब हम यहां पर आते हैं ठीक है यह पॉइंट आपने क्लियर हो गया
15:12
सारी चीज समझ में आ गया अब होता क्या इक्वेटर पर पॉइंट्स आते हैं सारी चीजें अब अब आगे देखते हैं अब आ जाइए आगे नेक्स्ट
15:21
पॉइंट अब जैसे ही इक्वेटर पर यह हवाएं ट्रेड विंड जो साउथ की ट्रेड विंड होती है
15:27
उनका नाम है साउथ ईस्ट ड विंड और नॉर्थ की जो ट्रेड विंड होती है उनका नाम है नॉर्थ ईस्ट ट्रेड विंड इनका नाम डायरेक्शन के
15:34
अकॉर्डिंग पड़ता है हमने आपको बताया था यह हवाए ये नॉर्थ ईस्ट साउथ वेस्ट तो इधर से
15:40
जो हवाएं जा रही है इसको क्या नाम पड़ेगा साउथ ईस्ट इधर से हवाए नॉर्थ ईस्ट ये याद
15:45
रखना है आपको हवाए जहां से चलती है यह हवाओं का नाम होगा नॉर्थ ईस्ट यह हवाए
15:51
जहां से चल रही है इनका नाम है साउथ ईस्ट ठीक है अब देखिए ये हवाए जब इधर से चल रही
15:58
है तोय आपस में भर नहीं रही है क्यों नहीं भिर रही है क्या कारण है क्योंकि यह जो
16:03
बेल्ट आपको दिखाई दे रहा है येलो कलर का जीरो डिग्री इक्वेटर पर इस बेल्ट का नाम
16:08
है आईटीसी जड आईटीसी जड का मतलब होता है इंट्रा ट्रॉपिकल कन्वर्जन जोन आईटी सीजन
16:16
मींस इंट्रा ट्रॉपिकल कन्वर्जन
16:21
जोन इंट्रा ट्रॉपिकल
16:29
कन्वर्जन जोन इंट्रा ट्रॉपिकल कन्वर्जन जोन में क्या होता है कि हवाएं जैसे ही
16:35
इक्वेटर के पास आती है दोनों तरफ की हवाएं क्योंकि दोनों तरफ हाई प्रेशर इधर लो प्रेशर तो यहां पर इतनी ज्यादा गर्मी है
16:42
सन की रोशनी इतनी ज्यादा होती है कि हवाएं जो है आपस में ना भीर करके यह हवाएं ऊपर
16:47
की तरफ उठने लगती हैं और यह इस तरीके का मूवमेंट करती हैय देख रहे हैं हवाएं कैसे ऊपर की तरफ उठ रही है अगर चूंकि हम इसको
16:54
सामने नहीं दिखा सकते यह नॉर्मली 3डी चीजें हैं तो यह ऊपर की तरफ ऐसे दिखाई है ठीक है ये ऊपर की तरफ क्या कर रही है
17:01
शिफ्ट कर रही है जैसे ही ये हवाएं ऊपर की तरफ शिफ्ट कर रही है तो यहां पर एक चीज ध्यान देने वाली बात है तो इस एरिया का
17:08
नाम होता है याद रखिएगा आईटीसी जड जहां हवाएं मिलती नहीं है कन्वर्ज करती है ठीक है अब यहां ध्यान देंगे जब ये हवाएं ऊपर
17:15
की तरफ उठती है जैसा कि हमने बताया था आपको कि जब भी हवाएं ऊपर की तरफ उठती हैं
17:24
तो हवाएं हमने आपको बताया था कि पृथ्वी की ऊंचाई पर जैसे जैसे हम लोग ऊपर उठते हैं
17:29
टेंपरेचर कम होता है तो ये हवाएं जैसे ऊपर उठेंगी हवाएं ठंडी होने लगी गर्म हवाएं
17:34
ऊपर उठ रही ठंडी होंगी ठंडी होंगी तो इसमें वेट होगा मास होगा मास होगा तो इस पर पृथ्वी का फोर्स लगेगा ग्रेविटेशनल
17:42
फोर्स ये नीचे की तरफ आने के लिए कंज्यूम होंगी तो ये हवाएं जैसे ऊपर उठ रही है तो नीचे यहां सीधे नहीं आ सकती है क्योंकि
17:49
नीचे से लगातार गर्म हवाएं ऊपर जा रही है तो ये हवाएं दोनों तरफ रिफ्लेक्ट करेंगे
17:54
ये पॉइंट याद रखना ये हवाए दोनों तरफ क्या करेंगी रिफ्लेक्ट करें इधर भी देख रहे हैं
18:00
आप लोग ये रिफ्लेक्ट करेंगी ये कैसे करेंगी ध्यान से देखिए अगर अ 3डी पिक्चर बनाए अर्थ का तो ये ऐसे ऊपर उठ रही है
18:06
हवाएं रिफ्लेक्ट ऊपर उठ रही है रिफ्लेक्ट तो ये जैसे रिफ्लेक्ट कर रही है जैसे ये
18:11
हवाएं इधर जा रही है इस एरिया में आ रही है यह हवाएं ठंडी हो रही है और हवाएं हम
18:17
आपको बताएं कि हवाएं जब ठंडी होती है तो बनता है क्लाउड बादल बनते हैं क्योंकि य
18:23
एक और चीज ध्यान देंगे कि इस रीजन में जो हवाएं गर्म हो रही हैं इस एरिया में ज्यादातर ओसियन है पैसिफिक ओसियन इधर वाला
18:31
पार्ट में आपका अटलांटिक ओसियन और इधर वाले पार्ट में आपका इंडियन ओसियन ये वाला
18:36
पूरा का पूरा ये पूरा का पूरा ओशियन है ठीक है तो ओशियन से वाटर को ये लेकर के जा रही है वाटर वेप तो यहां पर बादल बनाते
18:44
हैं बहुत ही काले काले ंबस क्लाउड एक वीडियो हम क्लाउड पर भी आपको बना देंगे लेकिन याद रखिए क्लाउड बनती है ंबस क्लाउड
18:51
और ये क्लाउड इतने ज्यादा डेंस हो जाते जैसे ही ये ऊपर यहां यहीं आते हैं ना यहां डेंस हो जाते हैं और ये नीचे की तरफ आते
18:59
हवाए इनको प्रेशर करती है आपस में टकराते हैं और इस रीजन में बहुत ज्यादा वर्षा
19:04
करती हैं रेनफॉल हेवी रेनफॉल इन दिस रीजन ठीक है इसीलिए इस एरिया का नाम पड़ता है
19:11
डोल ड्रम इस एरिया का नाम पड़ता है डोल ड्रम
19:17
क्योंकि यहां पर डेली वर्षा होती है लगातार वर्षा होती है जबरदस्त वष कारण यही
19:22
है कि किस प्रकार क्लाउड बनते हैं और यहीं पर बरस भारी हो जाते हेवी क्लाउड और वर्षा
19:29
करते हैं ठीक है अब यह पॉइंट समझ में आया आप लोगों को ठीक इसी तरीके का यह चीजें अब
19:34
यहां क्या होता है यहां समझेंगे यहां भी क्या है यह वाला जो एरिया है जो 30 डिग्री
19:40
सब ट्रॉपिकल जोन का वाला एरिया है ठीक है यह वाला जो एरिया
19:46
है इस एरिया में क्या होता है और यह वाला एरिया याद रखना है आपको यह
19:52
30 डिग्री वाला एरिया जो हाई प्रेशर जोन है ठीक इसके ऊपर एक एरिया होता है जहां पर
19:59
जो है यहां पर यहां पर ठंडी ज्यादा होगी ठंडी ज्यादा होगी तो हाई प्रेशर यहां पर लो
20:05
प्रेशर इस एरिया में लो प्रेशर ठीक है लो प्रेशर जब बनेगा तो इधर
20:11
से हवाएं इस एरिया में जाती हैं इस एरिया में यहां से भी हवाएं लो प्रेशर बनेगा
20:16
यहां ठीक है तो यह हवाएं इधर से मूव करेंगे जैसे जैसे यह हवाएं इधर जा रही है
20:23
इस एरिया में तो इस एरिया में जो लो प्रेशर बनेगा वो उस तरीके का लो प्रेशर नहीं बनेगा
20:29
जैसा लो प्रेशर इक्वेटर में बनता है यानी आईटीसी जड इधर नहीं बनेगा तो क्या का नहीं
20:34
बनेगा तो होगा क्या कि इस एरिया में हवाएं भरेंग आपस में हवाएं भरती है और हवाएं
20:41
भरती हैं तो हम आपको बता द जो है जब दो हवाएं आपस में फिरती है तो साइक्लोन
20:47
बनाते चक्रवात तो इस एरिया में आपको देखने को मिलेगा सबसे ज्यादा जो चक्रवात आता है
20:54
वो आता है आपका सब
21:00
पोलर लो प्रेशर एरिया कौन से भाग में आता है सबपोलर लो प्रेशर जोन में यह चक्रवात
21:08
हवाएं आती है यह वाले सब पोलर लो प्रेशर जोन में तो आप लोग को देखने को मिलता भी
21:14
है इधर जो है जापान में आप लोग को सुनने को मिलता है साइक्लोन साइक्लोन आता है जबरदस्त तो यह सारे कारण यही है कि इधर
21:22
आईटी सीजेट का निर्माण नहीं होता है इंडिया वगैरह में भी साइक्लोन आते हैं इंडिया में साइक्लोन कैसे आता है ये भी हम
21:28
आपको बताते हैं अभी अभी तुरंत मानसून करेंगे तो वही अब ये आईटी सी जड शिफ्ट करता है कैसे शिफ्ट करता है ध्यान देंगे
21:36
इंपॉर्टेंट कांसेप्ट है अब क्या होता है कि यह वाला एरिया जो 30 डिग्री वाला एरिया है याद रखिए इसके ठीक नीचे होता है 23 ए
21:44
हाफ डिग्री नॉर्दर्न हेमिस्फीयर इसको हम लोग बोलेंगे ट्रॉपिक ऑफ
21:49
कैंसर ट्रॉपिक ऑफ कैंसर कर्क रेखा यह वाला जो एरिया है इसको बोलेंगे 23 हाफ डिग्री
21:57
साउथ इसको बो लेंगे ट्रॉपिक ऑफ कैप्रीकॉर्न ट्रॉपिक
22:02
ऑफ कैप्रीकॉर्न यानी मकर रेखा कर्क रेखा और मकर रेखा अब क्या होता
22:09
है कि सूर्य की किरणें इस एरिया में 21 जून को लंबवत पड़ती है याद रखिएगा 21 जून
22:15
और 22 जून को के दिन इस एरिया में लंबवत पड़ती है जब सूर्य की किरणें इस एरिया में लंबवत पड़ रही होती है तो इस एरिया में
22:21
बहुत ज्यादा गर्मी होती है अत्यधिक गर्मी होने के कारण आईटी सजेड शिफ्ट कर जाता है
22:27
यहां ठीक है इस एरिया में आईटी सीज बनता है अब होता क्या है कि इधर से हवाएं जो हैं यह
22:34
हवाएं ऐसे मूव करने लगती है जो हवाए इधर आ रही है हाई से लो यह लो प्रेशर बन रहा
22:41
होता है अब यह लो प्रेशर बन जाता है यह वाला जो है आपका ट्रॉपिक ऑफ कैंसर में 21
22:47
जून को लो प्रेशर बनता है याद रखना 21 जून और लो प्रेशर बनने के कारण इस एरिया में
22:55
क्या होता है आईटी सीज बन जाता है और यह ट्रेड विंड जो है मूव करने लगती है ठीक है
23:02
और यह जो ट्रेड विंड होती है जो साउथ ईस्ट ट्रेड विंड होती है वो इक्वेटर जीरो डिग्री को जैसे ही पार करती है यह शिफ्ट
23:09
कर जाती हैं टुवर्ड ठीक है वेस्ट अब यह साउथ ईस्ट
23:16
ट्रेड विंड जो साउथ ईस्ट से चलती है अब ये क्या हो जाती है इनका डायरेक्शन चेंज होता है और यह साउथ वेस्ट ट्रेड विन कहलाने
23:23
लगती है साउथ वेस्ट की तरफ क्यों होती है क्योंकि इससे इक्वेटर पर कोरिया
23:29
का प्रभाव बिल्कुल जीरो होता है कोलसिस फो बिल्कुल जीरो होता है और यही कोलसिस फो
23:34
पोलर रीजन में ज्यादा होता है यहां देखते हैं यह हवाएं कैसे मूव कर रही है देख रहे हैं ना ये हवाए कैसे घूम जा रही है ठीक है
23:41
कारण यही होता है सिंपल चीज ये हवाएं ये याद रखने वाली चीजें तो इस वाले एरिया में
23:47
ये हवाएं तो साउथ ईस्ट ट्रेड विंड इक्वेटर को पार करते हैं साउथ वेस्ट ट्रेड विंड बन
23:53
जाती है और इन्हीं साउथ वेस्ट ट्रेड विंड को हम नाम देते हैं मानसून विंड्स जो आज
24:00
हम लोग इस कक्षा में डिटेल अध्ययन करेंगे तो हमने आपको बताया दो चीजें मानसून विंड मानसून के बारे में पढ़ने से पहले हम आपको
24:06
दो तीन चीजें बताई सबसे पहला बताया एयर क्या होता है प्रेशर क्या होता है
24:12
टेंपरेचर क्या होता है आईटी सीजेट कहां बनते ये तमाम तरह की चीजें आपने अध्ययन किया अब हम लोग आते हैं नेक्स्ट टॉपिक पर
24:18
अब आ जाइए ये पॉइंट अब यह वाला चीज आपको देखने को समझ में आएगा अब ये वाला जो पार्ट है ये जीरो
24:25
डिग्री जो आपको दिखाई दे रहा है ये जीरो डिग्री ये इक्वेटर है ठीक है यह जीरो डिग्री
24:33
इक्वेटर ठीक है जीरो डिग्री इक्वेटर है बहुत सारे विद्यार्थी जुड़िए
24:41
फटाफट वेरी गुड रिंकू जी कैसे हैं आप और भी विद्यार्थी जुड़ चुके हैं हमारे
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बीच चलिए बहुत अच्छा तो रिंकू जी आप लोग को वीडियो अच्छा लग रहा है
24:56
विद्यार्थी लोग तो फटाफट लाइक कमेंट करते जाइए कोई भी आपको प्रॉब्लम हो रहा है या
25:01
कुछ भी है तो आप फटाक से लाइक कीजिए तो अब देखिए यह है 0
25:08
डिग्री और यह है 23 30 डिग्री के ठीक नीचे है 23 ए 1/2 डिग्री नॉर्थ ठीक है तो यहां
25:16
यह जो बेल्ट बन रहा है यह आपको दिखाया जाएगा यहां यह चीज ध्यान देंगे यहां से यह हवाएं इधर जाएंगी इक्वेटर से पार करके इस
25:24
तरफ डायरेक्शन में शिफ्ट करेंगी यह वाला इंडिया है ठीक है ये वाला पॉइंट याद रखना है चलिए अब आगे हम लोग इंडिया के ऊपर
25:31
देखते हैं इंडिया में कैसे हवाएं मूव करती है ये देखिए ये है हमारा इंडिया ठीक है
25:37
इंडिया का लोकेशन ध्यान से देखेंगे इंडिया के ठीक नीचे से गुजरता है 0 डिग्री यह
25:43
वाला जो लाइन गुजरता है यह है आपका 0 डिग्री इक्वेटर और यह अपर लाइन इंडिया के ठीक
25:52
बीचों बीच गुजरता है एक रेखा इसका नाम है इक्वेटर यह ट्र ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर 23 ए
26:00
1/2 डिग्री नॉर्थ लटटू अब देखिए क्या है कि जब 21 जून 21 जून को सूर्य पहुंच जाता
26:07
है ट्रॉपिक ऑफ कैंसर पर कर्क रेखा पर तो हवाएं यहां
26:13
से देख रहे हैं यह हवाएं कैसे इधर से यह जो हवाएं चल रही है पार करते ही शिफ्ट कर
26:18
जाती हैं मूव कर जाती है पार करते ही यह हवाएं मूव करती है और इस डायरेक्शन में यह
26:23
हवाएं मूव करती हैं और इस तरीके से यह हवाएं इंडिया में प्रवेश करती है देखिए जैसे हवा इंडिया में प्रवेश करती है तो
26:29
अरेबियन सी बे ऑफ बंगाल इधर सेय वाटर को लेकर के चलती है और इधर कोल्ड होगा इधर
26:35
अपेक्षाकृत गर्म होगा गर्मी ज्यादा होगा इधर बनेगा लो प्रेशर इधर बनेगा हाई प्रेशर हवाएं जाएंगी गर्म होगी और इसको रिफ्लेक्ट
26:43
करेंगे और इस तरीके से आपका यहां क्या बनेगा जो है मानसून विंड्स भारत में
26:50
प्रवेश करेगी भारत में मानसून विं कब कहां कैसे प्रवेश करती है एक आपको इस पर हम बता
26:55
देते हैं डेट याद रखिए मोस्ट इंपॉर्टेंट 25 मई से 1 जून के बीच भारत
27:02
में जो है हवाएं केरल के तट को पार करने लगती हैं ठीक है 25 मई से 1 जून केरल की
27:10
तट पर पहुंचती है 1 जून से 5 जून के बीच केरल के तट पर हवाएं पहुंचती हैं इसके ठीक
27:16
ऊपर ये हवाएं धीरे-धीरे ऊपर की तरफ शिफ्ट करती है यह वाला जो पार्ट है आपका आपका
27:21
अगर दिल्ली वाला पार्ट बात करें दिल्ली यह वाला पार्ट और इधर वाला पूरा यूपी बिहार वाला पार्ट यहां पर 20 जून आ आते हवाएं
27:28
यहां पर आने लगती है क्योंकि 20 जून में ट्रॉपिक आईटी सी जड यहां बनते यहां से शिफ्ट कर रहा है आईटी सी जैसे जैसे शिफ्ट
27:35
कर रहा है ना मानसूनी विंड्स वहां वर्षा करेंगी जहां आईटी सी जड बनेगा ये याद रखना
27:40
है आपको ठीक है तो ये जैसे जैसे आईटीसी जड शिफ्ट करता है मानसून विंड वहां पर रेनफॉल
27:45
करती रहती है जैसे आईटीसी यहां पहुंचता है रेनफॉल ये करता है ठीक है जुलाई तक ये 1
27:51
जुलाई तक ये पीक तक पीक के पास होता है यहां होता है यह मानसूनी विंड्स है देख रहे हैं कैसे काम कर रहा है ठीक है इंडियन
27:58
माउंस विंड्स अब यह वाला पार्ट देखिए ये वाला ठीक है इधर क्या बन रहा है लो प्रेशर
28:03
क्यों बन रहा है यहां इक्वेटोरियल रीजन है हमने आपको बताया य ट्रॉपिक ऑफ कैंसर वाला जो पार्ट है 23 एंड हाफ डोर तो जो इक्वेटर
28:12
पर जो बनता है आरटीसी जड वही आईटीसी जड यहां बनता है ठीक है और यहां आईटीसी बनी
28:19
है लो प्रेशर जो बेल्ट है यहां से हवाएं मूव करेंगे और इधर रेन फाल करती ये
28:25
मानसूनी विंड्स है ठीक है वेरी गुड अब मानसूनी विंड्स पर दो इफेक्ट पड़ता है दो
28:30
ऐसे ओसियन करेंट्स है जिसका प्रभाव मानसूनी विंड पर पड़ता है जो बहुत इंपॉर्टेंट है जो आप लोग को जानने हैं और
28:37
वोह विंड है एक है एलनीनो और दूसरा है लानिनो यह है क्या ओसियन करंट समझेंगे
28:43
ध्यान से देखिए पैसिफिक ओसियन में जो वाटर है वह रिफ्लेक्ट करते हैं एक दूसरे को मूव
28:49
करते मूव कैसे करते हैं सेम कंडीशन पैसिफिक ओसन में भी क्या है गर्म हवाए
28:55
गर्म जो वाटर बॉडी होंगी वो ऊपर की तरफ प्राइस होंगी तो वहां पानी कम होगा उस पानी को भरने के लिए कोल्ड वाटर वहां पर
29:02
शिफ्ट करेगा ठीक है अब यहां देखिए क्या है पेरू के पास है कोल्ड वाटर ठीक है पेरू का
29:09
जो तट है वहां पर है कोल्ड वाटर और यह कोल्ड वाटर है तो इधर जाहिर इधर क्या होगा
29:15
हॉट ठीक है तो यहां से ये एक ये एक जो है ओसियन करंट चलेगी जो कि किस पेरू से लेकर
29:23
के ऑस्ट्रेलिया के तट पर चलेंगे इसको वाम वाटर पूल बोलते
29:29
वाम ठीक है अब यह हवाएं जो इधर चल रही है यहां ध्यान देंगे इक्वेटोरियल रीजन में यह
29:36
वाले यह गर्म हवाएं जब इधर चल रही हैं तो इधर के पानी को गर्म करेंगी इधर वाले
29:43
एरिया को गर्म करेंगी ये जो गर्म ओशनिक करंट है हम आपको बता द ये याद रखिएगा
29:48
एलनीनो जो है वो हॉट गर्म ओशनिक करंट है
29:54
पैसिफिक ओशनिक करंट है ये गर्म जो करंट है तो ये जैसे ही इधर की तरफ शिफ्ट करेगा तो
30:00
इधर के पानी को क्या करेगा गर्म करेगा ठीक है तो जैसे ही अगर
30:07
ये इधर आ रहा है इधर के पानी को गर्म कर रहा है तो सिंपल समझ जाइए कि इधर का पानी
30:13
गर्म होगा तो अब भारत में जो ट्रॉपिकल जोन है वहां गर्म होना चाहिए तो गर्म इधर भी हो रहा है तो लो प्रेशर दोनों की तरफ लो
30:20
प्रेशर बनेगा यानी लो प्रेशर इंडिया में भी बनेगा ट्रॉपिकल जोन में और लो प्रेशर
30:26
इस एरिया में भी बनेगा जो हमारा साउथ वाले पार्ट में है तो यही वजह है कि जो मानसून
30:31
विंड है जो जितनी रफ्तार से इक्वेटर को पार करके जाना चाहिए इंडिया में वह
30:36
मानसूनी विंड उतनी रफ्तार में नहीं जाना पाती है कारण यह कि इस वाला एरिया उतना कोल्ड नहीं हो पाता ठंडा नहीं होता जब
30:44
एलनीनो आता है जब एलनीनो जाता है तब क्या होता है
30:50
देखिए ध्यान से यहां ध्यान दीजिए ठीक है अब एलनीनो जब जा रहा है तो क्या हो रहा है
30:56
अब यहां क्या है जब एलनीनो जा रहा है तो गर्म ओशनिक करंट यानी गर्म समुद्री धाराओं
31:02
को लेकर के पेरू के पास जा रहा है जब यह गर्म धाराओं को लेकर के पेरू के पास पहुंचेगा तो इस एरिया में गर्मी ज्यादा
31:10
होगी इस एरिया के गर्मी की वजह से ऊपर वाले एरिया में भी गर्मी ज्यादा होगी यानी
31:15
अमेरिका वाले एरिया में और साउथ अमेरिका और नॉर्थ अमेरिका में गर्मी होगी अपेक्षाकृत इधर ठंडा होगा यानी साउथ वाला
31:23
भाग इधर जितना ठंडा होगा उतना ही ज्यादा हाई प्रेशर बनेगा और जितना इधर हाई प्रेशर बड़ेगा हवाए उतनी फास्ट एंड फ्यूरियस जो
31:30
है भारत की तरफ यानी ट्रॉपिकल जोन की तरफ फ्लो करेंगी और इस वजह से कहा जाता है कि
31:37
एलनीनो जा समझ में आ रहा है एलनीनो को लोग बुलाते नहीं है अगर भारत में मानसूनी विंड
31:44
चाहिए अगर भारत में चाहिए कि वर्षा हो रेनफॉल हो तो कहते हैं कि एल निनो जा और
31:51
इसकी एक मतलब भाई या बहन कहिए इसका एक दोस्त भी है उसका नाम है लानिनो बोलते हैं
31:57
ए न जा और लानिनो आ तो हम अब लानिनो को बुलाने जा रहे हैं कि लानिनो क्या करता है
32:03
देखिए ध्यान से अब यह है आपका लानिनो ठीक
32:08
है अब लानिनो जो है यह आपका कोल्ड ओसियन करंट है कोल्ड
32:16
ओशनिक करंट लानिनो इज अ कोल्ड ओसिन करंट अब ये
32:23
जो कोल्ड ओसिनी करंट है इसका क्या खूबी है देखेंगे ध्यान से देखिए कोल्ड ओनिक करंट
32:28
क्या करता है कि जिस भी तट पर यह जाता है वहां के वाटर को यह कोल्ड कर देता है
32:35
ठंडा ठीक है अब यहां देखिए यह वाला एरिया गर्म है ठीक है यह वाला पार्ट ये एशिया है
32:42
यह वाला पार्ट इंडिया है यह आपका इंडिया है य श्रीलंका है छोटा सा इंडोनेशिया है अब यहां से यह जो कोल्ड विंड है यहां से
32:50
जो कोल्ड आपके ये ओशियन करंट है जब ये इंडियन रीजन में जब इस एरिया में आएगा तो
32:57
यहां के के वाटर को यह कोल्ड करेगा ठंडा करेगा लेकिन अगर जाएगा तो गर्म
33:05
करेगा तो एलनीनो जब आता है याद रखिए मानसून में यानी जून जुलाई में जब एलनीनो
33:13
साउथ पार्ट में यानी ऑस्ट्रेलिया की तरफ इंडोनेशिया की तरफ आता है तो समझ लीजिए कि
33:19
इस रीजन में कोल्ड होगा ठंडी ज्यादा होगी और इस रीजन में लोगों को राहत मिलेगा ठीक
33:24
है तो जैसे-जैसे ये आएगा जहां जाएगा इसमें दिखाया इधर साइड लेकिन ये अगर इधर साइड जा रहा है कोल्ड विंड तो इधर बनेगा हाई
33:32
प्रेशर ऊपर बनेगा लो प्रेशर तो जहां वाटर बॉडी जाएगी अपने साथ क्लाउड को बादल को
33:37
लेकर के जाएगी ठीक है तो ला नीनो जैसे इंडिया की तरफ आता है तो इस रीजन में क्या
33:43
बनेंगे हाई प्रेशर बनेगा और हाई प्रेशर बनने के कारण ऊपर वाले इंडिया में ट्रॉपिकल जोन में तो लो प्रेशर है ही
33:49
हवाएं फ्यूरियस बहंगी और हवाएं अपने साथ मानसूनी विंड जो है अपने साथ क्लाउड बनाएंगे क्लाउड बनाएंगे तो हैवी रेनफॉल
33:56
होगा तो जब ला नीनो आता है यह पाच से सात साल के लिए घटनाएं घटती हैं कभी नीनो आता
34:01
है कभी लानिनो आता है ठीक है जब यह आता है लानिनो आता है तो वर्षा होती है तेजी से होती है और जब एलनीनो आता है तो वर्षा
34:09
नहीं होती है ठीक है एक छोटा सा कांसेप्ट है जेट स्ट्रीम जेट स्ट्रीम धाराओं के
34:14
बारे में थोड़ा सा जान लीजिए इसकी खोज हुई थी फर्स्ट वर्ल्ड वॉर 1914 से 1918 के बीच
34:20
जो फर्स्ट वर्ल्ड वर हुआ था उसी दौरान अमेरिका ने इस धाराओं का खोज किया था जेट
34:26
स्ट्रीम इसका नाम पड़ा था इसलिए खोज हुआ था क्योंकि अमेरिका की जहाज बहुत तेजी से जा रही थी लेकिन इतनी
34:32
बड़ी-बड़ी जो है जेट स्ट्रीम धाराएं हवा उनके जो फाइटर प्लेन है वो उतनी तेजी से
34:38
नहीं जा पा रही थी जितनी तेजी से जर्मन प्लेनस आ रहे थे तो इन्होंने सोचा कि ऐसा
34:43
क्या है कि इतना तेज रफ्तार से मेरा प्लेन जा नहीं रहा उतनी तेजी से जितनी
34:48
तेजी से आ रहा है रिटर्निंग तेजी से हो रहा है जा बहुत धीरे रहा है तो उन्होंने खोज किया कि 12 10 12 किलोमीटर की रेंज
34:57
में कितना 10 टू 12 किलोमीटर अबोव द अर्थ सरफेस अर्थ के 10 से 12 किलोमीटर के ऊपर
35:03
एरिया में एक बहुत तेजी से हवाएं बहती हैं उन हवाओं और उसकी रफ्तार जो होता है लगभग
35:09
80 किलोमीटर याद रखिएगा कहीं कहीं तो 180 किलोमीटर प्रति घंटा होता है कहीं कहीं
35:15
180 भी देता है याद रखिएगा 80 से भी ज्यादा होता है 180 किलोमीटर पर आवर की रफ्तार से हवाएं बहती है इतनी तेज है
35:22
फ्यूरियस हवाएं क्योंकि जेट स्टीम के दौरान ही इसका खोज हुआ था जेट जो है फाइटर
35:28
प्लेनस के दौरान इसका खोज हुआ था इसका नाम पड़ा जेट स्टम ये चार जगह पर फ्लो करती है याद रखना जेट स्टम धराए जेट स्टम एक जो है
35:35
सब ट्रॉपिकल जोन में ये यह वाला जो पार्ट है और एक है सब पोलर जोन याद रखिएगा ठीक
35:44
है यानी नॉर्दर्न सा फर्स्ट सेकंड थर्ड और
35:49
फोर्थ ये चार धाराएं जेट स्टम के नाम से जानी जाती है जो सबफ ट्रॉपिकल जोन में जेट स्टम धारा प्रवाहित होती है ये इंपैक्ट
35:57
भारत के मानसून पर लाती है अगर जेट स्टम धाराए भारत के मानसून के समय बहुत तेजी से होती है तो उस समय क्या होता है कि इससे
36:04
भारत के मानसून पर अच्छा प्रभाव पता है ठीक है क्योंकि इधर वाले एरिया में भी
36:09
बनने लगता है आपका लो प्रेशर जोन यह हाई प्रेशर सॉरी और इंडिया ये लो प्रेशर सॉरी
36:16
यहां लो प्रेशर क्या बनता है लो प्रेशर तो हवाएं इधर से हाई प्रेशर डाइवर्ट करती है
36:21
लो प्रेशर बनाने में मदद करता है इसीलिए जेट स्ट्रीम धाराएं भारत के लिए इंपॉर्टेंट हो जाती है क्योंकि ये सब
36:28
ट्रॉपिकल जोन से गुजरता है ठीक है तो आज की कक्षाओं में हम लोगों ने जो जो अध्ययन
36:33
किया ये थोड़ा सा साइक्लोन के बारे में बता देते हैं जो सफ ट्रॉपिकल जोन में बनता है यह हवाएं क्या होती है देख रहे हैं
36:39
हवाएं कैसे आ रही है और आ रही है आपस में ही क्या हो रही है मूव कर रही है ठीक है
36:45
यह हाई है और ये सरफेस साइक्लोन ठीक है ये एक होता है एंटी साइक्लोन एक होता है
36:50
साइक्लोन तो ये हम एक वीडियो में साइक्लोन के ऊपर अध्ययन करेंगे आज हम लोग आप लोग को बस इतना ही जानना है साइक्लोन क्या होता
36:56
है और ठंडी हवाए आपस में जब हवाएं आपस में भरती है तो क्या होता है कि लो प्रेशर और
37:02
हाई प्रेशर बनता है अगर बाहर हाई प्रेशर बने अंदर लो प्रेसर अगर घड़ी के दिशा में है तो साइक्लोन घड़ी के विपरीत है तो एंटी
37:09
साइक्लोन ये चीजें हैं थोड़ी सी कांसेप्ट आप लोग को समझनी है लेकिन वो आगे करेंगे तो आज हम लोगों ने मानसून के ऊपर डिटेल
37:15
अध्ययन किया मानसून क्या होता है कैसे होता है कहां प्रभावित होता है हमारे विद्यार्थी जो हमसे जुड़े हैं उनके लिए
37:22
बहुत-बहुत धन्यवाद तो आज हम लोगों ने इंडियन मानसून इंडियन क्लाइमेट के बारे में पढ़ा एक क्वेश्चन जीके में आता है
37:29
हमेशा इंडियन क्लाइमेट जो है वह किस प्रकार का है इंडियन क्लाइमेट
37:38
किस प्रकार का होता है ठीक है याद रखिएगा इंडियन क्लाइमेट के बारे
37:44
में पूछा जाएगा तो इंडियन का जो क्लाइमेट है वह मानसून टाइप ठीक है सबट्रॉपिकल
37:50
मानसून क्लाइमेट यह याद रखना ठीक है सबट्रॉपिकल
37:55
मानसून मानसून खोज किसने किया था फर्स्ट सेंचुरी में अरब यात्री
38:01
हिप्पासस ने मानसून का खोज किया था यह सब कुछ टेक्निकल वर्ड है जो कभी-कभी एग्जाम
38:06
में पूछ देता है नॉर्मली याद रखना है आप लोगों को ठीक है ये तमाम तरह की चीजें हैं
38:12
जो आपको याद रखना है और अभी आप लोगों को जाना नहीं है क्योंकि अभी हमारे क्वेश्चन
38:17
तुरंत आपके स्क्रीन पर आएंगे आप फटाक से परीक्षा जंक्शन के वेबसाइट पर जाइए जैसे
38:23
हम अगर परीक्षा जंक्शन के वेबसाइट को लॉग इन करते हैं तो एक क्वेश्चन आपको मिलेगा परीक्षा
38:29
जंक्शन के वेबसाइट पर ठीक है वह मिलेगा आपको डायरेक्ट य
38:40
से आप जाइए फटाक से परीक्षा जशन के वेबसाइट पर और आपको वहां से क्वेश्चन ओपन
38:46
मिलेगा रिवर्स सिस्टम हमने पिछले क्लास में रिवर्स सिस्टम करा रखा है आपको उसके
38:52
क्वेश्चन जो है क्यूज मिलेंगे आप उसके आंसर द दीजिए
38:57
फटाक से दीजिए आंसर अभी आप लोग के लिए गोल्डन अपॉर्चुनिटी अगर जिसने लॉगइन नहीं किया है वो लॉग इन
39:04
करें ठीक है अभी आप लोगों का फटाक से क्वेश्चन आने वाला है नीचे क्वेश्चन आपके
39:09
ब्लिंक
39:16
करेगा चलिए आपके बीच एक क्वेश्चन आ चुका है बहुत ही इजी क्वेश्चन है क्वेश्चन पढिए
39:23
निम्नलिखित में से कौन सी नदी गंगा की सहायक नदी नहीं है गंगा की सहायक नदी है सब जानते हैं कौन सी
39:31
नहीं है यह बहुत बड़ी चुनौती आपके बीच तो फटाक से आप जाइए ऑप्शन पर फटाक से क्लिक
39:37
कीजिए आप जाइए
39:47
डायरेक्ट परीक्षा जनशन के जाइए वेबसाइट पर जैसे हम आपको दिखा दें
40:07
परीक्षा जंक्शन ठीक है परीक्षा जंक्शन के वेबसाइट पर जाइए यहां से यह वेबसाइट पर क्लिक करना
40:13
है फटाक से आ जाइए लॉग इन कीजिए अपना जैसे हम एक आईडी लॉगइन करते हैं यहां पर आपको
40:19
क्वेश्चन ब्लिंक करता हुआ दिखेगा आंसर हम क्लिक नहीं करेंगे यह आपको क्लिक करना है
40:25
क्या सही है क्या आंसर ये फटाक से आप अपने पेज पर जाइए आपको ये क्वेश्चन मिलेगा दो
40:31
तीन सेकंड के लिए क्वेश्चन पूछ रहा किसने आंसर दिया हम ये देखें एक बार बच्चे जल्दी
40:36
फटाफट स्नेहा ने आंसर दे दिया है अभी बच्चे आंसर दे फटाफट फटाफट आंसर दे
40:43
यहां पर उनके नंबर और मार्क्स जो है दिखेंगे ठीक है नेक्स्ट क्वेश्चन आपके बीच
40:50
आ रहा है दो मिनट के लिए क्वेश्चन आएगा इसके बाद
40:55
नेक्स्ट क्वेश्चन तुरंत दो मिनट आपका टाइम है दो मिनट फटाफट इस क्वेश्चन का आंसर
41:00
फटाफट बताइए फटाफट इस क्वेश्चन का आंसर
41:07
कीजिए सेकंड क्वेश्चन आपके स्क्रीन पर आ गया यह सेकंड क्वेश्चन आपके स्क्रीन पर
41:15
रिफ्रेश
41:25
कीजिए सेकंड क्वेश्चन
41:45
सेकंड क्वेश्चन आपके बीच ब्लिंक कर रहा है
42:03
[संगीत] बताइए दो क्वेश्चन आपके ब्लिंक हो रहे हैं
42:11
फटाफट आंसर दीजिए उसके एक और क्वेश्चन आपको दे दिए जा रहे
42:16
तीन क्वेश्चन आपके बीच खुल रहे हैं इन तीन क्वेश्चन के आंसर फटाफट दीजिए
42:23
आपको कमेंट करना है अगर प्रॉब्लम हो रहा है तो हम रिव वाला वीडियो आप लोगों को
42:28
जरूर देखना है इट इज द मोस्ट इंपॉर्टेंट टू वाच माय रिवर्स वीडियो ये तीन क्वेश्चन
42:35
आपको देखने हैं यह याद रखिए
42:58
यह बताइए य नेक्स्ट क्वेश्चन निम्नलिखित में से कौन सा शहर ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर स्थित है फटाफट फटाफट कीजिए आप
43:10
लोग आंसर सबमिट कीजिए लगातार आंसर कीजिए आप लोग आंसर करते
43:18
जाइए फटाफट आंसर कीजिए विद्यार्थी आंसर करिए
43:34
रिवरस सिस्टम जो है जो लोग रिवर नए हैं क्लास में नहीं जुड़ रहे हैं फटाफट परीक्षा
43:40
जक्शन के वेबसाइट पर जाइए अपना लॉग इन कीजिए पेज लॉगइन कीजिए होम पेज पर जाइए
43:46
आईडी लॉग इन कीजिए अब आंसर दीजिए फटाफट और जिनको नहीं आ रहा है क्वेश्चन का आंसर वह
43:51
हमारा लेक्चर देखिए हमारा रिवर्स सिस्टम पर वीडियो बन चुका है उसको जाइए और अच्छे
43:57
से देखिए हमने उसमें सारे डिटेल बना रखे हैं एक एक पॉइंट आपको याद रखने
44:02
हैं इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूं याद रखिए आप थर्ड क्वेश्चन थर्ड क्वेश्चन आपके
44:15
बीच निम्नलिखित में से कौन गंगा की सबसे बड़ी सहायक नदी है आज की तीसरी क्वेश्चन
44:21
और आज की अंतिम क्वेश्चन ठीक है नेक्स्ट क्लास में हम आप लोगों से इटोलॉजी के ऊपर डिस्कस करेंगे
44:28
उसके ऊपर क्वेश्चन बन के आएंगे इसके आंसर फटाफट दीजिए आप लोग आपके बीच अभी ही खुला
44:34
हुआ है अभी मात्र दो तीन दो मिनट के लिए यह खुले हुए हैं फटाक से आ जाइए इस
44:43
पर आंसर कीजिए गंगा की सबसे बड़ी सहायक
44:49
नदी आंसर कीजिए कमेंट कीजिए तीन क्वेश्चन आपके बीच है बोर्ड पर
44:55
आ चुके हैं आपके वेबसाइट पर ही दिखेंगे याद रखिए आप लॉग इन कीजिए
45:02
वेबसाइट जवाब दीजिए
45:08
आंसर और याद रखिए पॉइंट्स बढ़ने पर आपको बहुत सारी चीजें जो है एग्जाम के लिए आपके
45:15
बहुत इंपॉर्टेंट है क्यूज में ठीक है गंगा की सारी सहायक नदियां
45:22
हैं यह सारी गंगा की सहायक नदियां हैं यह देख लीजिए आप
45:29
लोग जज आर द ऑल आर द ट्रिब्यूटरी ऑफ गंगा लेकिन सबसे बड़ी पूछ रहा है सबसे बड़ी कौन
45:36
है क्या सोन है सोन की लंबाई कितनी है गंडक कितनी है यमुना है कोशी है कमेंट
45:41
कीजिए
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फटाफट और वेबसाइट पर जाइए चलिए बस आपका आज का समय खत्म
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आज का क्विज खत्म हो गया आपके बीच अब कोई क्विज नहीं आएगा आपका पॉइंट खत्म चलिए अब
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शुरू करते हैं हम लोग तो जैसा कि आज आपके बीच हमने इंडियन
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मानसून के ऊपर डिटेल अध्ययन किया फिर मिलते हैं अपने अगले क्लास में अगले वीडियो में उस पर हम लोग एग्रीकल्चर के
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ऊपर डिपेंड करेंगे एग्रीकल्चर प्रैक्टिसेस को अध्ययन करेंगे कि भारत में किस एरिया में किस प्रकार का एग्रीकल्चर होता है किस
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प्रकार की वहां पर सोइल चाहिए क्या है फर्टिलिटी क्या है तमाम तरह की चीजें हम लोग अध्ययन करेंगे
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एग्रीकल्चर में ठीक है फिर मिलते हैं अपने अगले वीडियो में तब तक के लिए धन्यवाद
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बहुत-बहुत धन्यवाद थैंक यू वेरी मच जुड़ने के लिए आपका
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#Earth Sciences
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#Ecology & Environment
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