0:02
सोचो अगर आपके साथ 24 घंटे कोई इंसान रहे
0:07
और हर वक्त आपको नीचा दिखाए बोले तू बेकार
0:10
है तू फेल हो जाएगा तू कुछ कर ही नहीं
0:13
सकता कैसा लगेगा अब सच सुनो वो इंसान कोई
0:17
और नहीं बल्कि आप खुद हो आपकी इनर वॉइस और
0:21
दोस्तों इसी इनर क्रिटिक को साइलेंस करने
0:24
का तरीका सिखाती है यह किताब द सेल्फ टॉक
0:29
रशल गोल्डस्मिथ ट्यूरो कहती हैं कि हमारी
0:33
जिंदगी का सबसे बड़ा वर्कआउट जिम में नहीं
0:36
दिमाग में होता है। जिम में हम मसल्स
0:39
ट्रेन करते हैं लेकिन दिमाग में हम सेल्फ
0:42
टॉक ट्रेन करते हैं। क्योंकि हम दिन भर
0:45
खुद से बातें करते रहते हैं। रिसर्च कहती
0:47
है एक इंसान दिन में लगभग 60 हजार थॉट्स
0:50
सोचता है। इमेजिन करो और उनमें से 70 से
0:54
80% नेगेटिव होते हैं। हाउ वी टॉक टू
0:58
आवरसेल्व्स, शेप्स, हाउ वी फील एंड एक्ट।
1:01
हम खुद से कैसे बात करते हैं। यही तय करता
1:04
है कि हम कैसा महसूस करेंगे और क्या एक्शन
1:07
लेंगे। सोचो आपका एग्जाम रिजल्ट आया।
1:11
मार्क्स कम आए। इनर क्रिटिक बोलेगा तू
1:14
बेवकूफ है। तुझसे कुछ नहीं होगा। पॉजिटिव
1:17
सेल्फ टॉक बोलेगा। ठीक है। इस बार गलती
1:19
हुई, अगली बार और बेहतर करूंगा। अब बताओ
1:22
कौन सा वर्जन आपकी ग्रोथ में मदद करेगा?
1:26
ऑब्वियसली दूसरा वाला लेकिन प्रॉब्लम यह
1:29
है कि ज्यादातर लोग पहले वाले क्रिटिक की
1:32
बात सुनते हैं। आपके अंदर दो आवाजें हैं।
1:35
एक दुश्मन, एक दोस्त। जीत उसी की होगी
1:39
जिसे आप सुनोगे। रशेल बताती हैं कि सेल्फ
1:42
टॉक वर्कआउट का मतलब है साइंटिफिकली ट्रेन
1:46
करना अपने दिमाग को ताकि नेगेटिव क्रिटिक
1:48
की आवाज धीरे-धीरे फीड हो जाए और
1:51
सपोर्टिव, कंपैशनेट वॉइस मजबूत हो जाए। यह
1:55
ठीक वैसे ही है जैसे जिम में शुरुआत में
1:58
पुश अप्स मुश्किल लगते हैं। लेकिन
2:00
प्रैक्टिस से स्ट्रांग हो जाते हैं। सेल्फ
2:03
टॉक भी मसल की तरह है। जितना प्रैक्टिस
2:06
करोगे उतनी स्ट्रांग होगी। मान लो आप
2:10
इंटरव्यू देने जा रहे हो। इनर क्रिटिक
2:12
कहेगा तू नर्वस हो जाएगा। इंटरव्यूअर को
2:15
इंप्रेस नहीं कर पाएगा। पॉजिटिव सेल्फ टॉक
2:18
कहेगा। मैं प्रिपयर्ड हूं। मैं
2:20
कॉन्फिडेंटली आंसर कर सकता हूं। अब बताओ
2:23
कौन सा थॉट आपको सक्सेस के करीब ले जाएगा?
2:27
द वॉइस इनाइड योर हैंड हेड कैन बी योर
2:32
हारशेस्ट एनिमी और योर स्ट्रांगेस्ट अलाय।
2:36
आपके दिमाग की इनर वॉइस आपकी सबसे बड़ी
2:39
दुश्मन भी बन सकती है और सबसे बड़ी दोस्त
2:42
भी। इनर वॉइस बदली जा सकती है। बस उसे
2:46
ट्रेन करना सीखना है। रिशेल इस किताब में
2:50
सिक्स सिंपल साइंस बेस्ड स्टेप्स देती
2:53
हैं। जिन्हें वो सेल्फ टॉक वर्कआउट कहती
2:56
हैं। यह स्टेप्स आपको सिखाते हैं। नेगेटिव
3:00
इनर क्रिटिक को पहचानना। उसे नाम देना,
3:03
रिफ्रेम करना, कंपैशनेट वॉइस डेवलप करना,
3:07
प्रैक्टिस करना और फाइनली उस नई वॉइस को
3:11
अपनी लाइफस्टाइल में इंटीग्रेट करना। यानी
3:14
यह बुक कोई बोरिंग थ्योरी नहीं है। यह
3:16
एक्चुअल वर्कआउट रूटीन है। बट फॉर योर
3:20
Instagram खोलते ही आप दूसरों को शाइनी
3:23
जिंदगी देखते हो। इनर क्रिटिक बोलता है
3:26
देख सब सक्सेसफुल है। बस तू ही लूजर है।
3:29
लेकिन ट्रेंड सेल्फ टॉक बोलेगी। हर किसी
3:33
की जर्नी अलग है। मेरी भी प्रोग्रेस हो
3:36
रही है। कंपैरिजन से कॉन्फिडेंस नहीं आता।
3:39
सेल्फ टॉक से आता है। तो दोस्तों, अभी तक
3:42
हमने समझा कि सेल्फ टॉक हमारी जिंदगी का
3:45
सबसे बड़ा वर्कआउट है। यह हमारे
3:47
कॉन्फिडेंस, मोटिवेशन और एक्शंस को शेप
3:50
करता है। अगर यह नेगेटिव है, तो हम खुद को
3:52
गिरा देंगे। अगर यह पॉजिटिव है तो हम खुद
3:55
को उठा देंगे। लेकिन अब सवाल यह है यह इनर
3:59
सर क्रिटिक को साइलेंस करना शुरू कहां से
4:02
करें? इसके लिए पहला स्टेप है अवेयरनेस।
4:05
यानी आपकी इनर वॉइस को नोटिस करना और यही
4:09
पावरफुल टेक्निक हम पार्ट टू में सीखेंगे।
4:14
कभी सोचा है कि आपका सबसे बड़ा दुश्मन
4:16
आपके आसपास नहीं बल्कि आपके दिमाग के अंदर
4:19
बैठा है। और सबसे खतरनाक बात आपको पता भी
4:23
नहीं चलता कि वो कब बोल रहा है। यही वजह
4:26
है सेल्फ टॉक वर्कआउट का पहला स्टेप है
4:28
अवेयरनेस यानी अपनी इनर क्रिटिक की आवाज
4:33
रशेल कहती है हम सबके दिमाग में एक लगातार
4:37
चलती कमेंट्री है। कभी वह हमें सपोर्ट
4:40
करती है तो कभी हमें गिरा देती है।
4:43
प्रॉब्लम यह है कि हम में से ज्यादातर लोग
4:46
इस आवाज को नोटिस ही नहीं करते। यू कांट
4:49
चेंज योर सेल्फ टॉक इफ यू डोंट नोटिस इट।
4:52
आप अपनी सेल्फ टॉक को बदल ही नहीं सकते
4:55
अगर आप उसे नोटिस ही नहीं करते। सोचो आप
4:58
एग्जाम हॉल में बैठे हो। क्वेश्चन पेपर
5:01
हाथ में आया। इनर वॉइस अचानक बोली तू फेल
5:04
हो जाएगा। यह सिलेबस तो याद ही नहीं। अब
5:07
अगर आप अवेयर नहीं हो तो आप उस थॉट को मान
5:10
लोगे और पैनिक कर जाओगे। लेकिन अगर आप
5:13
अवेयर हो तो आप बोलोगे वेट यह मेरी
5:16
क्रिटिक वॉइस है। सच नहीं। अवेयरनेस ही
5:19
पहला हथियार है। बिना पहचाने लड़ाई
5:21
इंपॉसिबल है। अब बात करते हैं हाउ टू
5:24
बिल्ड अवेयरनेस। रशेल सजेस्ट करती है कुछ
5:27
सिंपल टेक्निक्स। पहला माउंट माइंडफुल पॉज
5:32
दिन में दो-तीन बार कॉन्शियसली रुको और
5:34
सोचो अभी मेरे दिमाग में कौन सी बातें चल
5:37
रही हैं। दूसरा जर्नलिंग अपनी थॉट्स लिखो।
5:40
नेगेटिव सेल्फ टॉक लिखने से क्लेरिटी आती
5:43
है और आपके क्रिटिक वॉइस कितनी बार एक्टिव
5:46
होती है। थर्ड ट्रिगर ट्रैकिंग ऑब्जर्व
5:49
करो कि कौन सी सिचुएशंस में क्रिटिक
5:52
ज्यादा एक्टिव हो जाता है। एग्जाम
5:54
प्रेजेंटेशन, सोशल मीडिया स्क्रॉलिंग,
5:59
नोटिसिंग योर थॉट्स डजंट मीन जजिंग देम।
6:01
इट मींस ऑब्जर्विंग देम। अपने थॉट्स नोटिस
6:05
करने का मतलब उन्हें जज करना नहीं बल्कि
6:08
ऑब्जर्व करना है। आपको ऑफिस में बॉस ने
6:11
प्रेजेंटेशन बनाने को कहा। इन अ वॉइस बोली
6:14
तो हमेशा गलतियां करता है। बॉस इंसल्ट
6:17
करेगा। अगर आप अवेयर नहीं हो आप ए्जायटी
6:20
में प्रेजेंटेशन खराब कर दोगे। अगर आप
6:22
अवेयर हो आप सोचोगे यह मेरे क्रिटिक की
6:25
आवाज है। एक्चुअल बॉस ने तो अभी कुछ बोला
6:28
ही नहीं। क्रिटिक की आवाज पकड़ ली मतलब
6:31
आधी जीत पक्की। क्योंकि
6:35
जब आप अब आगे बात करते हैं व्हाई अवेयरनेस
6:38
वर्क्स। जब आप वॉइस को पहचान लेते हो तो
6:42
आपके पास चॉइस आ जाती है। चॉइस टू बिलीव
6:45
या इग्नोर। चॉइस टू पैनिकिक या काम रहना।
6:48
रशेल बताती है कि अवेयरनेस स्टेप ऐसा है
6:51
जैसे अंधेरे कमरे में लाइट जला देना। रूम
6:55
वही है, फर्नीचर वही है। लेकिन अब आप
6:58
क्लियरली देख सकते हो।
7:01
आप इंस्टा स्क्रॉल कर रहे हो। किसी की
7:04
वेकेशन फोटो देखी? इन अ वॉइस बोली देखो सब
7:08
एंजॉय कर रहे हैं। तुम्हारी लाइफ बोरिंग
7:11
है। अगर अवेयर नहीं हो आप डिप्रेस्ड हो
7:13
जाओगे। अगर अवेयर हो आप आस्कर सोचोगे यह
7:17
सिर्फ कंपैरिजन ट्रैप है। मेरी जर्नी अलग
7:20
है। अवेयरनेस डजंट साइलेंस द क्रिटिक बट
7:24
इट मेक्स यू रियलाइज इट्स नॉट द ट्रुथ।
7:27
अवेयरनेस क्रिटिक को तुरंत चुप नहीं
7:29
कराता। लेकिन यह जरूर दिखा देता है कि
7:31
उसकी बात सच नहीं है। अवेयरनेस का मतलब है
7:35
कंट्रोल। नोटिस करो, पकड़ो और हैंडल करो।
7:38
इनर क्रिटिक इनविज़िबल नहीं है। बस हम उसे
7:42
सुनना नहीं सीखते। रशेल रिकमेंड करती है
7:46
एक दिन में तीन बार सेल्फ चेक करो। सुबह
7:48
उठकर पूछो आज मेरी इनर वॉइस कैसी है?
7:52
दोपहर में पूछो मैं अभी खुद से कैसी बातें
7:55
कर रहा हूं। रात को जर्नल में लिखो आज
7:58
मेरे क्रिटिक ने क्या कहा और मैंने कैसे
8:00
रिएक्ट किया। यह सिंपल एक्सरसाइज अवेयरनेस
8:04
मसल को स्ट्रांग बनाती है। आपका दोस्त
8:09
किसी और के साथ हैंग आउट कर रहा है। इनर
8:11
क्रिटिक बोलेगा तू इंपॉर्टेंट नहीं है। सब
8:13
तुझे इग्नोर करते हैं। अगर आप अवेयर हो तो
8:16
आप समझोगे यह सिर्फ मेरी इनसिक्योरिटी है।
8:19
फैक्ट नहीं और इससे आपके रिलेशनशिप्स
8:22
ज्यादा स्टेबल हो जाती हैं। थॉट फैक्ट
8:25
नहीं है। यह सिर्फ एक आवाज है। तो
8:28
दोस्तों, पहला स्टेप है अवेयरनेस। अपनी
8:31
इनर क्रिटिक की आवाज को पकड़ना और
8:33
पहचानना। याद रखो क्रिटिक आपको रोकना
8:37
चाहता है। लेकिन उसका असली पावर तभी है जब
8:40
आप उसे अनदेखा करके मान लेते हो। लेकिन
8:43
अवेयरनेस के बाद अगला सवाल उठता है अगर यह
8:46
आवाज बार-बार आती है तो उसे कंट्रोल कैसे
8:48
करें? इसका तरीका है उसे लेबल करना और
8:52
रिफ्रेम करना। कैसे? यही पावरफुल स्टेप हम
8:55
पार्ट थ्री में सीखेंगे। स्टे ट्यूंड।
8:59
अगर कोई इंसान आपको बार-बार गाली दे,
9:02
क्रिटिसाइज करे और नीचा दिखाए तो सबसे
9:05
आसान तरीका क्या है? सिंपल उसका नाम रख
9:09
दो। और हां, यही काम आपको अपने दिमाग की
9:12
नेगेटिव आवाज के साथ करना है। यही है
9:15
स्टेप टू लेबलिंग। और स्टेप थ्री
9:17
रिफ्रेमिंग। रशेल बताती है कि अवेयरनेस के
9:20
बाद अगला स्टेप है अपनी इनर क्रिटिक को
9:23
लेबल करना। मतलब उस आवाज को एक नाम देना
9:27
जैसे द जज मिस्टर डाउट द नैगिंग आंटी या
9:32
फिर मजाकिया नाम जैसे प्रोफेसर नेगेटिव
9:37
लेबलिंग द क्रिकेट द क्रिटिक क्रिएट्स
9:40
डिस्टेंस एंड डिस्टेंस क्रिएट्स पावर। इनर
9:43
क्रिटिक को नाम देने से दूरी बनती है और
9:46
दूरी से ताकत मिलती है। एग्जाम से पहले
9:49
दिमाग बोला तो फेल हो जाएगा। आप बोलो ओह
9:51
यह तो मिस्टर डाउट बोल रहा है। मैं नहीं
9:54
बस क्रिटिकी पावर तुरंत कम हो गई। लेबल
9:58
नेट डिस्टेंस बनाओ और कंट्रोल पाओ।
10:02
नेगेटिव थॉट्स को पूरी तरह साइलेंस करना
10:05
पॉसिबल नहीं है। लेकिन आप उन्हें रिफ्रेम
10:08
कर सकते हो। एग्जांपल नेगेटिव थॉट मैं
10:12
गलती करता हूं। रिफ्रेमड थॉट मैं सीख रहा
10:15
हूं। नेगेटिव थॉट मैं परफेक्ट नहीं हूं।
10:19
रिफ्रेम्ड थॉट मैं इंप्रूव कर रहा हूं।
10:22
रिफ्रेमिंग इज नॉट डिनाइंग द रियलिटी। इट
10:25
इज चेंजिंग द पर्सपेक्टिव। रिफ्रेमिंग का
10:28
मतलब रियलिटी को डिनाई करना नहीं है बल्कि
10:31
नजरिए को बदलना है। आपने प्रेजेंटेशन में
10:34
गलती की। इनर क्रिटिक बोला बॉस को लग रहा
10:38
होगा मैं यूज़लेस हूं। रिफ्रेम करके सोचो।
10:41
मैंने एक्सपीरियंस गेन किया है। अगली बार
10:44
और स्मूथ प्रेजेंटेशन दूंगा। सिचुएशन वही
10:48
रहती है बस नजरिए से फर्क पड़ता है। अब
10:53
कुछ प्रैक्टिकल एक्सरसाइज की बात करते
10:55
हैं। लेबल एंड फ्री रिफ्रेम जर्नल रशेल
10:58
सजेस्ट करती है एक नोटबुक रखो। पहला उसमें
11:02
नेगेटिव थॉट लिखो। सेकंड उसे नाम दो
11:04
मिस्टर क्रिटिक या मिस्टर डाउट। थर्ड
11:07
रिफ्रेम करके नया पॉजिटिव वर्जन लिखो।
11:10
एग्जांपल नेगेटिव। मैं हमेशा लेट करता
11:13
हूं। लेबल लेजी लॉयर स्पीकिंग रिफ्रेम मैं
11:17
टाइम मैनेजमेंट सीख रहा हूं।
11:20
जैसे पार्टनर ने फोन देर से उठाया क्रिटिक
11:24
बोला वो तुझसे प्यार नहीं करता। लेबल यह
11:27
मिस्टर इनसिक्योरिटी बोल रहा है। रिफ्रेम
11:30
वो बिजी होगा बाद में कॉल करेगा। रिजल्ट
11:36
क्रिटिक को नाम लो। उसकी ताकत छीन लो। हर
11:40
नेगेटिव थॉट एक नया एंगल चाहता है।
11:44
रिफ्रेमिंग मतलब प्रॉब्लम को ग्रोथ में
11:49
नाउ लेट्स डिस्कस व्हाई इट वर्क्स। इट
11:52
वर्क्स। क्योंकि जब आप क्रिटिक को लेबल
11:55
करते हो, आप खुद से अलग कर देते हो। और जब
11:58
आप रिफ्रेम करते हो, आप उसी प्रॉब्लम को
12:01
नए पर्सपेक्टिव से देखना शुरू कर देते हो।
12:04
यह ब्रेन को ऑटोमेटिकली काम कर देता है और
12:07
एक्शन लेने की पावर देता है। व्हेन यू
12:10
रिफ्रेम योर इनर क्रिटिक यू ट्रांसफॉर्म
12:13
एन एनिमी इनू अ कोच। जब आप इनर क्रिटिक को
12:16
रिफ्रेम करते हैं तो आप दुश्मन को कोच में
12:19
बदल देते हैं। एक एग्जांपल लेते हैं। आपका
12:23
स्टार्टअप फेल हो गया। इनर क्रिटिक तू बोन
12:25
लूजर है। लेबल यह मिस्टर फियर बोल रहा है।
12:30
रिफ्रेम। यह मेरी एमबीए फीस थी। अब मुझे
12:33
प्रैक्टिकल नॉलेज मिल गई और यही माइंडसेट
12:35
अगले स्टार्टअप की सफलता तय करेगा। हर
12:39
सेटबैक को कमबैक बनाने की कला है
12:43
रिफ्रेमिंग। तो दोस्तों अभी तक हमने दो
12:46
पावरफुल स्टेप्स सीखे। स्टेप टू लेबलिंग
12:49
इनर क्रिटिक को नाम दो और डिस्टेंस बनाओ।
12:52
स्टेप थ्री रिफ्रेमिंग नेगेटिव थॉट्स को
12:55
नए लेंस से देखो और उसे ग्रोथ का चांस
12:59
बनाओ। लेकिन क्रिटिक को सिर्फ नाम देना और
13:02
रिफ्रेम करना काफी नहीं है। अगला बड़ा
13:04
स्टेप है अपने आप से वैसे ही बात करना
13:08
जैसे आप अपने बेस्ट फ्रेंड से करते हो।
13:10
यानी कंपैशनेट सेल्फ टॉक। यही है स्टेप
13:14
फोर और स्टेप फाइव। और यह हम पार्ट फोर
13:18
में सीखने वाले हैं। सोचो अगर आपका बेस्ट
13:22
फ्रेंड किसी गलती की वजह से रो रहा हो तो
13:25
आप उससे क्या कहोगे? शायद यह कोई बात
13:28
नहीं। अगली बार अच्छा होगा। लेकिन अगर वही
13:31
गलती आपसे हो जाए तो आप खुद को क्या कहते
13:33
हो? तू बेकार है। तुझसे नहीं होगा। यही
13:36
फर्क हमें खत्म करना है। और यही है स्टेप
13:40
फोर एंड फाइव। स्टेप फोर कंपैशन खुद के
13:43
साथ दयालु बनना। रशेल कहती है कि सेल्फ
13:46
कंपैशन कोई लग्जरी नहीं है। यह सर्वाइवल
13:49
है। जब हम खुद को गालियां देते हैं, हमारा
13:52
स्ट्रेस बढ़ता है। जब हम खुद को सपोर्ट
13:55
करते हैं, हमारा ब्रेन रिलैक्स करता है और
13:58
हम प्रॉब्लम सॉल्व कर पाते हैं। सेल्फ
14:01
कंपैशन इज नॉट सेल्फ इंडेलिजेंस। इट्स
14:04
सर्वाइवल। खुद पर दया करना वीकनेस नहीं
14:07
सर्वाइवल का तरीका है। आप एग्जाम में फेल
14:11
हो गए। इनर क्रिटिक बोलेगा तू लूजर है।
14:13
कंपैशनेट सेल्फ टॉक बोलेगा हां टफ था
14:17
लेकिन अगली बार मैं जरूर बेहतर करूंगा।
14:19
सेम सिचुएशन लेकिन फर्क सिर्फ शब्दों से
14:22
और वो फर्क जिंदगी बदल सकता है। खुद से
14:26
वैसे ही बात करो जैसे अपने बेस्ट फ्रेंड
14:28
से करते हो हम। नाउ द क्वेश्चन इज व्हाई
14:32
वी लैक कंपैशन? वी लैक कंपैशन? क्योंकि
14:36
बचपन से हमें सिखाया जाता है खुद पर
14:39
स्ट्रिक्ट रहो तभी सक्सेस मिलेगी। लेकिन
14:41
रिसर्च कहती है स्ट्रिक्ट होने से ज्यादा
14:44
हेल्पफुल है सपोर्टिव होना। जैसे कोच आपको
14:47
मोटिवेट करता है वैसे ही आपको अपने इनर
14:50
कोच को एक्टिवेट करना है। यू योर इनर वॉइस
14:53
कैन बी अ हारश क्रिटिक और अ वॉइस कोच। द
14:57
चॉइस इज योर्स। आपकी इनर वॉइस हारश
15:00
क्रिटिक भी हो सकती है और वाइज कोच भी
15:03
चॉइस आपकी है। अब एक एग्जांपल लेते हैं।
15:06
ऑफिस में आपकी डेडलाइन मिस हो गई। क्रिटिक
15:08
वॉइस अब बॉस इंसल्ट करेगा। मैं यूज़लेस
15:11
हूं। कंपैशन वॉइस हां गलती हुई लेकिन मैं
15:14
मेहनत करके रिकवर करूंगा। रिजल्ट पहला
15:17
अप्रोच एंग्जायटी देगा और दूसरा ग्रोथ।
15:21
क्रिटिक गिराता है, कंपैशन उठाता है। अब
15:25
स्टेप फाइव पे आते हैं प्रैक्टिस यानी
15:27
रोजाना ट्रेनिंग। अब आता है सबसे
15:29
इंपॉर्टेंट स्टेप प्रैक्टिस। सेल्फ टॉक
15:32
वर्कआउट कोई इंस्टेंट स्विच नहीं है। यह
15:35
जिम की तरह है। जैसे एक दिन जिम जाकर
15:37
सिक्स पैक नहीं बनते वैसे ही एक दिन
15:40
पॉजिटिव सोचना आपको नहीं बदल सकता। रशील
15:43
कहती है, रिपीटीशन इज द मदर ऑफ
15:45
ट्रांसफॉर्मेशन। बार-बार प्रैक्टिस ही
15:48
असली बदलाव लाती है। अब इसके लिए एक
15:51
प्रैक्टिकल रूटीन है। पहला मॉर्निंग
15:52
अमेशन। सुबह मिरर में देखकर बोलो आई एम
15:55
कैपेबल। आई एम इंप्रूविंग। दूसरा मिड डे
15:58
पॉज। काम के बीच एक मिनट रुक कर चेक करो।
16:01
अभी मैं खुद से कैसी बातें कर रहा हूं।
16:04
तीसरा नाइट जर्नल। रात को लिखो। आज
16:08
क्रिटिक ने क्या बोला और मैंने उसे कैसे
16:14
जैसे जिम में डेली पुश अप्स से मसल
16:17
स्ट्रांग होती हैं, वैसे ही डेली पॉजिटिव
16:19
सेल्फ टॉक से माइंड स्ट्रांग होता है।
16:22
पहले ऑकवर्ड लगेगा, लेकिन धीरे-धीरे आपका
16:24
दिमाग इसी नए पैटर्न पर ट्रेन हो जाएगा।
16:28
वर्ड्स दोहराओ, माइंड बदलो। डेली रेपटेशन
16:32
मतलब लास्टिंग, ट्रांसफॉर्मेशन। क्रिटिक
16:35
हैबिट से स्ट्रांग है। उसे हैबिट से ही
16:39
अब ऑथर एक वार्निंग भी देते हैं।
16:41
प्रैक्टिस का मतलब यह नहीं है कि नेगेटिव
16:43
वॉइस कभी आएगी ही नहीं। वो आएगी लेकिन अब
16:46
आप ट्रेंड हो। अब आप उसे नोटिस कर सकते
16:50
हो, लेबल कर सकते हो, रिफ्रेम कर सकते हो
16:52
और कंपैशन से काउंटर कर सकते हो। द
16:55
क्रिटिक मे नेवर वैनिश बट वि प्रैक्टिस इट
16:58
लूजस इट्स पावर। क्रिटिक पूरी तरह गायब
17:01
नहीं होगा लेकिन प्रैक्टिस से उसकी ताकत
17:07
आपका पार्टनर आपके मैसेज का जवाब देर से
17:10
देता है। क्रिटिक वॉइस वो मुझे इग्नोर कर
17:12
रहा है। कंपैशनेट वॉइस शायद वह बिजी होगा।
17:16
अगर आप डेली प्रैक्टिस करते हो कंपैशन की
17:19
तो धीरे-धीरे यह दूसरा वर्जन डिफॉल्ट बन
17:21
जाएगा। प्रैक्टिस से क्रिटिक की आवाज
17:24
कमजोर कोच की आवाज मजबूत होती है। तो
17:27
दोस्तों, अभी तक हमने सीखा स्टेप फोर
17:30
कंपैशन। खुद से वैसे ही बात करो जैसे
17:32
दोस्त से करते हो। स्टेप फाइव प्रैक्टिस
17:35
रोजाना पॉजिटिव सेल्फ। टॉक कि वर्कआउट
17:39
रेपटीशन करो। यह दो स्टेप्स आपके
17:42
पर्सनालिटी को अंदर से हील करते हैं और
17:44
आपको ज्यादा स्ट्रांग बनाते हैं। लेकिन
17:46
वर्कआउट यहीं खत्म नहीं होता। फाइनल और
17:49
सबसे इंपॉर्टेंट स्टेप है इंटीग्रेशन यानी
17:52
इस नए सेल्फ टॉक को अपनी पूरी लाइफस्टाइल
17:55
का हिस्सा बना देना। और यही है हमारी
17:57
जर्नी का आखिरी पड़ाव। पार्ट फाइव।
18:02
वर्कआउट तभी काम करता है जब वह आपकी
18:05
लाइफस्टाइल बन जाए। जिम जाकर एक दिन पुश
18:08
अप करने से बॉडी स्ट्रांग नहीं होती और
18:10
वैसे ही एक दिन पॉजिटिव सोचना आपकी लाइफ
18:13
नहीं बदलता। असली गेम है इस नए सेल्फ टॉक
18:16
को इंटीग्रेट करना। अपनी जिंदगी का हिस्सा
18:19
बना लेना। यही है हमारा फाइनल स्टेप
18:21
इंटीग्रेशन। ऋषि बताती है पॉजिटिव सेल्फ
18:25
टॉक कोई टेंपरेरी मोटिवेशन स्पीच नहीं है।
18:28
यह आपकी नई आदत होनी चाहिए जो हर दिन हर
18:32
सिचुएशन में आपके साथ रहे। द गोल इज नॉट अ
18:35
सिंगल वर्कआउट बट अ सेल्फ टॉक लाइफस्टाइल।
18:38
गोल सिर्फ एक वर्कआउट नहीं बल्कि सेल्फ
18:41
टॉक को लाइफस्टाइल बनाना है। सोचो आप
18:44
मेट्रो में खड़े हो और किसी ने
18:47
एक्सीडेंटली पुश कर दिया। इनर क्रिटिक बोल
18:50
सकता है। तुझसे सब बुरा ही होता है। लेकिन
18:53
अगर इंटीग्रेशन हो चुका है तो आपकी
18:56
डिफॉल्ट रिस्पांस होगी। कोई बात नहीं। ऐसा
18:59
हो जाता है। यानी आपकी डिफॉल्ट लैंग्वेज
19:02
ही बदल जाएगी। अब पॉजिटिव सेल टटॉक आपकी
19:05
आदत बन जाए तभी असली जीत है। अब लेते हैं
19:08
क्विक रिककैप ऑफ ऑल स्टेप्स। स्टेप वन
19:11
अवेयरनेस। अपनी इनर वॉइस को नोटिस करो।
19:13
स्टेप टू लेबलिंग क्रिटिक को नाम दो।
19:16
स्टेप थ्री रिफ्रेमिंग। नेगेटिव थॉट्स को
19:19
नए लेंस से देखो। स्टेप फोर कंपैशन। खुद
19:22
से वैसे ही बात करो जैसे दोस्त से करते
19:25
हो। स्टेप फाइव, प्रैक्टिस। रोजाना
19:27
रिपीटीशन से नई-नई हैबिट बिल्ड करो। स्टेप
19:31
सिक्स इंटीग्रेशन सेल्फ टॉक को लाइफस्टाइल
19:36
स्टार्टअप फाउंडर इन्वेस्टर से मिला। यह
19:39
एक एग्जांपल है इंडियन स्टार्टअप वर्ल्ड
19:40
की। इन्वेस्टर ने रिजेक्ट कर दिया। ओल्ड
19:43
सेल्फ टॉक में फेलियर हूं। न्यू
19:45
इंटीग्रेटेड सेल्फ टॉक ठीक है। रिजेक्शन
19:48
सीखने का मौका है। अगली बार बेटर प्रिपेयर
19:50
करूंगा। यानी अब यह पॉजिटिव रिस्पांस
19:53
ऑटोमेटिक हो गया है क्योंकि यह लाइफ
19:55
स्टाइल बन गया है। ऑथर एक और इंपॉर्टेंट
19:58
बात बोलते हैं चेंजिंग योर सेल्फ टॉक इज
20:01
नॉट अबाउट परफेक्शन बट अबाउट डायरेक्शन।
20:04
अपनी सेल्फ टॉक बदलना परफेक्शन का खेल
20:06
नहीं। डायरेक्शन का खेल है। क्रिटिक हमें
20:09
क्रिटिक हमेशा रहेगा लेकिन अब उसकी आवाज
20:12
कमजोर हो। कंपैशन और प्रैक्टिस से आपका
20:15
इनर कोच जागता है। इंटीग्रेशन ही वह की है
20:19
जो आपकी जिंदगी को ट्रांसफॉर्म करती है।
20:23
अब एक डीपर थॉट की बात करते हैं। सोचो अगर
20:26
आप हर दिन खुद को सपोर्ट करने वाली बातें
20:28
बोलना शुरू कर दो। स्ट्रेस कम हो जाएगा।
20:30
कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। रिलेशनशिप्स इंप्रूव
20:33
होंगे और सबसे जरूरी आप खुद से प्यार करना
20:36
सीख जाओगे। क्या यह किसी भी वर्कआउट से
20:39
बड़ा रिजल्ट नहीं है? एग्जांपल एक और लेते
20:42
हैं। आपकी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड आपसे
20:44
नाराज हो गया। ओल्ड क्रिटिक सेल्फ टॉक मैं
20:47
हमेशा सब खराब कर देता हूं। इंटीग्रेटेड
20:49
सेल्फ टॉक। हां, गलती हुई लेकिन मैं सीख
20:52
सकता हूं और इंप्रूव कर सकता हूं। रिजल्ट
20:54
रिलेशनशिप बच सकता है और आप गिल्ट में
20:57
फंसने से भी बच जाओगे। लाइफ बदलेगी बाहर
21:01
से नहीं। लाइफ बदलेगी अंदर की वॉइस से।
21:05
रशेल का मैसेज क्लियर है। इनर क्रिटिक कभी
21:08
पूरी तरह साइलस नहीं होगा। लेकिन उसकी
21:11
ताकत आपकी चॉइस से तय होती है। अगर आप
21:14
अवेयरनेस, लेबलिंग, रिफ्रेमिंग, कंपैशन,
21:17
प्रैक्टिस और इंटीग्रेशन अपनाते हो तो आप
21:19
अपने हारशेस्ट क्रिटिक को स्ट्रांगेस्ट
21:22
कोच में बदल सकते हो। योर इनर वॉइस विल
21:26
ऑलवेज स्पीक? द क्वेश्चन इज विल इट बी योर
21:29
क्रिटिक और योर कोच? आपकी इनर वॉइस हमेशा
21:33
बोलेगी। सवाल है वह क्रिटिक बनेगी या कोच।
21:36
तो दोस्तों, यह थी रशेल गोल्ड स्मिथ चरो
21:40
की द सेल्फ टॉक वर्कआउट की पूरी समरी। अगर
21:43
आपको यह वीडियो पसंद आया तो लाइक बटन
21:45
दबाओ। कमेंट में बताओ कि आपको सबसे
21:48
हेल्पफुल स्टेप कौन सा लगा और चैनल को
21:50
सब्सक्राइब करना मत भूलना ताकि हर हफ्ते
21:53
हम आपको ऐसी किताबों की माइंड चेंजिंग
21:55
समरीज मिलती रहे। रिमेंबर इनर क्रिटिक
21:58
कोसाइलस करो। इनर कोच को एक्टिवेट करो।