0:00
सोचो एक दिन ऐसा आएगा जब इंसान भूख से
0:04
नहीं मरेगा, युद्धों से नहीं मरेगा और
0:06
बीमारी से नहीं मरेगा। साउंड्स अमेजिंग
0:09
ना? बट फिर सवाल उठता है अगर इंसान मरना
0:12
ही बंद कर दे तो फिर उसकी जिंदगी का मतलब
0:15
क्या होगा? युवा नोआ हरारी अपनी किताब
0:19
होमोडस में यही सवाल पूछते हैं। इंसान कल
0:23
क्या बनेगा? अगर हिस्ट्री की कहानी
0:25
सेपियंस थी हाउ ह्यूमंस बिकम रूलर्स ऑफ द
0:29
प्लनेट तो होमोजस है हाउ ह्यूमंस विल
0:35
आज की इस वीडियो में हम इस किताब की
0:37
यात्रा शुरू करने वाले हैं। और बिलीव मी
0:40
यह सिर्फ किताब की समरी नहीं है। यह आपके
0:46
पहले बात करते हैं फ्रॉम हंगर, वॉर एंड
0:49
प्लेग टू हैप्पीनेस, इम्मोर्टलिटी एंड
0:51
गॉडलीनेस। ऑथर कहते हैं इन द 21 सेंचुरी
0:55
ह्यूमंस आर लाइकली टू एम फॉर
0:56
इम्मोर्टलिटी, ब्लिस एंड डिनिटी। 21वीं
1:00
सदी में इंसान की सबसे बड़ी इच्छाएं होंगी
1:03
अमृता, आनंद और दिवत्व। हरहरी कहते हैं कि
1:07
हजारों साल तक इंसान की मेन लड़ाई थी
1:10
हंगर, प्लेग और वॉर से। लेकिन आज हम एक
1:14
ऐसे दौर में हैं जहां हंगर से मरने वाले
1:16
कम है। ओबेसिटी यानी ओवर ईटिंग से मरने
1:20
वाले ज्यादा है। वॉर्स में मरने वाले कम
1:23
है। सुसाइड और एक्सीडेंट्स से मरने वाले
1:26
ज्यादा है। प्लेग्स यानी महामारी रेयर है
1:30
लेकिन लाइफस्टाइल डिजीजसेस जैसे डायबिटीज,
1:32
बीपी, हार्ट अटैक ज्यादा कॉमन है। इंडिया
1:37
23 का डाटा देखो। लगभग 7 लाख लोग रोड
1:41
एक्सीडेंट्स में मरे और डायबिटीज पेशेंट्स
1:45
करोड़ में हैं। बट फेमिनस बहुत रेयर यह
1:48
बताता है कि हमारा रियल एनिमीज़ बदल चुके
1:52
हैं। अब इंसान कह रहा है अब सर्वाइवल तो
1:55
सिक्योर है। अब मैं अपग्रेड करता हूं। यह
1:59
अपग्रेड ही है होमोड्यूस यानी गॉड लाइक
2:06
पहले बात करते हैं टेक्नोलॉजी प्लस डाटा
2:09
इज इक्वल टू न्यू रिलजन। हरारी एक बहुत
2:11
पावरफुल आईडिया इंट्रोड्यूस करते हैं।
2:14
डेटाइज्म। डेटा इज़्म सेज़ दैट द यूनिवर्स
2:17
कंसिस्ट ऑफ डेटा फ्लोस एंड द वैल्यू ऑफ़
2:20
एनी फिनोमिना इज़ डिटरमिन बाय इट्स
2:23
कंट्रीब्यूशन टू डेटा प्रोसेसिंग।
2:26
डाटाम कहता है कि पूरा यूनिवर्स डाटा
2:29
फ्लोस से बनता है और किसी भी चीज की
2:32
वैल्यू इस बात से तय होती है कि वो डेटा
2:35
प्रोसेसिंग में कितना कंट्रीब्यूट करता
2:37
है। सोचो जरा पहले रिलीजन डिसाइड करता था
2:40
कि सही गलत क्या है। अब स्लोली यह काम
2:44
डाटा कर रहा है। Netflix सजेस्ट करता है
2:47
कि क्या देखना है। टिंडर बताता है किससे
2:49
मिलना है। Zomato बताता है क्या खाना है।
2:51
Google maps बताता है कहां से जाना है।
2:55
हमारे डिसीजंस ऑफ़ रिलीजन, फैमिली या कल्चर
2:58
से नहीं बल्कि एल्गोरिदम्स से प्रभावित हो
3:01
रहे हैं। इमेजिन आप चंडीगढ़ से दिल्ली जा
3:05
रहे हो। पहले आप अपने पापा से पूछते अब बस
3:08
Google मैप्स खोलते हो। क्यों? क्योंकि
3:11
डाटा ज्यादा रिलायबल लगने लगा है। यही है
3:15
डाटा इज्म का जादू। द ओल्ड एनिमीज़
3:19
डिफिटेड। अब नेक्स्ट लेवल क्या है?
3:21
हिस्ट्री बताती है कि हर सोसाइटी के पास
3:24
कोई अल्टीमेट गोल होता है। मिडिल एजेस में
3:27
गोल था भगवान को खुश करना। इंडस्ट्रियल एज
3:30
में गोल था ग्रोथ और प्रोग्रेस। अब 21
3:33
सेंचुरी का गोल है टू अपग्रेड ह्यूमंस
3:37
देमसेल्व्स। इसको हरारी कहते हैं
3:44
आजकल जिम कल्चर देखो नॉर्मल फिट रहना ही
3:47
काफी नहीं है। लोग चाहते हैं सिक्स पैक
3:49
एब्स, बायो हैकिंग, सप्लीमेंट्स,
3:51
स्टेरॉइड्स। यह सब एक तरह का अपग्रेड रेस
3:55
है। वैसे ही आईआईटी, यूपीएससी करियर रेस
3:58
यह सब भी एक तरह का ह्यूमन अपग्रेड है। जब
4:02
भूख और युद्ध प्रॉब्लम ना रहे, तो इंसान
4:04
के पास नया मिशन बचता है खुद को गॉड
4:09
प्लेइंग गॉड, लाइफ एज एन इंजीनियरिंग
4:11
प्रोजेक्ट। हरारी कहते हैं ऑर्गेनिज्म्स
4:14
आर एल्गोरिदम्स। एव्री एनिमल इंक्लूडिंग
4:16
ह्यूमोसेपियंस इज अ कलेक्शन ऑफ ऑर्गेनिक
4:19
एल्गोरिदम्स शेप्ड बाय नेचुरल सेक्शन।
4:22
सभी जीव जंतु इंसान समेत ऑर्गेनिक
4:26
एल्गोरिदम्स हैं जिन्हें नेचुरल सेलेक्शन
4:29
ने डिजाइन किया है। अगर इंसान सिर्फ एक
4:33
एल्गोरििदम है तो फ्यूचर साइंटिस्ट उसे
4:36
हैक कर सकते हैं जैसे हम कंप्यूटर को हैक
4:39
करते हैं। सोचो अगर किसी दिन आपके ब्रेन
4:42
को USB से कनेक्ट करके आपकी सारी मेमोरीज
4:45
डाउनलोड हो जाए या आपका डीएनए ऐसा मॉडिफाई
4:48
कर दिया जाए कि आपको कभी कैंसर ना हो।
4:55
टेक्नोलॉजी जीन एडिटिंग ऑलरेडी यह काम कर
4:58
रही है। इमेजिन अगर किसी पेरेंट को ऑप्शन
5:02
मिले आपका बच्चा टॉल होगा, स्मार्ट होगा,
5:04
डिजीज फ्री होगा तो वो चॉइस क्यों ना करें
5:10
आज इंडिया का यंग जनरेशन अपने फोन को
5:13
अपडेट करता है हर 6 महीने में। लेटेस्ट
5:15
iPhone, लेटेस्ट Android बट इमेजिन कल को
5:18
आपको खुद को अपडेट करने का ऑप्शन मिलेगा।
5:21
बेटर मेमोरी अपग्रेड, बेटर बॉडी अपग्रेड,
5:24
लगर लाइफ अपग्रेड। यह सुनकर एक्साइटिंग भी
5:26
लगता है और डरावना भी। क्योंकि यह सवाल
5:29
खड़ा करता है अगर रिच लोग ही अपग्रेड कर
5:32
पाए तो सोसाइटी में गैप कितना बढ़ जाएगा।
5:36
तो दोस्तों, अभी तक हमने देखा कि इंसान ने
5:39
अपने पुराने दुश्मनों, हंगर, वार, प्लेग
5:41
को ऑलमोस्ट हरा दिया है। और अब उसकी नजर
5:44
है नए मिशनंस पर। इमोर्टिटी, हैप्पीनेस और
5:47
गॉड लाइक पावर्स। लेकिन सवाल यह है क्या
5:50
हर इंसान को यह पावर्स मिलेंगी या सिर्फ
5:52
कुछ सिलेक्टेड को और अगर मशीनंस और
5:55
एल्गोरििदम्स हमसे ज्यादा इंटेलिजेंट हो
5:58
गए तो इंसान की जगह क्या बचेगी यही
6:01
जानेंगे हम आगे स्टे ट्यून बिकॉज़ अभी तो
6:08
इमेजिन कीजिए आप एक कॉफी शॉप में बैठे हो
6:12
और आपके पास वाला बंदा फोन पर बोलता है
6:16
मुझे तो लगता है कल मुझे वायरल हो जाएगा
6:19
आप हंसते हो क्योंकि आपको लगता है बस उसका
6:22
मूड खराब है बट अगली सुबह उसको सच में
6:26
वायरल हो जाता है और रीजन उसकी स्मार्ट
6:28
वॉच ने एक दिन पहले ही उसकी बॉडी के अंदर
6:31
के सिग्नल्स पढ़ लिए थे स्केरी है ना
6:34
लेकिन यह फ्यूचर है हरारी कहते हैं मशीनंस
6:37
और एल्गोरिदम्स हमें खुद से ज्यादा पहले
6:40
प्रेडिक्ट करेंगे। और यहीं से स्टार्ट
6:42
होता है एक बड़ा क्वेश्चन। अगर मशीन मुझे
6:46
मुझसे बेटर समझने लगे तो क्या मेरी अपनी
6:49
चॉइसेस की वैल्यू बचेगी?
6:52
राइज ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस। हरारी
6:55
लिखते हैं वंस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
6:57
आउटपरफॉर्म्स ह्यूमन इंटेलिजेंस द ह्यूमन
7:00
रेस विल नॉट बी द डोमिनेंट लाइफ फॉर्म।
7:03
जैसे ही एआई इंसानी इंटेलिजेंस से आगे
7:06
निकल जाएगी। इंसान इस धरती पर सबसे
7:10
पावरफुल लाइफ फॉर्म नहीं रहेगा। आज तक
7:14
हमने मशीनंस को बस एक टूल की तरह यूज किया
7:17
है। लेकिन आगे चलकर मशीनंस हमारे डिसीजन
7:22
मेकर्स बन जाएंगी। एआई डॉक्टर्स से ज्यादा
7:25
एक्यूरेट डायग्नोसिस कर रहा है। एआई लीगल
7:29
केसेस का जजमेंट प्रेडिक्ट कर रहा है। एआई
7:32
फाइनशियल ट्रेडिंग में करोड़ की डील्स
7:35
सेकंड्स में कर रहा है। एग्जांपल इंडिया
7:38
में स्टॉक मार्केट के अंदर एल्गो ट्रेडिंग
7:43
का ट्रेंड ऑलरेडी बूम कर रहा है। यहां पर
7:46
एक कंप्यूटर थाउजेंड्स ऑफ ट्रेड्स एक
7:48
सेकंड में कर देता है। वह भी बिना इमोशन,
7:51
बिना ग्रीड, बिना फियर, एक ह्यूमन ट्रेडर
7:54
सोचता ही रह जाता है। और सोचो अगर कल को
7:57
एआई डॉक्टर बन गया जो आपके सीटी स्कैन और
8:00
डीएनए को एक सेकंड में एनालाइज कर दे तो
8:03
क्या पेशेंट्स डॉक्टर के पास जाएंगे या
8:07
मशीन आज हमारे टूल्स हैं। कल हमारे
8:10
मास्टर्स बन सकती हैं।
8:13
आगे हरारी कहते हैं डेटा इज इक्वल टू न्यू
8:16
ऑयल। ह्यूमंस इक्वल टू ओल्ड मशीनंस। हरारी
8:19
एक हार्ड हीटिंग पाथ बोलते हैं। वंस वी
8:22
हैव एल्गोरिदम्स दैट आउटपरफॉर्म ह्यूमन
8:24
डॉक्टर्स ड्राइवर्स एंड टीचर्स पीपल विल
8:26
लूज देयर इकोनॉमिक वैल्यू। जैसे ही
8:29
एल्गोरिदम्स, डॉक्टर्स, ड्राइवर्स और
8:31
टीचर्स से बेहतर काम करने लगेंगे, इंसान
8:34
की इकोनॉमिक वैल्यू खत्म हो जाएगी। यह बात
8:38
डायरेक्टली यूथ के लिए एक झटका है। सोचो,
8:42
इंडिया में डेढ़ करोड़ लोग ट्रांसपोर्ट और
8:45
ड्राइविंग इंडस्ट्री में काम करते हैं।
8:47
अगर कल को सेल्फ ड्राइविंग कार्स आई तो यह
8:50
जॉब्स गई। और यह सिर्फ ड्राइवर्स का इशू
8:54
नहीं टीचर्स को एआई रिप्लेस कर रहा है।
8:57
बायूस खान एकडमी एआई टटर्स अकाउंटेंट्स को
9:00
एआई रिप्लेस कर रहा है। क्विक बुक्स टेली
9:02
एआई इवन लयर्स का रिसर्च एआई कर रहा है।
9:07
एक दोस्त जो आपके साथ कॉलेज में था उसने
9:10
कोडिंग सीखी। उसको लगा सेफ जॉब है लेकिन
9:14
अब एआई टूल्स जैसे GH को पायलट और चैट
9:17
जीबीटी उसका 50% काम खुद कर देते हैं।
9:21
उसको लगता था जॉब सिक्योर है बट अब डाउट
9:24
है। यानी अगर हमने अपने आप को मशीनंस से
9:28
अलग स्किल्स में नहीं निकाला तो हम एक
9:30
यूज़लेस क्लास बन जाएंगे। ऐसी क्लास जिसका
9:34
कोई इकोनॉमिक रोल नहीं है। पहले गरीब होने
9:38
का दर्द था। फ्यूचर में यूज़लेस होने का
9:40
दर्द होगा। आगे हरारी बात करते हैं
9:43
ह्यूमनिज्म से डेटाइज्म तक का सफर। हरारी
9:46
कहते हैं हिस्ट्री में हमेशा कोई सुप्रीम
9:48
अथॉरिटी रही जो डिसाइड करती थी राइट और
9:51
रॉन्ग। मिडिल एजेस में भगवान या रिलीजन सब
9:55
कुछ डिसाइड करता था। मॉडर्न एज में इंसान
9:57
ह्यूमनिज्म सेंटर में आ गया। 21 सेंचुरी
10:00
अब डेटाइज्म आएगा जो कहता है जो डाटा
10:03
प्रोसेस करें वही वैल्यूुएबल है। एग्जांपल
10:06
इंडियन यूथ के लिए रिलेटेबल सीन पहले शादी
10:10
डिसाइड होती थी फैमिली और कम्युनिटी की
10:12
वैल्यू से। आज टिंडर और बंबल एल्गोरििदम्स
10:15
90% मैचेस डिसाइड करते हैं। हम कह देते
10:18
हैं एल्गोरििदम सही होगा। डाटा पर बेस्ड
10:21
है। इसका मतलब है हम स्लोली अपनी फीलिंग
10:24
और अपनी सोच पर डाउट करने लगते हैं। अगर
10:28
एल्गोरिदम बोले यह लड़का तुम्हारे लिए
10:31
बेटर है तो हम अपना डिसीजन रिकंसीडर करते
10:34
हैं। रिलीजन ने बोला लिसन टू गॉड।
10:37
ह्यूमनिज्म ने बोला लिसन टू योरसेल्फ।
10:39
डेटाइज्म बोल रहा है लिसन टू द एल्गोरिदम।
10:42
सो देयर फॉर एल्गोरिदम इज इक्वल टू न्यू
10:45
गॉड। हरारी एक जबरदस्त एग्जांपल देते हैं।
10:48
द फ्री इंडिविजुअल इज जस्ट अ फिक्शनल टेल
10:51
कॉनकोटेड बाय द ह्यूमनिस्ट रिलजन। फ्री
10:54
इंडिविजुअल सिर्फ एक कहानी है जो
10:56
ह्यूमनिज्म ने बनाई थी। सोचो आपको लगता है
11:00
आप अपनी चॉइसेस के मालिक हो बट रियलिटी
11:03
मशीनंस आपके हार्मोंस डोपामिन और हार्ट
11:07
रेट रीड करके आपकी फीलिंग प्रेडिक्ट कर
11:10
रही है। आपको लगता है कि आप अपने पार्टनर
11:13
से प्यार करते हो लेकिन स्मार्ट वॉच बोलती
11:14
है नो यह बस ऑक्सीटॉक्सिन का हार्मोनल रश
11:18
है। असली प्यार नहीं और आप डाउट करने लगते
11:22
हो अपनी ही इमोशंस पर। एक और एग्जांपल
11:25
इंडियन स्टूडेंट्स के लिए। एग्जाम के दिन
11:27
आपको लगता है मैं नर्वस हूं। लेकिन एआई
11:29
स्मार्ट वॉच बोलती है नहीं तुम्हारी शुगर
11:32
लो है। एक स्नकर्स खाओ और तुम कॉन्फिडेंट
11:34
फील करोगे। यानी स्लोली हम अपनी इनर वॉइस
11:38
पे भरोसा कम करेंगे और मशीन के एनालिसिस
11:41
पे ज्यादा। आगे बात करते हैं रिच वर्सेस
11:45
पुअर गैप और बढ़ने वाला है। हरारी सबसे
11:48
ज्यादा वर्न करते हैं बायोटेक्नोलॉजी
11:50
इनकलिटी से। आज के टाइम में भी रिच और
11:54
पुअर के बीच गैप ह्यूज है। एक बच्चा डून
11:57
स्कूल में पढ़ रहा है और आईपैड के साथ और
11:59
एक बच्चा एक गवर्नमेंट स्कूल में ब्रोकन
12:02
चौक के साथ। लेकिन कल यह गैप और भी ज्यादा
12:05
डेंजरस हो जाएगा। रिच पेरेंट्स अपने
12:08
बच्चों के जींस एडिट करेंगे। स्मार्ट टॉल
12:11
डिजीज फ्री बनने के लिए। मिडिल क्लास
12:14
पेरेंट्स सिर्फ कोचिंग और ट्यूशन अफोर्ड
12:16
करेंगे। पुअर पेरेंट्स को यह भी ऑप्शन
12:18
नहीं मिलेगा। रिजल्ट एक बायोलॉजिकल कास्ट
12:21
सिस्टम जिसमें एक तरफ सुपर ह्यूमंस होंगे
12:24
और दूसरी तरफ नेचुरल ह्यूमंस। आज अगर एक
12:28
स्टूडेंट आईआईटी ट्रैक नहीं करता तो वो
12:30
सोचेगा मैं लूजर हूं। कल अगर एक स्टूडेंट
12:35
डेड नहीं है तो उसको सोसाइटी बोलेगी तुम
12:38
आउटडेटेड हो। इनकलिटी अब सिर्फ पैसों की
12:41
नहीं होगी। डीएनए की होगी।
12:44
अब सवाल उठता है क्या मशीन सब कुछ रिप्लेस
12:47
कर देगी? क्या इंसान के पास कोई वैल्यू
12:52
हरारी बोलते हैं मशीन रेपिटेटिव और लॉजिकल
12:55
काम कर देंगी। लेकिन क्रिएटिविटी,
12:57
स्पिरिचुअलिटी और ह्यूमन कनेक्शन अभी भी
12:59
इंसान के पास होगा। एआई Instagram रील्स
13:03
जनरेट कर सकता है। एआई स्टैंड अप जोक्स
13:06
लिख सकता है। लेकिन जो असली दोस्ती वाली
13:08
मस्ती भाई तू द लेजेंड है वाली फील एक
13:11
इंडियन क्रिएटर देता है वह एआई से रिप्लेस
13:14
नहीं हो सकती। इसीलिए अगर आप यूथ हो तो
13:17
फोकस करो इमोशनल इंटेलिजेंस डेवलप करने
13:21
पर, क्रिएटिविटी और स्टोरी टेलिंग सीखने
13:23
पर, अपने अंदर के स्पिरिचुअल डेप्थ को
13:26
एक्सप्लोर करने पर। क्योंकि जो इंसान
13:28
सिर्फ रूट रूटीन काम करेगा उसको मशीन
13:31
रिप्लेस कर देगी। बट जो इंसान मीनिंग और
13:35
क्रिएटिविटी लाए वह हमेशा रेलेवेंट रहेगा।
13:38
मशीन से बेटर बनने का राज है। मशीन जैसा
13:41
बनने की कोशिश छोड़ो। इंसान जैसा बनने का
13:47
जॉब का टेंशन मत लो। अपनी वैल्यू मशीन से
13:50
अलग स्किल में क्रिएट करो। अगर तुम्हारा
13:52
करियर रिबिटेबल है तो एआई उसको चुरा लेगा।
13:56
अगर तुम्हारा करियर यूनिक और क्रिएटिव है
13:58
तो एआई तुम्हारी स्लेव बनेगी। डाटा
14:01
तुम्हारी लाइफ का जीपीएस बन सकता है।
14:03
लेकिन स्टीयरिंग तुम्हारे हाथ में ही होना
14:05
चाहिए। तो दोस्तों अब हमने सीखा कैसे एआई
14:10
और डाटा इज स्लोली हमारी जिंदगी कंट्रोल
14:12
कर रहे हैं। कैसे एक यूज़लेस क्लास क्रिएट
14:15
हो सकती है जिसकी कोई इकोनॉमिक रोल नहीं
14:17
होगा। कैसे रिच और पुअर के बीच गैप
14:20
बायोलॉजी के लेवल तक पहुंच गया है और कैसे
14:24
हमारी अपनी फ्री विल एक इल्लुजन बन सकती
14:26
है? अब बचा एक और बड़ा सवाल। अगर मशीन
14:29
हमारी जगह ले लेगी तो इंसान की जिंदगी का
14:32
पर्पस क्या बचेगा? क्या हम सिर्फ एक
14:35
ऑब्सोल्यूट स्पीशीज बन जाएंगे या फिर हम
14:38
कोई नया मीनिंग ऑफ लाइफ क्रिएट करेंगे।
14:40
इसका जवाब छुपा है रारी के अगले
14:42
कांसेप्ट्स में और वहीं हम एक्सप्लोर
14:44
करेंगे अगले हिस्से में। स्टे ट्यून
14:46
क्योंकि अभी कहानी का असली ट्विस्ट आना
14:51
सोचो एक दिन ऐसा आए जब आपको Google पर
14:55
सर्च करने की भी जरूरत ना पड़े। आपके
14:58
दिमाग में जैसे ही कोई सवाल उठे तुरंत
15:01
आपके ब्रेन में ही उसका जवाब आ जाए। बिना
15:04
लैपटॉप, बिना फोन, बिना टाइपिंग। साउंड्स
15:06
लाइक सफाई ना लेकिन हरारी कहते हैं यह
15:09
सफाई फीचर नहीं है बल्कि आने वाला रियलिटी
15:12
है। अब तक हमने देखा कि कैसे एआई और डाटा
15:16
इज इंसानों की जगह लेने वाले हैं। लेकिन
15:19
सबसे बड़ा सवाल यह है अगर मशीनंस सब कुछ
15:22
कर देंगी, तो इंसान की जिंदगी का मीनिंग
15:25
क्या बचेगा? यहीं से शुरू होता है हमारा
15:28
आज का सफर। द सर्च फॉर मीनिंग। हरारी
15:30
लिखते हैं फॉर थाउजेंड्स ऑफ इयर्स ह्यूमंस
15:33
सॉर्ट मीनिंग इन द कॉस्मोस, गॉड्स और
15:36
स्क्रिप्चर्स। इन द मॉडर्न एरा दे फाउंड
15:39
इट इन फीलिंग्स इन द फ्यूचर मीनिंग माइट
15:42
बी फाउंड इन डेटा फ्लोस। हजारों साल तक
15:45
इंसान ने मीनिंग खोजा। कॉस्मोस, भगवान और
15:48
शास्त्रों में। मॉडर्न एरा में इंसान ने
15:51
फीलिंग्स में मीनिंग खोजा। लेकिन फ्यूचर
15:53
में मीनिंग डेटा फ्लोस में हो सकता है।
15:56
यानी इंसान का अल्टीमेट सवाल हमेशा यही
15:59
रहा है। मैं क्यों हूं? मेरी जिंदगी का
16:02
मकसद क्या है? पहले जवाब मिला भगवान ने
16:05
बनाया है। फिर जवाब मिला तुम्हारी
16:07
हैप्पीनेस ही मकसद है। और अब जवाब मिलने
16:09
वाला है तुम डाटा हो। और डाटा का फ्लो ही
16:12
मीनिंग है। इंडियन यूथ के लिए एक रिलेटेबल
16:16
एग्जांपल लो। अब आप Instagram खोलते हो।
16:19
आप रील्स स्क्रॉल करते हो। एक दो मिनट बाद
16:22
आप भूल जाते हो कि आपने खोला क्यों था।
16:26
क्यों? क्योंकि अब आपका ब्रेन नहीं बल्कि
16:29
एल्गोरिदम डिसाइड कर रहा है कि आपका टाइम
16:32
कहां लगेगा। आपकी मीनिंग शिफ्ट हो गई डेटा
16:37
कंजमशन में। जिसे हम मीनिंग समझते हैं वो
16:40
भी शायद एक एल्गोरिदम की कैलकुलेशन हो।
16:43
आगे ऑथर बात करते हैं ह्यूमंस एज हैकेबल
16:47
एनिमल्स। हरारी का एक सबसे बड़ा पावरफुल
16:49
कांसेप्ट है। ह्यूमंस आर हैकेबल एनिमल्स।
16:53
वंस वी कैन हैक ह्यूमंस, गवर्नमेंट्स,
16:55
कॉरपोरेशंस एंड एल्गोरिदम्स विल बी एबल टू
16:57
प्रेडिक्ट मैनपुलेट एंड कंट्रोल
16:59
इंडिविजुअल्स लाइक नेवर बिफोर। जैसे ही
17:02
इंसानों को हैक करना पॉसिबल हो जाएगा,
17:05
गवर्नमेंट्स, कॉरपोरेशंस और एल्गोरिदम्स
17:07
इंडिविजुअल्स को पहले से ही कहीं ज्यादा
17:10
प्रेडिक्ट, मैनपुलेट और कंट्रोल कर
17:12
पाएंगे। सोचिए आज आपको आपका का जो बैंक है
17:16
आपके स्पेंडिंग हैबिट्स ट्रैक करता है।
17:18
आपका फिटनेस है आपके हार्ट बीट्स ट्रैक
17:21
करता है और आपका Instagram आपके इंटरेस्ट
17:24
ट्रैक करता है। अब यह सब डाटा कंबाइन हो
17:27
जाए और एक एआई आपको पूरी तरह रीड कर ले।
17:32
मान लो आपको लगता है कि आप फ्री हो। आप
17:35
डिसाइड करते हो कि फ्राइडे नाइट को आप
17:37
कहां जाओगे। लेकिन रियलिटी यह है कि
17:39
Zomato के एड्स, YouTube के रेकमेंडेशंस
17:42
और आपके दोस्तों की Instagram स्टोरीज ने
17:44
पहले ही आपको इन्फ्लुएंस कर दिया। आपको
17:47
लगता है आपने डिसाइड किया लेकिन असल में
17:50
आप हैक हो चुके थे। आज इंसान मोबाइल हैक
17:53
करता है। कल मोबाइल इंसान को हैक करेगा।
17:57
आगे उथक बताते हैं द न्यू रिलीजंस आर
18:00
टेक्नो ह्यूमनिज्म एंड डेटाइज्म। हरारी
18:04
बजाते हैं कि फ्यूचर में दो नए रिलीजन उभर
18:06
सकते हैं। पहला टेक्नो ह्यूमनिज्म। इसका
18:09
मानना है कि इंसान को मशीन का मशीन के साथ
18:12
मर्ज होना चाहिए ताकि वह खुद को अपग्रेड
18:17
एलोन मस्क का न्यूरोलिंक इसी कांसेप्ट पर
18:21
काम कर रहा है। ब्रेन को डायरेक्टली
18:23
कंप्यूटर से जोड़ देना यानी सोचो और एक्शन
18:25
हो जाए। दूसरा डेटाइज्म। इसका मानना है कि
18:29
अल्टीमेट ट्रुथ और वैल्यू सिर्फ डाटा
18:32
प्रोसेसिंग है। चाहे ह्यूमन इमोशंस हो या
18:35
मशीन एल्गोरििदम्स सबको सिर्फ डाटा समझो।
18:39
आज भी Facebook, Google और Amazon का
18:41
बिजनेस यही है डाटा को कलेक्ट करना और
18:44
प्रोसेस करना। फ्यूचर के मंदिर, Google
18:47
सर्वर रूम होंगे और प्रीस्ट होंगे
18:52
आगे ऑथर बात करते हैं राइज़ ऑफ द यूज़लेस
18:54
क्लास। ऑथर एक चिलिंग प्रेडिक्शन करते
18:56
हैं। एक नई क्लास इमर्ज होगी यूजलेस
18:59
क्लास। यह वो लोग होंगे जिनके पास जॉब्स
19:02
नहीं होंगी क्योंकि मशीन उनसे ज्यादा तेज,
19:05
सस्ती और एफिशिएंट होगी। वी माइट विटनेस द
19:09
क्रिएशन ऑफ अ न्यू मैसिव क्लास। पीपल
19:12
यूज़लेस नॉट फ्रॉम द व्यू पॉइंट ऑफ देयर
19:14
फैमिलीज़ और फ्रेंड्स बट यूज़लेस फ्रॉम द
19:16
व्यू पॉइंट ऑफ द इकोनमिक एंड पॉलिटिकल
19:18
सिस्टम्स। हम शायद एक मैसिव नई क्लास
19:22
देखें। लोग जो अपने परिवार या दोस्तों के
19:25
लिए बेकार नहीं होंगे लेकिन इकोनॉमिक और
19:27
पॉलिटिकल सिस्टम के लिए यूजलेस होंगे।
19:30
आज आप देख रहे हैं कि इंजीनियर्स हर साल
19:33
लाखों ग्रेजुएट हो रहे हैं। लेकिन सिर्फ
19:36
कुछ ही को टॉप कंपनीज़ अब्सॉर्ब करते हैं।
19:39
बाकी या तो अन अंडरप्रेड रहते हैं या
19:42
अनइंप्लॉयड। अब सोचो जब एआई कोडर्स और
19:45
डॉक्टर्स को भी रिप्लेस कर देगा तो यह
19:46
यूज़लेस क्लास और बड़ी हो जाएगी। यह सिर्फ
19:50
जॉब लॉस नहीं है। यह आइडेंटिटी लॉस
19:52
क्योंकि सोसाइटी हमेशा इंसान की आइडेंटिटी
19:55
उसकी जॉब से जोड़ती है। वो इंजीनियर है।
19:57
वो डॉक्टर है, वो लॉयर है। जब जॉब ही नहीं
20:00
होगी तो इंसान खुद को क्या कहेगा? ब्रेड
20:03
बिना इंसान सर्वाइव कर सकता है लेकिन
20:07
सोचो एक गेमर एक एग्जांपल से अगर आप PUBG
20:11
या BGMI खेलते हो आपको गेम में मिशन मिलता
20:15
है। किल 10 एनिमीज़ सर्वाइव 15 मिनट्स रीच
20:18
ज़ोन। मिशन होने की वजह से आपको
20:21
एक्साइटमेंट मिलती है। अब सोचो अगर गेम
20:23
में मिशन ही ना हो। बस आप रन करते जा रहे
20:27
हो बिना एंड के। क्या आप 5 मिनट खेलोगे?
20:31
नहीं। इसी तरह अगर इंसान के पास मिशन और
20:34
पर्पस ही ना रहे तो लाइफ बोरिंग और
20:36
डिप्रेसिव हो जाएगी। यही चैलेंज है फ्यूचर
20:39
का। इंडिया एक यंग नेशन है। 65% पापुलेशन
20:44
यूथ अगर एआई जॉब्स खा जाएगी तो सबसे बड़ा
20:47
क्राइसिस यही होगा। हमारी लाइफ का पर्पस
20:49
क्या है? आज एक स्टूडेंट का पर्पस है
20:51
आईएएस क्लियर करना। एक एथलीट का पर्पस है
20:55
मेडल लाना। एक एंटरप्रेन्योर का पर्पस है
20:58
यूनिकॉर्न बनाना। बट अगर कल को यह सब
21:01
जॉब्स और रूल्स एआई से रिप्लेस हो जाए तो
21:04
उनका वाई हो जाएगा। आज एक स्टूडेंट ने 5
21:08
साल मेहनत की सीए बनने के लिए। कल एआई
21:10
सॉफ्टवेयर उसके सारे अकाउंट्स और ऑडिट्स
21:12
एक सेकंड में कर ले। स्टूडेंट सोचेगा
21:15
मैंने 5 साल वेस्ट किए। यह ही है मीनिंग
21:21
आगे ऑथर बात करते हैं। क्वेस्ट फॉर
21:23
इमोर्टिटी द गोल्ड प्रोजेक्ट। हरारी एक और
21:26
शॉकिंग आईडिया देते हैं। फ्यूचर में इंसान
21:28
का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट होगा इमोर्टिटी।
21:31
ह्यूमंस विल ट्राई टू अपग्रेड देमसेल्व्स
21:33
इनू गॉड्स एंड टर्न द होमोसेपियंस इनू
21:36
होमोड्यूस। इंसान खुद को भगवान में
21:39
अपग्रेड करने की कोशिश करेगा और
21:41
होमोसेपियंस को होमोड्यूस में बदल देगा।
21:45
आज हम सप्लीमेंट्स, जिम्स और कॉस्मेटिक
21:48
सर्जरी करते हैं अपने शरीर को मेंटेन करने
21:51
के लिए। कल को जीन एडिटिंग में नैनोब्स और
21:54
एआई इंप्लांट्स यूज करके इंसान डेथ को भी
21:57
डिले करने की कोशिश करेगा। सोचो अगर
21:59
अंबानी जी 200 साल तक जी सके तो क्या
22:02
सोसाइटी में बैलेंस बचेगा? इंसान हंगर और
22:05
वार जीत चुका है। अब उसका अगला दुश्मन डेथ
22:10
अब सवाल हम क्या करें? पहला स्किल्स पे
22:14
फोकस करो जो यूनिकली ह्यूमन है। जैसे
22:17
एम्पैथी, लीडरशिप, क्रिएटिविटी,
22:19
स्पिरिचुअलिटी। सेकंड, अपने पर्पस को
22:22
सिर्फ जॉब से मत जोड़ो। अपने अंदर के
22:24
वैल्यूज़ से जोड़ो। तीसरा, डाटा कंज्यूम मत
22:28
करो। डाटा क्रिएट करो। Instagram का स्लेव
22:30
मत बनो। क्रिएटर बनो। आज एक 22 ईयर ओल्ड
22:33
लड़का चंडीगढ़ से रील्स बनाता है अपनी
22:35
कुकिंग स्किल्स दिखाते हुए और उसके 5 लाख
22:38
फॉलोअर्स हैं। उसने अपना पर्पस खुद क्रिएट
22:41
किया है। वो डाटा का सिर्फ कंज्यूमर नहीं
22:43
क्रिएटर है। मशीन के एरा में जीतने वाला
22:47
वही होगा जो अपनी ओरिजिनलिटी बचा पाएगा।
22:52
एआई से मत डरो। एआई को अपने साथ पार्टनर
22:55
बनाओ। जॉब खोने से मत घबराओ। पर्पस खोदने
22:58
पर फोकस करो। डाटा तुम्हें कंट्रोल कर
23:00
सकता है लेकिन तुम डाटा को भी डिजाइन कर
23:02
सकते हो। तो दोस्तों अभी तक हमने देखा
23:04
कैसे इंसान हैकेबल एनिमल बन चुका है। कैसे
23:08
डाटा इज्म और टेक्नो ह्यूमनिज्म नए
23:10
रिलीजंस बन सकते हैं। कैसे एक यूज़लेस
23:13
क्लास इमर्ज होगी और कैसे इंसान का अगला
23:16
टारगेट होगा इमोर्टिटी यानी होमोसेपियंस
23:19
से होमोड्यूस। लेकिन सबसे बड़ा सवाल अभी
23:22
बाकी है। अगर इंसान खुद को भगवान बनाने
23:25
निकला तो क्या वह सच में भगवान बनेगा या
23:27
फिर अपनी ही बनाई मशीनंस का गुलाम। यही
23:30
सस्पेंस खुलने वाला है अगले पार्ट में।
23:32
स्टे ट्यून क्योंकि क्लाइमेक्स वही है।
23:36
सोचो एक दिन ऐसा आए कि हिस्ट्री की
23:39
किताबें इंसान नहीं बल्कि एल्गोरिदम्स
23:42
लिखें। और जब तुम्हारे नाम की बारी आए तो
23:45
एल्गोरिदम्स डिसाइड करें। यह इंसान कोई
23:47
खास वैल्यू नहीं रखता। इसे हिस्ट्री में
23:49
जगह देने की जरूरत नहीं। शॉकिंग ना? यह है
23:52
वो फ्यूचर जिसकी झलक हमें युवा नोवा हरारी
23:55
होमोड्यूस में दिखाते हैं। अब बातें
23:58
सर्वाइवल, इम्मोर्टलिटी या एआई की नहीं।
24:00
अब बात है ह्यूमन स्टोरी के खात्मे की। द
24:05
एंड ऑफ ह्यूमन स्टोरी टेलिंग। इतिहास
24:07
हमेशा कहानियों पर टिका रहा है। रिलीजन ने
24:10
कहा गॉड चाहता है कि तुम अच्छे इंसान बनो।
24:12
नेशंस ने कहा इंडिया इज योर मदरलैंड। इसके
24:15
लिए लड़ो। कैपिटलिज्म ने कहा मनी ही
24:17
हैप्पीनेस देगा। पर सोचो अगर कल की कहानी
24:20
इंसान नहीं लिखेगा बल्कि एआई लिखेगा तो आज
24:23
Instagram रील्स पहले से ही डिसाइड करती
24:25
है कि तुम्हारा मूड क्या होगा। तुमको लग
24:28
रहा है कि तुम फ्रीली स्क्रॉल कर रहे हो।
24:30
पर असल में एल्गोरििदम तुम्हारे दिमाग की
24:31
कहानी सुन रहा है। यह है कूल लाइफ। यह है
24:34
ब्यूटी। यह है सक्सेस। हरारी कहते हैं
24:36
हिस्ट्री बिगेन व्हेन ह्यूमंस इन्वेंटेड
24:39
गॉड्स एंड विल एंड व्हेन ह्यूमंस बिकम
24:42
गॉड्स। इतिहास तब शुरू हुआ जब इंसानों ने
24:45
भगवान बनाए और अब खत्म होगा जब इंसान खुद
24:48
भगवान बन जाएगा। मतलब हमारी कहानियां की
24:52
जगह मशीनंस अपनी कहानियां सुना देंगी। आज
24:55
की दुनिया ह्यूमनिज्म पर खड़ी है। यानी
24:58
तुम्हारी फीलिंग्स भी अल्टीमेट ट्रुथ है।
25:01
तुम्हें कौन सा जॉक चुनना है? लिसन टू योर
25:03
हार्ट। किससे शादी करनी है? फॉलो योर
25:05
फीलिंग्स। किसका सॉन्ग सुनना है? चूज़
25:07
व्हाट यू लाइक? पर हरारी कहते हैं यह
25:09
इल्ल्यूजन है। फ्यूचर में एल्गोरिदम्स
25:11
तुम्हें सबसे बेहतर जानेंगे। स्पॉटिफाई
25:15
ऑलरेडी प्रेडिक्ट करता है कि तुम्हें अगला
25:17
कौन सा सॉन्ग पसंद आएगा। Netflix सजेस्ट
25:20
करता है अगला शो। फिटबिट बताता है कब सोना
25:23
है। कल कोई एल्गोरििदम्स तुम्हें बताएंगे।
25:25
किस करियर में जाना है, किससे शादी करनी
25:28
है। यहां तक कि किस पिटिकल पार्टी को वोट
25:31
करना है। तो फिर लिसन टू योर हार्ट। कहने
25:34
का मतलब ही खत्म हो जाएगा क्योंकि
25:36
तुम्हारा हार्ट भी एल्गोरिदम से हैक हो
25:38
चुका होगा। द थ्रोन ऑफ गॉड वास टेकन बाय
25:42
ह्यूमंस। टुमारो द थ्रोन ऑफ ह्यूमंस विल
25:44
बी टेकन बाय एल्गोरिदम्स। न्यू गॉड्स
25:47
टेक्नो रिलीजंस। अब आते हैं हरारी के सबसे
25:49
पावरफुल कांसेप्ट पर नए रिलीजंस। फ्यूचर
25:53
में लोग मंदिर, मस्जिद या चर्च में नहीं
25:55
बल्कि डेटा सेंटर्स में आस्था रखेंगे।
25:57
हरारी ने दो बड़ी टेक्नो रिलीजंस का जिक्र
26:00
करते हैं। ए टेक्नो ह्यूमनिज्म। ह्यूमंस
26:04
आर स्पेशल बट वी मस्ट अपग्रेड देम विद
26:07
टेक्नोलॉजी। मतलब हम अपने दिमाग और शरीर
26:10
को एआई बायोटेक और नैनोटेक से अपग्रेड
26:13
करेंगे। एग्जांपल चंडीगढ़ का एक स्टूडेंट
26:15
अपने ब्रेन में चिप लगवाकर इंस्टेंटली
26:17
कोडिंग सीखें। बी डाटा इज अ बीफ। डेटा
26:21
फ्लो इज सुप्रीम। एवरीथिंग एल्स इज
26:23
सेकेंडरी। मतलब दुनिया का अल्टीमेट गोल
26:25
होगा। ज्यादा से ज्यादा डाटा कलेक्ट करना
26:27
और फ्लो करना। जो एंटिटी डाटा फ्लो को
26:30
बूस्ट करेगी वही वैलुएबल होगी। आज
26:33
Instagram इन्फ्लुएंसरर की वैल्यू
26:35
फॉलोअर्स और एंगेजमेंट डाटा से होती है।
26:37
कल इंसान की वैल्यू भी उसी हिसाब से जज
26:40
होगी। कितना डाटा प्रोड्यूस और प्रोसेस कर
26:43
रहे हो। हरारी कहते हैं डेटाइज्म से दैट द
26:46
यूनिवर्स कंसिस्ट्स ऑफ डेटा फ्लोस एंड द
26:49
वैल्यू ऑफ़ एनी फिनोमिना इज डिटरमिंड बाय
26:51
इट्स कंट्रीब्यूशन टू डेटा प्रोसेसिंग।
26:54
डाटा मानता है कि ब्रह्मांड डाटा फ्लो से
26:57
बना है और किसी भी चीज की वैल्यू उस पर
26:59
निर्भर करती है कि वह डाटा प्रोसेसिंग में
27:01
कितना योगदान देती है।
27:04
आगे बात करते हैं द यूज़लेस क्लास
27:06
क्राइसिस। यह कांसेप्ट हरारी के सबसे
27:08
डरावने प्रेडिक्शनंस में से एक है। फ्यूचर
27:10
में एआई और रोबोट्स इतना काम ले लेंगे कि
27:13
लाखों लोग अनइंप्लॉयबल हो जाएंगे। हरारी
27:16
इस ग्रुप को कहते हैं द यूज़लेस क्लास। एक
27:19
26 साल का इंडियन यंगस्टर जिसने एमबीए
27:21
किया है। पर यह पहले से ही 10 एक्स बेटर
27:23
बिजनेस ले रहा है। एक ग्राफिक डिजाइनर
27:26
जिसकी जगह एआई जनरेटेड आर्ट ले चुका है।
27:29
एक लॉयर जिसका काम सॉफ्टवेयर ने ऑटोबिट कर
27:31
दिया। यह लोग सिर्फ अनइंप्लॉयड नहीं होंगे
27:33
बल्कि अनइंप्लॉयबल होंगे। यानी कोई स्किल
27:36
ही नहीं बचेगी जो वो मशीनंस से बेटर कर
27:39
पाए। अब सोचो अगर सोसाइटी का बड़ा हिस्सा
27:42
पर्पसलेस हो गया तो डिप्रेशन, फ्रस्ट्रेशन
27:44
और केओस कितना बढ़ेगा। द ग्रेटेस्ट चैलेंज
27:48
ऑफ द 21 सेंचुरी इज नॉट हंगर और वॉर बट
27:51
फाइंडिंग मीनिंग इन अ वर्ल्ड विदाउट वर्क।
27:55
अब अल्टीमेट सवाल है होमोड्यूस कैसा होगा?
27:59
हरारी वर्न करते हैं वी विल अपग्रेड
28:01
आवरसेल्व्स इनू गॉड्स बट वी माइंड एंड अप
28:04
वरशिपिंग डाटा इंस्टेड। हम खुद को भगवान
28:07
में अपग्रेड करेंगे पर शायद डेटा की पूजा
28:10
करने लगेंगे। यानी इंसान सोच रहा है कि वह
28:13
खुद भगवान बनेगा। पर असल में वो डाटा और
28:16
एल्गोरििदम्स का गुलाम बन जाएगा। इमेजिन
28:19
करो तुम इमोर्टल हो। हर स्किल इंस्टेंटली
28:22
सीख सकते हो। इमोशंस कंट्रोल कर सकते हो।
28:24
तुम्हारा हर डिसीजन एल्गोरिदम ले रहा है।
28:27
क्या यह सच में भगवान होना है या सिर्फ एक
28:30
एडवांस्ड रोबोट बन जाना है।
28:33
अब आगे हरारी बात करते हैं। द स्पिरिचुअल
28:36
क्लोज़र। अब यहां हरारी इनडायरेक्टली हमें
28:39
एक रास्ता दिखाते हैं। टेक्नोलॉजी तुम्हें
28:41
पावरफुल तो बना देगी लेकिन मीनिंग और
28:43
हैप्पीनेस वह नहीं दे पाएगी। आज के
28:46
रिचेस्ट लोग भी डिप्रेशन फेस करते हैं।
28:48
इसका मतलब है कि पैसे और पावर अल्टीमेट
28:51
हैप्पीनेस नहीं देते। टुमारो इवन
28:54
इम्मोर्टलिटी और सुपर ह्यूमन पावर्स भी
28:56
तुम्हें पीस नहीं देंगे। जब तक तुम इनर
28:59
अवेयरनेस नहीं लाते। इसलिए फ्यूचर की सबसे
29:02
बड़ी स्किल होगी माइंडफुलनेस और सेल्फ
29:05
अवेयरनेस। इन अ वर्ल्ड ऑफ एल्गोरििदम्स द
29:08
ओनली फ्रीडम इज नोइंग योरसेल्फ। ऐसा
29:11
वर्ल्ड जो एल्गोरििदम्स से बना होगा, डाटा
29:14
से बना होगा उसमें आपकी जो फ्रीडम है वो
29:18
सेल्फ अवेयरनेस खुद को कितना जानते हो,
29:20
अपने बारे में क्या जानते हो, उस पर
29:22
डिपेंड करेगी। तो दोस्तों, होमोड्यूस हमें
29:25
एक मिरर दिखाती है। पास्ट में हमने गॉड्स
29:28
को इमेजिन किया। प्रेजेंट में हम खुद को
29:30
अपग्रेड कर रहे हैं। फ्यूचर में हम शायद
29:32
खुद भगवान बन जाएंगे। या फिर सिर्फ मशीनंस
29:35
के स्लेव रह जाएंगे। द क्वेश्चन इज नॉट
29:38
व्हाट वी विल बिकम बट वेदर वी विल कंट्रोल
29:40
व्हाट वी बिकम। सवाल यह नहीं कि हम क्या
29:42
बनेंगे? बल्कि यह कि क्या हम उसे कंट्रोल
29:48
डोंट जस्ट कंज्यूम द फ्यूचर। डिजाइन इट।
29:50
बिकॉज़ अगर तुमने डिजाइन नहीं किया तो
29:53
एल्गोरििदम्स तुम्हारे लिए डिजाइन कर