The Game of Life Book Summary | ज़िन्दगी बदलने का गुप्त राज़ (Hindi)
Sep 17, 2025
✨ क्या ज़िन्दगी सचमुच एक Game है? और अगर है, तो उसके जीतने के असली Rules क्या हैं? इस वीडियो में हम लेकर आए हैं Florence Scovel Shinn की legendary किताब 👉 “The Game of Life and How to Play It” का Complete Hindi Summary। 🚀 इसमें आपको मिलेगा: कैसे आपके Words और Thoughts आपकी किस्मत बनाते हैं Faith vs Fear – असली जीतने का तरीका Prosperity और Karma के ज़बरदस्त secrets Subconscious Mind को reprogram करने के cheat codes Failures और Obstacles को success में बदलने का formula 💡 ये summary खास तौर पर बनाई गई है 18 से 45 साल के Indian audience के लिए – ताकि आप अपनी daily life, पढ़ाई, career और relationships में इन principles को apply कर सकें। 📚 Book Name: The Game of Life and How to Play It
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सोचो जरा अगर जिंदगी सचमुच एक गेम हो
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जिसमें जीतने के रूल्स ऑलरेडी लिखे हुए हो
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लेकिन तुम्हें पता ही ना हो उन रूल्स के
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बारे में मतलब तुम खेलोगे तो सही पर
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बार-बार हारोगे फ्रस्ट्रेट होगे और फाइनली
0:18
सोचोगे यार जिंदगी ही अनफेयर है। बट
0:21
फ्लोरेंस स्कोवल शिन ने अप्रैल 1925 की
0:25
लेजेंड्री बुक द गेम ऑफ लाइफ एंड हाउ टू
0:28
प्ले इट में कहा मोस्ट पीपल कंसीडर लाइफ अ
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बैटल इट्स नॉट अ बैटल इट्स अ गेम ज्यादातर
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लोग जिंदगी को एक जंग समझते हैं लेकिन असल
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में ये एक खेल है। गेम है तो रूल्स भी
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होंगे ना। अगर रूल्स तुम्हें समझ आ गए तो
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जितनातना आसान है। रूल नंबर वन वर्ड्स आर
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पावर। फ्लोरेंस कहती है द गेम ऑफ लाइफ इज
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अ गेम ऑफ बुमरेंग्स अ थॉट्स, गीत्स एंड
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वर्ड्स रिटर्न टू अस सूर और लेटर
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विस्टाउंडिंग
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एक्यूरेसी।
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जिंदगी का खेल बूमरिंग जैसा है। हमारे
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थॉट्स, काम और वर्ड्स हमें वापस मिलते हैं
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एकदम सटीक तरीके से। अब इसको एक सिंपल
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इंडियन एग्जांपल से समझते हैं। मान लो तुम
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दिन भर बोलते हो यार, मेरे पास टाइम ही
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नहीं है। स्लोली यह तुम्हारी रियलिटी बन
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जाती है। हर जगह तुम्हें लगेगा कि टाइम कम
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है। स्ट्रेस और फ्रस्ट्रेशन बढ़ जाएगा।
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दूसरी साइड अगर तुम कॉन्शियसली बोलते हो
1:36
मेरे पास हर काम के लिए पर्याप्त टाइम है
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तो धीरे-धीरे तुम्हारी प्लानिंग बेटर होने
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लगेगी। डिस्ट्रैक्शंस कम होने लगेंगे। जो
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बोलते हो वही अट्रैक्ट करते हो। रूल नंबर
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टू इमेजिनेशन इज द ब्लूप्रिंट। फ्लोरेंस
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का एक बड़ा पावरफुल लाइन है। इमेजिनेशन इज
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द सीज़र्स ऑफ द माइंड। कल्पना दिमाग की
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कैंची है। सोचो तुम अपनी जिंदगी का
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ब्लूप्रिंट बना रहे हो अपने इमेजिनेशन से।
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अगर इमेजिनेशन नेगेटिव है, मुझे तो जॉब
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कभी नहीं मिलेगी। तो तुम अपनी ही
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पॉसिबिलिटीज काट रहे हो। और अगर इमेजिनेशन
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पॉजिटिव है, मैं एक अच्छी जॉब डिर्व करता
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हूं, तो दिमाग ऑटोमेटिकली उस रूट के
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ऑप्शंस सर्च करेगा। एक 25 ईयर ओल्ड लड़का
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चंडीगढ़ में प्रिपेयर कर रहा है गवर्नमेंट
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एग्जाम्स की। अगर वह दिन रात यह सोचता है
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कंपटीशन बहुत ज्यादा है। मैं फेल ही हो
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जाऊंगा तो वह अपने दिमाग को फेलियर के
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प्रूफ ढूंढने भेज रहा है। बट अगर वो यह
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विजुअलाइज़ करे कि एक दिन उसके पेरेंट्स
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उसको जॉब लेटर के साथ सेलिब्रेट कर रहे
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हैं तो उसके अंदर मोटिवेशन और फोकस
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ऑटोमेटिकली बूस्ट होगा। जो इमेजिन करोगे
2:55
वही बनेगा।
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रूल नंबर थ्री क्रेथ इज मोरेंट देन फियर।
3:02
फ्लोरेंस कहती है फेथ नोस इट हैज़ ऑलरेडी
3:06
रिसीव्ड एंड एक्ट्स अकॉर्डिंगली। विश्वास
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को पता होता है कि उसे पहले ही मिल चुका
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है और वह उसी हिसाब से एक्ट करता है। इसका
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मतलब है अगर तुम्हें कुछ चाहिए तो बिलीव
3:20
करो कि वह ऑलरेडी तुम्हारे पास है। जैसे
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एक गर्ल ने सोचा मैं एक दिन अपनी बुटीक
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खोलूंगी। अगर वह सिर्फ सोचती रहेगी और डर
3:30
की वजह से एक्शन नहीं लेगी तो वो सपना
3:33
वहीं रुक जाएगा। बट अगर वह फुल फेथ के साथ
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छोटी सी जगह पे दो मेनीग्वंस के साथ
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स्टार्ट करती है तो ग्रेजुअली वह एक्सपेंड
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करेगी। फेथ का मतलब है बिना एविडेंस के
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बिलीव करना और यही है गेम का सीक्रेट हैक।
3:48
फियर तुम्हें रोकता है। फेथ तुम्हें आगे
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बढ़ाता है। रूल नंबर फोर लॉ ऑफ नॉन
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रेजिस्टेंस। फ्लोरेंस कहती है नथिंग ऑन
3:59
अर्थ कैन रेजिस्ट एन अबब्सोलुटली नॉन
4:02
रेजिस्टेंट पर्सन।
4:04
इस धरती पर कुछ भी उस इंसान को नहीं रोक
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सकता जो बिल्कुल भी रेजिस्टेंस नहीं करता।
4:11
सोचो तुम एक इंटरव्यू के लिए गए हो। अगर
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तुम अंदर ही अंदर रेजिस्ट कर रहे हो यह तो
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मुश्किल है। पैनल टफ होगा। मुझे रिजेक्ट
4:19
करेंगे तो तुम्हारी बॉडी लैंग्वेज से वो
4:21
नर्वसनेस निकल के सामने आ जाएगी। बट अगर
4:24
तुम नॉन रेजिस्टेंट हो मतलब रिलैक्स्ड और
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कॉन्फिडेंट हो तो तुम नेचुरली अपना बेस्ट
4:30
दोगे। रेजिस्टेंस कम फ्लो ज्यादा।
4:35
एक 30 साल का लड़का गुड़गांव में आईटी जॉब
4:39
करता है। उसको लगता है कि सैलरी कम है और
4:42
बॉस टॉक्सिक है। बहुत गलत बोलता है। रोज
4:45
वो कंप्लेन करता है। मेरे बॉस हर दिन
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इरिटेट करता है। मुझे प्रमोशन कभी नहीं
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मिलेगा। रिजल्ट एग्जैक्टली वही होता है।
4:53
बॉस और और इरिटेट करता है। प्रमोशन डिले
4:57
हो जाती है। अगर वो अपनी सोच और वर्ड
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शिफ्ट करें। मेरा नेक्स्ट रोल मुझे ग्रोथ
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और रिस्पेक्ट देगा तो उसका दिमाग नए
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अपोरर्चुनिटीज पर फोकस करेगा। शायद एक
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Lindin पोस्ट लिखे या एक फ्रेंड से
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कैजुअली बात करे और उसको बेटर जॉब का लीड
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मिले जो एनर्जी दोगे वही वापस आएगी।
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नाउ देयर इज अ स्मॉल एक्सरसाइज आप सब
5:20
लोगों के लिए। मैं तुमसे एक छोटा सा गेम
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मैं तुम्हें एक छोटा सा गेम खिलाता हूं।
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कल सुबह उठते ही एक लाइन बोलो। आज मेरा
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दिन कमाल का होने वाला है। बस देखना दिन
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कैसे बदलता है। तो दोस्तों अभी तक हमने
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देखा कि जिंदगी एक गेम है और इसके रूल्स
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कैसे काम करते हैं। वर्ड्स, इमेजिनेशन,
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फेथ और नॉन रेजिस्टेंस। लेकिन एक बड़ा
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सवाल अभी भी बाकी है। अगर जिंदगी गेम है
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तो जीतने का अल्टीमेट फार्मूला क्या है?
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और कौन डिसाइड करता है कि तुम क्या डिर्व
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करते हो? इसका जवाब है लॉ ऑफ,
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प्रोस्पेरिटी।
5:57
एंड लॉ ऑफ कर्मा जो हम एक्सप्लोर करेंगे
6:00
पार्ट टू में। सो स्टे ट्यूंड क्योंकि
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असली मजा अभी बाकी है।
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सोचो जरा एक ऐसा लॉ जो डिसाइड करता है कि
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तुम्हें जिंदगी में कितना पैसा, कितनी
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अपोरर्चुनिटीज और कितनी खुशियां मिलेंगी।
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और सबसे चुकाने वाली बात यह है वो लॉ
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तुम्हारे बैंक अकाउंट के साइज से नहीं
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तुम्हारी सोचने के तरीके से डिसाइड होता
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है। फ्लोरेंस स्कोवल शन कहती है मैन कैन
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ओनली रिसीव व्हाट ही सीज़ हिमसेल्फ
6:30
रिसीविंग। इंसान वही चीज पा सकता है जो वह
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खुद को पाते हुए देखता है। मतलब अगर
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तुम्हें अंदर से लगता है कि मैं पैसा
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डिर्व करता हूं तो यूनिवर्स तुम्हें पैसा
6:41
देने के लिए नए रास्ते खोल देगा। लेकिन
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अगर तुम्हें लगता है पैसा तो बड़ी मुश्किल
6:46
से मिलता है तो तुम्हारी लिए वैसी ही
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सिचुएशंस बन जाएंगी। अब बात करते हैं रूल
6:52
नंबर फाइव द लॉ ऑफ प्रोस्पेरिटी की।
6:55
प्रोस्पेरिटी का मतलब सिर्फ पैसा नहीं
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बल्कि हेल्थ, रिलेशनशिप्स और इनर पीस भी
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है। फ्लोरेंस कहती है देयर इज अ सप्लाई
7:03
फॉर एव्री डिमांड। हर डिमांड के लिए एक
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सप्लाई होता है। सोचो तुम एक छोटे शहर के
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22 साल के लड़के हो जो अपना स्टार्टअप
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शुरू करना चाहता है। तुम्हें लगता है
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रिसोर्सेज नहीं है, पैसा नहीं है तो कैसे
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होगा? लेकिन अगर तुम्हारा फेथ स्ट्रांग है
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कि रिसोर्सेज मुझे मिलेंगे तो नेचुरली
7:21
तुम्हें एक इन्वेस्टर मिलेगा। एक दोस्त
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तुम्हें फ्री में वेबसाइट बनाकर देगा और
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एक क्लाइंट तुम्हें पहला ऑर्डर दे देगा।
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डिमांड करो, बिलीव करो और यूनिवर्स को
7:31
सप्लाई लाने दो। रूल नंबर सिक्स कर्मा द
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मूबरंग ऑफ लाइफ फ्लोरस कहती है मैनस वर्ड
7:40
इन इज ह वेंड इंसान के वर्ड उसका मैजिक
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वेंड होते हैं। जो भी तुम बोलते हो या
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करते हो वो एक दिन तुम्हारे पास वापस आता
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है। इंडियन कॉन्टेक्स्ट में देखो एक आदमी
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रोज दुकान पर कस्टमर्स को चीट करता है।
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शॉर्ट टर्म में पैसा कमाता है। पर लॉन्ग
7:57
टर्म में उसका नाम खराब हो जाता है। एक
7:59
दिन ऐसा आता है कि कोई उसके शॉप के पास भी
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नहीं जाता। दूसरी तरफ एक चाय वाला सोचो जो
8:05
अपने हर कस्टमर को रिस्पेक्ट देता है।
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कस्टमर्स कहते हैं भाई यहां चाय का टेस्ट
8:10
अलग है और उससे भी ज्यादा इस आदमी का
8:12
प्यार अलग है। रिजल्ट वो चाय वाला सोशल
8:14
मीडिया पर वायरल हो जाता है और उसकी डेली
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सींस 10x हो जाती हैं। कर्मा कभी छुट्टी
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पर नहीं जाता। रूल नंबर सेवन सबकॉन्शियस
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प्रोग्रामिंग फ्लोरेंस एक और इंपॉर्टेंट
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बात करती है। व्हाटएवर मैन फील्स डीपली और
8:30
इमेज क्लियरली इज इंप्रेस्ड अपॉन द
8:33
सबकॉन्शियस माइंड एंड कैरिड आउट इन
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माइनटेस्ट डिटेल। जो भी इंसान गहराई से
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महसूस करता है या साफ-साफ इमेजिन करता है,
8:42
वह सबकॉन्शियस माइंड पर इंप्रिंट हो जाता
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है और डिटेल्स के साथ रियलिटी बन जाता है।
8:48
मतलब तुम्हारा सबकॉन्शियस एक सुपर
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कंप्यूटर है। अगर तुम्हें लगता है मैं
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लूजर हूं तो सबकॉन्शियस उसको एग्जीक्यूट
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करेगा। अगर तुम्हें लगता है मैं विनर हूं
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तो वही रियलिटी बनेगी।
9:02
एक 28 ईयर ओल्ड लड़की दिल्ली में जॉब करती
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है। उसको हर जगह लगता है कि लोग उसे
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अंडरएस्टीमेट करते हैं। यह उसके
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सबकॉन्शियस में प्रिंट हो गया। इस वजह से
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मीटिंग्स में वह बोल्ड नहीं बोल पाती और
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प्रमोशंस मिस हो जाती हैं। अब वो डिसाइड
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करती है कि रोज मिरर के सामने खुद से कहती
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है मैं कॉन्फिडेंट हूं और कैपेबल हूं।
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धीरे-धीरे सबकॉन्शियस को रीोग्राम करती है
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और सिक्स मंथ्स लेटर वह अपने बॉस के सामने
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कॉन्फिडेंटली आइडियाज प्रेजेंट करती है।
9:31
सबकॉन्शियस तुम्हारा सर्वेंट है। जो दोगे
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वही बनाएगा।
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एक रियल लाइफ रिलेटेबल स्टोरी। सोचो एक 35
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ईयर ओल्ड आदमी लुधियाना में एक टेलरिंग
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शॉप चलाता है। रोज वह कंप्लेन करता है।
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मार्केट खराब है। पैसा नहीं है। कस्टमर्स
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छोटे ऑर्डर्स लेके आते हैं। रिजल्ट वैसे
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ही कस्टमर्स अट्रैक्ट होते हैं। फिर एक
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दिन वो फ्लोरेंस की एक बात पढ़ता है और
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अपनी सोच बदलता है। मार्केट में मेरे लिए
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बड़ा आर्डर रेडी है। रोज वो यह लाइन रिपीट
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करता है और विजुअलाइज करता है कि एक
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कस्टमर बड़ा बल्क ऑर्डर दे रहा है और दो
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हफ्ते बाद क्या होता है? एक लोकल बुटीक
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उसके पास आता है और 200 पीसेस का
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कॉन्ट्रैक्ट साइन करता है। जितना बड़ा
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इमेजिन करोगे उतना बड़ा अट्रैक्ट करोगे।
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आज रात सोने से पहले एक छोटी सी लाइन लिखो
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और बोलकर सो जाओ। मुझे कल एक नई
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ओपोरर्चुनिटी मिलेगी। सिर्फ एक दिन ट्राई
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करके देखो। तुम्हारी एनर्जी और माइंडसेट
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दोनों शिफ्ट हो जाएंगे। दोस्तों, अभी तक
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हमने सीखा कि प्रोस्पेरिटी एक लॉ है और
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कर्मा एक बूमर रैंक है जो हमेशा वापस आता
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है। लेकिन अब एक और बड़ा ट्विस्ट आता है।
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अगर जिंदगी एक गेम है तो इसके सबसे बड़े
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चीट कोड्स क्या हैं? कैसे हम अपने
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सबकॉन्शियस को प्रो रिप्रोग्राम करके अपनी
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डेस्टिनी लिख सकते हैं? इसका जवाब मिलेगा
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पार्ट थ्री में। स्टे ट्यून क्योंकि असली
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जादू अभी शुरू हुआ है।
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[संगीत]
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सोचो जरा अगर तुम्हारे पास एक रिमोट
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कंट्रोल हो जिससे तुम अपनी जिंदगी को आगे
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बढ़ा सको। अपनी डेस्टिनी को बदल सको और हर
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चीज अट्रैक्ट कर सको जो तुम चाहते हो।
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पैसा, सक्सेस, प्यार, रिस्पेक्ट। तो कैसा
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लगेगा? ऑथर कहते हैं व्हाटएवर मैन फील्स
11:13
डीपली और इमेज टियरली इज इंप्रेस्ड अपॉन द
11:16
सबकॉन्शियस माइंड एंड कैरिड आउट इन
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माइनटेस्ट डिटेल। जो भी इंसान गहराई से
11:22
महसूस करता है और साफ-साफ इमेजिन करता है,
11:25
वह सबकॉन्शियस माइंड पर छप जाता है और
11:27
छोटे से छोटे डिटेल में पूरा हो जाता है।
11:29
मतलब तुम्हारा सबकॉन्शियस माइंड तुम्हारा
11:32
सबसे बड़ा सर्वेंट है। जो भी तुम इसमें
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डालोगे वही तुम्हारी रियलिटी बन जाएगी।
11:38
रूल नंबर एट सबकॉन्शियस को कमांड दो।
11:42
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि वह अपनी जिंदगी
11:44
कॉन्शियस माइंड से कंट्रोल कर रहे हैं।
11:46
लेकिन असली डायरेक्टर है सबकॉन्शियस
11:48
माइंड। फ्लोरेंस कहती है द सबकॉन्शियस हैज़
11:51
नो सेंस ऑफ ह्यूमर। एंड पीपल ऑफन जोक
11:54
देमसेल्व्स इनू अनहैपी एक्सपीरियंसेस।
11:56
सबकॉन्शियस को मजाक समझ में नहीं आता और
11:59
लोग अक्सर मजाकमजाक में अपनी जिंदगी दुखी
12:02
बना लेते हैं। एक लड़का रोज अपने दोस्तों
12:05
से मजाक करता है यार मैं तो हमेशा अनलकी
12:07
हूं। उसका सबकॉन्शियस इस मजाक को सीरियसली
12:11
ले लेता है और सच में उसकी जिंदगी में
12:13
अनलकी सिचुएशंस अट्रैक्ट होने लगते हैं।
12:16
जोक मत करो अपनी जिंदगी के फ्यूचर के साथ।
12:20
रूल नंबर नाइन विजुअलाइजेशन इज मैग्नेट।
12:23
फ्लोरेंस कहती है मैन कैन ओनली रिसीव
12:25
व्हाट ही सीस हिमसेल्फ रिसीविंग। इंसान
12:28
वही चीज पा सकता है जो वह खुद को पाते हुए
12:31
देखता है। अगर तुम खुद को सक्सेस अचीव
12:35
करते हुए इमेजिन नहीं कर सकते तो सक्सेस
12:38
कभी तुम्हारी रियलिटी नहीं बनेगी। एक
12:40
लड़की सोचती है कि उसे कभी भी अच्छा
12:42
पार्टनर नहीं मिलेगा क्योंकि सब अच्छे
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लड़के पहले से कमिटेड हैं। जब भी वह
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रिश्ता आता है वह खुद ही नेगेटिव सोच कर
12:49
रिजेक्ट कर देती है। सबकॉन्शियस यह मान
12:52
लेता है कि उसे अच्छे रिश्ते डिर्व ही
12:54
नहीं है। लेकिन जैसे ही उसने विजुअलाइजेशन
12:58
शुरू किया, खुद को एक हैप्पी रिलेशनशिप
13:00
में इमेजिन किया, धीरे-धीरे उसके सामने
13:03
सही लोग आने लगे। जो देखोगे वही पाओगे।
13:08
रूल नंबर 10 अफमेशंस आर कीस फ्लोरेंस एक
13:13
और पावरफुल प्रिंसिपल बताती है। अ पर्सन
13:16
कैन ओनली रिसीव व्हाट ही अफर्म्स। इंसान
13:19
वही पा सकता है जिसे वह अफर्म करता है।
13:22
अफमेशन मतलब बार-बार एक ही पॉजिटिव
13:25
स्टेटमेंट बोलना जब तक कि शॉपकॉन्शियस उस
13:28
पर विश्वास ना कर ले। एग्जांपल एक 26 ईयर
13:31
ओल्ड लड़का सोचता है कि उसे कभी भी अच्छी
13:33
नौकरी नहीं मिलेगी। उसने डेली अफमेशन शुरू
13:36
किया। आई एम अट्रैक्टिंग द परफेक्ट जॉब
13:39
फॉर मी। दो महीने बाद उसे एक ऐसी
13:42
ओपोरर्चुनिटी मिली जिसकी उसने कभी कल्पना
13:45
भी नहीं की थी। जो बोलोगे वही घूमेंगे
13:49
तुम्हारे आसपास के हालात।
13:52
मान लो एक लड़का बोर में रहता है। नाम है
13:55
रोहित। वह एक मिडिल क्लास फैमिली से आता
13:57
है और उसके दिमाग में हमेशा चलता है। मैं
13:59
बड़ा बिजनेसमैन नहीं बन सकता। मेरे पास
14:01
रिसोर्सेज नहीं है। फिर एक दिन उसने
14:04
फ्लोरेंस की किताब पढ़ी और अपने
14:06
सबकॉन्शियस को रीोग्राम करना शुरू किया।
14:08
रोज विजुअलाइज करता कि उसके पास एक ऑफिस
14:12
है। एम्प्लाइजस काम कर रहे हैं। क्लाइंट्स
14:13
उसे रिस्पेक्ट कर रहे हैं। उसने अफमेशन
14:16
बोला आई एम अ सक्सेसफुल एंटरप्रेन्योर।
14:18
धीरे-धीरे उसके दिमाग में नए बिजनेस
14:21
आइडियाज आने लगे। उसने एक छोटा सा डिजिटल
14:23
सर्विस शुरू किया और 2 साल में उसका
14:26
टर्नओवर 50 लाख से ऊपर चला गया।
14:29
सबकॉन्शियस को कमांड दो और जिंदगी
14:32
तुम्हारे स्क्रिप्ट के हिसाब से चलने
14:34
लगेगी। आज रात सोने से पहले यह एक्सरसाइज
14:37
करो। आंखें बंद करो और इमेजिन करो कि तुम
14:40
उस गोल को अचीव कर चुके हो जो तुम्हें
14:42
चाहिए। उसको डिटेल में देखो किसके साथ हो?
14:46
कैसा फील कर रहे हो। लोग तुम्हें क्या बोल
14:48
रहे हैं। फिर बोलो थैंक यू यूनिवर्स। इट
14:51
इज ऑलरेडी माइंड। धन्यवाद यूनिवर्स। यह
14:53
पहले से ही मेरा है। देखना तुम्हारे
14:56
सबकॉन्शियस में नया प्रोग्राम शुरू हो
14:59
जाएगा। तो दोस्तों, अभी हमने सीखा कि
15:02
सबकॉन्शियस माइंड को कैसे चीट कोड्स दो और
15:04
अपनी डेस्टिनी लिखो। लेकिन एक और सीक्रेट
15:07
बाकी है। जिंदगी में हर इंसान कभी ना कभी
15:09
ऑब्सकल्स फेस करता है। फेलियर्स, हार्ट
15:12
ब्रेक्स, डिसपॉइंटमेंट्स। इन सबको कैसे
15:14
डील करें और उन्हें सक्सेस में कैसे बदले।
15:17
यही असली सीक्रेट हम जानेंगे अगले पार्ट
15:20
में। स्टे ट्यून क्योंकि आखिरी चैप्टर
15:23
तुम्हारी पूरी सोच बदल देगा। सोचो जरा जब
15:28
तुम पूरी मेहनत कर लो, अफमेशंस बोल लो,
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विजुअलाइजेशन कर लो, फेथ रख लो और फिर भी
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जिंदगी तुम्हें एक जोरदार झटका दे दे,
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एग्जाम में फेल हो जाओ, रिलेशनशिप टूट
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जाए, बिजनेस डूब जाए। तो क्या इसका मतलब
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यह है कि रूल्स काम नहीं करते? नहीं।
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फ्लोरेंस स्कोल शिन कहती है, एव्री फेलियर
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इज अ स्टेप टू सक्सेस। हर असफलता सफलता की
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तरफ एक कदम है। मतलब फेलियर्स ऑब्सकल्स
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नहीं है। बल्कि वो तुम्हें तुम्हारे असली
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रास्ते पर ले जाने वाले सिग्नल्स हैं। रूल
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नंबर 11 लर्न टू फॉरगिव एंड रिलीज। फ्लोरस
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कहती है नो मैन इज योर एनिमी। नो मैन इज
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योर फ्रेंड। एवरी मैन इज योर टीचर। कोई भी
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आदमी तुम्हारा दुश्मन नहीं है। कोई भी
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आदमी तुम्हारा दोस्त नहीं है। हर आदमी
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तुम्हारा टीचर है। मतलब जिंदगी में हर
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इंसान तुम्हें कुछ सिखाने आता है। कोई
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तुम्हें पेशेंस सिखाता है। कोई
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कॉन्फिडेंस, कोई बाउंड्री सेट करता।
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एक लड़की का ब्रेकअप होता है। शुरू में
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उसे लगता है कि उसकी जिंदगी खत्म हो गई।
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लेकिन बाद में रियलाइज करती है कि इस
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एक्सपीरियंस ने उसे सेल्फ रिस्पेक्ट और
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इंडिपेंडेंस सिखाई। अगर वह पर्सन उसकी
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जिंदगी में ना आता तो वह यह सीख ही नहीं
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पाती। हर इंसान तुम्हारा टीचर है। रूल
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नंबर 12 ऑब्सकल्स आर रिडायरेक्शंस।
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फ्लोरेंस बताती है नेवर फोर्स डोर्स टू
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ओपन। व्हेन वन डोर क्लोजेस अनदर डोर
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ओपन्स। दरवाजों को जबरदस्ती मत खोलो। जब
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एक दरवाजा बंद होता है, दूसरा अपने आप
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खुलता है। एक लड़का सोचता है कि उसे सिर्फ
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गवर्नमेंट जॉब ही चाहिए। वो दो बार एग्जाम
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में फेल हो जाता है। शुरू में टूट जाता
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है। लेकिन फिर उसे रियलाइज होता है कि
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उसकी असली स्ट्रेंथ कम्युनिकेशन और सेल्स
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में है। बाद में वो एक टॉप इंश्योरेंस
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कंपनी में मैनेजर बनता है और गवर्नमेंट
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जॉब से कई गुना ज्यादा अर्न करता है।
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क्लोज डोर्स तुम्हें सही रास्ते पर ले
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जाते हैं। फ्लोरेंस कहती है, ग्रेटट्यूड
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इज द लॉ ऑफ़ इंक्रीस। यह रूल नंबर 13 है।
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ग्रेटट्यूड इज द मास्टर की। कृतज्ञा बढ़ने
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का लॉ है। मतलब जो तुम्हारे पास है उसके
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लिए थैंक यू बोलो। तभी वह और बढ़ेगा। अगर
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तुम हमेशा कंप्लेन करते हो मेरे पास टाइम
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नहीं है, पैसा नहीं है, अपोरर्चुनिटीज
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नहीं है तो और कमी अट्रैक्ट होगी। लेकिन
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अगर तुम रोज थैंक यू बोलते हो, मेरे पास
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आज खाना है, फैमिली है, इंटरनेट है, हेल्थ
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है तो यूनिवर्स और अबंडेंस भेजता है।
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चंडीगढ़ में एक लड़का रोज ग्रेटट्यूड
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जर्नल लिखता है। आज मुझे गुड हेल्थ मिली।
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आज मैंने क्लाइंट से बात की। धीरे-धीरे वो
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देखता है कि क्लाइंट्स बढ़ रहे हैं। हेल्थ
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इंप्रूव हो रही है। थैंक यू मतलब यह एक
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मैजिक वर्ल्ड है। इसे अपनी लाइफ का अभिनंग
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मनाओ। रूल नंबर 14 स्पीक योर वर्ड विद
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अथॉरिटी। फ्लोरेंस बार-बार कहती है योर
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वर्ड इज योर वैंड। तुम्हारे वर्ड्स
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तुम्हारे मैजिक वैंड है। मतलब तुम जो
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बोलते हो वो रियलिटी बन जाता है। अगर तुम
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कहते हो मैं हमेशा अनलकी हूं तो वही होगा।
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अगर तुम कहते हो लक में हमेशा मेरे साथ है
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वो यूनिवर्स वैसे ही प्रूफ करेगा। एक
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लड़का एग्जाम में बार-बार फेल होता है। हर
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बार बोलता है मुझसे नहीं होगा। फिर उसने
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अपने वर्ड्स बदल दिए। मैं स्मार्ट स्टडी
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करता हूं और मैं पास आऊंगा। अगली बार वही
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एग्जाम क्लियर करता है। वर्ड्स बदलो
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दुनिया बदल जाएगी। सोचो एक 40 ईयर ओल्ड
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आदमी पंजाब में बिजनेस करता है। पेंडेमिक
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में उसका बिज़नेस बंद हो गया। फैमिली
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टेंशनंस, लोंस एंड और डिप्रेशन। लेकिन
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उसने फ्लोरेंस का एक कोट याद किया। फेथ
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नोस इट हैज़ ऑलरेडी रिसीव्ड एंड एक्ट्स
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अकॉर्डिंगली। विश्वास को पता होता है कि
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उसे पहले ही मिल चुका है और वह उसी हिसाब
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से एक्ट करता है। उसने हर सुबह फेथ के साथ
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बोला, "मेरा नया रास्ता रेडी है। मैं फिर
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से सक्सेस पाऊंगा।" वो ऑनलाइन बिजनेस में
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आया। छोटे-छोटे ऑर्डर्स लिए और 2 साल में
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फिर से स्टेबल हो गया। फेथ प्लस
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ग्रेटट्यूड प्लस राइट वर्ड्स इक्वल टू
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विनिंग फार्मूला।
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आज से एक छोटा रिचुअल शुरू करो। सुबह उठकर
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तीन बार बोलो। टुडे एवरीथिंग इज वर्किंग
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आउट इन माय फेवर। आज सब कुछ मेरे फेवर में
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काम कर रहा है। रात को सोने से पहले तीन
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चीजों के लिए थैंक यू बोलो। देखना
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तुम्हारी एनर्जी पूरी तरह बदल जाएगी। तो
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दोस्तों, द गेम ऑफ लाइफ एंड हाउ टू प्ले
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इट। हमें यह सिखाती है। जिंदगी एक गेम है।
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वर्ड्स, थॉट्स और इमेजिनेशन उसके मेन
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कंट्रोल्स हैं। प्रोस्पेरिटी और कर्मा के
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लॉज़ हमेशा काम करते हैं। सबकॉन्शियस माइंड
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तुम्हारा सबसे बड़ा सर्वेंट है। फेलियर्स
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ऑब्सकल्स नहीं बल्कि रीडायरेक्शंस हैं।
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ग्रेटट्यूड और फेथ तुम्हारे सबसे बड़े चीट
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कोर्स है। और सबसे इंपॉर्टेंट बात जिंदगी
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तुम्हारे लिए नहीं तुम्हारे थॉट होती हैं।
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या तुम्हारे थ्रू होती है। तुम क्रिएटर हो
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अपनी जिंदगी के। गेम के। अब सवाल सिर्फ यह
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है क्या तुम रेडी हो अपनी जिंदगी को एक
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विनिंग गेम बनाने के लिए?