0:49
नमस्कार दोस्तों परीक्षा जंक्शन प्लेटफार्म पर आप लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है इस वीडियो को लाइक करें शेयर
0:56
करें जितना ज्यादा से ज्यादा हो सके अपने दोस्तों के बीच शेयर करें और क्लास से डायरेक्ट जुड़े ठीक अभी हम लोग पॉलिटी की
1:04
क्लास अभी चल रही है और जिस कड़ी में पिछले दिनों फंडामेंटल लाइट हो चुका है आज हम लोग डीपीएसपी अर्थात ड डायरेक्टिव
1:12
प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पॉलिसी आज पढ़ेंगे और इसका और आज इसी संदर्भ में देखते हैं कि
1:18
डीपीएसपी में क्याक है लोग इसका या स्टेट हमें इसके तहत क्या-क्या लाभ देता है लोग
1:24
भारत के नागरिक इसका लाभ लेकर क्या-क्या करते हैं तो आते हैं आज डीपीएसपी के बारे
1:36
एसपी डायरेक्टिव प्रिंसिपल ऑफ स्टेट पॉलिसी यह भाग चार में पार्ट फोर
1:45
में पार्ट फोर में है और यह
1:50
आर्टिकल 36 से 51 तक यह पार्ट फोर में है और
2:00
आर्टिकल 36 से 51 तक है 36 से 51 तक किसकी
2:05
बात की गई है डीपीएसपी की बात की गई है थोड़ा इसके बैकग्राउंड में चले जब भारत
2:12
आजाद हुआ था और जब संविधान निर्माण की प्रक्रिया चल रही थी तो उस पर एक तेज
2:19
बहादुर सप कमेटी की स्थापना की गई थी कि भारत के नागरिकों को कौन-कौन से अधिकार
2:25
दिए जाए तो तेज बहादुर सप्रू ने इस से चकि
2:31
डीपीएसपी भी फंडामेंटल राइट का ही पार्ट था तो लेकिन उन्होंने इसे दो पार्ट में
2:36
बांट दिया एक जो तुरंत इफोर्स किया
2:43
जाए तुरंत इफोर्स किया जाए एक बाद में राज्यों की इच्छा पर दे दिया गया और दूसरा
2:50
पहला तुरंत इफोर्स किया जाए दूसरा कि राज्यों की इच्छा पर छोड़ दिया गया
3:00
राज्यों की इच्छा पर राज्यों की इच्छा पर क्यों छोड़ा
3:06
गया कि अगर हम सारे राइट्स को तुरंत इफोर्स कर देंगे तो उन राइट्स को इफोर्स
3:14
करने के लिए बहुत सारे रिसोर्सेस की जरूरत पड़ेगी अगर इफोर्स करते हैं क्रियान्वित
3:20
करते हैं तो क्रियान्वयन के लिए बहुत सारे रिसोर्सेस की जरूरत थी और भारत तुरंत आजाद
3:26
ही हुआ था वो गरीबी से बेकारी से बीमारी से इससे तो जूझ ही रहा था और नवजात
3:32
लोकतंत्र था उस लोकतंत्र के तहत हम अपने नागरिकों को बहुत सारे अधिकार दे रहे थे
3:37
जिससे वह अपना सर्वांगी संपूर्ण विकास कर सके तो इस राइट्स के तहत अगर हम पूरा
3:44
अधिकार देते तो पूरे अधिकार को इंप्लीमेंट करने के लिए जितने रिसोर्सेस की जरूरत थी
3:49
उतना हम नहीं कर पाते यह हमारे पास रिसोर्सेस नहीं थे तो इसे दो पार्ट में तोड़ दिया गया कि कुछ अधिकार को तुरंत
3:56
उपलब्ध कराया जाए कुछ अधिकार को तुरंत उपलब्ध कराया जाए
4:08
को तुरंत क्योंकि कुछ अधिकार को इंप्लीमेंट
4:15
करने के लिए हमारे पास रिसोर्सेस थे बाकी बाद में राज्यों की अर्थात राज्य जैसे
4:21
जैसे सक्षम होता जाएगा राज्य के पास जैसे जैसे रिसोर्सेस बढ़ते जाएंगे वैसे वैसे
4:27
राज्य क्या करेगा अ अधिकारों को भी इंप्लीमेंट करते जाएगा अन अधिकारों को
4:33
भी अन अधिकारों को भी को
4:42
भी इंप्लीमेंट करते जाएगा
4:50
इंप्लीमेंट करते जाएगा
4:56
अब तेज बहार सपू का ये कहना था इसके पश्चात संविधान सभा के जो सलाहकार थे बी
5:03
एन रा उन्होंने भी संविधान सभा को यह सलाह दिया कि जो राइट्स है राइट्स को दो
5:10
पार्ट्स में तोड़ दिया जाए एक पार्ट्स को तुरंत इंप्लीमेंट किया जाए और एक पार्ट को
5:15
राज्यों की इच्छा पर छोड़ दिया जाए क्योंकि एक बार भी सारे प सारे राइट्स को
5:21
इंप्लीमेंट करेंगे तो हमें उस इंप्लीमेंटेशन के लिए जो रिसोर्सेस जो
5:26
इंस्ट्रूमेंट की जरूरत थी वो चीज हमारे पास उपलब्ध नहीं थी तो संविधान सभा के
5:32
सलाहकार बी एन राव ने संविधान सभा को जो सलाह दिया कि इसे दो पार्ट में बांट दिया
5:38
जाए एक फंडामेंटल राइट के रूप में इसे तुरंत लागू किया जाए और एक डीपीएसपी के रूप में इसमें राज्य जो सक्षम होते जाएगा
5:45
त्यों त्यों वह इसे अप विधि बनाने के दरमियान इन चीजों को लागू करते जाएगा
5:50
संविधान सभा ने बीएन राव की सलाह को मान लिया और इसे संविधान में जगह दिया तो हमने
5:57
इसका इतिहास जान लिया ठीक दूसरी तरफ देखते हैं कि डीपीएसपी की प्रेरणा हमें कहां से
6:05
मिली इसकी प्रेरणा हमें कहां से मिली तो इसकी प्रेरणा हमें आयरिश संविधान
6:12
से मिली आयरिश संविधान से
6:18
मिली अर्थात हमने डीपीएसपी को हमने डीपीएसपी को आयरलैंड के संविधान से लिया
6:25
हालांकि इसकी छाप 1935 के एक्ट में भी है लेकिन हमने इसे कहां से लिया आयरलैंड के
6:32
संविधान से लिया तो डीपीएसपी की चर्चा किस आर्टिकल के तहत की गई है आर्टिकल 36 से 51
6:38
तक अब हम लोग एक एक करके देखेंगे कि आर्टिकल 36 में क्या है आर्टिकल 37 में
6:44
क्या है और उसका देखते चलते हैं और उन चीजों को समझते चलते हैं कि आखिर संविधान
6:51
सभा ने किसकिस आर्टिकल में किन किन चीजों का प्रावधान किया था आगे बढ़ते हैं
7:02
गुड इवनिंग गुड इवनिंग
7:07
प्रियंका आते हैं आर्टिकल 36 के
7:12
तहत आर्टिकल 36 इसमें राज्य की परिभाषा दी
7:19
गई राज्य स्टेट की परिभाषा दी
7:25
गई की परिभाषा अब राज्य किसे कहते
7:33
हैं राज्य किसे कहते हैं आर्टिकल 36 के तहत राज्य की परिभाषा दी गया तो राज्य
7:38
कहते किसे हैं जो हमें ऑर्डर देता है जो
7:43
हमें ऑर्डर देता है ऑर्डर देता
7:51
है भारतीय संविधान के तहत किन किन इंस्टिट्यूट अर्थात राज्य एक ऐसा
7:57
इंस्टिट्यूशन है जो हमें ऑर्डर देता है तो कांस्टिट्यूशन के अकॉर्डिंग हमारे संविधान
8:05
में किन किन इंस्टिट्यूशन को राज्य का दर्जा दिया गया है तो इसके तहत देखते हैं
8:11
हम [संगीत] कि इंडियन पार्लियामेंट इंडियन
8:24
पार्लियामेंट स्टेट लेजिस्लेटर
8:59
अब यहां पर इंडियन पार्लियामेंट के तहत देखते हैं कि इंडियन पार्लियामेंट क्या करता है कानून का निर्माण करता है कानून
9:06
का निर्माण करने के बाद एग्जीक्यूटिव क्या करती है उसे इंप्लीमेंट करती है तो यहां
9:12
पर इंडियन पार्लियामेंट एंड एक्जीक्यूटिव को स्टेट का दर्जा दिया गया है दूसरी तरफ राज्यों के लेजिस्लेटर को जो कानूनों का
9:19
निर्माण करती है और वहां की एक्यूट उ से इंप्लीमेंट करती है तो स्टेट ले स्टेट
9:25
लेजिस्लेटर को दिया गया है तीसरा है लोकल सेल्फ गवर्नमेंट इंडिया के इंडिया में एक
9:31
साथ हमारे हमारे ऊपर तीन संस्थाएं शासन करती है सनल की स्टेट की एवं लोकल पंचायती
9:40
राज तो पंचायती राज को भी अपने क्षेत्राधिकार में कानून बनाने का और कानून को इंप्लीमेंट करने का हक और अधिकार
9:47
कांस्टिट्यूशन ने दिया है यह भी स्टेट के लेवल में आती है और कुछ ऐसी संस्थाएं होती
9:53
है कुछ ऐसे ऑर्गेनाइजेशन होते हैं जो स्पेशलाइज होते हैं तो पार्लियामेंट क्या करती है
9:59
एक कच्चा खाका बनाकर उन्हें कहती आप अपने क्षेत्राधिकार में खुद कानून का निर्माण
10:05
कीजिए उसे इंप्लीमेंट कीजिए अर्थात स्टेट का दर्जा उन्हें भी मिलता है लेकिन
10:10
संप्रभु शक्ति अर्थात सोटी का वह प्रयोग नहीं कर सकते तो इसमें अन अदर अथॉरिटी में
10:17
आप उदाहरण ले सकते हैं एयरपोर्ट अथॉरिटी
10:24
एयरपोर्ट एयरपोर्ट अथॉरिटी
10:30
ये एनी अदर अथॉरिटी में आया इसे भी स्टेट का दर्जा मिला हुआ है तो आर्टिकल 36 के
10:37
तहत राज्य स्टेट का डेफिनेशन दिया गया है डेफिनेशन के तहत हमने देखा कि चार मसे
10:44
इंस्टिट्यूशन हैं जिनको स्टेट का दर्जा दिया गया है कौन-कौन है इंडियन पार्लियामेंट स्टेट लेजिस्लेटर लोकल सेल्फ
10:52
गवर्नमेंट एंड एनी अदर अथॉरिटी अन्य प्राधिकारी अर्थात जिन्हें हमारे
10:57
पार्लियामेंट ने जिनको एक कच्चा खाका बनाकर कहा कि आप अपने क्षेत्राधिकार में
11:02
कानून का कानून बनाइए उसे इंप्लीमेंट भी करिए लेकिन आप संप्रभु शक्ति का प्रयोग
11:08
नहीं कर सकते हैं अब आगे बढ़ते हैं आर्ट की 37 की
11:24
37 आर्टिकल 37 में कहा गया है कि डीपीएसपी को
11:31
डीपीएसपी को इंप्लीमेंट करने के लिए क्या इंप्लीमेंट करने के लिए राज्य बाध्य नहीं
11:37
है यहां पर इसे इंप्लीमेंट करने के लिए
12:00
नहीं है दूसरा इसमें न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर
12:07
सकती अर्थात न्यायालय इसे चाहे कि हम इफोर्स करवा दे तो इस न्यायालय को हक और अधिकार कांस्टिट्यूशन ने नहीं दिया है तो
12:14
इसमें न्यायालय हस्तक्षेप नहीं कर सकती
12:36
तीसरा राज्य जज सक्षम होता जाएगा अर्थात राज के पास सक्षम का मतलब कि उनके पास जो
12:44
जो रिसोर्सेस बढ़ते जाएंगे ों तो क्या करेगा विधि निर्माण के दरमियान जो
12:49
डीपीएसवी में जिन चीजों की चर्चा की गई है तो विधि निर्माण के दरमियान उन चीजों को उसमें शामिल करते जाएगा क्या करेगा कि
12:57
राज्य जब सक्षम हो जाएगा राज्य अपनी सक्षम के
13:05
अनुसार अपने सक्षम के
13:11
अनुसार अनुसार विधि बनाने के
13:17
दरमियान विधि बनाने के
13:23
दरमियान दरमियान डीपीएसपी में उल्लेखित
13:30
डीपीएसपी में उल्लेखित तत्त्वों को शामिल करता जाएगा
13:45
शामिल करता जाएगा ठीक आर्टिकल 37 के तहत क्या है
13:54
राज्य बाध्य नहीं है न्यायालय इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता रा तीसरा कि राज
14:00
जोज अच्छी स्थिति में आता जाएगा जो जो सक्षम होता जाएगा त्यों त्य व विधि विधि
14:06
बनाने के या विधि निर्माण के दरमियान इन चीजों को उसमें शामिल करता जाएगा यह आपका
14:12
आर्टिकल 37 कहता है आर्टिकल 38 क्या कहता
14:26
38 आर्टिकल 38 कहता है कि लोक
14:31
कल्याण लोक कल्याणकारी राज्य बनने के लिए या लोक कल्याण कार्य करने के लिए राज्य
14:38
क्या करेगा एक सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
14:52
कल्याण करने के लिए के लिए
15:05
बनाएगा एक सामाजिक व्यवस्था
15:33
आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय को राजनैतिक न्याय
15:48
में करने में सहयोग प्रदान करेगा
16:01
स्टेट स्टेट का उद्देश्य डीपीएसपी के तहत क्या है राज्य का उद्देश्य है कि लोक
16:07
कल्याणकारी कार्यों को बढ़ावा देना जिससे यहां की जनता को अपने सर्वांगी विकास में
16:14
सहूलियत मिले ठीक है तो इसके लिए राज्य एक सोशल सिस्टम डेवलप करेगा एक सामाजिक
16:21
व्यवस्था बनाएगा जिस व्यवस्था के तहत रह के जनता अपना सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक
16:28
न्याय को प्राप्त करेगा ये सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक न्याय क्या है अब इसे समझने
16:33
का प्रयास करते हैं सामाजिक
16:40
आर्थिक एवं राजनीतिक सामाजिक स्तर पर क्या देखते हैं
16:47
सामाजिक स्तर पर देखते हैं कि भेदभाव बहुत जरूर बहुत ज्यादा होता है भेदभाव
16:54
भेदभाव तो राज्य क्या करेगा इस भेदभाव का अभाव
16:59
अर्थात भेदभाव को दूर करने का प्रयास करेगा क्या करेगा राज भेदभाव को दूर करने
17:06
का प्रयास करेगा अर्थात भेदभाव का अभाव जैसे प्रवेश बनाने का प्रयास करेगा अर्थात
17:16
इसे दूर करने का प्रयास करेगा दूर करने का प्रयास
17:27
करेगा जब भेदभाव का अभाव होगा तभी सभी लोग समरसता के आधार पर रह सकते हैं भ्रातृत्व
17:34
के आधार पर रह सकते हैं प्रेम पूर्ण रह सकते हैं जब तक ऊंच नीच का समाज में ऊच
17:40
नीच का भेदभाव कायम रहेगा तब तक क्या समाज प्रगति कर सकता है नहीं समाज प्रगति नहीं
17:46
करेगा ऐसी स्थिति में समाज प्रगति नहीं करेगा तो सामाजिक रूप से जो भेदभाव है तो
17:53
राज्य यह प्रयास करेगा कि उस सामाजिक परिस्थितियों में जो भेदभाव है उनके
17:58
भेदभाव वाले तत्वों को ही खत्म कर दे अर्थात यहां पर जो भेदभाव है इसे दूर करने
18:04
का प्रयास करेगा अब देखते हैं आर्थिक न्याय कैसे मिलेगा अर्थात दो लोगों के
18:10
मध्य आर्थिक स्तर पर अमीरी और गरीबी होती है अमीरी और गरीबी अब जैसे कि करप्शन
18:17
करप्शन के क्या कारण क्या होता है कि कुछ लोग ऐसे पदों पर बैठे होते हैं और उन पदों
18:23
पर बैठते उसका बेजा इस्तेमाल करते करते हुए क्या करते हैं कि कार्य करने के ववज
18:28
में कार्य करने केवज में गलत तरीके से पैसे लेते हैं अर्थात करप्शन तो करप्शन के
18:34
माध्यम से क्या होता है करप्शन के माध्यम से उनके पास बेपनाह दौलत हो जाती है ठीक
18:40
है तो समाज में वसे उन चीजों को दूर करने का प्रयास करेगा राज्य जिनके आधार पर
18:48
लोगों के बीच आर्थिक असमानता होती है ठीक है गलत पैसों के पर रोक टोक लगाएगी ठीक है
18:56
तो यहां पर सरकार क्या करेगी राज्य को ही रिप्रेजेंट सरकार करती है तो राज्य क्या
19:02
करेगी आर्थिक असमानता को दूर करने का प्रयास करेगी
19:13
को दूर करने का प्रयास
19:24
करें अब आगे बढ़ते हैं राजति न्याय
19:29
राजनीतिक न्याय में क्या है राजनीतिक न्याय में है कि भारत का कोई भी
19:37
नागरिक सार्वजनिक जीवन के सार्वजनिक जीवन में जो शासन संचालन करने की जो विधा है
19:44
उसमें भाग लेना शासन संचालन में
19:50
शासन संचालन में भागीदार
19:55
होना भागीदार होना अर्थात शासन संचालन में एक वोटर की भी
20:03
भूमिका होती है या आप चुनाव में वोट दे रहे हो या किसी चुनाव में किसी पद के लिए
20:09
आप चुनाव लड़ रहे हो तो इनके लिए अर्थात इंडिया का कोई भी व्यक्ति इन पदों के लिए
20:16
एलिजिबल होगा ऐसी परिस्थितियों का निर्माण कौन करेगी राज्य करेगी अर्थात किसी भी
20:23
पद अर्थात राजनीतिक स्तर पर
20:31
स्तर पर समानता लाना राजनीतिक स्तर पर समानता
20:39
लाना आर्टिकल 38 के तहत जो बातें की गई उस
20:44
बातों के लिए क्या है कि राज लोक कल्याण करने के लिए एक व्यवस्था एक सामाजिक
20:50
व्यवस्था बनाए ठीक है जिस व्यवस्था के तहत जिस परिवेश के तहत लोग रहते हुए क्या
20:57
करेंगे सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय को प्राप्त करेंगे सामाजिक स्तर पर भेदभाव
21:04
दूर करेंगे आर्थिक और समानता को दूर करेंगे राजनीतिक समानता अर्थात यहां का
21:10
कोई भी व्यक्ति किसी पद के लिए चुनाव लड़ सकता है वोट देने का अधिकार अर्थात सभी ज
21:16
एक अमीर को भी एक ही वोट देने का अधिकार है और एक गरीब को भी एक वोट देने का अधिकार क्या भारत में जैसे उद्योगपति चाहे
21:23
वह रतन टाटा हो या अंबानी हो या अडानी हो उनको भी एक ही देने का अधिकार है और जो
21:30
हमारे यहां के सबसे गरीब है उन्हें भी एक वोट देने का अधिकार है अर्थात यहां पर हम
21:35
देखें क्या कि हमारे कांस्टिट्यूशन में यह प्रावधान किया गया कि आपको अमीरी गरीबी के
21:41
आधार पर आपके साथ किसी प्रकार का भेदभाव नहीं बढता जाएगा अर्थात राजनीतिक रूप से
21:47
जिसे अमीर है उससे आप कम नहीं अर्थात सभी समान है तो आर्टिकल 38 को हम लोगों ने समझ
21:54
लिया अब आगे बढ़ते हैं
22:22
निशुल्क विधिक सहायता
22:29
विधिक सहायता आर्टिकल 39 ए के तहत कहा गया है कि
22:37
समान न्याय एवं निशुल्क विधिक सहायता अर्थात हमारे देश में समान न्याय अर्थात
22:46
न्याय तक सभी की समान पहुंच है अर्थात ऐसा नहीं है कि जुडिशरी या न्यायालय किसी के
22:53
से साथ भेदभाव बरती है सभी को न्यायालय तक जाने का हक और अधिकार है अब सभी को
23:00
न्यायालय तक यह मान लेते हैं न्यायालय न्यायालय
23:06
है अब इस न्यायालय तक ये जनता है ये जनता है अब इस जनता इस इस जनता को
23:16
न्यायालय तक जाने का हक है और अधिकार है अब हो सकता है कि जनता में कोई अमीर हो
23:22
कोई गरीब हो कोई पढ़ा लिखा हो कोई कम पढ़ मतलब कोई अशिक्षित हो कोई ज्यादा पढ़ा लिखा हो तो यहां पर सभी जनता को न्यायालय
23:30
तक समान पहुंच होनी चाहिए सबको समान रूप से वहां पर जाने का हक और अधिकार है लेकिन
23:36
समस्या क्या आती है कि अशिक्षा के कारण लोगों में जागरूकता की कमी है जागरूकता
23:42
में कमी के कारण वह अपने हक और अधिकार को जान नहीं पाते और नहीं जान पाने के कारण
23:48
वह अपने हक और अधिकार नहीं ले पाते हैं तो सरकार ने सभी के लिए समान न्याय अर्थात
23:54
अमीर लोग पढ़े लिखे लोग तो वहां पहुंच जाते हैं अपने हक और अधिकार के लिए मान लेते हैं जिनको यह प्रोसेसिंग मालूम नहीं
24:00
है जो अशिक्षित है जो गरीब है किसी कारणवश न्यायालय तक नहीं पहुंच पाते हैं उनके लिए
24:06
सरकार ने क्या किया निशुल्क अर्थात जो सक्षम है वो न्यायालय तक पहुंच रहे हैं
24:11
लेकिन जो असम है वो भी उनको भी समान न्याय चाहिए अर्थात न्यायालय तक उनकी समान पहुंच
24:17
होनी चाहिए तो उनको भी यहां पर पहुंचना चाहिए इसके लिए इस गवर्नमेंट ने क्या
24:22
सरकार ने क्या की निशुल्क विधिक सहायता का प्रावधान किया निशुल्क अर्थात आपको कोई
24:28
खर्च नहीं फिर भी इसमें कमी रह जाती है अर्थात जागरूकता में कमी के कारण डर या भय
24:35
या किसी भी कारण से तो स्टेट ने क्या किया पीई जुडिशरी ने क्या किया
24:43
पीआईएल का इनोवेशन हुआ इंडिया में पब्लिक
24:49
इंटरेस्ट लिटिगेशन अर्थात जो न्याय पाने से दूर है तो वो डायरेक्ट न्यायालय में
24:56
पीआईएल के माध्यम से याचिका कर सकते हैं अगर कोई व्यक्ति इसमें सक्षम नहीं है तो
25:03
पीआईएल जुडिशरी इसको एक न्यूज़पेपर के माध्यम से खुद संज्ञान ले सकती है या
25:09
दूसरा कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति के लिए न्यायालय के समक्ष न्याय की मांग कर सकता है तो यहां पर हमने क्या देखा समान न्याय
25:17
एवं निशुल्क विधिक सहायता अर्थात स्टेट इस तरीके का प्रयास करता है कि सबके लिए
25:24
न्याय सबको न्याय मिले और न्याय तक सबकी समान पहुंच हो
25:30
अब इसमें आगे देखते हैं आगे कहा गया है राज लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिए
25:37
सार्व सार्वजनिक धन का स्वामित्व तथा नियंत्रण सार्वजनिक बी में
25:45
है सार्वजनिक सार्वजनिक
26:01
एवं नियंत्रण इस तरीके से
26:22
सार्वजनिक हितो की प्राप्ति हो सके हितों की
26:36
सके अब सार्वजनिक धन का स्वामित्व एवं नियंत्रण राज्य इस तरीके से करेगा कि उस
26:43
पैसे का या उस धन का सार्वजनिक हित या समान जनता के हित में ज्यादा से ज्यादा
26:51
यूज हो सके अर्थात ज्यादा से ज्यादा उस पैसे का लोक कल्याण हो सके ज्यादा से
26:56
ज्यादा हमारे देश की जनता उसका लाभ ले सके इसका मंतव्य यह है कहना सी में है धन
27:07
के सी में कहा गया है धन के वितरण से
27:13
संबंधित धन के वितरण से संबंधित बात की गई है कि किस तरीके से धन का वितरण होना
27:21
चाहिए किस तरीके से धन का वितरण होना चाहिए तो यहां पर है कि पहले इसका एक ही
27:27
जगह पर केंद्रन नहीं होना चाहिए एक ही जगह जगह संकेंद्रण नहीं होना
27:36
चाहिए संकेंद्रण नहीं होना चाहिए नहीं होना
27:44
चाहिए अर्थात क्या होना चाहिए धन का समान वितरण होना चाहिए समान
27:51
वितरण समान वितरण अर्थात राज्य यह प्रयास करेगा राज्य
27:58
यह प्रयास करेगा कि संपत्ति का एक ही जगह संकेंद्रण होने से बचे अर्थात एक जगह
28:06
संकें होने के ब उसका क्या हो उसका समान रूप से लोगों के बीच वितरण हो एक जगह
28:12
संकेंद्रण पर य रोक लगाता है अब बढ़ते हैं अगले आर्टिकल की
28:20
तरफ आर्टिकल 4 आर्टिकल 40 किससे संबंधित है आर्टिकल 40
28:27
पंचायती राज से संबंधित है किससे संबंधित है पंचायती राज
28:39
राज अब यह हमारे यहां इसको जो प इसका जो इंप्लीमेंट इंप्लीमेंटेशन हुआ था वो 93
28:47
एवं 94 संविधान संशोधन के माध्यम से इसको अस्तित्व में ला गया इसको पावर में लाया
28:53
गया किस किसके माध्यम से 3 एंड
29:01
94 अमेंडमेंट के माध्यम से अमेंडमेंट के माध्यम
29:16
गया थोड़ी देर पहले हम क्या कह रहे थे कि हमारे ऊपर एक ही साथ दुनिया का यह विशिष्ट
29:23
भारत दुनिया का विशिष्ट उदाहरण है जहां पर एक ही साथ हमारे यहां तीन गवर्नमेंट या
29:29
तीन स्टेट शासन करती है सभी तीनों को संविधान से शक्तियां मिली हुई है पहला
29:36
सेंट्रल गवर्नमेंट दूसरा स्टेट गवर्नमेंट तीसरा लोकल सेल्फ गवर्नमेंट ठीक अब यहां पर देखते हैं कि 33
29:44
एवं 94 संविधान संशोधन के माध्यम से इसको अस्तित्व में लाया गया इसका लाभ क्या
29:51
मिला तो बेसिक लेवल पे डेमोक्रेसी को मजबूत करने में सहायता मिली क्या बेसिक
30:13
को मजबूत करने में सहायता मिली मजबूत करने
30:21
में करने में सहायता मिली
30:29
ठीक बेसिक लेवल पर अर्थात देखते हैं कि भारत में क्या है भारत में बहुत ही भारत
30:36
बहुत ही डायवर्सिफाई विविधता वाला देश है तो जब हमारे यहां स्वतंत्रता प्राप्ति के
30:42
पश्चात डेमोक्रेसी को अपनाया गया तो डेमोक्रेसी में जैसे चुनाव जीतना तो चुनाव
30:47
जीतना इसमें समीकरण बनने लगे जाति के धर्म के क्षेत्र के भाषा के तो वैसी जातियां
30:53
ऐसे ऐसे समुदाय जो बहुत ही कम मात्रा में
30:58
तो उनको बहत स्तर पर डायरेक्ट सत्ता में भागीदारी का मौका नहीं मिल पाता तो त्रिमल
31:05
सर अत अर्थात बेसिक लेवल पर जो पंचायती राज है जहां पर मान लेते हैं वार्ड के जो
31:11
सदस्य होते हैं 100 घरों पर 50 घरों पर वार्ड के सदस्य होते हैं उन परिस्थितियों में इनको शासन में भागीदारी का जिनकी
31:18
आबादी कम है उन्हें भी शासन में आवा शासन भाग लेने का मौका मिला शासन में भाग लेकर
31:26
अपनी समस्याओं को खुद सुलझा ने का उनको मौका मिला पहले वह समस्या के समाधान के लिए
31:32
क्या स्टेट की तरफ देखते हैं अब शासन संचालन में बेसिक लेवल से लेकर सेंट्रल लेवल तक डेमोक्रेट तो व शासन संचालन भाग
31:40
लेकर अपनी समस्याओ को खुद सुलझाने लगे और विशेषक यहां पर वैसे लोग वसे वकर सेक्शन
31:48
जो सदियों से यहां पर दवे कुचले थे उनके लिए यहां पर आरक्षण का भी प्रावधान किया
31:54
गया क्या आरक्षण का प्रावधान
32:01
प्रावधान अर्थात अगर उनमें इनोवेशन नहीं है उन्हें
32:07
एक एक परसेंटेज उन्हें दिया गया इतने परसेंट पर फलाने सेक्शन के लिए सीट रिजर्व
32:12
है इसमें आप आइए इसके तहत आप आइए और शासन में प्रत्यक्ष भागीदारी कीजिए और आपकी जो
32:18
मूल समस्या है आप अपने अनुसार उन समस्याओं का समाधान करें तो आर्टिकल 40 के तहत हमने
32:25
क्या देखा आर्टिकल 40 के तहत हमने पंचायती राज देखा पंचायती राज ने क्या किया हमारे यहां
32:32
डेमोक्रेसी को और मजबूती प्रदान किया इसके तहत वीकर सेक्शन को शासन के संचालन में
32:41
डायरेक्ट भागीदारी का मौका मिला वकर सेक्शन में कौन एसटी एससी एसटी ओबीसी आपके
32:48
यह हो गए महिला महिलाओं को कई राज्यों में % आरक्षण है कि उनकी डायरेक्ट भागीदारी
32:54
शासन में डायरेक्ट भागीदारी हो तो इस तरीके से देखें कि हमने आर्टिकल 40 के तहत
33:00
क्या किया अपने यहां डेमोक्रेसी को और मजबूती प्रदान किया और उस मजबूती के साथ
33:06
हम आज आगे भी बढ़ रहे हैं आगे बढ़ते हैं आर्टिकल 41 की
33:13
तरफ आर्टिकल 41 आर्टिकल 41 क्या कहता है आर्टिकल 41 यह
33:20
कहता है कुछ दशाओं में कुछ दशाओं
33:34
काम शिक्षा एवं लोक सहायता
33:54
अधिकार अब कुछ दशा में
34:00
काम शिक्षा एवं लोक सहायता अब यहां पर देखते हैं सबसे पहले काम की चर्चा करते
34:12
हैं हमारे देश में कुछ योग्य व्यक्ति है पढ़े लिखे शिक्षित है उन्हें भी उतनी ही
34:19
जरूरत है काम की जितना जो अशिक्षित लोग है उनके लिए तो यहां पर गवर्नमेंट क्या करती
34:25
वैकेंसी निकालती वैकेंसी निकालती ठीक है इस वैकेंसी के माध्यम से शिक्षित लोगों कुछ लोगों को
34:31
रोजगार मिलता है लेकिन जो योग अर्थात जो जिन्होने शिक्षा किसी कारण शिक्षा प्राप्त
34:38
नहीं कर सके क्या गवर्नमेंट उन्हें छोड़ देती है नहीं उनके लिए अब शिक्षित लोगों के लिए विज्ञापन निकालती
34:45
है अब इनके लिए मनरेगा है मनरेगा के माध्यम से इनको काम दिया
34:52
जाता है क्या मनरेगा के तहत इनको काम दिया जाता है शिक्षित लोगों को विज्ञापन रेलवे
34:57
की भर्ती बैंकों की भर्ती फलानी भर्ती विज्ञापन निकला शिक्षित लोग उसमें भाग लिए
35:04
भाग लेकर अपनी योग्यता के अनुसार अपनी नौकरी को प्राप्त की लेकिन जो अशिक्षित है अयोग्य है गवर्नमेंट या स्टेट उन्हें भी
35:11
नहीं छोड़ देती है अर्थात उनके लिए भी उनके अकॉर्डिंग काम लाती है जैसे मनरेगा
35:17
जो अशिक्षित है पढ़ाई लिखाई नहीं कर पाए या नौकरी प्राप्त करने में सक्षम नहीं है
35:22
तो उनके लिए है शिक्षा
35:31
अब आप देखते होंगे कि स्टेट अपनी तरफ से भरपूर प्रयास करती है कि उनके सभी नागरिक
35:38
शिक्षित हो योग्य बने इसके लिए शुरुआती स्तर से ही शिक्षा के लिए प्रावधान करती
35:44
शिक्षा के लिए क्या करती है सर्व शिक्षा अभियान चलाया गया है सर्व शिक्षा
35:54
अभियान अब इसके पश्चात जब आप चाहते हैं कि बेसिक एजुकेशन के अलावे आप हायर एजुकेशन
36:02
में आप जाना चाहते हैं तो हायर एजुकेशन के लिए भी स्टेट क्या करती है कि उसके लिए आपको एजुकेशन लोन देती है
36:12
एजुकेशन लोन देती है जिससे एजुकेशन प्राप्त करने के पश्चात आप कमा के उस लोन
36:19
को पुनः चुका सके अगला है लोक सहायता अगला है लोक
36:35
सहायता प्राप्त करना अब लोक सहायता के तहत देखते हैं कि
36:44
स्टेट उन लोगों के लिए राज्य उन लोगों के लिए सहायता भी प्रदान करता है जिन्हें कोई
36:50
आसरा नहीं होता है जिन्ह कोई सहायक नहीं होता जैसे वृद्धावस्था पेंशन
36:58
वृद्धावस्था पेंशन जो 60 साल प्लस के लोग हो गए जो 60
37:07
साल प्लस के लोग हो गए उन्हें गवर्नमेंट क्या करती है वृद्धावस्था पेंशन देती
37:13
है विधवा पेंशन विधवा
37:21
पेंशन अगर किसी घर का कमाव पुत मर जाता है और उसकी वाइफ है तो उन्हें उसे विधवा
37:29
पेंशन दिया जाता है अर्थात लोक सहायता उन्हें तो इसके तहत हम देखते हैं कि बहुत
37:35
तरह की जो बहुत तरह का स्टेट अपने तरफ से लोक सहायता करता है अर्थात अपने नागरिकों
37:41
को वृद्धावस्था पेंशन हुआ विधवा पेंशन हुआ इस तरह के बहुत सारे ऐसे ऐसी चीजें हैं
37:48
जिसे स्टेट अपने नागरिकों को व्यक्तियों को देता है अब अगला आर्टिकल की तरफ चलते
37:54
हैं अगले आर्टिकल में क्या कहा गया है
38:20
संगत दशा कार्यों की न्याय संगत दशा
38:41
सहायता अब देखते हैं आर्टिकल 42 में कहा गया कार्यों की न्याय संगत दशा स्टेट आपसे काम करवाता है या कोई भी
38:49
आप काम करते हैं स्टेट क्या करता है वहां पर कुछ कानून बनाता है क्या करता है कानून
38:55
बनाता है कि व उस का को करते हुए आप सही स्थिति में है कि नहीं सहज है कि नहीं है
39:02
जैसे उदाहरण स्वरूप मान लेते हैं कि दिल्ली में एमसीडी द्वारा एमसीडी
39:08
द्वारा नाले की सफाई की जाती है नाले की सफाई की जाती
39:15
है अब नाले की सफाई में पहले क्या होता था कि व्यक्ति को डायरेक्ट नाली में उतार
39:22
दिया जाता है तो क्या उसमें कभी क्या होता था कि उस नाली में उतर के पश्चात वहां के
39:29
बहुत सारी जो विषैली गैसे होती थी गैस के कारण घुटने से मौत हो जाती थी अब क्या है
39:35
कि नाले की सफाई के दरमियान आप ऐसे नहीं को किसी व्यक्ति को नाली में उतार सकते उससे कीट पहनाकर अर्थात सुरक्षा कवच पहना
39:43
के ही आप उतार सकते हैं बिना हेलमेट के नहीं उतार सकते हैं हेलमेट सुरक्षा कवच के
39:49
साथ आपको उतारना होगा जिससे कार्यों की न्याय संगत दशा का पता
39:56
चल सके कार्यों की न्याय संगत दशा का पता चल सके
40:02
या बड़े बड़े देखते हैं कि लोहे की फैक्ट्री होती है तो वहां पर क्या होता है
40:07
टोपी को हेलमेट को अनिवार्य कर दिया जाता है बड़े
40:13
बड़े बड़े बड़े कारखानों
40:18
में खानों में हेलमेट को
40:35
अनिवार्य कर दिया जाता
40:42
है क्यों क् लोहे की फैक्ट्री में काम कर रहा है कहां से क्या गिरे तो इसके लिए
40:49
सुरक्षा जरूरी है अर्थात कार्यों की न्याय संगत दशा वहां पर भी फिर आगे है प्रसूति
40:55
सहायता प्रसुति सहायता में देखते हैं कि
41:00
गवर्नमेंट की स्टेट की तरफ से आशा बहु का इंतजाम किया जाता है आशा
41:10
बहु अगर वर्किंग वूमेन है अगर वर्किंग वमन है तो 26 26
41:17
वीक या सप्ताह कि उसे छुट्टी दी जाती है अर्थात
41:25
गवर्नमेंट स्टेट अपने तरफ से उसे पूर्ण सहायता देती है और न्याय
41:31
संगत से पूर्ण प्रसुति सहायता में उनको सहायता आशा बहु का
41:37
इंतजाम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
41:43
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आशा
41:51
बहु 26 सप्ताह तक उसे अगर वो वर्किंग वूमेन है तो विथ पे ऐसा नहीं है कि उसे जब
41:58
तक वो छुट्टी पर है त तब तक उसे शैली नहीं नहीं मिलेगी विथ पे उसको छुट्टी
42:05
मिलेगी ठीक तो हमने आर्टिकल 42 के तहत क्या देखा कार्यों की न्याय संगत दशा और
42:11
प्रस्तुति सहायता और इसके तहत इसके पश्चात आर्टिकल
42:43
योग्य मजदूरी एवं कुटर
42:55
उद्योग अब यहां पर जो कर्मकार के लिए निर्वाह योग्य
43:02
मजदूरी कर्मकार के लिए निर्वाह योग मजदूरी अगर कोई कर्मकार कोई कार्य कर रहा है अगर
43:09
कोई मजदूर कोई कार्य कर रहा है तो उससे इतना जरूर मिलना चाहिए जिससे उसका बेहतर
43:15
तरीके से निर्वहन हो जाए अर्थात उसका शोषण नहीं होना चाहिए इसके लिए हमने क्या देखा
43:22
इसके लिए बजाता उनका एक अलग विभाग होता है उनके
43:27
यूनियन होते हैं क्या करते हैं उनके यूनियन कि मजदूरों का शोषण ना हो सके ठीक
43:32
विभाग क्या देखता है वो ऑथराइज करता है आगे देखते हैं कुटर उद्योग क्योंकि भारत
43:39
में रिसोर्सेस की कमी थी बड़े-बड़े उद्योग थे लेकिन उस लेवल पर उद्योग नहीं थे जिससे
43:45
सभी लोगों को वहां पर काम मिल जाए हमारे पास उतने रिसोर्सेस नहीं थे या इतने
43:51
बड़े-बड़े उद्योग धंधे नहीं थे जिसमें इंडिया के सभी लोगों को रोजगार मिल जाए तो गवर्नमेंट ने स्टेट ने अपने तरफ से क्या
43:58
हुआ कुटीर उद्योग को बढ़ावा दिया कुटीर उद्योग को क्या दिया राज्य ने इसे बढ़ावा दिया
44:07
इसे बढ़ावा दिया देखते हैं बढ़ावा दिया कुट उद को
44:14
बढ़ावा देने के लिए क्या किया इसके लिए ऋण का प्रावधान किया क्या
44:20
किया ऋण का प्रावधान किया
44:28
प्रशिक्षण की व्यवस्था की प्रशिक्षण की व्यवस्था
44:35
दिया साथ ही साथ अगर कुटी उद्योग को एस्टेब्लिश किया गया है उसके लिए
44:40
गवर्नमेंट क्या कर रही है इनके लिए मंडी का भी प्रावधान कर रही है जिससे इनके
44:46
निर्मित माल बिक सके मंडी का प्रावधान मंडी का
44:56
प्रावधान गवर्नमेंट अपने हम क्या हम क्या देख रहे हैं डीपीएसवी में कि गवर्नमेंट भी
45:01
अपने तरफ से प्रयासरत है क्या कि डीपीएसपी को हम विधि बनाने के दरमियान किस तरीके से
45:08
उसे इंप्लीमेंट करें और हमने यह देखा है कि गवर्नमेंट अपनी तरफ से प्रयास कर रही
45:13
है जंजं स्टेट सक्षम होता जा रहा है त्य स्टेट क्या कर रहा है इसके लिए प्रयास
45:19
करता जा रहा है अब आते हैं अगले आर्टिकल की
45:32
ो आर्टिकल 44 समान सिविल
45:49
संहिता समान सिविल संहिता और इसकी बार-बार जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी कहा जा रहा है
45:56
अब बहुत लोग लोग द्वारा इस डिमांड भी किया जा रहा है कि इसको इंप्लीमेंट किया जाए अर्थात इसे व्यवहार में लाया जाए तो बहुत
46:03
लोग इसके समर्थक है और बहुत सारे लोग इसके विरोधी भी है समर्थक क्यों है विरोधी
46:09
क्यों है इस पर चर्चा कि भारत में क्या है संसदीय लोकतंत्र
46:21
लोकतंत्र शासन के संचालन में सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है शासन के संचालन
46:27
सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है अब शासन अलग लोगों अलग-अलग लोगों के अलग-अलग नियम
46:34
कानून बनाए तो यह लोकतंत्र के समानता के सिद्धांत खिलाफ क्या कि अगर यहां
46:42
पर हमारे यहां संसदीय लोकतंत्र है हमारे यहां लोकतंत्र अर्थात लोकतंत्र ही
46:48
इक्वलिटी पर आधारित होता है यह समानता पर आधारित होता है लेकिन यहां पर अलग अलग समुदाय के लोग
46:57
अलग अलग रूल से व शासित हो तो यह समानता के खिलाफ है अर्थात हम ऐसा कोई विधि क्यों
47:03
नहीं बनाते हैं जो सभी लोग को एक समान शासित करें सभी लोग को क्या करें एक समान
47:09
शासित करें तो इसका बहुत सारे लोग विरोध भी करते हैं इसका बहुत सारे लोग विरोध भी
47:15
करते हैं विशेषकर अल्पसंख्यक समुदाय द्वारा एवं आदिवासियों द्वारा जैसे इसे
47:21
समझने का प्रयास करते हैं यह सिविल संहिता मूर्तिया
47:27
शादी से तलाक से संपत्ति से जुड़ा मामला
47:34
है इन शादी से तलाक से और संपत्ति से ड़ जुड़ा मामला है अब इसमें अल्पसंख्यक
47:41
समुदाय विशेषक मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि हम मुस्लिम लॉ से शासित होते
47:47
हैं ना कि सामान्य कानून से अदर लोग सामान्य कानून से संचालित होते हैं अब वह कहते हैं कि हम
47:55
मुस्लिम लॉ से संचालित होते हैं हम सिविल संहिता को नहीं माने अगर
48:01
गवर्नमेंट यह कानून बना दे कि एक व्यक्ति एक ही साधक एक
48:08
व्यक्ति एक व्यक्ति एक
48:13
साधी एक व्यक्ति एक शादी अब अगर कानून ऐसा बनता है तो इसका
48:20
क्या होगा कि बहुत बहुत सारे ऐ समुदाय हैं जहां पर एक व्यक्ति चारचार शादी करते हैं
48:26
पांच पाच शादी करते अब जैसे मुस्लिमों में विशेषकर मुस्लिमों में
48:32
कहा गया कि उन्हें धर्म इसकी अनुमति देता है कि एक साथ चार शादी कर सके ठीक है वहां
48:38
पर मुस्लिम लॉ भी इसकी अनुमति देता है अब देखते हैं दूसरी तरफ आदिवासियों में कि आप
48:44
जैसे चले जाए नीलगिरी की पहाड़ी पर जैसे टोडा है अब टोडा जनजाति अब एक महिला वहां
48:50
पाच शादी करती अर्थात वहां पर जेंडर इंडेक्स इतना जेंडर इंडेक्स कारण है और की
48:56
अपनी जो परंपरा है कि अगर किसी घर में बड़े बड़े भाई की शादी हुई है तो बड़े भाई
49:02
की शादी तो अन्य भाई भी उनकी उनके पति होंगे अर्थात एक महिला एक साथ में पांच
49:09
पांच लोगों से शादी कर कर सकती है क्या यहां एक व्यक्ति एक शादी का वहां विरोध हुआ कि नहीं हुआ अब है बहुत सारी ऐसी
49:17
परंपराएं हैं अगर समान सिविल संहिता को इंप्लीमेंट कर दिया जाए तो उनकी परंपराओं
49:24
से टकराव होता है तो परंपराओं से तकरार होता है तो
49:31
चूंकि आर्टिकल 29 और 30 में अल्पसंख्यकों के लिए प्रावधान किया गया है कि वह अपना
49:37
भाषा लिपि परंपरा को अपना बचाए रखें तो इस आधार को कहते हैं कि हमारा यह अधिकार है
49:44
हमारा यह राइट है आप हमारे राइट्स को छीन नहीं सकते तो अब इसके लिए क्या किया
49:50
जाए तो इसके लिए हम कुछ क्या कर सकते हैं एक सिर्फ जागरूकता अभी हम इसे सीमित
49:57
संहिता को कभी भी क्योंकि हमारा देश एक उदार लोकतंत्र को अपना हमारे देश ने उदार
50:02
लोकतंत्र को अपनाया है जहां पर सहिष्णुता है जहां पर डायवर्सिटी है सभी एक दूसरे को
50:08
साथ लेकर चलते हैं तो कभी भी इसे इंप्लीमेंट हम जबरदस्ती नहीं करें क्या
50:13
करेंगे जागरूकता फैलाने का प्रयास करेंगे क्या जागरूकता फैलाने का प्रयास करें
50:20
शिक्षा के माध्यम से हो सकता है कुछ टाइम और लगे हम इसमें किसी प्रकार की जल्दबाजी
50:25
नहीं करें और जब सभी पक्षों से एक राय बन जाए कि हां अब इसके लिए हम तैयार है तब
50:32
इसे लागू करना चाहिए ठीक है आगे बढ़े अब आते हैं आर्टिकल 4 45 के तहत 45
50:41
क्या कहता है आर्टिकल
51:19
की देखभाल छ वर्ष से कम आयु अर्थात शैशवावस्था
51:26
की देखभाल यह कौन करेगा यह कौन करेगा यह राज्य
51:35
करेगा तो देखभाल दो लेवल पर एक स्वास्थ के लेवल
51:41
पर दूसरा शिक्षा के लेवल पर हम यहां पर क्या देखते हैं स्टेट ने
51:48
क्या किया प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
52:02
टीकाकरण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टीकाकरण अभियान जो बच्चों को दिया जाता है साथ ही जो 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चे हैं
52:11
उनके शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी चलाई गई क्या चलाई गई है
52:17
आंगनवाड़ी तो यहां पर हमने क्या देखा आर्ट 45 के तहत कहा गया है 6 वर्ष से कम आयु के
52:23
बच्चों के लिए राज उसके स्वास्थ्य एवं शिक्षा के लिए व्यवस्था करेगा स्वास्थ्य की देखभाल के
52:30
लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टीकाकरण यह स्टेट चलाती है छोटे बच्चों के लिए साथ ही
52:37
उनकी शिक्षा के लिए आंगनवाड़ी कार्यक्रम चलाया गया है जहां पर जाकर बच्चे तीन साल के बच्चे वहां पर जाकर बैठ सके सीख सके
52:44
शुरुआत से ही गवर्नमेंट क्या कर रही शुरुआत से ही स्टेट इसके लिए भी प्रावधान कर रही है तो यहां पर हमने क्या देखा
52:58
कि 6 वर्ष से कम के आयु के बच्चों के लिए स्टेट कारज कर रहा है अब चलते हैं 46 के
53:17
ओबीसी के लिए है शिक्षा और अर्थ
53:29
आर्टिकल 46 क्या करता है अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछा वर्ग के
53:36
लिए शिक्षा एवं अर्थ संबंधी प्रावधान की बात करता है तो हमने इसके लिए क्या किया
53:41
है संविधान संशोधन के माध्यम से आर्टिकल 154 के
53:49
तहत और 155 के तहत शिक्षा के क्षेत्र में एससी एसटी
53:56
ओबीसी के लिए हमने प्रावधान किया इनको इनको आरक्षण की व्यवस्था दी गई जिससे यह
54:02
भी शिक्षा में इनकी भी समान रूप से पहुंच हो सके आर्टिकल 164 के
54:10
तहत नौकरी अवसर की समानता के तहत नौकरियों में भी इनके लिए हमने आरक्षण का प्रावधान
54:17
किया है आर्टिकल 46 किससे रिलेटेड है एससी एसटी एवं ओबीसी के शिक्षा एवं अर्थ संबंधी
54:23
विकास के लिए यहां पर भी इसके अलावा यहां पर शिक्षा में तो हमने
54:30
किया ही किया है इस अर्थ संबंधी विकास के लिए सरकार अगर कोई योजना चलाती है चाहे वह
54:37
ऋण संबंधी हो या मतलब लोन या ऋण के संबंधित हो तो एससी एसटी ओबीसी को इसमें
54:43
प्राथमिकता दी जाती है क्या एससी एसटी ओबीसी को प्राथमिकता दी जाती है इसमें भारी उनको छूट भी दिया जाता है तो सरकार
54:51
इसके लिए भी प्रावधान कर रही है क्या कर रही है सरकार फॉर आर्टिकल 46 के तहत उनके
55:33
स्वास्थ एवं स्वास्थ तो आर्टिकल 47 के तहत क्या है
55:40
प पोषाहार स्तर जीवन स्तर एवं लोक
55:45
स्वास्थ्य में लोक स्वास्थ्य में एव स्वास्थ के स्तर में सुधार करना क्या करना
55:53
इन सारी चीजों में सुधार करना सुधार करना अब हम यहां पर क्या देखते हैं
56:01
हमारे यहां एक पोषण अभियान चलाया गया पोषण एक योजना है अभियान है यह चलाया
56:11
गया जीवन स्तर जीवन स्तर का हमारा जीवन स्तर किस कैसे ऊपर होगा जब हमें बेहतर
56:19
खाना मिले अर्थात मेरा स्वास्थ्य अच्छा रहे हमारी मानसिक अर्थात हम बेहतर शिक्षित
56:25
हो तो शिक्षा के लिए भी गवर्नमेंट प्रयास कर रही है आप पोषाहार स्तर के लिए भी
56:30
प्रयास कर रही है और पोषाहार स्तर अर्थात स्वास्थ्य भी बेहतर हो इसके लिए स्वास्थ्य
56:36
के स्तर पर भी सरकार गवर्नमेंट क्या करी जैसे आयुष्मान योजना आयुष्मान योजना है
56:42
आयुष्मान योजनाए या स्वास्थ्य के स्तर पर देखते हैं कि बड़े-बड़े हॉस्पिटल खोले जा रहे हैं गांव कूचे तक में भी हॉस्पिटल खले
56:49
खोले जा रहे हैं वहां पर बेड की व्यवस्था की जा रही है अर्थात लोगों को ग्रामीण लोगों को भी सुदूर क्षेत्र में ना जाना
56:55
पड़े उनको स्वास्थ की सहूलियत हो सके उन्हीं के गांव में या दो किलोमीटर के दायरे में ही
57:02
उनको यह सहूलियत मिल जाए तो आर्टिकल 47 के तहत हम देखते हैं पोषाहार स्तर जीवन स्तर
57:08
को ऊंचा करना एवं स्वास्थ की देखभाल इसके भी स्तर को ऊंचा करना या इसमें सुधार करना
57:15
की इसकी बात की गई है और इसके तहत देखते हैं स्टेट अपने स्तर से विभिन्न योजनाएं
57:21
लेकर आती है उसे इंप्लीमेंट भी करती है लोग उसका लाभ भी लाभ भी ले रहे हैं और
57:35
ओके गुड आफ्टरनून गुड
57:44
आफ्टरनून आर्टिकल 48 यह है
57:59
पशुपालन कृषि एवं पशुपालन अब कृषि क्या
58:04
है यह कृषि क्या है आर्टिकल 48 के तहत
58:09
कृषि एवं पशुपालन में को बेहतर करने की बात की गई इनको बेहतर करने की बात की
58:17
गई बेहतर अब हम देखते हैं कि भारत एक कृषि
58:23
प्रधान देश है क्या है भारत एक कृषि प्रधान देश देश है आखिर यह कृषि क्या
58:28
है हमें अपने दैनिक कार्यों को करने के लिए ऊर्जा की जरूरत है ऊर्जा हमें फूड से
58:34
अर्थात खाने से मिलता है यह खाना हम कहां से पाते हैं यह जो उत्पादन होता है तो
58:40
वैसे उत्पादन जो प्राकृतिक रूप से जिनका उत्पादन होता
58:45
हो और जिनको हम एज फूड की तरह हम अपने को प्राप्त करते हैं अपने दैनिक कार्यों को
58:52
करने के लिए वो कृषि की श्रेणी में आते हैं यह प्राथमिक उत्पादन भारत इस मामले
58:57
में कृषि प्रधान देश है अर्थात यहां की ज्यादातर आबादी कृषि में लगी हुई है तो
59:02
चूंकि अभी तक हम परंपरागत तरीके से कृषि करते थे तो हमारी आबादी का पेट भरता था
59:08
पहले आजादी से पहले हमारे यहां सूखा अकाल यह सभी होता था अर्थात उस वक्त हमारा कृषि
59:13
बहुत डेवलप नहीं था कृषि में हरित क्रांति हुई हरित क्रांति के कारण उसमें उत्पादन
59:20
बढ़ा लेकिन हमारी जनसंख्या भी दूसरी तरफ देखते हैं हमारी जनसंख्या भी बढ़ती जा रही
59:27
है जनसंख्या का पेट कब भरेगा जब हमारे कृषि के लेवल में भी उत्पादन में भी बिना
59:34
किसी नुकसान के बिना किसी पर्यावरण नुकसान के हमारा उत्पादन बेहतर होता जाए इसके लिए
59:43
प्रयास क्या करेगा इसके लिए स्टेट अपने तरफ से सपोर्ट करता है सहयोग करता है ठीक
59:48
एवं पशुपालन पशुपालन के स्तर पर भी देखते हैं
59:54
कि जो गाय भैंस बकरी भेर इन सब मामले में
1:00:00
भी गवर्नमेंट प्रमोट करती है पशुपालन की बेहतर ब्रीड के साथ कि गाय पालन आप करते
1:00:05
हैं लेकिन बेहतर ब्रीड के साथ कि ज्यादा से ज्यादा उत्पादन हो ज्यादा से ज्यादा
1:00:11
किसानों को लाभ हो और इसी में संविधान संशोधन करके
1:00:16
48 को जोड़ा गया जो पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा
1:00:30
संरक्षण एवं पर्यावरण संरक्षण एवं वन
1:00:37
एवं वन्य जीवों का संरक्षण वन जीवों
1:00:45
का संरक्षण अब पर्यावरण संरक्षण को लेकर
1:00:52
देखते हैं सिर्फ भारत ही जागरूक नहीं है पर्यावरण संरक्षण को लेकर सिर्फ भारत ही
1:00:59
जागरूक नहीं है पूरे वैश्विक स्तर पर में जागरूकता भारत भी इसमें कदम से कदम मिलाकर
1:01:05
अपना सहयोग प्रदान कर रहा है तो पर्यावरण संरक्षण यह 197 72 स्टॉक होम सम्मेलन से
1:01:13
शुरू हुआ अब देखते हैं वन एवं वन जीवों का संरक्षण वैसे जीव जो लुप्त प्राय होने की
1:01:20
स्थिति में तो 1972 से देखते हैं सरिस्का ये सब जो बाघ अभियान थे उनका का क्या किया
1:01:26
उनको बनाया जाने लगा लुप्त जीवों के संरक्षण का प्रयास किया गया पर्यावरण संरक्षण के लिए क्या हुआ इंडिया में
1:01:32
एनजीटी की स्थापना हुई एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल अर्थात
1:01:39
इसके लिए हमने एक अलग न्यायालय ही बना दिया कि पर्यावरण का हम क्विक तरीके से हम
1:01:46
संरक्षण कैसे कर सके इनके मामलों को हम क् कारवाई या इसकी तुरंत सुनवाई हम कैसे करें
1:01:52
इसके लिए हमने एनजीटी का टी को बनाया इसके तहत हम देखते हैं कि
1:01:58
बहुत सारे हम अभयारण्य को बनाए जहां वन्य जीवों का संरक्षण हो सके इसके लिए हमने
1:02:04
कानूनों का निर्माण किया तो हम इस मामले में भी एक्टिव है और सरकार इस संदर्भ में
1:02:09
भी एक्टिव है और इसके लिए सरकार अपने स्तर से प्रयास भी कर रही है आर्टिकल 4 48 में
1:02:17
हमने क्या देखा कृषि एवं पशुपालन 48 को में हमने क्या देखा
1:02:23
पर्यावरण संरक्षण वन एवं वन जीवों का कृषि एवं पशुपालन के तहत देखते हैं कि इस
1:02:28
मामले में विशेषकर पंजाब और हरियाणा के किसान बहुत आगे रहे हैं चाहे वह पशुपालन
1:02:34
के स्तर पर हो चाहे कृषि के स्तर पर हो यहां के किसान क्या है इसका इस पूरे भारत
1:02:40
में इन दो राज्यों के किसान सबसे आगे रहे और इसमें देखते हैं कि पशुपालन के क्षेत्र में पंजाब में तो एक तरह से क्रांति ही है
1:02:47
विशेषकर गाय पालने के संदर्भ में अब आगे बढ़ते हैं आर्टिकल 49 क्या कहता है
1:02:52
आर्टिकल 49 कहता है
1:03:11
राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों
1:03:20
राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों
1:03:32
स्थानों एवं वस्तुओं का वस्तुओं
1:03:45
संरक्षण राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों स्थानों एवं वस्तुओं का संरक्षण इस मामले
1:03:51
में हम देखते हैं कि भारत सरकार क्या करती है स्वतंत्र से पहले ही हमारे यहां
1:03:58
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया एएसआई का गठन हुआ था यह स्वतंत्रता से पूर्व की ही
1:04:03
बात है तो विशेषक राष्ट्रीय महत्व को ऐसे जो बहुत पुराने पुराने स्मारक है स्थान है
1:04:09
या कोई वस्तु है उसका संरक्षण कौन करती एएसआई करती है जो ही एएसआई को पता चलता है
1:04:15
कि यह इतना पुराना है तो यह तुरंत वहां पर पहुंच के उसे अपने अंडर ले लेती है जिससे
1:04:21
कि उसे संरक्षित किया जा सके क्या जिससे कि उसे रक्षित किया जा
1:04:39
सके आर्टिकल 50 यह क्या करता
1:04:46
है कार्यपालिका एवं
1:04:57
विधायिका कार्यपालिका एवं विधायिका
1:05:08
करण अर्थात हमारे यहां कार्यपालिका एवं विधायिका का पृथक
1:05:19
करण और अगला है आर्टिकल 51
1:05:37
शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना
1:05:45
को बढ़ावा देना ठीक ये आर्टिकल 51 में है
1:05:51
अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देना यह आपका डीपीएसवी टॉपिक यहीं
1:05:56
पर खत्म हुआ है अब फंडामेंटल ड्यूटीज है जिनकी संख्या 11 है उनकी चर्चा हम नेक्स्ट
1:06:02
क्लास में करेंगे आज के लिए क्लास बस यहीं पर खत्म होती है जय हिंद जय भारत नमस्कार