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इन कश्मीर जितनी भी हम मॉडर्नाइजेशन देखते
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हैं क्रेडिट गोज टू दिस बिल्डिंग वह ऐसे
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कि जम्मू एंड कश्मीर स्टेट बनती है 1846
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में अमृतसर ट्रीटी के बाद बेसिकली
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अंग्रेजों और महाराजा रणजीत सिंह के
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दरमियान होती है जंग जो महाराजा रणजीत
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सिंह हार जाते हैं बट उसको देना पड़ता है
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उस हारने के ववज में टैक्स जिसे तावून
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कहते थे लेकिन यह अंग्रेजों को जमीन नहीं
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चाहिए थी क्योंकि उनको चाहिए था पैसा जो
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पैसा अदा किया महाराजा गुलाब सिंह ने ये
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उस वक्त की बात है जब इंडिया वा अंडर
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ब्रिटिशर्स कश्मीर में अंग्रेजों का आना
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हुआ अमृतसर ट्रीटी के बाद फिर क्या
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अंग्रेजों के इंटरेस्ट को सेफगार्ड करने
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के लिए श्रीनगर में इस ब्रिटिश रेजिडेंसी
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को खोला गया और महाराजा गुलाब सिंह ने ही
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कश्मीर में तीन जगह पर्टिकुलर रखी इन
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अंग्रेजों के बैठने के लिए शेक बाग मुंशी
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बाग और चिनार बाग एंड यस एक फन फैक्ट
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बोलूं दिस प्लेस कॉल्ड शेख बाग वास
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पर्टिकुलर मेंट फॉर ब्रिटिश बैचलर्स और
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यहां किसी औरत को आने की इजाजत