Counsels and Maxims — Arthur Schopenhauer
यह किताब दुनिया की सबसे गहरी, लेकिन सबसे simple life advice देती है।
Arthur Schopenhauer सिखाते हैं कि:
✔ खुश कैसे रहें
✔ लोगों की negativity से कैसे बचें
✔ mind को कैसे strong बनाएं
✔ अकेलेपन को power में कैसे बदलें
✔ कम बोलना क्यों जरूरी है
✔ simple life = peaceful life क्यों?
यह वीडियो आपकी सोच को हल्का, साफ़ और शांत बनाएगा।
अगर आप stress, overthinking, misunderstanding या negativity से परेशान हैं—
तो यह summary आपकी life बदल सकती है।
Think Better Hindi – Self Growth, Book Summaries, Mindset & Life Skills 🙏
🎵 Background Music Credit
Cylinder Five – Chris Zabriskie
CC BY 4.0 License.
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इमेजिन कीजिए आप अपनी जिंदगी में बार-बार
0:04
हर्ट होते हैं। लोग आपकी उम्मीदें तोड़
0:07
देते हैं। रिश्ते में मिसअंडरस्टैंडिंग हो
0:11
जाती है। काम में मन नहीं लगता। दिमाग
0:14
बार-बार परेशान होता है। अब सोचिए कोई ऐसा
0:18
बुजुर्ग समझदार इंसान जो 200 साल पहले जी
0:22
चुका है। आपके पास बैठे और बोले बेटा यह
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दुनिया ऐसी ही है। सीखो कैसे जीना है। उस
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इंसान का नाम है आर्थर शोपनहार। उनकी
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किताब काउंसिल एंड मैक्सिमम्स हमारी
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रोजमर्रा की लाइफ को बहुत आसान और
0:41
प्रैक्टिकल तरीके से समझाती है। आज हम इस
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किताब का पार्ट वन शुरू कर रहे हैं सिंपल
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हिंदी में ताकि हर लिसनर आसानी से रिलेट
0:50
कर सके। लेसन नंबर वन जितनी ज्यादा
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उम्मीदें उतनी ज्यादा तकलीफ। ऑथर कहते हैं
0:58
ज्यादातर दुख हमारी उम्मीदों की वजह से
1:01
आता है। यानी लाइफ मुश्किल इसलिए नहीं है
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हम उसे आसान एक्सपेक्ट करते हैं। उदाहरण
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आप सोचते हो कोई हमेशा लॉयल रहेगा।
1:12
हर्ट आप सोचते हो लोग आपकी फीलिंग
1:15
समझेंगे। बट यू आर हर्ट। आप सोचते हो हर
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कोई आपको सीरियस लेगा। बट यू आर हर्ट। आप
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सोचते हो दुनिया फेयर होगी। हद रियल ट्रुथ
1:26
क्या है? लोग अपने हिसाब से चलते हैं।
1:29
आपके हिसाब से नहीं जितनी कम एक्सपेक्टेशन
1:33
रखोगे, उतना कम हर्ट होगे। इससे लाइफ खराब
1:37
नहीं होती। लाइफ आसान होती है। लेसन नंबर
1:41
टू अकेले रहना कमजोरी नहीं ताकत है। ऑथर
1:45
कहते हैं जो इंसान अपनी कंपनी एंजॉय करता
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है वह सबसे मजबूत इंसान होता है। हम अक्सर
1:53
सोचते हैं कि अकेले रहना बुरा है। लेकिन
1:56
असल में अकेले रहने से आपको मिलता है
1:59
माइंड की क्लेरिटी। खुद को समझने का समय,
2:02
क्रिएटिविटी, पीस और डिसीजन लेने की
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एबिलिटी। दूसरों के बीच में हमेशा नॉइज़
2:09
होती है। ओपिनियंस, जजमेंट, गसप,
2:13
कंपैरिजन।
2:14
अपने अंदर जाने पर ग्रोथ होती है। इसका
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मतलब यह नहीं कि सोशल मत बनो। बस इतना कि
2:22
अकेला रहना भी स्किल है। हर सक्सेसफुल
2:26
इंसान को कुछ समय अकेले की जरूरत होती है।
2:30
लेसन नंबर थ्री।
2:32
अपनी एनर्जी उन लोगों से बचाओ जो आपको
2:35
ड्रेन करते हैं। ऑथर की एक लाइन बहुत फेमस
2:39
है। हर इंसान आपकी लाइफ से कुछ ले जाता
2:42
है। किसी का समय, किसी की एनर्जी, किसी का
2:45
पीस। कौन से लोग आपको ड्रेन करते हैं? हर
2:49
बात में नेगेटिविटी फैलाने वाले, हर चीज
2:52
में कंप्लेन करने वाले, आपके सक्सेस से
2:56
जेलस लोग, हर जगह ड्रामा क्रिएट करने
2:59
वाले, आपको गिल्ट फील कराने वाले, केवल
3:03
फायदा उठाने वाले, ऐसे लोग आपकी मेंटल
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एनर्जी चूस लेते हैं। इसका स्यूशन
3:10
डिस्टेंस रखो। कम एक्सेस दो, कम बात करो।
3:14
यह सेल्फिशनेस नहीं सेल्फ रिस्पेक्ट है।
3:19
लेसन नंबर फोर कंपैरिजन छोड़ो। कंटेंट
3:22
रहना सीखो। ऑथर कहते हैं दूसरों से कंपेयर
3:26
करना अपने दिमाग को टॉर्चर करना है।
3:30
कंपैरिजन पोइजन की तरह है। क्यों? क्योंकि
3:34
कंपैरिजन कभी खत्म नहीं होने वाला। कोई
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आपसे ज्यादा पैसे वाला होगा। कोई आपसे
3:40
ज्यादा स्मार्ट होगा। कोई आपसे ज्यादा खुश
3:43
दिखेगा। कोई आपसे ज्यादा लकी लगेगा। लेकिन
3:47
ऑथर की बात क्या है? हर कोई अपनी अलग
3:51
लड़ाई लड़ रहा है। आप किसी की आउटर लाइफ
3:54
देख रहे हो उसकी इनर स्ट्रगल नहीं।
3:58
इसलिए कंपेयर मत करो। अपने आज को अपने कल
4:01
से कंपेयर करो। दूसरों से नहीं। लेसन
4:05
फाइव। हर बात को दिल पर मत लो। ऑथर कहते
4:09
हैं लोगों के वर्ड्स आपको हर्ट नहीं करते।
4:13
आपकी इंटरप्रिटेशन हर्ट करती है। एग्जांपल
4:16
कोई बोले तुम बहुत देर से आए आप सोचेंगे
4:20
यह मुझे इंसल्ट कर रहा है। हर्ट
4:23
लेकिन हो सकता है वह जेनुइनली
4:26
फ्रस्ट्रेटेड हो या उसका दिन खराब हो या
4:29
वह अनशियस हो। कितनी बार हम छोटी बातों को
4:33
गलत तरीके से समझ लेते हैं और माइंड में
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अननेसेसरी दुख क्रिएट कर लेते हैं।
4:39
सॉल्यूशन हर बात पर रिएक्ट मत करो। पहले
4:43
ऑब्जर्व करो फिर समझो फिर कामली रिसोंड
4:47
करो। लाइफ आसान हो जाती है। लेसन सिक्स
4:51
लोग जैसे हैं वैसे ही रहेंगे। ऑथर का एक
4:55
बहुत सिंपल बात है। लोग बदलते नहीं हमारी
4:58
उम्मीदें बदलती हैं। आप सोचते हैं कि यह
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दोस्त मेरे साथ हमेशा रहेगा। यह रिश्तेदार
5:05
हमेशा अच्छा बिहेव करेगा। यह पार्टनर मुझे
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हमेशा समझेगा। यह कोलीग हमेशा लॉयल रहेगा।
5:13
लेकिन लोग अपनी नेचर से चलते हैं। अपनी
5:17
सोच से नहीं। जब आप लोगों को जैसा वे हैं
5:21
वैसा एक्सेप्ट कर लेते हो। आपका दुख आधा
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हो जाता है। लेसन सेवन लाइफ में हैप्पीनेस
5:29
कम चाहने से मिलती है। ज्यादा पाने से
5:31
नहीं। ऑथर कहते हैं लाइफ में खुश वही होता
5:35
है जिसकी जरूरतें सिंपल होती है। मोर मनी,
5:39
मोर कंफर्ट, मोर अटेंशन, मोर रिकॉग्निशन।
5:42
इन सबका एक लिमिट होता है। लेकिन पीस,
5:46
सिंपल मोमेंट्स, गुड रिलेशनशिप्स और हेल्थ
5:50
यह असली वेल्थ है। जिनकी इच्छाएं कम होती
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है, वे ज्यादा खुश रहते हैं।
5:58
ऑथर की बातें सुनकर लगता है कि वह हारश
6:01
हैं। लेकिन असल में वह हमें प्रोटेक्ट कर
6:03
रहे हैं। उनकी फिलॉसफी कहती है एक्सपेक्ट
6:07
कम करो, कंपेयर मत करो। अलोन रहने से डरो
6:11
मत। अपनी एनर्जी बचाओ। हर बात पर रिएक्ट
6:16
मत करो। लोगों को बदलने की कोशिश मत करो।
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सिंपल लाइफ मतलब हैप्पी लाइफ। यह बातें
6:22
सिंपल लगती हैं, लेकिन फॉलो करना डिफिकल्ट
6:25
है। और जो इंसान इन्हें फॉलो करना सीख ले
6:29
उसकी लाइफ बहुत पीसफुल, स्टेबल और
6:32
स्ट्रांग बन जाती है। ऑथर कहते हैं कि
6:36
दुनिया में शांति से जीने के लिए लोगों की
6:39
नेचर को समझना जरूरी है क्योंकि लाइफ में
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दुख ज्यादा इसलिए आता है क्योंकि हम
6:44
दुनिया को गलत समझ लेते हैं। लोगों के
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बिहेवियर को गलत पढ़ लेते हैं। अब हम
6:50
सीखेंगे लोग कैसे सोचते हैं, किससे दूरी
6:54
रखनी चाहिए, किस पर भरोसा करना चाहिए,
6:58
अपने दिमाग को कैसे शांत रखना चाहिए। कदर
7:01
लोगों से कैसे बचना है और खुद को कैसे
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मजबूत रखना है। लेसन वन
7:09
आधे लोग आपको समझते ही नहीं। इसलिए हर्ट
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होना बंद करो। ऑथर कहते हैं लोग आपको उतना
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नहीं समझते जितना आप सोचते हो। इसका मतलब
7:20
आप दुखी हो वह नहीं समझेंगे। आप मेहनत कर
7:24
रहे हो वह नहीं जानेंगे। आप लॉयल हो वह
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अप्रिशिएट नहीं करेंगे। आप अच्छा सोचते हो
7:30
वह वैल्यू नहीं करेंगे। आपको हर्ट इसलिए
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होता है क्योंकि आप मान लेते हो कि हर कोई
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आपकी फीलिंग्स को समझेगा।
7:38
लेकिन सच यह है लोग अपनी लाइफ में इतने
7:41
बिजी होते हैं कि दूसरों की फीलिंग्स
7:43
रेयरली समझते हैं। इससे हमें एक ही लेसन
7:47
मिलता है। एक्सपेक्ट लेस अंडरस्टैंडिंग
7:51
मोर पीस।
7:53
लेसन टू मूर्ख और नकारात्मक लोगों से दूर
7:57
रहो। ऑथर कहते हैं बुद्धिमान लोगों से
8:01
मिलो। मूर्खों से दूरी रखो। क्यों?
8:05
क्योंकि नेगेटिव लोग आपकी एनर्जी खत्म कर
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देते हैं। आपकी ग्रोथ रोक देते हैं। आपको
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डाउट फील करवाते हैं। आपकी खुशी को कम कर
8:15
देते हैं। आपने नोटिस किया होगा कुछ लोग
8:20
लोगों के साथ 10 मिनट बिताकर आप
8:22
एग्जॉस्टेड महसूस करते हो। और कुछ लोगों
8:25
से 10 मिनट बात करके आप हल्का फील करते
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हो। डिफरेंस क्या है? विचारों की
8:31
क्वालिटी। ऑथर का सिंपल रूल जिसके साथ
8:35
दिमाग भारी हो उससे दूरी रखो। जिसके साथ
8:39
दिमाग हल्का हो उसे पास रखो। लेसन थ्री
8:44
अपनी अच्छाई हर जगह मत दिखाओ। यह बहुत
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इंपॉर्टेंट पॉइंट है। ऑथर कहते हैं, अपनी
8:50
गुडनेस हर जगह मत बांटो। हर कोई उसकी कद्र
8:54
नहीं करता। कुछ लोग आपके अच्छे व्यवहार को
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वीकनेस समझ लेंगे। कुछ लोग आपके हेल्पफुल
9:01
नेचर का फायदा उठा लेंगे। कुछ लोग आपके
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शांत नेचर को चलो इसको यूज कर लेते हैं
9:07
जैसा मान लेंगे। इसलिए बुद्धिमानी यह है
9:10
मदद करो पर लिमिट में सॉफ्टनेस रखो और
9:14
अपनी बाउंड्रीज भी प्यार दिखाओ पर विंड
9:18
डिर्व यस मत कहो हर बार। आपकी गुडनेस रेयर
9:23
है। इसे हर किसी पर खर्च मत करो। लेसन फोर
9:27
लोग आपकी हैप्पीनेस से ज्यादा अपनी
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एडवांटेज सोचते हैं।
9:32
ऑथर रियलिज्म सिखाते हैं। वे कहते हैं लोग
9:36
आपकी खुशी के बारे में नहीं सोचते। लोग
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अपनी सुविधा के बारे में सोचते हैं। इसका
9:42
मतलब यह नहीं कि लोग बुरे हैं। बस रियलिटी
9:45
यह है। हर कोई बिजी है। हर किसी की अपनी
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प्रॉब्लम्स है। हर कोई अपनी लाइफ के
9:51
प्रेशर में है। इसलिए लोग प्रॉमिसिज भी
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तोड़ते हैं। प्लांस भी भूल जाते हैं और
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आपके टाइम की भी कदर नहीं करते। तो
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रिएक्शन क्या होना चाहिए? कम उम्मीद रखो।
10:03
कम हर्ट हो। आप खुद अपनी लाइफ केयरटेकर
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बनो। किसी पर डिपेंड मत हो। लेसन फाइव। हर
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इंसान अपनी नेचर से चलता है। एडवाइस से
10:13
नहीं। आप कितनी भी सही बात किसी को समझाओ।
10:18
वह वही करेगा जो उसकी नेचर में है। ऑथर
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कहते हैं एडवाइस रेयरली चेंजेस पीपल।
10:25
क्यों? क्योंकि लोगों के अंदर की आदतें
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उनकी पर्सनालिटी से पर्सनालिटी से जुड़ी
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होती है। एग्जांपल जो हमेशा जल्दी गुस्सा
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खाता है। जो हमेशा मनी खराब करता है, जो
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हमेशा कंप्लेन करता है, जो हमेशा दूसरों
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पर डिपेंड करता है, आप सलाह देते रहो,
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लेक्चर दे दो, एग्जांपल दे दो। लेकिन कुछ
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नहीं बदलेगा। इसलिए स्मार्ट लोगों की
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अप्रोच क्या होती है? एडवाइस कम,
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ऑब्जरवेशन ज्यादा, चेंजिंग पीपल, कम,
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चूजिंग पीपल ज्यादा। लेसन सिक्स लोगों की
11:02
तारीफ पर मत उड़ो। लोगों के इंसल्ट पर मत
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टूटो।
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ऑथर कहते हैं, तुम्हारी वैल्यू लोगों के
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वर्ड्स पर डिपेंड नहीं करती। यह बहुत बड़ी
11:13
बात है। अगर आप दूसरों की तारीफ पर खुद को
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ग्रेट समझने लगोगे तो इंसल्ट सुनकर टूट भी
11:20
जाओगे। लेकिन अगर आप ग्राउंडेड रहोगे तो
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इंसल्ट कभी इफेक्ट नहीं करेगी। यह
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माइंडसेट आपकी लाइफ बदल सकता है। स्मार्ट
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लोग क्या करते हैं? सराहना को लाइकली लेते
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हैं। क्रिटिसिज्म को काम लेते हैं। सेल्फ
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वर्थ खुद डिफाइन करते हैं। दूसरों के
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वर्ड्स को फिल्टर करते हैं। यह इमोशनल
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फ्रीडम है। लेसन सेवन बहुत बोलने वाला
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इंसान कम सोचता है। ऑथर कहते हैं विचार
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गहरे तब होते हैं जब शब्द कम होते हैं। आप
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नोटिस करो बहुत बातें करने वाला इंसान
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अक्सर शैलो होता है। वह सिर्फ बोलता है,
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सोचता नहीं। लेकिन जो इंसान शांत है,
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ऑब्ज़ेंट है, थॉटफुल है, उसकी सोच शार्प
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होती है। इसका मतलब यह नहीं कि कम बोलना
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पर्सनालिटी प्रॉब्लम है। बल्कि यह
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क्वालिटी है। साइलेंट लोग ज्यादा समझते
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हैं। कम जज करते हैं। कम गलतियां करते
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हैं। ज्यादा सीखते हैं। डीप कनेक्शंस
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बनाते हैं। इसलिए साइलेंस वीकनेस नहीं
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विज़डम है। लेसन एट पीस वहीं मिलेगी जहां
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इच्छा कम होगी। ऑथर कहते हैं इच्छाएं
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जितनी कम पीस उतनी ज्यादा। लाइफ में जो
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चीजें हमें टॉर्चर करती हैं कंपैरिजंस,
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जेलसी, वन थिंग मोर, वन थिंग वैलिडेशन, वन
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थिंग एप्रिसिएशन। यही सारी समस्याओं की
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जड़ है। सिंपल लाइफ इज पीसफुल लाइफ। यह
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फार्मूला बहुत पावरफुल है। जितना कम
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चाहोगे उतना कम दुख होगा। जितना ज्यादा
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चाहोगे उतनी ज्यादा परेशानी होगी।
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अब तक हमने सीखा लोग आपको उतना नहीं समझते
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जितना आप सोचते हो। सही लोगों से ही
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रिश्ते बनाओ। नेगेटिव और फुलिश लोगों से
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दूर रहो। अपनी गुडनेस हर जगह मत बांटो।
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दूसरों की तारीफ से मत उड़ो। इंसल्ट से मत
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टूटो। हर इंसान नेचर से चलता है। कम इच्छा
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मतलब ज्यादा शांति। इन सिंपल बातों में
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बहुत ताकत है। अगर आप इन्हें लाइफ में
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अप्लाई करते हो लाइफ बहुत आसान हो जाएगी।
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अभी तक हमने लाइफ की बेसिक समझ सीखी।
13:43
एक्सपेक्ट कम करो। लोगों को समझो। एनर्जी
13:47
बचाओ। कंपैरिजन छोड़ो। नेचर को एक्सेप्ट
13:51
करो। अब पार्ट थ्री आपको ले जा रहा है
13:54
लाइफ की एक गहरी कला की तरफ। अपने माइंड
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को कैसे कंट्रोल करो? पीस कैसे बचाएं?
14:01
लोगों के बिहेवियर को कैसे पढ़ें? खुद को
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कैसे मजबूत रखें? दुनिया के परेशानियों से
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कैसे बचें? और लॉन्ग टर्म खुशी कैसे पाएं।
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यह हिस्सा प्रैक्टिकल है और हर लाइन आपकी
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रोजमर्रा की लाइफ को बदल सकती है। लेसन
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नंबर वन हर बात पर रिएक्शन देना जरूरी
14:22
नहीं। ऑथर कहते हैं जितना ज्यादा रिएक्ट
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करोगे उतनी ज्यादा परेशानियां पैदा होंगी।
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दुनिया में बहुत लोग बहुत बातें बहुत
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चीजें हैं। अगर आप हर बात पर रिएक्ट करोगे
14:35
तो आपका माइंड कभी शांत नहीं रहेगा।
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एग्जांपल कोई ट्रैफिक में गलत ओवरटेिंग
14:41
करता है आप गुस्सा कोई WhatsApp में जवाब
14:44
देर से देता है आप परेशान कोई रूट बात कह
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दे आप हर्ट कोई आपकी तारीफ ना करे आप
14:50
अपसेट कोई आपकी बात ना माने आप इरिटेटेड
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यह सब छोटी चीजें हैं लेकिन अगर आप इन्हें
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दिल पर लेते रहोगे आपकी एनर्जी खत्म हो
15:01
जाएगी सुपर सिंपल सॉल्यूशन ऑब्जर्व करो
15:05
इग्नोर करो मूव मूव ऑन करो। हर बात
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रिएक्शन के लायक नहीं होती। हर बातें के
15:13
लायक नहीं होती। यही इमोशनल मैच्योरिटी
15:16
है। लेसन नंबर टू अपने दिमाग को बाहरी
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नॉइस से बचाओ। ऑथर कहते हैं मन को शांति
15:25
तभी मिलती है जब बाहर की आवाजें कम हो।
15:29
बाहरी आवाजें कौन सी हैं? ज्यादा सोशल
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मीडिया, ज्यादा गसिप, ज्यादा न्यूज़,
15:35
ज्यादा ओपिनियंस, ज्यादा लोगों की बातें,
15:38
ज्यादा कंपैरिजन, ज्यादा अननेसेसरी इनपुट।
15:43
आज की दुनिया में माइंड ओवरलोड की वजह से
15:46
लोग कास्टेंटली एशियस और इरिटेटेड रहते
15:50
हैं। अगर आप अपने अंदर पीस लाना चाहते
15:53
हैं। एक नियम बनाओ। माइंड में सिर्फ वही
15:56
चीजें डालो जो आपकी ग्रोथ में मदद करें।
15:59
बाकी नॉइस को कट कर दो। आप नोटिस करोगे
16:03
माइंड हल्का हो जाएगा। लेसन थ्री अपने दिन
16:08
को सिंपल रखो। सिंपल दिन मतलब पीसफुल दिन।
16:12
ऑथर कहते हैं लाइफ की क्वालिटी इस बात पर
16:15
डिपेंड करती है कि आपका दिन कैसा गुजरता
16:18
है। अगर आपका दिन बहुत कॉम्प्लिकेटेड,
16:21
बहुत स्ट्रेस भरा, बहुत सारे लोगों से
16:24
भरा, बहुत सारे टास्क से भरा, बहुत सारे
16:27
इमोशंस से भरा तो आपकी लाइफ ऑटोमेटिकली
16:31
कॉम्प्लिकेटेड हो जाएगी। सिंपल रूटीन मतलब
16:34
मेंटल पीस। छोटा एग्जांपल सुबह शाम शुरुआत
16:39
थोड़ा अकेले टाइम साफ प्रायोरिटीज,
16:43
लिमिटेड सोशल इंटरेक्शन, फोकस ऑन योर
16:46
गोल्स, अननेसेसरी टास्क, कट। यह चीज लाइफ
16:51
को क्लियर, हैप्पी और स्टेबल बनाती है।
16:55
लेसन फोर अपने आपको दूसरों के बिहेवियर से
16:58
मत मापो। यह बात यह बहुत बड़ी बात है। ऑथर
17:03
कहते हैं, दुनिया का व्यवहार आपकी वैल्यू
17:06
डिफाई नहीं करता। अगर कोई इंसान आपको
17:08
इग्नोर करता है, आपसे रूट बात करता है,
17:11
आपकी इज्जत नहीं करता, आपकी बात को लाइकली
17:15
लेता है। आपका फायदा उठाता है, आपको जज
17:18
करता है। तो, इसका मतलब यह नहीं कि आपकी
17:21
वैल्यू कम है। इसका मतलब सिर्फ यह है कि
17:25
सामने वाला पर्सन इमैच्योर है। लिमिटेड
17:28
अंडरस्टैंडिंग रखता है और उसका बिहेवियर
17:30
उसके लेवल को दिखाता है। आपके लेवल को
17:33
नहीं। आपकी वैल्यू, आपके एक्शनंस से, आपके
17:36
एथिक्स से, आपके डिसिप्लिन से, आपके ग्रोथ
17:40
से, आपकी काइंडनेस से, आपके रिजल्ट्स से
17:43
डिफाइन होती है ना कि किसी रैंडम पर्सन की
17:46
ओपिनियन से। लेसन फाइव। दुनिया में सबसे
17:50
रेयर चीज है अंडरस्टैंडिंग। ऑथर कहते हैं,
17:53
समझदार लोग बहुत कम होते हैं। आप सोचते हो
17:57
कि लोग आपकी बातें समझेंगे। लेकिन असल में
18:01
80% लोग सिर्फ सुनते हैं, समझते नहीं। 15%
18:05
लोग समझने की कोशिश करते हैं। 5% लोग सच
18:09
में समझते हैं। और इसी मिसअंडरस्टैंडिंग
18:12
से दुख, लड़ाई, परेशानियां पैदा होती हैं।
18:16
इसलिए सशन क्या है? हर इंसान से डीप
18:20
अंडरस्टैंडिंग एक्सपेक्ट मत करो। आपको कुछ
18:23
ही लोग सच में समझेंगे। बाकियों से बस
18:27
सीमित तौर पर डील करो और ठीक इसी से आपका
18:30
मन शांत रहेगा। लेसन सिक्स हर बात में
18:34
जल्दी मत करो। धीमी गति मतलब तेज प्रगति।
18:39
ऑथर कहते हैं सबसे बड़ी कला है चीजों को
18:42
धीरे-धीरे करना। क्यों? क्योंकि जो काम
18:45
जल्दबाजी में होता है उसमें गलतियां
18:48
ज्यादा। फ्रस्ट्रेशन ज्यादा, स्ट्रेस
18:52
ज्यादा, रिजल्ट्स खराब। स्लो एंड स्टेडी
18:55
मानसिक शांति देता है। बेहतर डिसीजंस लेने
18:59
देता है। ज्यादा क्रिएटिविटी देता है। काम
19:02
को क्वालिटी देता है। लाइफ एक मैराथॉन है।
19:06
रेस नहीं। जो धीरे चलता है वही दूर तक
19:09
जाता है। लेसन सेवन। अपने इमोशंस के मालिक
19:14
बनो। उनके गुलाम नहीं। ऑथर कहते हैं
19:17
इमोशनल कंट्रोल ही असली ताकत है। इमोशंस
19:21
आपको कब डिस्टर्ब करते हैं? जब कोई आपको
19:23
इग्नोर करता है। जब कोई डिसरिस्पेक्ट करता
19:27
है। जब कोई आपकी तारीफ नहीं करता। जब कोई
19:31
आपकी उम्मीद तोड़ देता है। जब कोई आपको
19:34
गलत समझता है। लेकिन याद रखो इमोशन आपका
19:38
है। उस पर आपका कंट्रोल होना चाहिए। आप
19:42
डिसाइड करो कब रिएक्ट करना है, कैसे
19:45
रिएक्ट करना है, किसके लिए इमोशन रखना है,
19:49
किस चीज कोेंस देनी है। ज्यादातर लोग अपने
19:53
इमोशंस में बह जाते हैं। स्ट्रांग लोग
19:57
इमोशंस को ऑब्जर्व करते हैं। दिस इज
19:59
इमोशनल पावर। लेसन एट। जिंदगी में सबसे
20:04
जरूरी चीज है आपका इनर पीस। ऑथर कहते हैं
20:07
आउटर चीजें बदलती रहती है। पर इनर पीस
20:11
स्थिर होना चाहिए। आपका इनकम बदल सकता है।
20:15
आपका वर्क बदल सकता है। आपके दोस्त बदल
20:19
सकते हैं। आपके रिश्ते बदल सकते हैं। आपका
20:22
मूड बदल सकता है। लेकिन अगर आपके अंदर
20:25
शांति है तो लाइफ अंडर कंट्रोल लगती है।
20:29
इनर पीस कैसे मिलती है? कम चाहत, कम
20:33
ड्रामा, कम गसिप, कम एक्सपेक्टेशन, कम
20:37
कंपैरिजन, कम रिएक्शन और ज्यादा
20:40
ग्रेटट्यूड, डिसिप्लिन, सिंपल लाइफ,
20:43
काइंडनेस, कामनेस, बाउंड्रीज। यह फार्मूला
20:47
परमानेंट, पीस देता है। इस भाग में हमने
20:51
सीखा कि हर बात पर रिएक्ट मत करो। बाहरी
20:55
नॉइज़ कम करो। दिन सिंपल रखो। दूसरों के
20:59
बिहेवियर को अपनी आइडेंटिटी मत बनाओ।
21:02
लोगों से डीप अंडरस्टैंडिंग एक्सपेक्ट मत
21:05
करो। धीरे चलना तेज प्रगति है। इमोशंस को
21:09
कंट्रोल करो। इनर पीस को प्रायोरिटी दो।
21:13
इन हैबिट्स को अप्लाई करते ही लाइफ बहुत
21:16
स्मूथ और पीसफुल हो जाती है। अब तक हमने
21:21
सीखा कि दुनिया कैसे काम करती है। लोग
21:23
कैसे बिहेव करते हैं और माइंड को कैसे
21:26
शांत रखा जाता है। अब इस फाइनल पार्ट पे
21:29
हम सीखेंगे खुश कैसे रहें। खुद को कैसे
21:32
मजबूत बनाएं। दूसरों की नेगेटिविटी से
21:34
कैसे बचें? अपने दिमाग को कैसे कंट्रोल
21:37
करें? अच्छा जीवन कैसे जिए और जीवन का
21:41
असली मीनिंग कैसे समझें। यह हिस्सा आपको
21:45
एक कंप्लीट मेंटल फ्रेमवर्क देगा। लेसन वन
21:49
खुशी का पहला नियम सिंपल चीजों में खुशी
21:52
ढूंढो। ऑथर कहते हैं जितनी सिंपल चीजों से
21:56
आपको खुशी मिलेगी उतनी ही आपकी लाइफ खुश
21:59
रहेगी। आज बहुत लोगों की प्रॉब्लम यह है
22:02
कि वे हैप्पीनेस। बहुत बड़ी जगह ढूंढते
22:05
हैं। बड़ी खरीदारी, बड़ी सैलरी, बड़ा
22:08
स्टेटस, बड़ी उपलब्धि, बड़ा लग्जरी। लेकिन
22:12
असली खुशी कहां मिलती है? शांत सुबह,
22:15
अच्छा खाना, अच्छा हेल्थ, छोटी-छोटी
22:18
अचीवमेंट्स, अच्छी किताब, अच्छा नेचर वॉक,
22:22
अच्छे फ्रेंड्स, मीनिंगफुल रूटीन, शांति
22:25
का एक पल। सिंपल हैप्पीनेस इज लॉन्ग टर्म
22:29
हैप्पीनेस। अगर सिंपल चीजें आपको खुश कर
22:32
सकती हैं, तो लाइफ में कभी शॉर्टेज नहीं
22:35
होगी। लेसन टू पीसफुल लाइफ मतलब लो ड्रामा
22:40
लाइफ। ऑथर कहते हैं जितना ड्रामा कम उतनी
22:44
पीस ज्यादा। ड्रामा किससे आता है? गुस्से
22:47
वाले लोग। गसिप करने वाले लोग, जेलसी, ओवर
22:52
एक्सपेक्टेशन, अननेसेसरी आर्गुमेंट्स,
22:55
ओवरथिंकिंग, ईगो, कंपैरिजन, शो ऑफ,
22:59
टॉक्सिक, रिलेशनशिप्स। अगर आप इन 10 चीजों
23:02
को लाइफ से कम कर दें, आपकी लाइफ खुद ब
23:06
खुद बेहतर हो जाएगी। ड्रामा कम करो और पीस
23:10
बढ़ाओ। लेसन थ्री अपनी आइडेंटिटी को
23:13
दूसरों की नजरों पर मत रखो। ऑथर कहते हैं
23:17
दूसरे आपके बारे में क्या सोचते हैं? यह
23:19
उनका माइंड है। आपकी आइडेंटिटी नहीं। लोग
23:22
जज करेंगे हर हाल में। कभी आपके लुक्स पर,
23:26
कभी आपके पैसे पर, कभी आपके डिसीजंस पर,
23:29
कभी आपके ड्रीम्स पर। लेकिन स्मार्ट लोग
23:32
क्या करते हैं? वे अपनी आइडेंटिटी दूसरों
23:35
की नजरों में नहीं बल्कि अपने एक्शंस में
23:38
बनाते हैं। एग्जांपल आपको पता है आप हार्ड
23:42
वर्किंग हो। आपको पता है आप ऑनेस्ट हो।
23:45
आपको पता है आप कैपेबल हो। आपको पता है आप
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सिंसियर हो। बस वही काफी है। लोगों के
23:52
वर्ड्स परमानेंट नहीं होते। आपका कैरेक्टर
23:55
परमानेंट होता है। लेसन फोर अकेला समय
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मतलब सेल्फ अपग्रेड टाइम। ऑथर अकेलेपन को
24:03
पनिशमेंट नहीं पावर कहते हैं। वह कहते हैं
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अलोन टाइम सबसे बड़ा गिफ्ट है। अगर आप उसे
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सही तरीके से उपयोग करो। अकेले समय में
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आपके अपने थॉट्स क्लियर कर सकते हो। अपने
24:16
फ्यूचर की प्लानिंग कर सकते हो। अपनी
24:18
मिस्टेक्स एनालाइज कर सकते हो। स्किल्स
24:21
सीख सकते हो। अपनी हैबिट सुधार सकते हो।
24:25
अपनी लाइफ डायरेक्शन फिक्स कर सकते हो।
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अलोन टाइम इंटरनल ग्रोथ देता है जो लोगों
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के बीच संभव नहीं। रिमेंबर भीड़ कैरेक्टर
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बिगाड़ती है। एकांत कैरेक्टर बनाता है।
24:40
लेसन फाइव जिंदगी में सबसे बड़ी कला है कम
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बोलना और ज्यादा समझना। ऑथर कहते हैं लोग
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बोलते ज्यादा है। सोचते कम है। ज्यादा
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बोलने से प्रॉब्लम्स आती हैं। गलत बातें
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निकल जाती है। मिसअंडरस्टैंडिंग बढ़ती है।
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फाइट्स हो जाती है। लोग बाउंड्रीज क्रॉस
25:00
कर देते हैं। रिग्रेट होता है। लेकिन कम
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बोलना डिग्निटी देता है। मैच्योरिटी
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दिखाता है। विज़डम बढ़ाता है।
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मिसअंडरस्टैंडिंग कम करता है। लोगों पर
25:11
असर छोड़ता है। रिस्पेक्ट बढ़ाता है। अ वाइस
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पर्सन लिसंस अंडरस्टैंड्स देन रिस्पांस।
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यह कम्युनिकेशन का असली रूल है। लेसन
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सिक्स दुनिया में बहुत कम लोग सच्चे होते
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हैं। उन्हें पहचान कर वैल्यू दो। ऑथर कहते
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हैं इंसानों में वैरायटी है। लेकिन सच्चे
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लोग रेयर हैं। कौन है रेयर लोग? जो आपकी
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अनुपस्थिति में भी आपका अच्छा बोले। जो
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आपकी सक्सेस से जले नहीं। जो आपको यूज ना
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करें, जो आपकी ग्रोथ में खुश हो, जो आपकी
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बाउंड्रीज समझे, जो आपकी प्राइवेट बात
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प्राइवेट रखें, जो आपकी मदद बिना किसी
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सेल्फिश रीजन के करें। यह लोग लाइफ में
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ब्लेसिंग्स जैसे होते हैं। ऐसे लोगों को
26:00
पहचान कर वैल्यू देना चाहिए। मेजरिटी
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सुपरफिशियल है। माइनॉरिटी रियल है। रियल
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लोगों को लाइफ में जगह दो। लेसन सेवन अपनी
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सोच को प्रोटेक्ट करो। थॉट प्रोटेक्शन इज
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पीस प्रोटेक्शन। ऑथर कहते हैं आपका माइंड
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आपका घर है। उसे हर किसी के लिए मत खोलो।
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कौन आपकी सोच खराब करता है? नेगेटिव लोग,
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डर पैदा करने वाले लोग, बहुत ओपिनियनटेड
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लोग, जजमेंटल लोग, जेलसी वाले लोग, गसिप
26:34
कल्चर, कंपैरिजन कल्चर, सोशल मीडिया
26:37
ओवरलोप। माइंड एक गार्डन है। रॉन्ग इनपुट
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लीड्स टू वीड्स, राइट इनपुट लीड्स टू
26:45
फ्लावर्स। इसलिए आपका सर्कल छोटा हो पर
26:48
क्लीन हो। आपकी इन कम हो पर यूज़फुल हो।
26:52
आपकी डे सिंपल हो, प्रोप्रोडक्टिव हो,
26:55
माइंड को जितना साफ रखोगे, लाइफ उतनी ही
26:58
क्लियर लगेगी। लेसन नंबर एट लाइफ में दो
27:02
रूल्स फॉलो करो और पीस मिल जाएगी। ऑथर के
27:06
दो गोल्डन रूल्स। रूल नंबर वन कम चाहो। कम
27:10
डिजायर मतलब कम टेंशन। रूल नंबर टू कम
27:13
बोलो। कम बोलना मतलब कम ट्रबल। इन्हें
27:16
फॉलो करो। लाइफ अपनी जगह पर आ जाएगी। लेसन
27:20
नंबर नाइन खुश रहने के लिए खुद के साथ
27:23
अच्छा रिश्ता बनाओ। ऑथर कहते हैं जो इंसान
27:27
खुद से खुश है दुनिया उसे परेशान नहीं कर
27:30
सकती। आप खुद अपने साथ खुश कैसे हो सकते
27:33
हो? खुद से पॉजिटिव बात करो। खुद को
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क्रिटिसाइज मत करो। अपनी ग्रोथ पर फोकस
27:39
करो। अपनी मिस्टेक्स स्वीकार करो। अपने
27:43
लिए अच्छा प्लान बनाओ। खुद को इंप्रूव
27:45
करो। खुद को एप्रिशिएट करो। अगर आपका
27:48
रिश्ता खुद से अच्छा है तो आउटसाइड वर्ल्ड
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आपको डिस्टर्ब नहीं कर सकती। स्ट्रांग
27:54
माइंड मतलब पीसफुल लाइफ। इस फाइनल पार्ट
27:58
में आपने सीखा सिंपल खुशियां सबसे बड़ी
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खुशियां है। ड्रामा कम करो, पीस बढ़ाओ।
28:04
लोगों की ओपिनियन आपकी आइडेंटिटी नहीं।
28:07
अलोन टाइम मतलब सेल्फ अपग्रेड टाइम। कम
28:11
बोलना मतलब ज्यादा विज़डम। रेयर लोगों को
28:14
वैल्यू दो। माइंड को रॉन्ग इनपुट से बचाओ।
28:18
कम चाहो तो ज्यादा खुश रहो। खुद से अच्छा
28:21
रिश्ता बनाओ। ऑथर की फिलॉसफी सिंपल है।
28:25
लाइफ वैसे नहीं बदलती जैसे हम सोचते हैं।
28:28
लाइफ वैसे बदलती है जैसे हम सोचते हैं। आप
28:34
अपने सोच बदलो। लाइफ ऑटोमेटिकली बदल
28:38
जाएगी। थैंक यू।
28:41
ॐ
