Up next in 10
beshak ♥️
Show More Show Less
View Video Transcript0:00
कहो कि मैं सुबह के मालिक की पनाह मांगता
0:03
हूं। हर चीज की बुराई से जो उसने पैदा की
0:06
और अंधेरी रात की बुराई से जब उसका अंधेरा
0:10
छा जाए और गंडों पर पढ़पड़ कर फूंकने
0:13
वालियों की बुराई से और हसद करने वाली की
0:17
बुराई से जब वह हसद करने लगे