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मैंने सुना है मस्जिद नबवी जन्नत का एक
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टुकड़ा है मेरी निगाह को समझा दे हां मेरी
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निगाह को समझा दे जन्नत का टुकड़ा कैसा है
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प्यारे बाबा ये तो बताओ शहर मदीना कैसा है
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रियाज जन्नत की खुशबू से दिल को भी महकाया
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है मस्जिद नबवी का मन भाता मस्जिद नबवी का
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मन भाता हर एक नक्शा ऐसा है देख के जिसको
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जी नहीं भरता शहर मदीना ऐसा
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हैरे बाबा ये तो बताओ शहर मदीना कैसा है
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प्यारे बाबा ये तो बताओ शहर मदीना कैसा है
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आंखों को जो ठंडक बख्शे आंखों को जो ठंडक
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बख्शे गुंबद खजरा ऐसा है शहर मदीना प्यारा