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एक समय की बात है भावपुर के घने जंगल में
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हाथी, सियार, बंदर, भालू, गौरया, हिरण तथा
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लोमड़ी सभी मित्र भाव से सभी मिलजुलकर
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रहते थे और वे सभी कठिन परिस्थिति में भी
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एक दूसरे का काम आते थे। उन जानवरों में
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हाथी सबसे विशाल शरीर वाला भारीभरकम जानवर
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था तथा लोमड़ी सबसे होशियार था। हाथी अपनी
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शक्ति के लिए जाना जाता था तथा लोमड़ी
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अपनी बुद्धिमानी के लिए प्रसिद्ध था। जंगल
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के सभी जानवर पानी पीने के लिए पास के नदी
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में जाते थे। एक दिन हाथी पानी पीने के
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लिए नदी के पास गया था। तो वहां उसने देखा
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कि लोमड़ी एक छोटी सी पेड़ के पीछे छिप के
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सब कुछ देख रही है। यह बात को हाथी ने देख
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लिया और उसे बुलाया और पूछा लोमड़ी बहन
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तुम यहां छिप कर क्या कर रही हो? हाथी भाई
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मैंने सुनी है कि इस जंगल में एक बड़ा शेर
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आया है और मैं उसके डर से यहां छिपी हुई
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हूं। हाथी ने हंसते हुए कहा, "मेरे को
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रहते हुए तुझे डरने की कोई जरूरत नहीं है।
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मैं तुमसे ज्यादा बड़ा और मजबूत हूं। मैं
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शेर से भी लड़ सकता हूं। लोमड़ी ने चतुराई
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से जवाब दिया, बिल्कुल हाथी भाई। आप वाकई
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में बहुत बलवान हो। लेकिन शक्ति ही सब कुछ
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नहीं होती। बुद्धि भी जरूरी है। हाथी ने
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कुछ सोचा और कहा, ठीक है। लोमड़ी बहन तुम
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सही कह रही हो। लेकिन मुझे भी इस शेर से
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निपटने का एक तरीका सोचना होगा। लोमड़ी ने
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शेर से बचने के लिए एक योजना बनाई। उसने
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कहा, हाथी भाई तुम शेर से सीधे लड़ना जबकि
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मैं उसके ध्यान को बांटने की कोशिश
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करूंगा। उसका ध्यान भटकाने का काम करूंगी।
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हाथी ने सहमति में हां में हां मिलाई। जब
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शेर जंगल में भटक रहा था, तभी अचानक से
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हाथी ने शेर को ललकारा और उससे भीड़ गया।
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शेर भी कहां पीछे रहने वाला था। वह भी
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हाथी को देखकर उससे लड़ने लगा। जबकि
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लोमड़ी ने शेर के पीछे जाकर जोर-जोर से
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चिल्लाना शुरू कर दिया। शेर ने जब लोमड़ी
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की बहुत तेज चिल्लाते हुए आवाज सुनी और
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उसकी ओर मुड़ गया। इसी मौके का फायदा
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उठाकर हाथी ने शेर पर जोरदार धक्का दे
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दिया। शेर अपने को दोनों ओर से घिरा देखकर
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वह समझ गया कि मैं आज फंस गया हूं और वह
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तेज गति से जंगल में भागने लगा। और इस
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प्रकार लोमड़ी ने अपनी तेज बुद्धि से शेर
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को भगा दिया। हाथी ने लोमड़ी की
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बुद्धिमानी की जबरदस्त सराहना की और कहा
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तुमने साबित कर दिया कि ताकत और बुद्धि
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दोनों ही महत्वपूर्ण है। लोमड़ी
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मुस्कुराते हुए बोली एकता में ही बल है
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हाथी भाई और हाथी और लोमड़ी ने मिलकर जंगल
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में फिर से शांति स्थापित की। बच्चों अपने
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इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ताकत
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के साथ-साथ बुद्धिमानी भी जरूरी होती है
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और दोस्ती में एकता हमेशा जीत दिलाती है।