ILLUSIONS by Richard Bach एक ऐसी किताब है
जो हमें सिखाती है कि हमारी सोच ही हमारी दुनिया बनाती है।
हम अपनी कल्पना से कहीं ज़्यादा शक्तिशाली हैं—
लेकिन हम यह ताकत भूल चुके हैं।
इस वीडियो में हमने Illusions की पूरी कहानी
चार आसान हिस्सों में समझाई है—
बिना कठिन शब्दों के,
सिर्फ simple और practical सीखों के साथ।
इस summary में आप सीखेंगे—
कैसे आपका विश्वास आपकी reality बनाता है
कैसे डर सिर्फ एक भ्रम है
क्यों हर व्यक्ति एक teacher है
कैसे आप अपने अंदर की शक्ति को जागृत कर सकते हैं
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कभी-कभी एक मुलाकात ही पूरी जिंदगी बदल देती है।
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आसमान खुला था, हवा साफ थी और एक छोटे से पीले रंग के विमान में उड़ रहा था एक आदमी
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रिचर्ड पार्क। रिचर्ड एक पान स्टार्मर था। मतलब ऐसा पायलट जो छोटे-छोटे शहरों में
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जाता, लोगों को हवाई जहाज की छोटी सैर करवाता और फिर अगले खेत पर उड़ जाता। उसकी
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जिंदगी में कोई बड़ी एंबिशन नहीं, कोई बड़ा लक्ष्य नहीं। बस उड़ान, थोड़ा काम,
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थोड़ी कमाई, फिर दोबारा उड़ान। रिचर्ड को लगता था कि जीवन बस इतना ही है। जहां हवा
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ले जाए वह चला जाए। लेकिन कई बार आसमान में उड़ते-उड़ते इंसान की किस्मत भी उड़ान
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भर लेती है। रिचर्ड के साथ यही हुआ। उस दिन जब वह कंसास के पास एक छोटे खेत में
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उतरा तो उसने देखा वहां एक और प्लेन खड़ा है। चमकदार नीला रंग बिल्कुल शांत और उसके
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पास एक आदमी आराम से बैठा हुआ। रिचर्ड को आश्चर्य हुआ कौन पायलट इस वीराने में उतरा
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होगा और यहीं से उसकी जिंदगी बदलने लगी।
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टोनल्ड शिमोडा वो इंसान जो आम नहीं था। रिचर्ड पास गया और उसने देखा कि वह आदमी
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मुस्कुरा रहा था। एक ऐसी मुस्कान जिसे वह रिचर्ड को लंबे समय से जानता हो। उसका नाम
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था डोनल्ड शिमोडा। पहली नजर में वह भी रिचर्ड जैसा ही पान स्टॉर्मर लगता था। वही
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कपड़े वही काम वही दुनिया। लेकिन कुछ तो
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अलग था। डोनल्ड की आंखों में एक अजीब चमक थी। बिल्कुल शांत। बिल्कुल स्थिर जैसे
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उसने दुनिया को भीतर से देख लिया हो। रिचर्ड को उसके पास अजीब सी शांति महसूस
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हुई। जैसे यह कोई साधारण आदमी ना हो जैसे वह बहुत गहरी समझ रखता हो। दोनों ने थोड़ी
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बातचीत की और यहीं से उनकी दोस्ती शुरू हो गई। लेकिन रिचर्ड को पता नहीं था कि यह इंसान
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वही है जिसकी तलाश अनगिनत लोग करते हैं। एक इंसान जिसके पास जीवन के असली रहस्य
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हैं। कुछ दिनों तक रिचर्ड और डोनल्ड एक साथ
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उड़ते रहे। एक साथ खेतों में उतरते रहे और एक साथ लोगों को हवाई सैर करवाते रहे।
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धीरे-धीरे रिचर्ड को महसूस हुआ कि डोनाल्ड में कुछ अनोखी शक्ति है। वह चीजों को होने
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से पहले ही जान लेता था। उसकी बातें एकदम सीधी लेकिन गहरी होती थी। वह किसी भी
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स्थिति में बिल्कुल शांत रहता था। और फिर एक दिन डॉलर ने एक ऐसा सच बताया जिससे
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रिचर्ड की सांस रुक गई। उसने कहा मैं एक मसीहा था। रिचर्ड स्तब्ध रह गया। डॉनल ने
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आगे कहा मसीहा का मतलब जादूगर नहीं होता। मसीहा का मतलब है वह इंसान जो लोगों को
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उनकी सच्चाई याद दिलाए। लेकिन मैंने यह पद छोड़ दिया है क्योंकि लोग सच सुनना नहीं
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चाहते थे। वे चमत्कार चाहते थे। वे चाहते थे कि कोई उनकी समस्या हल कर दे लेकिन खुद
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बदलना नहीं चाहते थे। रिचर्ड को यह सुनकर लगा कि उसने वाकई एक असामान्य इंसान से
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मुलाकात की है। एक ऐसा इंसान जो खुद अपनी भूमिका छोड़कर साधारण जिंदगी जी रहा है।
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लेकिन डोनल को पता था कि रिचर्ड साधारण नहीं है। वह उसे सिखाने आया था।
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एक दिन डोनल ने रिचर्ड को एक छोटी सी किताब दी। उस किताब का नाम था द मसीहास
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हैंडबुक। यह किताब बेहद अजीब थी। ना पेज नंबर, ना अध्याय, ना कोई शुरुआत, ना कोई
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अंत। डोनल्ड ने कहा, यह किताब तब जवाब देती है जब तुम सही सवाल पूछते हो। इसे
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खोलो और जो पहली लाइन मिले, वह तुम्हारे आज की जिंदगी के लिए संदेश है। रिचर्ड ने
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किताब खोली और जो पहला वाक्य मिला, वह उसके दिल को हिला गया। तुम वही जीवन जी
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रहे हो जिसे तुमने खुद चुना है। रिचर्ड को लगा यह कैसे सच हो सकता है? क्या उसका हर
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अनुभव, हर तकलीफ, हर रास्ता उसकी ही पसंद था? किताब शांत थी। लेकिन उसकी एक ही लाइन
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रिचर्ड की पूरी सोच हिला रही थी। डोनल ने कहा हम सोचते हैं कि जिंदगी हमारे
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साथ होती है। लेकिन सच यह है कि जिंदगी वही बनती है जो हम हर पल चुनते हैं। हम
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कैसे सोचते हैं, कैसे महसूस करते हैं। किस पर विश्वास करते हैं वही हमारी हकीकत बन
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जाता है। रिचर्ड ने कहा, "अगर मैं कुछ और चुनना चाहूं। एक नई शुरुआत, एक अलग
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भविष्य। डोनल्ड मुस्कुराया तो बस चुन लो। जिंदगी तुम्हारे चुनाव का सम्मान करती है।
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शुरुआत सोच से होती है। अंत हिम्मत से। यह शब्द रिचर्ड के मन में बस गया।
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डोनल्ड का पहला लेसन अट्रैक्शन की शक्ति। डोनाल्ड ने सिखाया। दुनिया एक मिरर है।
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तुम जैसा सोचते हो वैसे ही तुम्हारी ओर खिंचाता है। अगर तुम देखते हो डर बढ़ेगा।
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अगर शक देखते हो शक बढ़ेगा। अगर तुम सफलता चाहते हो लेकिन भीतर से मानते नहीं तो
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सफलता कभी नहीं। रिचर्ड चुप था। यह उसके लिए एक नया सच था। टोनल ने कहा जिस तरह
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तुम प्लेन को डायरेक्शन देते हो उसी तुम्हारी उसी तरह तुम्हारी सोच तुम्हारी
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जिंदगी की को दिशा देती है। एक शाम रिचर्ड के प्लेन का एक हिस्सा टूट
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गया। वह परेशान हो गया। अब आज उड़ नहीं सकता। डोनल ने शांत होकर कहा, "अगर तुम
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मानो कि इसे ठीक किया जा सकता है, तो यह ठीक हो जाएगा।" रिचर्ड झुंझुलाहट से बोला
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मुझे रिपेयर करना नहीं आता। डोन ने कहा शुरुआत विश्वास से होती है। बाकी रास्ता
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खुद आता है। रिचर्ड ने अनमने मन से कोशिश की और प्लेन ठीक हो गया। रिचर्ड चकित था
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यह कैसे हुआ? डोनाल्ड ने बस इतना कहा जो तुम संभव मानते हो वह संभव हो जाता है। उस
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रात रिचर्ड एक पेड़ के नीचे बैठा तारों की तरफ देख रहा था। डोनाल्ड सो चुका था।
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लेकिन रिचर्ड के मन में बार-बार वही बातें घूम रही थी। क्या जिंदगी सच में इतनी
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सिंपल हो सकती है? क्या हम अपनी सोच से अपनी रियलिटी बना सकते हैं? क्या अब तक वह
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अपनी क्षमता को नहीं पहचान पाया था? उसने दोबारा मसीहास हैंडब खोली। इस बार लिखा
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था, तुम किसी सीमा में बंधे नहीं हो। सीमाएं सिर्फ वे हैं जिन्हें तुम्हें
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तुमने स्वीकार कर लिया है। रिचर्ड ने किताब बंद कर दी। उसके भीतर एक अजीब सी
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हलचल थी। एक नई शुरुआत की हलचल। क्योंकि कल सुबह डोनल्ड उसे उस सच की अगली परत
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दिखाने वाला था। अगली सुबह रिचर्ड ने अपनी आंखें खोली तो
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देखा कि डोनल्ड पहले से जाग चुका है। वह खेत की घास पर बैठा। किसी चीज को शांत मन
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से देख रहा था। जैसे ध्यान में हो जैसे दुनिया उससे बात कर रही हो। रिचर्ड पास
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गया और डोनल्ड ने मुस्कुरा कर कहा तुम तैयार हो? आज जो सीखना है वह तुम्हारी
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जिंदगी बदल देगा। रिचर्ड को लगा जैसे वह किसी नई कक्षा में प्रवेश कर रहा है। जहां
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किताबें नहीं बल्कि अनुभव सिखाते हैं। लेसन वन हम वही देखते हैं जो देखने के लिए
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तैयार होते हैं। डोनल ने एक छोटा सा पत्थर उठाया और रिचर्ड को दिया। इसे देखो। उसने
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कहा, रिचर्ड ने पत्थर देखा। इसमें क्या खास है? यह तो साधारण सा कंकड़ था। डोनल
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हसा हमारी दुनिया भी ऐसी ही दिखती है। दिखती है। साधारण अगर तुम उसे साधारण मानो
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और जादुई अगर तुम उसके जादू को पहचानो। रिचर्ड चुप रहा। डोनल ने धीरे से कहा,
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रियलिटी एक मूवी स्क्रीन है। तुम्हारी सोच प्रोजेक्टर है। तुम जैसा सोचते हो, तुम
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वैसी दुनिया बनाते हो। फिर उसने पत्थर को हवा में उछाला और पत्थर रुक गया। हवा में
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बिना गिरते हुए। रिचर्ड की आंखें फैल गई। यह कैसे संभव है? डोनल ने कहा, देखो
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चमत्कार नहीं है। यह बस परसेप्शन है। तुम जो देखने के लिए तैयार हो, वही तुम्हें
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दिखता है। कुछ क्षण बाद डोनल ने उंगली हिलाई और पत्थर धीरे से जमीन पर गिर गया।
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रिचर्ड के भीतर कुछ टूट रहा था। उसकी पुरानी मान्यताएं, उसका पुराना विश्व
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दृष्टिकोण सब बदल रहा था। लेसन टू
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प्रॉब्लम्स एकिस्ट ओनली इफ यू अलाउड देम। दिन में रिचर्ड का विमान फिर से एक छोटी
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सी दिक्कत देने लगा। वह तुरंत परेशान हो गया। डोनल्ड यह प्लेन हमेशा मेरा टेस्ट
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लेता है। डोनल्ड ने कहा प्लेन नहीं तुम अपने खुद के बिलीफ से लड़ रहे हो। रिचर्ड
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नाराज हुआ। मैं यह नहीं मान सकता कि हर चीज मेरी सोच से बनती है। डॉनल ने शांत
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स्वर में कहा अगर तुम मानो कि समस्या बड़ी है तो वह बड़ी है। अगर तुम मानो कि समस्या
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छोटी है तो वह छोटी है। अगर तुम मानो कि कोई समस्या है ही नहीं तो वह होती ही
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नहीं। रिचर्ड चुप हो गया। डोनल्ड आगे बोला दुनिया तुम्हारे विश्वासों की कॉपी बनती
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है। कॉपी बनाती है। तुम्हारे अंदर जो है वही बाहर दिखता है। फिर डोनल्ड ने कहा अब
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प्लेन ठीक करो लेकिन कोशिश नहीं। विश्वास करके रिचर्ड ने मन शांत किया। सोचा यह
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आसान है। मैं इसे कर सकता हूं। और कुछ मिनट बाद प्लेन बिल्कुल ठीक था। रिचर्ड को
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समझ आ रहा था शक्ति बाहर नहीं अंदर है। लेसन थ्री तुम लोगों को बदलने नहीं आए हो।
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दोपहर में वे दोनों एक छोटे शहर में पहुंचे जहां कुछ लोग डोनल्ड से चमत्कार
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देखने की मांग कर रहे थे। दिखाओ कुछ जादू। कुछ असाधारण करो। हमें साबित करो कि तुम
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खास हो। डोनल्ड मुस्कुराता रहा। वह ना टोका ना झल्लाया। बस शांत खड़ा रहा।
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रिचर्ड चिढ़ गया। अगर तुम कर सकते हो तो उन्हें दिखा क्यों नहीं देते? डोनल ने कहा
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लोग चेंज के लिए नहीं आते। वे एंटरटेनमेंट के लिए आते हैं। अगर मैं उन्हें चमत्कार
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दिखाऊंगा तो अगले चमत्कार की मांग करेंगे। चमत्कार उनकी जिंदगी नहीं बदलता। समझ
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बदलती है। रिचर्ड को लगा जैसे यह लाइन उसके दिल पर लिख दी गई हो। डोनल ने आगे
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कहा, "तुम इस दुनिया में लोगों को बदलने नहीं आए हो।" तुम यहां आए हो खुद को जानने, खुद को
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समझने और अपनी शक्ति को याद करने। लेसन फोर हर इंसान एक टीचर उस शाम दोनों एक
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पहाड़ी पर बैठे थे। हवा धीरे से चल रही थी। डोनल ने कहा रिचर्ड हर इंसान जो
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तुम्हारी जिंदगी में आता है तुम्हें कुछ ना कुछ सिखाने आता है। कुछ प्यार से कुछ
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तकलीफ से कुछ धोखे से कुछ दोस्ती से। रिचर्ड ने सोचा क्या उसकी जिंदगी में आए
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हर व्यक्ति वास्तव में एक टीचर था। डोनल ने कहा कभी शिकायत मत करना कि किसी ने
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तुम्हारे साथ बुरा किया। उस इंसान का रोल सिर्फ तुम्हें मजबूत बनाना था। जिंदगी में
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कोई भी इवेंट रेंडम नहीं होता। हर घटना हर व्यक्ति तुम्हारी ग्रोथ का हिस्सा है।
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रिचर्ड की आंखें नम हो गई। उसे कई पुराने चेहरे याद आए। लोग जिन्होंने उसे दुख
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दिया, लोग जिन्होंने उसे अकेला छोड़ा, लोग जिन्होंने उसका मजाक उड़ाया। क्या वे भी
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शिक्षक थे? डोनल ने कहा टीचर्स दो तरह के होते हैं जो तुम्हें उठाते हैं और जो
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तुम्हें धक्का देते हैं। लेकिन दोनों तुम्हें आगे बढ़ाते हैं। लेसन फाइव
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आप वही अट्रैक्ट करते हैं जो आप बिलीव करते हैं। रात होने लगी तारे आसमान में
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चमक रहे थे। दोनों चुप थे। फिर डोनल ने पूछा रिचर्ड तुम क्यों उड़ते हो? रिचर्ड
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ने कहा क्योंकि मुझे उड़ान पसंद है। आजादी से भरा हुआ एहसास। देता है। टोनल ने कहा
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जिंदगी भी उड़ान है लेकिन बहुत से लोग डर के कारण उड़ान ही नहीं भरते। वे जमीन पर
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ही रहते हैं क्योंकि उन्हें विश्वास नहीं होता कि वे उड़ सकते हैं। फिर डोनल्ड ने
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धीरे से कहा तुम्हें सिर्फ वही मिलता है जिसके लिए तुम तैयार हो। जिंदगी में यह
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नियम कभी नहीं टूटता। रिचर्ड सोच में पड़ गया। आज तक वह मानता था कि चीजें संयोग से
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होती है। लेकिन डोनाल्ड कह रहा था कि सब चुनौतियां और सब अवसर उन्हीं लोगों के पास
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जाते हैं जिनकी सोच उन्हें अट्रैक्ट करती है। यह सुनकर रिचर्ड को पहली बार
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रियलाइजेशन हुआ। अगर मैं छोटी सोच रखता हूं तो जिंदगी भी छोटी ही होगी। अगर मैं
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बड़ी सोच रखता हूं तो दुनिया भी बड़ी बन जाएगी। लेसन सिक्स लेटिंग गो छोड़ना भी सीखना
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पड़ता है। डोनल ने कहा रिचर्ड एक बात समझो जो लोग तुम्हारी जिंदगी से चले जाते हैं
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वे तुम्हारी ग्रोथ पूरी कर चुके होते हैं उनका रोल खत्म हो चुका होता है। रिचर्ड की
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आंखों में दर्द था क्योंकि उसके दिल में कुछ पुराने घाव थे। डोनाल्ड ने आगे कहा
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अगर लोग तुम्हें छोड़कर चले गए तो इसका मतलब है कि तुम आगे बढ़ने के लिए तैयार थे
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और वे तुम्हारी ग्रोथ में रुकावट बनने लगे थे। रिचर्ड ने गहरा सांस लिया। डोनल बोला
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जिंदगी में केवल वही लोग रहते हैं जो तुम्हारी जर्नी से मेल खाते हैं। बाकी सब
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एक समय पर अलग हो जाते हैं और यह परफेक्टली ठीक है। रिचर्ड ने महसूस किया
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कि छोड़ने में भी एक तरह की शांति होती है। लेसन से योर विज क्रिएट्स योर वर्ल्ड।
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डोनल ने रिचर्ड से कहा एक बात हमेशा याद रखना तुम जिस चीज पर ध्यान देते हो वह तुम
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बड़ी बना देते हो अगर तुम प्रॉब्लम्स पर ध्यान दोगे प्रॉब्लम्स बढ़ेंगी अगर सशंस
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पर ध्यान दोगे सशंस मिलेंगे रिचर्ड ने पूछा अगर मेरे पास विज़न ही ना हो डोनल
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बोले तो तुम्हें वही जिंदगी मिलेगी जो दूसरों का विज़ तुम पर थोप देगी इसलिए विज़
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क्लेरिटी से रखो और उसे उसे बिलीव करो। लेसन एड रियलिटी इज एन इल्ल्यूजन। डोनल ने
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रिचर्ड की ओर देखा और बहुत शांत आवाज में बोला रिचर्ड यह दुनिया, यह आसमान, यह खेत,
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यह शरीर सब इल्लुजन है। एक ब्यूटीफुल मीनिंगफुल लिविंग इल्लुजन। रिचर्ड ने
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हैरानी से पूछा, तो क्या कुछ भी सच नहीं है? टर्नल मुस्कुराया, सच वह है जो
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तुम्हारे अंदर से तुम्हें अंदर से बदल दे। बाकी सब चेंज होता रहता है। रिचर्ड ने
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पूछा क्या मैं भी इल्लुजन हूं? डोनल ने उत्तर दिया तुम इल्लुजन नहीं। तुम वह
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जागरूकता हो जो इल्लुजन को देख रही है। तुम क्रिएटर हो। दुनिया तुम्हारी क्रिएशन
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है। और जब क्रिएटर सो जाता है तो इल्लुजन उसे कंट्रोलिंग लगने लगता है। रिचर्ड को
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लगा जैसे कोई उसकी आत्मा पर धीरे से हाथ रख रहा हो।
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लेसन नाइन उड़ना सीखना सच में उड़ना और फिर डोनल ने वह बात कही जो रिचर्ड के जीवन
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की दिशा सदा के लिए बदलने वाली थी। रिचर्ड क्या तुम उड़ना सीखना चाहते हो? रिचर्ड
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हंस पड़ा। मैं पहले ही पायलट हूं। डोनल ने कहा, प्लेन से नहीं बिना प्लेन के आसमान
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में उड़ना। रिचर्ड की सांस रुक गई। क्या वह मजाक कर रहा था? लेकिन डोनल्ड के चेहरे
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पर गंभीरता थी। एकदम शांत स्थिर विश्वास से भरा हुआ। रिचर्ड ने हल्के डर से पूछा
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क्या यह संभव है? डोनल बोले अगर तुम बिलीव करते हो कि यह असंभव है तो यह असंभव है।
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अगर तुम बिलीव करते हो कि यह संभव है तो यह संभव है। रिचर्ड की दुनिया जैसे एकदम
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रुक गई हो। और पार्ट टू यहीं खत्म होता है जब रिचर्ड
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खड़ा है एक ऐसे लेसन के डोरवे पर जो उसके जीवन की सबसे बड़ी सीख बनने वाला है
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क्योंकि अब डोनल्ड उसे उड़ना सिखाने वाला था।
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रात का आसमान गहरा नीला था। तारी शांत थी और खेत बिल्कुल खाली। रिचर्ड और डोनल्ड
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अकेले खड़े थे। मनो ब्रह्मांड उस पल को देख रहा हो। रिचर्ड के मन में एक्साइटमेंट
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भी थी और डर भी। डोनल्ड ने उसकी आंखों में वही भाव पढ़ लिए। वेब बोला रिचर्ड उड़ना
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कठिन नहीं है। कठिन है अपने पुराने विश्वासों को छोड़ना। रिचर्ड ने हल्की
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हंसी के साथ कहा, तो क्या मैं बस मन में कह दूं कि मैं उड़ सकता हूं और मैं उड़ जाऊंगा। डोनल ने शांत स्वर में कहा, अगर
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मन से कहा तो नहीं। अगर आत्मा से महसूस किया तो हां लेसन 10 ट्राइंग स्टॉप्स
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मिरेकल्स ओनली नोइंग क्रिएट्स देम टर्न ने कहा रिचर्ड जिंदगी का सबसे बड़ी रुकावट
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ट्राई करना है क्योंकि जब तुम ट्राई करते हो तुम मानते हो कि यह मुश्किल है लेकिन
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जब तुम नो करते हो तो यह सरल हो जाता है। रिचर्ड ने पूछा मैं
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जान कैसे पाऊं कि मैं उड़ सकता हूं। डोनल्ड ने मुस्कुरा कर कहा उसी तरह जैसे
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तुम जानते हो कि तुम सांस ले सकते हो। रिचर्ड समझ नहीं पाया लेकिन डोनल्ड आगे
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बोला। अगर शक है तो तुम जमीन पर ही रहोगे। अगर विश्वास है तो आसमान भी छोटा पड़
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जाएगा। उसने कहा अब आंखें बंद करो पर दुनिया को भूल जाओ। सिर्फ अपनी उपस्थिति
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को महसूस करो। रिचर्ड का पहला स्पिरिचुअल मोमेंट। रिचर्ड ने आंखें बंद की। हवा शांत
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थी। अंधेरा शांत था। उसकी सांसे धीमी हो रही थी। उसे ऐसा लगा जैसे वह खेत में नहीं
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अपने भीतर उतर रहा है। उसने पहली बार महसूस किया कि उसके विचार उसकी हकीकत को
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शेप कर रहे हैं। डोनल्ड की आवाज आई। अपने शरीर को हल्का महसूस करो। जैसे वह हवा से
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बना हो। जैसे वह रुकावट ना हो जैसे तुम उसी ऊर्जा के बने हो जिससे तारे बने हैं।
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रिचर्ड ने एक हल्का कंपन महसूस किया जैसे उसका शरीर वाकई वजन खो रहा हो और फिर उसने
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हवा को अपने पैरों के नीचे महसूस किया। यह सच था वह उठ रहा था धीरे-धीरे।
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रिचर्ड ने आंखें खोल दी। वह सचमुच जमीन से कुछ इंच ऊपर था। डर के कारण उसका ध्यान
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टूटा और वह तुरंत वापस गिर गया। टर्नल हंस पड़ा, यह शुरुआत है। तुमने खुद को उड़ते
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हुए देखा। अब बाकी विश्वास की यात्राएं लेसन 11 फॉरगिवनेस इज फ्रीडम। नए दिन
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दोनों एक शांत नदी के किनारे बैठे। रिचर्ड के मन में एक सवाल था डोनल्ड अगर विश्वास
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इतना शक्तिशाली है तो फिर लोग दुख क्यों झेलते हैं? डॉनल ने कहा क्योंकि वह अपने
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अतीत का बोझ ढोते रहते हैं। अतीत को पकड़े रहने से वर्तमान भारी हो जाता है। रिचर्ड
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ने पूछा लेकिन फॉरगिवनेस इतना कठिन क्यों है? डोनल्ड ने उत्तर दिया क्योंकि लोग
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सोचते हैं कि फॉरगिवनेस दूसरों को फ्री करता है। सच यह है फॉरगिवनेस तुम्हें फ्री
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करता है। तुम जब किसी को माफ करते हो तो तुम उसके लिए नहीं करते बल्कि अपने लिए
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करते हो। रिचर्ड के मन में कई पुराने चेहरे उभरे हैं। कुछ लोग जिन्होंने उसे
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चोट दी थी। डॉनल ने कहा जो हुआ वह रोल था। तुम्हें सीख देने का रोल। अब वह रूल खत्म
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हो गया। छोड़ दो उसे। रिचर्ड के भीतर कुछ हल्का हुआ जैसे कोई पुराना बोझ गिर गया
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हो। लेसन 12 यू आर नॉट योर पास्ट। यू आर योर चॉइस। डोनल्ड ने एक और गहरी बात कही।
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रिचर्ड तुम अपनी पास्ट नहीं हो। तुम अपनी चॉइसेस हो। तुम जो आज चुनते हो वही
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तुम्हारी डेस्टिनी बनाता है। रिचर्ड ने पूछा अगर मैंने गलत चॉइसेस की हो। डोनल ने
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शांत स्वर में कहा तो सही चॉइसेस चुनने के लिए ठीक यही पल मौजूद है। रिचर्ड के भीतर
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एक क्लेरिटी आई। उसे पहली बार एहसास हुआ कि उसके जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है।
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ना दर्द ना परिस्थितियां ना सीमाएं। सब बदल सकते हैं अगर वह बदलने की हिम्मत रखे।
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लेसन 13 रिस्पांसिबिलिटी इज पावर। फिर रिचर्ड ने वह सवाल पूछा जो अक्सर हम सभी
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पूछते हैं। जिंदगी में बहुत सी चीजें मेरे कंट्रोल में नहीं होती। उनका क्या? डोनल
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ने कहा, यही तो इल्ल्यूजन है। जिंदगी का हर अनुभव तुम्हारी लर्निंग के लिए आता है।
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तुम्हारे पास हमेशा एक चॉइस रहती है। कैसे रिसोंड करना है। फिर उसने वही लाइन दोहराई
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जो मसीहास हैंडबुक में लिखी थी। तुम वही जीवन जी रहे हो जिसे तुमने चुना है।
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रिचर्ड बोला क्या इसका मतलब है कि मेरे साथ हुआ हर दुख मेरी चॉइस थी। टर्नल बोला
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चुनाव अनुभव का नहीं। प्रतिक्रिया का होता है। दुख ने तुम्हें नहीं चुना। तुमने दुख
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से सीखने का फैसला चुना। रिचर्ड गहरी सोच में डूब गया। यह बात कठोर थी। लेकिन सच्ची
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थी। उसने अपनी जिंदगी में कभी रिस्पांसिबिलिटी को पावर की तरह नहीं देखा
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था। लेसन 14 दुनिया एनर्जी है और तुम उसका कंपास हो। उस उस शाम डोनल्ड ने रिचर्ड को
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एक छोटा सा डेमोंस्ट्रेशन दिखाया। उसने अपनी हथेली खोली। उसके ऊपर एक पंख का छोटा
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सा टुकड़ा रखा और रिचर्ड की आंखों के सामने पंख ऊपर उड़ने लगा। रिचर्ड तंग रह
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गया। डोनल बोला रिचर्ड दुनिया में हर चीज एनर्जी है और एनर्जी उस दिशा में बहती है
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जहां तुम्हारा फोकस जाता है। रिचर्ड ने पूछा फिर हम अपनी जिंदगी में गलत लोगों और
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गलत सिचुएशंस को अट्रैक्ट क्यों करते हैं? टर्नल बोला क्योंकि ध्यान डर पर होता है
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ना कि इच्छा पर। जो तुम अवॉइड करना चाहते हो तुम उसी पर जोर लगा देते हो। एनर्जी
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उसको पकड़ लेती है। रिचर्ड ने सिर हिलाया। उसे अपनी कई आदतें समझ आ रही थी जो उसे
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पीछे रोक रही थी। लेसन 15 लाइफ इज नॉट सपोज टू बी हार्ड। अगले सुबह डोनल्ड ने
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रिचर्ड से कहा, रिचर्ड यह ब्रह्मांड तुम्हारे खिलाफ नहीं है। कठिनाई जीवन का
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नियम नहीं है। कठिनाई वह रेजिस्टेंस है जो हम खुद क्रिएट करते हैं। रिचर्ड ने कहा
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लेकिन क्यों हम आसान रास्ता क्यों नहीं चुनते? डोनल ने मुस्कुराकर कहा क्योंकि
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इंसान खुद को प्रूव करना चाहता है। वह अपने ही रास्ते में मुश्किलें डालता है
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ताकि उसे लगे कि उसने कुछ बड़ा किया है। फिर उसने कहा जिंदगी आसान है अगर तुम उसे
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आसान होने दो। रिचर ने महसूस किया कि उसकी बहुत सी चुनौतियां वह खुद पैदा करता था।
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ओवरथिंकिंग से, फियर से, शक से, लेसन 16 लर्निंग टू लेट लाइफ फ्लो। टर्नल ने
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रिचर्ड को नदी के किनारे ले जाकर कहा, देखो इस नदी को। यह मूडों की चिंता नहीं
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करती। यह बहती है और हर रास्ता उसे सागर तक ले जाता है। फिर उसने कहा, जिंदगी में
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फ्लो करने का मतलब है ट्रस्ट करना। अगर तुम्हें फ्लो समझ में आ गया, तो लाइफ
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एफर्टलेस हो जाएगी। रिचर्ड ने धीरे-धीरे महसूस करना शुरू किया कि डोनल्ड सिर्फ
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वर्ड्स नहीं बोल रहा। वह रिचर्ड को एक हायर स्टेट ऑफ अवेयरनेस में ले जा रहा है।
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रात हुई दोनों तारों के नीचे बैठे थे। रिचर्ड को एक आवाज सुनाई दी। अपनी अंदर की
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आवाज उस आवाज ने कहा तुम्हारी जिंदगी डोनल्ड नहीं बदलेगा। तुम बदलोगे तुम्हारा
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विश्वास बदलेगा और उसी क्षण तुम्हारी दुनिया बदलेगी। रिचर्ड ने धीरे से डोनल्ड
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से कहा, "मुझे लगता है मैं उड़ सकता हूं।" डोनल्ड मुस्कुराया। नहीं रिचर्ड, तुम उड़
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सकते ही नहीं। तुम उसके लिए बने हो। और पार्ट थ्री यही समाप्त होता है जब एक
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इंसान पहली बार अपने भीतर की शक्तियों को स्वीकार करता है। अब चलते हैं पार्ट फोर।
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रात का आसमान तारों से भरा था। रिचर्ड और डोनाल्ड मैदान के बीच खड़े थे। हवा हल्की
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शांत और उस पल में कुछ डिवाइन सा था। रिचर्ड के भीतर एक नई ऊर्जा चल रही थी। डर
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भी था पर उसके अंदर विश्वास का एक बीज जम चुका था। डोनल ने उसकी तरफ देखा और कहा
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रिचर्ड आज तुम उड़ोगे लेकिन याद रखना उड़ता शरीर नहीं उड़ती चेतना है। रिचर्ड
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ने गहरी सांस ली। आज तक वह सिर्फ प्लेन उड़ाता था, लेकिन आज उसे खुद उड़ना था।
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डोनल बोला, आंखें बंद करो। अपने शरीर को भूल जाओ। तुम्हारा शरीर तुम नहीं हो। तुम
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सिर्फ अवेयरनेस हो। सिर्फ कॉन्शियसनेस। रिचर ने आंखें बंद की। हवा ने उसके चेहरे
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को हल्के से छुआ। उसने अपने पैरों के नीचे धरती को महसूस किया। धीरे-धीरे वह शरीर से
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अलग सा महसूस करने लगा जैसे कोई और आयाम खुल रहा हो। डोनल की आवाज आई। अब कल्पना
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नहीं करना बस महसूस करना। महसूस करो कि तुम हवा से हल्के हो। तुम बाधा नहीं ऊंचा
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हो। कुछ सेकंड फिर कुछ और। और अचानक रिचर्ड को लगा जैसे जमीन दूर हो रही है।
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उसने आंखें खोल दी। वह जमीन से 3 फीट ऊपर था। डर से उसका कंट्रोल टूट गया और वह
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वापस नीचे उतर गया। डोनल्ड की मुस्कान बहुत शांत थी। डर मत उसने कहा डर विश्वास
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का सबसे बड़ा दुश्मन है। जब डर चाहता है चमत्कार अपने आप दिखाई देते हैं। अ लेसन
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इन फियर और डर सिर्फ एक भ्रम है। रिचर्ड ने पूछा डोनल्ड डर ऐसा क्यों लगता है जैसे
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वह सोच सच हो। टोनल बोला क्योंकि तुम उसे सत्य स्वीकार कर लेते हो। डर सिर्फ
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इमेजिनेशन है जो तुमने खुद को दे दिया है। रिचर्ड ने कहा लेकिन डर बहुत रियल लगता
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है। डोनल ने उत्तर दिया रियल वह है जिसे तुम चुनते हो। अगर तुम चुनते हो डर सच
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लगेगा। अगर तुम विश्वास चुनते हो विश्वास सच लगेगा। रिचर्ड कुछ समझ रहा था। कुछ
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नहीं लेकिन इतना साफ था कि वह भीतर से बदल रहा था।
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अगली सुबह डोनल ने कहा रिचर्ड जीवन एक ड्रीम है लेकिन फर्क यह है कि इस ड्रीम
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में तुम जाग सकते हो। तुम क्रिएटर बन सकते हो। रिचर्ड ने पूछा तो क्या मैं अपनी
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रियलिटी खुद लिख सकता हूं? टर्नल ने कहा, "तुम हमेशा से वही कर रहे हो? बस तुम्हें
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याद नहीं था।" रिचर्ड चुप हो गया। उसे लग रहा था कि वह किसी बहुत बड़े सच के सामने
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खड़ा है। उस शाम डोनल ने रिचर्ड को द मसीहास हैंडबुक दिया। आज इसे आखिरी बार
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खोलो। रिचर्ड ने किताब खोली। पेज पर लिखा था तुम जिस पर विश्वास करते हो वही
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तुम्हारी दुनिया बन जाता है। उसने पेज पलटा। अगली लाइन थी सबसे बड़ी शक्ति। वह
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यह जानना कि तुम्हें किसी शक्ति की जरूरत ही नहीं। एक और पेज जिस दिन तुम खुद को
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समझ जाओगे उसी दिन दुनिया तुम्हें समझना बंद कर देगी और तुम्हारी सुनना शुरू कर
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देगी। रिचर्ड की आंखें भर आई। उसे महसूस हो रहा था कि वह अब वही इंसान नहीं रहा जो
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कुछ दिनों पहले डोनल्ड से मिला था। अचानक वह घटना जिसने रिचर्ड को अकेला छोड़ दिया।
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अगले दिन दोनों उड़ रहे थे। आसमान साफ था। एक छोटा सा शहर सामने था। रिचर्ड ने देखा
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कि नीचे कुछ लोग डोनल्ड के प्लेन के पीछे भाग रहे हैं जैसे वे उसे मसीहा मानते हो।
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रिचर्ड को पुराने दृश्य याद आ गए जो नोडल डोनल ने बताए थे। लोग सीख नहीं चाहते। वे
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चमत्कार चाहते हैं। डोनल नीचे उतरा। कुछ लोग उसका पीछा करने लगे। कोई उसका स्पर्श
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चाहता था। कोई आशीर्वाद, कोई गाइडेंस रिचर्ड असहज हो गया। वह डोनल्ड के पास
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दौड़ा लेकिन तभी एक टकराव हुआ। एक भीड़भाड़ वाले दृश्य में एक गलत कदम, एक
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फिसलन और डोनल्ड का प्लेन हल्के से टकरा गया। रिचर्ड घबरा गया। लोग भी घबरा गए और
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कुछ ही क्षणों में डोनल्ड चला गया। जैसे हवा में घुल गया हो। जैसे वह था ही नहीं।
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जैसे वह हमेशा से सिर्फ एक प्रकाश था जो अपना काम पूरा करके लौट गया। रिचर्ड अकेला
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खड़ा रह गया। खामोशी के बीच उसके पास सिर्फ डोनल्ड की आवाज थी जो उसके भीतर
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गूंज रही थी। जब छात्र तैयार होता है तो शिक्षक जाता है।
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डोनल्ड ने उसे छोड़ा नहीं बल्कि उसे उसके असली स्वरूप तक पहुंचा दिया। रिचर्ड रोया
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नहीं। वह बस शांत रहा। उसे अचानक लगा कि डोनल्ड गया नहीं। वह उसके भीतर है। उसकी
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सीख, उसकी बातें, उसका विश्वास सब उसके भीतर जिंदा है। रिचर्ड ने पहली बार समझा
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डोनल्ड उसे उड़ाना नहीं सिखा रहा था। वह उसे स्वतंत्र बनना सिखा रहा था। वह उसे
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विश्वास की ताकत याद दिला रहा था। वैसे वह उसे बता रहा था यह शक्तियां किसी खास
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व्यक्ति की नहीं हर इंसान की है। कुछ दिनों बाद रिचर्ड ने अकेले एक शांत जगह पर
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विमान उतारा। उसने आकाश को देखा। हवा को महसूस किया। अपने भीतर उतर गया और फिर
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डोनल्ड की सीधी आवाज आई। उसके भीतर से। तुम कभी अकेले नहीं थे। तुम हमेशा पावरफुल
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थे। तुम बस भूल गए थे। रिचेल ने आंखें बंद की और उसका शरीर धीरे-धीरे ऊपर उठने लगा।
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इस बार कोई डर नहीं, कोई शक, कोई झिझक नहीं। सिर्फ एक गहरा विश्वास रिचर्ड उड़
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रहा था। सच में उसका जागर रंग पूरा हो चुका था। अब बात करते हैं किताब के सबसे
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गहरे संदेश। अंत में रिचर्ड समझ गया हमारी जिंदगी उतनी सीमित है जितना हम खुद को
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मानते हैं। हमारा दुख उतना ही बड़ा है जितना हम उसे अनुमति देते हैं। हमारा डर
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उतना ही गहरा है जितना हम उसे सच मान लेते हैं। लेकिन हमारी शक्ति, हमारी सम
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संभावनाएं, हमारा विश्वास यह सब असीमित है। डॉनरल ने सिर्फ यह बताया तुम वह नहीं
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हो जो खुद को समझते हो। तुम उससे कहीं ज्यादा हो।
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इल्लुजंस का अंतिम संदेश जो रिचर्ड की तरह की तरह हर लिसनर के दिल में उतरता है।
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जिंदगी इल्लुजन है। पर ब्यूटीफुल इल्लुजन। तुम क्रिएटर हो अपने विचारों के। विश्वास
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सबसे बड़ी शक्ति है। डर सिर्फ कल्पना है। हर इंसान शिक्षक है। कुछ प्यार से, कुछ
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दर्द से। तुम अकेले नहीं कभी नहीं। और सबसे जरूरी तुम अपनी हकीकत बदल सकते हो।
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रिचर्ड उड़ना सीख गया लेकिन उड़ना असली लेसन नहीं था। असली लेसन था खुद को
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पहचानना। थैंक यू।
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