Charlie Chaplain - Success Story | #film #charlie #chaplain #humor #movie #movies #success
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Nov 4, 2024
Charlie Chaplin is one of the lucky ones who started his life journey from zero and became a millionaire. How did this happen. There was only hard work, hard work and passion behind it. Every difficulty becomes easier if a person strives with his goals in mind. This V-log is about the same struggle. #Dr. Amjad Bhatti YT
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झाल श्री कृष्ण रामानंद दही डालकर हम
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जड़ी-बूटी एक नए मोदी के साथ हाथ रक्षक मत
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हमारा आज का मौजूद है कि फिल्मों का बेताज
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बादशाह चार्ली चैपलिन है कि हमें इसे कौन है जिसने चार्ली चैपलिन
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के बारे में नहीं सुन रखा था कि हम आज शहर शख्सियत के मालिक ऑलमोस्ट
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फिल्मों के सरताज चार्ली स्पेंसर चैपलिन बताया में सोलह अप्रैल 1800 वासी को पैदा
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तवील अरसे तक अमरीका में क्या हम किया पर जिंदगी के आखिरी अलार्म स्विट्जरलैंड में
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हजारे जहां 25 दिसंबर 1977 को व फेल
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जिंदगी में भरपूर दुख सहे और सुख मिलेगा ऐसा और कौन बदनसीब होगा जो सिर्फ इस
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प्रयास से दोस्त के घर के इर्द-गिर्द मंडला का रहे ताकि उसे भी शाम के खाने के
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लिए अंदर बुला लिया जाए तो है ऐसे शख्स से ज़्यादा खुश किस्मत कौन
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होगा कि जिसे कमोबेश दुनिया भर के हुक्मरानों के यहां से दावत ना में मिलते
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हैं को आर्मी शोहरत या हफ्ता शायद नुकसान जेड और सफर अब का उनसे मिलने के लिए वक्त
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मांगते हो और उसके आसपास ऐशो-आराम की ऐसी दुनिया हो जिसका आम आज बीच सफर नहीं कर
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सकते हैं की जिंदगी के यह दोनों अगर आप चार्ली चैपलिन देखे और भरपूर देखें उनकी जिंदगी
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का सबसे अलम ना व्याख्या अमेरिका की तरफ से उन पर यह शक्तियां जाना है कि वह
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केमिस्ट हैं हैं और अगर नहीं भी तो कम अज कम उनसे हमदर्दी तो रखते हैं और उनकी पार्टी लाइन
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पर चलते हैं में चार्ली का सौतेला भाई उसके कारोबारी
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मैनेजर की हैसियत से काम करता है जाति एक बेटा सिडनी चैपलिन और बेटी गार्डियन
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चैपलिन ने भी फिल्मों में काम किया है को चालू को एकदम से जख्मी अवार्ड में है
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यह में दो मर्तबा आंख खासकर अवार्ड की था 65 के करीब फिल्मों में काम किया कई
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फिल्मों को प्रोड्यूस किया कई फिल्मों का म्यूजिक त रतिया एक दर्जन से जाइए फील्ड
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ओं की कहानियां और म काल में भी लिखें जब के दर्जनों फिल्मों की डाइरैक्शन देखिए
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24 जून ज्यादातर खामोश फिल्में बनाएं और जिंदगी बरखा मोस्ट राम का किरदार अदा किया
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इस किरदार ने अपनी खामोश आवाज से दुनिया भर के करोड़ों लोगों से बस हां पर्स में
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काल्मा बनाए रखा उसने ना सिर्फ अपने दिल की बात अवाम तक ऊंचाई बल्कि लाखों इंसानों
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का तरह जिंदगी भी बदला तो चलिए अगर के ब्लैक एंड व्हाइट फिल्मी
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ही बनाएं लेकिन सब की जिंदगी में इतने रंग भरे के यकीन नहीं होता कि एक अकेला शख्स
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ऐसा भी कर सकता है कि दोनों आलमी दंगों के दौरान जब चारों
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तरफ से दीप लूटमार मची हुई थी और दूर-दूर तक कोई भी ऐसा शख्स रहनुमा बादशाह
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पीर-फकीर नांधा जो लाखों जख्मियों के जख्मों पर मरहम लगाता लाखों इंसानों के
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बेटे बेहतर जिंदगी के नाम पर इंसानियत के नाम पर जंगलों की आग में झोंक दिए गए थे
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कोई भी ऐसा न था जो अवाम को दिलासा दे पाता अफरातफरी और नवमी के इस दौर में
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हमारे सामने एक छोटे से तत्काल मिल जाता है इसके चेहरे पर गर्ल्स उसकी मासूमियत है
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इसकी आंखों में हैरानी सीने में जलन और दिल में तूफान है उस सबके होठों पर
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मुस्कराहट लाने का काम करता है एक चांदी की शख्सियत के कई पहलू हैं जहां
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वह एक भुलक्कड़ मासूम और बल आर्मी है वहीं बॉयज वहीं शहर भी है तन्हाई का शिकार
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चार्ली हमेशा रुमानियत पसंद और हिम्मत तो जरूरत के साथ पूर्व मित्र रहता है वह आपको
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इस बात का यकीन दिला देगा कि वह साइंस की एल्बम का बाहिर ड्यूक और पोलो खिलाड़ी है
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आला के वह सड़क पर से सिगरेटें उठाकर पीने वालों पर किसी बच्चे से उसकी टॉफी छीन
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लेने वाले से ज्यादा कुछ नहीं और आप अगर मौका मिले तो वह किसी राह चलते को पीछे से
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दो व्यक्ति भी मार सकता है वह यह काम अकेले अपने बलबूते पर करता है वह सब को
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हंसाता है और उल्टा का भी है हम अक्सर हंसते हैं कई बार दिल खोलकर रोते हुए हैं
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असली आंसुओं के साथ क्योंकि उसी ने हमें आंसुओं का की
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तोहफा दिया है चार्ली न हाय रब्बा सलाहियत इंसान थे सही मायनों में बास लाइए लव बाद
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सलाहियत को तवी इसके हकीम आंखों में देखा जा सकता है जब उस जैसे किसी शख्स की
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निर्धारित मिसाल नहीं जाए वहां सिर्फ बेहतरीन कॉमेडियन है बल्कि एक मिशन ने
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मौसी कार और तक है और सबसे आम है
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कि इस शख्स में नफरत सखावत वसमत जैसी तमाम खुशियां दशहरा किए हुए हैं अलावा बी
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चार्ली में वह सादगी है जिससे इसका पछताकर यकीनन गुलाम दिखाई देता है और एक गर्माहट
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पड़ी मगर आमदनी अपील का फलसफा होता है जिसमें ना तो कोई हिसाब-किताब है और ना ही
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कोई तरफ आप इसके लिए करते हैं वो ब्राह्राण इंसान के दिल में घर कर लेता है
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वह एक ऐसा इंसान है जो आप ही धरा मुसीबतों का मारा हुआ है लेकिन चार्ली को यह सब कुछ
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करने में करोड़ों लोगों के चेहरों पर हंसी लाने के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़े उसके
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लिए वह शदीद मुसीबतों का का जमाना था उसकी जिंदगी में तन्हाई के कई
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दौरा है खानदानी और सियासी मामलों पर एक के बाद एक मुसीबत उसके सामने आई लेकिन चार
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लेकर भी डर दूर भगाया नहीं उसे अपने आप पर यकीन था अपने फ़न की मांग जारी अपने इस
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हार की सच्चाई पर यकीन था और सबसे बड़ी बात वो एक नेक नीयत इंसान था जो सिर्फ
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अपने आप पर अनुसार करता था चार्ली की सारी जिंदगी उतार-चढ़ाव से भरी पड़ी है बस
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बदकिस्मती एक के बाद एक अपनी पोटलियां खोलकर उसका इम्तहान लेती रहेगी जब वह 12
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बस कथा तो बालक का महल 37 बरस की उम्र में कसरत दे शराब रोशनी की वजह से इंतकाल हो
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गया वह अपनी आपबीती में लिखते हैं मैं बाप को बहुत कम जानता था और मुझे यह बात
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बिल्कुल भी याद नहीं कि वह कभी हमारे साथ रहे हो दो-चार रिक्शे-वाले अक्सर बांधा में अनबन
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रहती थी इसलिए उसने अपना बचपन मां के पास ही दुबारा चाहिए वालिदैन मौसी की हालों के
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आर्टस थे एक रात मां की हवा खराब होने की वजह से उसे पहली बार स्टेज पर करना पड़ा
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उस वक्त उसकी उम्र पांच बरस थी उस रात वो जिंदगी में पहली बार स्टेज पर उतरा था और
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मां परिवार वह अपनी स्टेज पर पहली परफारमेंस में ही सबका पसंदीदा बन गया था
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उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा था मैं अभी मैंने आधा ही गीत गाया था कि
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स्टेज पर सिक्कों की बरसात होने लगी मैंने फौरी तौर पर ऐलान कर दिया कि मैं पहले
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पैसे कट करूंगा और फिर इसके बाद गाना गाऊंगा तू
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कि इस बात पर बहुत ज्यादा कहने लगे स्टेज मैनेजर एक रुमाल लेकर आया और सिक्के कट
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करने में उसकी मदद करने लगा चार्ली को लगा कि वह सिक्के अपने पास रखना चाहता है उसने
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यह बात सामने हींग और हाजरीन तक पहुंचा दी तो कहकहों का वह तूफान उठा थमने का नाम ही
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नहीं लेता था खासतौर पर उस वक्त जब उर्मिला लिए स्टे से उतरा तो चार्ली उसके
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पीछे-पीछे हो लिया कि जब तक उसने सिखों की पोटली अपनी मां को
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नहीं तुम आधी वह स्टेज पर वापस गाने के लिए नहीं आया वह बिल्कुल है रामदेव था
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उनका ग्रीन से बातें करता रहा खूब नाच-गाना और तरह-तरह की निकले करता रहा तो
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उसने मां के वायरस मार्च की भी नकल करके बताएं चाहिए का बचपन इन था आयुर्वेद में
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गुजरा अपनी सवा ने में वह एक जगह लिखता है वह लोग जो इतवार की शाम घर पर डिनर के लिए
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नहीं बैठ पाते थे इस बीच मन करे तब के का ख्याल किया जाता था और आम इसी क्लास में
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आते थे यानी भीख मांगो बाप के मरने और मां के पागल हो जाने और कोई मुस्तकबिल रोजगार
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ना होने की वजह से चार्ली पुथ सारा बचपन सपूतों की अतंर्गत हैप्पी और यह तीन खानों
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में उतारना पड़ा है थे इंडियन लगता है हमारा वक्त खराब चल रहा
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था और हम गिरजाघरों की बेल्ट पर पल रहे थे
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की मां पागलखाने में और भाई सिडनी काम के सिलसिले में जहाज पर चार्ली को डर रहता था
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कि कहीं उसे फिर से यतीमखाने ना भेज दिया जाए वह सारा सारा दिन मालिक मकान की
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निगाहों से बचने के लिए सड़कों पर मारा-मारा फिरता रहता है
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में लंबित और दूसरी सड़कों पर भूखा-प्यासा के की दुकानों की खिड़कियों में जानता
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रहता और गाय और सुअर के घोस्ट के गरमा गरम मजेदार डाइनिंग पकवानों को पर शोरबे में
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डूबे गुलाबी लाल आलुओं को देख देख कर मुंह में पानी भरकर यह 40 को चलने और शुरू करने
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से पहले गाना और नाचना सिखाया गया था मां की तरफ से पर यही वजह थी कि वह 5 वर्ष में
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इसके ऊपर चढ़ गया था इससे भी बड़ी बात यह के साथ बरस की उम्र में वृक्ष के लिए
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लेक्चर दिया करता था इस तरह होने वाली कमाई से घर चलाने में वह मां का हाथ बटाता
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अपनी आपबीती में लिखता है यकीनन हम आश्रय में इस घटिया स्तर की जिंदगी गुजारने पर
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मजबूर थे वहां यह बात खेत्री थी कि हम अपनी बुद्धाय और तर्जे तक हाथों से
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लापरवाह होते चले जा रहे थे लेकिन मां हमेशा शेगाव से बाहर ही खड़ी हमें समझाती थी और
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हमारे बात करने के तरीकों तरफ उस पर तो बच्चों देती रहती हमारे ग्रामर ठीक करती
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रहती है और हम यह महसूस कराती रहती थी कि हम खास लोग हैं
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में चार्ली की निशा भी कलीम अधूरी ही रहेगी देखा जाए तो रस्मी तौर पर दो बर्फी
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स्कूल जा पाए और बाकी पढ़ाई यह तीन स्थानों के स्कूलों में क्या इंग्लैंड के मजा हाथ में ड्रामा जमात के साथ जो करते
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हुए एक हफ्ते के लिए मुख्य शहरों के स्कूलों में हासिल करते रहे चार्ली ने
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बाकायदा तौर पर आठ वर्ष की उम्र में ही बच्चों के आर्टिस्ट के तौर पर काम करना
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शुरू कर दिया था और 12 वर्ष की उम्र तक आते-आते वह इंग्लैंड के सबसे ज्यादा मारूफ
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चाइल्ड स्टार बन चुके थे और जिंदगी के फकीर की स्कूल में अपनी तालीम हासिल कर
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रहे थे फिर भी स्कूल की पढ़ाई दें इन्हें जो कुछ सिखाया था उसके बारे में लिखते हैं
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काश किसी ने कारोबारी दिमाग का इस्तेमाल किया अवतार बता लेयर के लिए वह कि किरदार
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पड़े होते हैं जिन्होंने मेरा दिमाग जुड़ा था अकाय की बजाय मुझमें दिलचस्पी पैदा की
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होती नंबरों की कलाबाजी से मुझे मशहूर किया के नक्शों के टाइम हम जो भी पैदा की होती
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है तारीख के बारे में निरंतर नजर तैयार किया होता है मुझे शायरी की तालमेल और और
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आपको अंदर उतारने के महावाक्य दिए होते तो मैं भी आज एक बहुत बड़ा आईलैंड बन सकता था
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कि महेश आर्ट वर्ष की उम्र में इन्हें है जैन गुणों का सामना करना पड़ा इससे कोई भी
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दूसरा बच्चा होता तो बिल्कुल टूट ही जाता चार लेता काम-धंधे की तलाश में गर्मियों
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में मारा मारा पर बना हुआ करता था उस वक्त मैं आठ वर्ष का भी नहीं हुआ था लेकिन वह
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दिन मेरी जिंदगी के सबसे तस्वीर और उदासी भरे देते
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है ऐसे में चार्ली ने कभी हिम्मत नहीं आई क्योंकि मकसद उनके सामने था कि उन्हें जो
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भी करना है थिएटर ही में करना है उन्होंने बीसियों धन देखिए
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कि यह लेते हैं मुझे धंधा करने की जबरदस्त समय थी मैं हर वक्त कारोबार करने की नई नई
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स्कीमें बनाने में उलझा रहता है मैं खाली दुकानों की तरफ देखता और सोचता कि मैं
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पैसा कमाने का कौन सा धंधा किया जा सकता है मेरी सोच मछली व्रत करने से लेकर चीफ
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प्रोक्टर करने और पंसारी की दुकान खोलने ताकि होती हमेशा जो भी मंसूबा बनता इसमें
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खाना जरूर होता है कि मुझे सिर्फ शर्मा की जरूरत होती लेकिन
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शरमाया ही का तो मसला था कि कहां से आए हर मैंने मां से कहा तू मेरा स्कूल छोड़ वाले
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और काम तलाश करने पर मैंने बहुत धन देखिए मैंने अखबार प्रोत किए प्रिंटर का काम
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किया खिलौने बनाएं ग्लास बनाने वाला काम किया डॉक्टर के यहां काम किया है लेकिन
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तरह-तरह के दानों को करते हुए मैंने सिडनी की तरह इस मकसद से कभी भी निकाल नहीं हटाई
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कि मुझे पिलाकर अदाकार करता है इसलिए अलग-अलग कामों के दरमियान अपने जूते
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चमकाना अपने कपड़ों में ब्रश करना साफ का लगाना और बैड टेस्ट में श्याम मोर थियेटर
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कैन सी के दरमियान में चक्कर काटना मेरा मशगाला चाहते हैं उस वक्त तक महज चक्कर
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लगाता रहा जब तक मेरे कपड़ों की हालत में मुझे वहां जाने से बिलकुल ही नहीं हो गया
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में चार्ली चैपलिन ने बचपन में नाई की दुकान पर भी काम किया था लेकिन अपनी
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आपबीती में उन्होंने इसका कोई जिक्र नहीं किया इस काम का नहीं है यह फायदा हुआ कि
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वह अपनी काम यार और बड़ी फिल्म द ग्रेट क्रिकेटर में यह होगी नायिका का किरदार
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बखूबी अदा कर सके जब उन्हें पहली बार ग्राम में काम करने का मौका मिला तो वह
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जैसे साथ में आसमान पर थे अपनी आपबीती में लिखते हैं खुशी के मारे पागल होता हुआ बस
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मैं घर पहुंचा और दिल ही दिल में यह सोचने लगा कि यह कैसे हो गया है मैंने अचानक कि
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गुरुदत्त की अपनी जिंदगी पीछे छोड़ गई थी और अपना बहुत पुराना ख्वाब पूरा करने जा
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रहा था वह आप जिसके बारे में अक्षर माने बातें की थी उसे मैं पूरा करने जा रहा था
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अब मैं अदाकार बनने जा रहा था मैं इस तरह बदनाम ने के सफेद को सहलाता रहा इस पर
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व्याख्याता था यह मेरी अब तक की जिंदगी की सबसे नुमाया दस्तावेज़ आप में से एक था बस
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के सफर के दौरान मैंने महसूस किया कि मैंने बहुत बड़ा किला फतह कर लिया है अब
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मैं झोपड़ी में रहने वाला नाम मालूम सा चोकरा नहीं था अब मैं थिएटर का एक खास
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आदमी होने जा रहा था मेरा दिल रोने को जा रहा था चाय पीने इस किरदार के लिए बहुत
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मेहनत की बल्कि को इंसाफ किया मुसलसल सामान के चहेते बनते हैं एक मजेदार बात यह
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हुई कि वह अपनी जिंदगी का पहला वायदा करने जा रहा था लेकिन उन्हें लग रहा था कि उसे
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जितना मिल रहा है वह इससे ज्यादा क्या आता है कि वहां अपनी पेशाब आना दानिशमंदी का एक
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नमूना दिखाकर आते हैं में लिखते हैं अगर यह रकम मेरे लिए छप्पर
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फाड़ लॉटरी खुलने के जैसी थी फिर भी मैंने यह बात अपने चेहरे पर नहीं चलने दी मैंने
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बिजली से कहा सिर्फ के बारे में मैं अपने भाई से मशहूर लेना चाहूंगा
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में 19 बरस की उम्र तक आते-आते वह इंग्लिश चैप्टर में अपनी जगह बना चुके थे लेकिन
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अपने आप को तन्हा महसूस करते थे शायद इसीलिए कि वह बरसों से अकेले ही रहते चले
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आए थे मोहब्बत ने उनकी जिंदगी में बहुत देर से दस्तक दी थी लेकिन वह यहां भी अपनी
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अकड़ सूखे पत्ते बैंक आए थे तब हम अपनी पहली मोहब्बत को उच्चतम इधर से तक नहीं
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भुला पाए सोला बरस की उम्र में रोमांच ने मेरे ख्वाबों में थिएटर के पोस्टर ने कभी
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थी जिसमें खड़ी चट्टान पर खड़ी एक लड़की के बाल हवा में उड़े जा रहे थे मैं तसव्वर
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करता कि मैं उसके साथ गांव के रहा हूं यही मेरे लिए रिमाइंड मी था लेकिन कम उम्र का
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प्यार तो कुछ और ही होता है एक नजर मिलने पर लिप्त दाम में कुछ अलफ़ाज़ का तबादला
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आम तौर पर टूटे-फूटे फास्ट का 4 मिनट के अंदर-अंदर पूरी जिंदगी का नजरिया ही बदल
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जाता है तो पूरी कायनात हमारी हमदर्दी में साथ खड़ी हो जाती है और अचानक हमारे सामने
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छुपी हुई उस वक्त का खजाना खोल देती है मैं 19 वर्ष का होने को आया था और कारणों
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कंपनी का काम या आपका मीडियम था लेकिन कुछ था जिसकी अदम मौजूदगी खटक रही थी मौसम में
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बाहर आकर जा चुका था और गर्मियों अपने पूरे जो बन के साथ मुझ पर गलबा हासिल किए
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हुए थे यानी महमूद का बासीपन लिए हुए और मेरा माहौल कुछ बनाए हुए थी इसी वजह से
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मैं मुस्तकबिल के बारे में कुछ भी नहीं देख पाता था वहां सिर्फ नामुकम्मल कथा वीर
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ही दिखाई पड़ती हैं है यानी सब कुछ बह इसीलिए हुए और चारों
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तरफ इंसानों का हजूम मैं समझता हूं कि सिर्फ पेट भरने की खातिर काम धंधे से
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जुड़े रहना ही काफी नहीं होता जिंदगी नौकरों जैसी हो रही होती है और इसमें किसी
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किस्म की दिलचस्पी बड़ी बात नहीं रहती सच तो यह है कि हर वक्त उदास रहना मेरा वह
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बदलना इसीलिए मैं जिंदगी से खफा नहीं रहता था और इससे मोहब्बत भी करता था मोहब्बत का
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लफ्ज़ कभी भी मेरे बीच में में या मेरी ई एफ जी जायदाद में नहीं घुसा था ट्रैक्टर
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मेरे लिए रोजी-रोटी का जरिया था इससे ज्यादा कुछ नहीं था मैं अकेला होता चला
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गया मगर था अपने आप से मुट्ठी में इतवार को अकेला भटकता और इधर उधर घूमता रहता
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पार्कों में बज रहे बैंक को सुनकर दिल बहलाता ना तो मैं अपनी कंपनी झेल पाता और
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ना ही किसी और की है और फिर अचानक की खास बात हो गई यानी मुझे
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प्यार हो गया मुझे अचानक दो बड़ी बड़ी बुरी शरारत से चमकती आंखों ने जैसे बांध
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लिया इसकी आंखें एक दुबली हरने की तरह सांचे में डरे चेहरे पर टंगी हुई सकती थी
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और मौज लेने वाला इसका बराबर चेहरा खूबसूरत का हाथ यह सब देखने का असर बिजली
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के जैसा था लेकिन है ठीक को ही जाम से चाहेंगे बावजूद उसने अपनी चौकी मुलाकात
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में ही मेरे खराब बूट को देखकर फैसला कर लिया है यह गुस्से मोहब्बत में ही करती थी
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और तालिका तोड़ती है कि मेरा ख्याल यही है कि हम रुखसत हो जाए
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तो वो कहने लगी और फिर कभी दुबारा एक दूसरे से नाम है तो मैंने कहा और सोचता रहा कि स्टार
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अध्यात्म क्या होगा लेकिन अब क्या हो सकता था मैं ये क्या कर डाला है क्या मैंने जल्दबाजी
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की है मुझे इसको चेंज नहीं देना चाहिए था मैं भी कितना बेवकूफ हूं कि इससे दोबारा
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मिलने के सारे रास्ते ही बंद कर दिए थे लेकिन किस्मत मुझे दूसरे दरवाज़े से दस्तक
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दे रहेगी मेरे लिए कनाडा के नए दरवाजे खुल रहे थे अमेरिका में इनका नाटक के अनगिनत
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मौके थे मुझे अमेरिका जाने के लिए इसी तरह से किसी मौके की तलाश थी इंग्लैंड में
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मुझे लग रहा था कि मैं इसके मार्च इंकलाब की चोटी पर पहुंच चुका हूं मैं इसीलिए
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यहां पर मेरे बाबा के अब मैं दूध होकर रह गए थे आधी-अधूरी तालीम के होते हुए अगर
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मैं म्यूजिक खाल की कॉमेडियन के तौर पर फेल हो जाता है तो मेरे पास कुदरत का काम
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करने के लिए बहुत महत्व भारतीय होते 40 की जिंदगी का सबसे खराब पक्ष पहलू अगर
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अमेरिका जाना था और वहां 40 वर्ष तक रहकर ड्रामों फिल्मों और तफरी के निहायत कमियां
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हो सके तो आप घर सारी दुनिया के लोगों के दिल पर राज करना था तो वहां जाना भी उनके
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लिए सबसे अलग नाक वाकया बनकर आया है कि मुरली लाल मैं दूध मौके की खुली हवा की
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तलाश में अमेरिका गए थे और आकर खुली हवा की तलाशी में मजबूर होकर वहां से कुछ करना
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पड़ा था और उम्र की छठी इकाई में स्विट्जरलैंड को अपना मत कानून बनाना पड़ा
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था ना में चार्ली पूरी दुनिया के चाहिए थे तो शायद वाह जैसे शख्स रहे होंगे इनके दोस्त
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हर मुल्क में हर शोबे जिंदगी में और हर उम्र के थे वह मनहर मूल के सदर और वजीर
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यार मुझसे दोस्ती पर बराबरी की शतावर मिलते थे कि उनकी फिल्म में दिखाए जाने की
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तरफ करते कि उन्हें सरकार ईयर राहत देते उनके घर पर आते और उनके साथ खाना खाते
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उन्होंने बर्नार्ड शा ी घर पर कई बार खाना खाया था और आइंस्टाइन की कई बार चार्ली के
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घर आज पर थे जिंदगी के हर शोबे कि लोग उनके दोस्त है कि मैं दोस्तों वैसे ही पसंद करता हूं
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जैसे मौसी की को पसंद था शायद अब मुझे कभी भी बहुत ज्यादा दोस्तों की जरूरत नहीं
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रहेगी इंसान जब किसी ऊंची जगह पर पहुंच जाता है तो वह दोस्त को मंत्रमुग्ध करने
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में अपने जमीन से काम नहीं देता आ है अलबत्ता को मानते थे कि जरूरत के वक्त
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किसी दोस्त की मदद करना आसान होता है लेकिन आपको हमेशा इतने खुश नसीब दोस्त
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नहीं मिलते कि उन्हें अपना वक्त दे पाएं में चार्ली ने एक तरफा मोहब्बत की मैसेज
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देखा जाए तो है टीम के साथ उनका पहला प्यार भी जब तक पानी था और शायद यही वजह
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रही कि वह 29 वर्ष की उम्र तक अकेले ही रहे हैं
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और मेरी तन्हाई माई यूज करने वाले थी बावजूद इसके कि मैं दोस्ती करने की सारी
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फ्राई पूरे करता था मैं नौजवान था अमीर था पर एक बड़ी हस्ती था इसके बावजूद
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न्यूयॉर्क में अकेला और परेशान हाल घूमता रहता था ना
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में चार्ली ने 40 की एडिटिंग शादियों से ने बहुत तकलीफ पहुंची पहली शादी करते वक्त
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वह समझ ही नहीं पा रहे थे कि वह यह शादी क्यों कर रहे हैं दूसरी शादी ने इन्हें
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इतनी तकलीफ पहुंचाई कि अपनी आपबीती में अपनी दूसरी बीवी का नाम तक नहीं बताया
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अलबत्ता कुन्ना ओन ईमेल से उनकी चौथी शादी ना आयत का ख्याल रहे अगर यह दोनों की उम्र
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में 36 बरस का फर्क था उनियाल उनकी 36 बरस तक पी रहें वह अपनी जिंदगी के आखिरी 36 बस
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उसी की वजह से अच्छी तरह से गुजार सकते थे में लिखते हैं उस सेक्टर-20 बस से मैं
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जानता हूं कि खुशियां आती है मैं किस्मत का धनी हूं कि मुझे इतनी शानदार भी मिले
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काष्ठ मैं इस बारे में और ज्यादा लिख पाता लेकिन इससे मोहब्बत में जुड़ा हुआ और
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परफेक्ट मोहब्बत सारी नाकामियों से ज्यादा खूबसूरत होती है क्योंकि उसका जितना
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ज्यादा इजहार किया जाए उससे वह ज्यादा ही होती है मैं अनिल के साथ रहता हूं और इसके
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किरदार की गहराई पर पोर्शन हमेशा नित नए तरीके से मेरे सामने आते रहते हैं
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तब तक हम चार्ली ने अपनी आपबीती में को लाने गई से अपनी अटूट दोस्ती का ही रुख
25:00
किया है अ का एक बताते हैं कि गरीबी से उनकी 15 दिन के अंदर-अंदर ही दो बार
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मुलाकात हुई थी और फिर चालक टूट गया था में चार्ली ने अपनी आपबीती में अपने सारे
25:12
बच्चों का जिक्र नहीं किया इसकी वजह यह भी हो सकती है कि आप भी थी तो 1968 में लिखी
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गई थी जब वह 71 बरस के थे और उनियाल ने कुल मिलाकर ने आठ बच्चों का तोहफा दिया था
25:26
और उनकी आठवीं औलाद उस वक्त हुई जब चार लेते हर तरह के थे और उन्हें अब्सेंट इस
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वर्ष की अलबत्ता आपबीती में चार्ली ने अपने जिप्सी चालक आपके बारे में काफी
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खुलकर बहस की है चेरी अमेरिका थिएटर करने गए थे लेकिन उनकी किस्मत में ज्यादा बड़े
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पैमाने पर दुनिया की शेरों से आप करना लिखा था अमेरिका में और भी बहुत सारे इनका
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नाते मैं थिएटर की दुनिया से खींच पाया है मैं आपके लिए वक्त तो था नहीं कोई दूसरा
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तथा कर लेता था मैंने अमरीका में मुस्तकबिल काम की ठान ली थी इस चुनाव में इन्हें अपने कदम जमाने में काफी तकलीफ
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उठाना पड़ी लेकर एक बार ट्राय का रूप बदला लेने के बाद उन्होंने फिर मुड़कर
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भी देखा मेरा किरदार थोड़ा मुश्किल था और अमेरिकी अवाम के लिए अजनबी भी यहां तक कि
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मैं भी उससे थोड़ा-बहुत पाकर था लेकिन वह कपड़े पहन लेने के बाद मैं यही महसूस करता
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था कि मैं एक हकीकत हूं एक जिंदा शख्स हूं कि जनसंख्या मैं कपड़े पहन लेता है और
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ट्रंप कार उधार लेता तो मुझे तरह-तरह के मुख्य ख्याल आने लगते जिनके बारे में
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मैंने कभी सोचा भी नहीं था क्योंकि मेरे कपड़े मेरे किरदार से मेल खा रहे थे इसलिए
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मैंने तभी और उसी वक्त तय कर लिया कि भले ही कुछ भी हो जाए मैं अपना यही हो तारे
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रहूंगा में चार्ली जल्दी अपनी मेहनत और फन के बल पर ऐसी पोजिशन में आ गए थे कि मनमानी कीमत
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वसूल करने लग गए थे वह हकीकत में हरफनमौला थे यानी मुस्लिम नेम और शिकार अदाकार
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हदायत कार एडिटर तकलीफ कार और बाद में तो डिस्ट्रीब्यूटर भी जल्द ही उनका तूती
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बोलने लगा उनकी शख़्सियत में एक मजेदार पहलू यह था कि वह किसी भी फिल्म की नमाज
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से पहले इंतहाई नर्वस हो जाते थे उनकी रातों की नींद उड़ जाती थी पहले शो में वह
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थिएटर के अंदर बायक चक्कर काटते रहते थे लेकिन हैरत की बात थी कि सब कुछ ठीक हो
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जाता है और हर फिल्म पहले की फिल्मों के मुकाबले में और ज्यादा कामयाब होती है
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कि हर फिल्म के साथ चार्ली खूबसूरत का ग्राफ ऊपर उठता जा रहा था और साथ ही उनकी
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कीमत भी बढ़ती जा रही थी कि वह मनमाने दाम वसूल करने की पोजीशन में थे पर ऐसा कर भी रहे थे न्यू यॉर्क में
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मेरे किरदारों पर मकैनिक खिलौने और मेरे मुझे इसमें तमाम डिपार्टमेंटल स्टोरों और
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ड्रग्स स्टोरों में उपरोक्त हो रहे थे दुनिया भर की लड़कियां चार्ली चैपलिन के
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गीत गा रही थी जैसा कि पहले भी कह चुका है कि चार्ली ने स्कूल की तालीम बहुत कमा
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सकती थी लेकिन उन्होंने जिंदगी की किताब को शुरू से आखिर तक कई बार पढ़ा था उन्हें
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नवजात की गहरी समझ कि उनका बचपन बहुत सारे सबूतों की प्रथम दृष्टया भी में उतरा था
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और हमें अनेक तकलीफों को बहुत नजदीक से जाना और पहचाना था इसके अलावा वह सेल्फ
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मेड किस्म के इंसान थे लेकिन उन्हें अपने आप पर इतना थक अपनी आपबीती में उन्हें
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अमूमन हर चीज पर लिखा है और बेहतरीन लिखा है अदाकारी आर्ट बातचीत की अदायगी कैमरे
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कर लाया गया अदरवाइज अधिकारी ट्रैक्टर साइंस एटम बम इन अपनी सियासत मछली पकड़ना कैमरे शमशुल
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इशांत शर्मा आधारित जन गण मन अमीरी और प्रशासन अदब मौसी की आर्ट मजहब दोस्ती
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माजी प्रति कुछ भी तो ऐसा नहीं बचा है जिस पर उन्होंने अपनी माहरा नारायण आदि हो
29:00
कॉमेडी की तारीफ करते हुए लिखते हैं किसी भी कॉमेडी में सबसे ज्यादा नुमाया होता है
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मुस्तैद नजर आए है लेकिन हर बार मुक्तानगर टूटना आसान नहीं होता किसी कॉमेडी को सोचने और उसकी
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अधिकारी करने से ज्यादा दिमाग की निगरानी किसी और काम में जरूरी नहीं होती अदाकारी
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बारे में वो कहते हैं मैंने कभी भी अदाकारी का मुख्यालय नहीं किया है लेकिन लड़कपन में यह मेरी खुशकिस्मती रही कि
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मुझे हसीन अदाकाराओं के दौर में रहने का मौका मिला और मैंने उनके एक और तजुर्बा की
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तोषी उठा सकें में चार्ली का नाम इस बात के लिए गिनेस
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बुक का वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में लिखा जाएगा कि उन पर उनकी अदाकारी और फन पार्क उनकी
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फिल्मों बर्थ उनके अंदाज पर और उनके ट्रंप वाले किरदार पर दुनिया भर की दुकानों में
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शायद 1000 से ज्यादा किताबे लिखी गई है जो भी उनकी जिंदगी में आया या नहीं भी आया
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उसने चार्ली पाती लिखा है अमेरिका जाने और खूब कामयाब हो जाने के बाद चार्ली पहली
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बार 10 बस के बाद और दूसरी बार 2010 के बाद लंदन आए थे और उन्हें वहां बचपन की
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यादों में एक तरह से खैर दिया मैं मेरी मर्जी के जीरो से हटी कि वह आपके
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लिए आप शख्सियत थी जिससे दोबारा मिलना मुझे अच्छा लगता हाउसवाइफ पर उन बेहतरीन
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हालात में मैं उससे मिलने में स्कूल महसूस करता उन्होंने जिंदगी भर दुख भी होंगे और
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सुख दिखेगा चार्ली चैपलिन की कि आप देखिए कजिन मिला है ठीक ऐसे शख्स की जिंदगी का
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जिसने दिया ही दिया है और बदले में सिर्फ थोड़ी मांगा जो उसका हाथ था उसने कहर
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बांटे और बदले में मोहब्बत और आंसुओं दोनों बाय उसने कभी भी नाराज होकर यह नहीं
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कहा कि आप गलत है उसे अपने आप पर अपने फैसलों पर अपने फोन पर अपने इस हार की
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तर्ज़ पर यकीन था और उसकी ऐतमाद से सच्ची व्यापार स्थल की भीड़ थी वह अपने हाथ में
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किसी भी मुकाबला की हिम्मत रखता था क्योंकि वह जानता था कि सच उसके साथ चकली
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इतनी देर थी इस सेटेलाइट के 70 सेकेंड के एक किरदार इसलिए 5 दिन तक मस्ट करता रहा अपने काम के
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तहत इसमें इतना खुश था कि कम मोस्ट फिल्मों का दौर गुजर जाने के चार बरस बाद
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भी वह लाखों डालर लगाकर हम हॉस्पिटल में ही बनाता है क्योंकि उसका मानना है कि
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हमें हर तरह की तफरी की जरूरत होती है वह सही मायनों में बाद सलाहियत इंसान था और
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यह बात आज भी इस हकीकत से साबित हो जाती है कि फिल्मों में इतनी ज्यादा तब्दीलियां
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हो चुके हैं मगर 70 80 बस पहले बनी उसकी फिल्म में हमें आज भी खुद जाती हैं उच्च
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के पास बड़े पैमाने पर अपील का जादुई चिराग था आकर में एक और बात कि आपको नहीं
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लगता कि अगर हंसाने के लिए कोई नोबल नाम होता तो अब तक सिर्फ एक ही शख्स को दिया जाता और यकीनन वह नाम होता चार्ल्स
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स्पेंसर चैपलिन अ 84 निक्षेपित उनकी 1960 की दुहाई में पनीर
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आखिरी फिल्म एक कंटेस्ट फ्रॉम हॉन्ग कॉन्ग के बाद खराब रहना चाहिए 1972 में उन्हें
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एकेडमी अवार्ड से नवाजा गया 1977 आते-आते उन्हें बोलने और चलने फिरने में दुश्वारी
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पेश आने लगी उन्होंने व्हील चेयर का इस्तेमाल शुरू कर दिया 1977 में चार लिए
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फिल्म बनाने का सोच रहे थे लेकिन आप वह 885 के हो चुके थे उनका जिस्म कमजोर हो
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चुका था काम ही मेरी जिंदगी है और मुझे जिंदगी से मोहब्बत है यह कहने वाले दुनिया
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के अजीब मंत्री अधिकार और इंसानियत के हिमायती थे चार्ली चैपलिन सबको हंसाते कभी
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रुलाते 25 दिसंबर 1977 को स्विट्जरलैंड में दुनिया से रुखसत हो गए व्यापार के तीन
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माह बाद तक उनकी बीवी और ना अनिल कपूर पर रोजाना हाजिरी देती रहेगी एक दिन अचानक
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चार्ली की खबर को धक्का ताबूत न ख्याल निकाल लिया गया आप वापसी के लिए बारीक रवा मांगे उन या साबुत
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गरम में ही और उन्हें गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर चार्ली की लाश है यहां से 20
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किलोमीटर दूर सुरेश जी के किनारे से प्रारंभ हुई सफेद या फिर कोई ऐसी हरकत ना
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करें मजबूर को सिमट का बनाया गया कहा जाता है कि भारतीय सुबह गुजरात के जिला का
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चिन्ह में चार्ली के चाहने वाले हर साल 25 दिसंबर को उसकी साल का मनाते हैं
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में चार्ली को हमसे बिछड़े हुए पचास बरस से होने को आए हैं लेकिन उनकी तस्वीर
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हमारे दिलों में अमर हो चुकी है मामूली कार्यालय चार्ली के जिस्म पर लिपटा कसा
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हुआ कोर्ट हाथ में छड़ी सर पर टोपी लंबी बदलो लंबे जूते और उनकी मूंछें शायरी
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दुनिया में बनाई जा सकेंगी तनाव याद से भरी जिंदगी और उनके कामों पर शेयर अधिकतम
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कि फ़िज़ूल इंसानियत के मुफ्त में की गई उनकी सिर्फ मौत को कौन भुला पाएगा आम
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इंसान की जिंदगी से रची-बसी फ्री में याद दिलाती रहेंगी चार्ली चार्ली नहीं यह ऐसे
34:23
इंसान थे कि आप बहुत शुक्रिया सामने की करें उन
34:30
लोगों को थामने की करने की तरह रहते हैं झाल
34:38
अजय को
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