मेहनती माली और केला कहानी"🍎🍏🍎
Sep 14, 2025
मेहनती माली और केला कहानी"🍎🍏🍎
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एक गांव में हरियाली से भरा एक सुंदर
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बगीचा था। उस बगीचे की देखभाल करता था
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मेहनती मालीरामू। वह पेड़ों, फूलों और
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पौधों को अपने बच्चों की तरह प्यार करता
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था। हर सुबह सूरज निकलते ही वह पानी का
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घड़ा और औजार लेकर बगीचे में आ जाता।
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पौधों से बातें करता। उनकी पत्तियां साफ
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करता और मिट्टी को ढीली करता। बगीचे के
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बीचों-बीच एक केला का पौधा था। जो
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धीरे-धीरे बड़ा होकर घना और हराभरा हो गया
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था। उसकी पत्तियां बड़ी-बड़ी थी और
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गुच्छों में लगे केले देखने वालों का मन
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मोह लेते थे। माली उसे बहादुर केला कहकर
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पुकारता था। एक दिन माली आराम कर रहा था
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कि अचानक उसने महसूस किया। केले का पौधा
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जैसे उससे कुछ कहना चाहता है। वह
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मुस्कुराया और बोला
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क्या बात है मेरे बहादुर केला? आज इतने
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बेचैन क्यों लग रहे हो? केले ने हल्की हवा
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में अपनी पत्तियां हिलाई और बोला
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माली बाबा मैं बहुत खुश हूं कि आप हमें
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इतना प्यार करते हैं। पर मेरे मन में एक
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प्रश्न है। लोग हमें केवल खाने की चीज
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समझते हैं। वे हमारी मिठास का आनंद लेते
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हैं लेकिन हमारी मेहनत, धूप और बारिश का
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संघर्ष कोई नहीं देखता।
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माली ने गहरी सांस लेकर कहा,
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बिल्कुल सही कहा तुमने। हर फल और पौधा
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अपनी जगह पर संघर्ष करता है। तेज धूप,
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तूफान और बारिश सहने के बाद ही फल पकते
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हैं। तुम्हारी यही बहादुरी तुम्हें खास
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बनाती है।
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केले ने गर्व से कहा तो क्या मेरी बहादुरी
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का कोई सम्मान होगा? लोग तो बस हमें
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तोड़कर खा जाते हैं। माली मुस्कुराया।
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सम्मान केवल बाहरी शोहरत में नहीं होता।
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जब कोई भूखा तुम्हें खाकर तृप्त होता है,
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जब बच्चा तुम्हारी मिठास से मुस्कुराता
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है, वही तुम्हारा असली सम्मान है। तुम
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अपना जीवन दूसरों के लिए समर्पित करते हो।
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यही सबसे बड़ी बहादुरी है।
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केले ने कुछ सोचकर उत्तर दिया। तो क्या
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मुझे गर्व होना चाहिए कि मैं अपना जीवन
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दूसरों को खुशी और पोषण देने में लगाता
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हूं।
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हां। माली बोला। यही तो सच्चा त्याग है।
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तुम अपने फल, अपने तनों और पत्तों से भी
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लोगों का काम आते हो। तुम्हारे पत्ते खाने
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पर थालियों की तरह सजाए जाते हैं।
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तुम्हारा तना रसदार सब्जी बनता है और फल
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तो सबको प्रिय है। तुम्हारी पूरी देह
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इंसान और जानवर दोनों के लिए उपयोगी है।
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यह सुनकर केले का पौधा प्रसन्न हो गया।
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उसने हवा में अपने पत्तों को लहराकर कहा,
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"धन्यवाद माली बाबा। आपने मुझे समझाया कि
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बहादुरी केवल तलवार चलाने में नहीं बल्कि
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दूसरों के लिए जीने और देने में है।
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माली ने उसे प्यार से छुआ और कहा याद रखना
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जो देता है वही सच्चा महान होता है। तुम
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सच में बहादुर हो।
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उस दिन से केले का पौधा और भी हराभरा और
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फलों से लदा रहने लगा। गांव के लोग जब भी
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बगीचे में आते तो वे कहते
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देखो यह है बहादुर केला जो सबको मिठास और
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जीवन देता है।
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