কবি শঙ্খ ঘোষ স্মরণে শ্রদ্ধাঞ্জলি : দিনগুলি রাতগুলি
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Jun 21, 2025
কণ্ঠ : উৎসর্গ রায় কবির প্রয়াণে এক অদ্ভুত বিমর্ষতা ঘিরে ধরেছে। আজকের এই পাঠটি নেহায়েতই তাঁর প্রতি শ্রদ্ধা জানানোর জন্য অতি ব্যস্ততার সাথে করা। নানা ভুলত্রুটি থেকে গেছে। শুনতে গেলে ধরা পড়বে নিশ্চিত। যেমন, গোড়ার দিকেই 'কিংবা'র জায়গায় 'অথবা' পড়া হয়েছে। স্মৃতি থেকে পড়তে গিয়ে এই বিপত্তি। সেসব ক্ষমাসুন্দর দৃষ্টিতে সকলে দেখবেন, এই মিনতি সকলের চরণে।
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झाल
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झाल
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26 मार्च सुनी पीड़ितों सिंहानुक बाहर
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रात्रि अम्मा के हाथों
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जो कोई तारा आलू लाई तो भेज दो ना रख
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काजोल तारीख सुपर सीरीज खेल भावना रस्म आम
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बंधु मोहन गौतम शुभ आलू आलू आलू
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है कि लाभ कि लाभ पिता के ऑफिस राम के
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वक्त तेरे ज्यादा महत्वपूर्ण जो करे अथवा
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के मोहिते रिश्वतखोरी छुट्टी यह कोशिश
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निर्बाध प्रति अंध हीन अंत ही निशान जून
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दिए कि लाभ ही लाभ है
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है ताकि हम आकाश हवे तुम्हारे चोखेर
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मातृभाषा ही निर्भीक पात्र दृष्टि तक
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स्थिर हविप्रा निर्मत उदासी निर्मम शुकताल
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दुनियां छुट कर्मों रात्रि ग्राहकों ने
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निषेध
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जो आदमी यहां एक प्लांट तेरी कॉफी ने
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तुम्हें यदि मृत्यु वालों को शांति मुख और
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कठिन कुटिल रात्रि जुड़े मुहूर्त आवश्य
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नियमों तो रात्रि मामला मृत्यु खुले आवेदन
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हर प्राणी ही खुले खुले आम अमरूद दक्षिण
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मामला हमारे जीवन में जूरी ने रात्रि पूरे
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गले एवं के लुटेरे लुटेरे मिश्रा ज्योति
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गौतम
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मैं अमीर अब ताकि तृणों शांति अब हम इन दो
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मैं भी तेरे और अधीर सूरज डुबोना उठो ना
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आधार प्रभाव खेलें पृथ्वी उन्मुख रुद्र
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ऑब्जर्व ठेर को हम हम इस तरह बढ़ तारे की
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रोशनी रात्रि भारद्वाज अच्छी तरह मेरे
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अरुण धीर व उठो उठो ना
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जी हां तो आप तो झाला बुश को दी ने ऋषि
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अरे कहां पर ही यह हिदायत हमार आकाश शुभम
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यह विरुद्ध रॉय दिए झंझाल ओ करो अधिगम चल
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डिग्री तापमान अश्वगंधा के व्रत व त्यौहार
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स्त्रीत्व घनी धुंध भ्राताश्री अबला कुनाल
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रॉय के गोपाल धीमी
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और आकांक्षा उन्मुक्त हाय रे मेरे निशाने
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तारा छोटे-छोटे मां था कुटे मोरे यह कहां
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पर दूर-दूर आंत और का तत्व अग्नि तत्व भी
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या मृग दूसरे बोली तारे रे दुरुस्त चोख
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स्पेसिफिक कुरु कुरु कुरु सोने ना बार-बार
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गिरे की वृद्धि हींग सब्सक्राइब अवश्य
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सुने झालं जी
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आज का तो बोली सुनो तुम्हें बुखार शाह
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राग्नारोक तो चित्तौड़ लज्जारानी लिए
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अभिशाप से मुक्त कि देखो तो खुश हो ना
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बार-बार गिरे की वृद्धि अभिराम अश्लील
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जरूर डाल लो
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कि शैतान रूप डालो
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[संगीत]
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कि एक खाने घुमाया यक मानव रशीद आए ताजे
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देखा नाम
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जी को भी देव के पहले भेजो ना यह क्या बोल
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वे दोनों भ्रष्ट तत्व राधे मां टीम शुद्ध
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उस पर से अभिराम अभिराम कब्र का मुनाफ़ा
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करता दिन उठो मोनू प्रभात मित्र ज़ूम थीं
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कि मां अतिथि होंगे इस अधूरे कामों भारी
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एक्टर निश्चित ही लुट कोशिश ना एक दिन जो
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लें नाम को मार्टीर व्हो
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जी को भी तुम्हें जूना जूना जूना रिसाला
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खुले आकाश ने 50वें अवकाश भव्य प्रांगण
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में शिविर आरंभ और आए पौधों 469 पुंज
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भ्रष्टाचार आलू के कुंचित दो रोटी खाते
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खुले आंगन में मिट्टी ने Bigg Boss 761
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पुली भी ठीक उन जो शायद विप्रो ही उच्च की
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तो पृथीबीर दुर्ग बार प्रताप पुरी कविता
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लेख लिखे सुंदर और आश्रित उन्होंने खून जो
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कथा और पूजन विधि रात्रि विश्रम व्वे
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कुश्ती प्रेमी रात्रि मित्र
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जी को भी तुम्हें जो ना जूनून
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एक सुंदर कविता सूखी
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है जो आंखों में विश्व नेता पेड़-पौधों
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कोहली तार कोरुना बॉक्स और नुस्खे पहले
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सुजुकी पृथ्वी के ड्रा कि कोठी ने बिलों
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पर कहां पर ऊपर शिरा-शिरा ज्योतिष को लोगो
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के रूप शिरा हक छिन न करें दो ही तो आकाश
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खून प्रेरितशित तौर भिन्न-भिन्न एथेरिक उन
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लिखवाए तुम ही हो गाना सुनना चंद्र
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जिम्मेदार ह्रदयॉय तुमार अमित रॉथौर राशि
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वृश्चिक में लिया तो प्रति जागरूक जखन
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पृथ्वी पर मृत्यु से मुक्त होते हमारे खून
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को जीता
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का प्रयोग थे के प्रयास व श्री सुनिधि
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सुंद्र
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में ज्वैलर डाला है जो दूर हिदायत
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पुरस्कार कोरी तुम्हारी विकाश मेघा ऐड
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ह्रदय जख्म देखी तो हमारी विकास को आशु था
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लोटा दूध एक ज्योति कुमारी ने प्राचीन
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धर्म शिक्षा निधि तुम्हारे विकास व खून को
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भी तमीताभ तीनों प्रयोग शिशु मंदिर
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जी को भी रे तोर उन्हें हफ्ते आकाश हवे
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पूर्व न उदास पागल खूब ही रिक्शे देख देता
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ढक देते भांग 1 276 बांध कुंठित और शांति
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को पिंपरी मेरे महिला के नेत्र उन्हें
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और बहू रे हालो रे मला पावसात रात्रि घिरे
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मेघा रोई आकाश धीरे-धीरे वे दोनों सूरा
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कविता कालों ताखला चलाता बांधे जनरल अतहर
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अब्बास ने विशेष तौर मशीनी पहरेदारों ने
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छोड़ी ने धोकर छीलकर नियुक्त किए जाएंगे
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उन्होंने पूरे कविता सूर जलाता हुं ता मुख
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से जुड़े सब्सक्राइब कीजिए नित्य गांधी को
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नित्य प्रति बहरे और मामला रे रूप में
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झाल
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