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किसान और बड़ा कबूतर मिलकर एक बड़ा रॉकेट
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बना रहे थे और कुछ दिनों की कड़ी मेहनत के
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बाद रॉकेट बनकर तैयार हो जाता है और फिर
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कबूतर चांद पर जाने के लिए रॉकेट में बैठ
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जाता है और फिर चांद के लिए रवाना हो जाता
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है दो दिनों के बाद कबूतर चांद पर लैंड कर
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जाता है और वहां की जमीन जांचने के लिए एक
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गड्ढा खोदता है और फिर उसमें एक सेब का
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पेड़ लगा देता है कुछ दिनों के बाद पेड़
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बड़ा हो जाता है और फल आ जाते हैं लेकिन
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कबूतर रोने लगता है फिर लाइक सब्सक्राइब