जादुई पेंसिल | a magic pencil story | a magic pencil and rahul story| Motivational Story in Hindi
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Jul 9, 2025
जादुई पेंसिल | a magic pencil story | a magic pencil and rahul story| Motivational Story in Hindi
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बरेरिया गांव में राहुल अपने माता-पिता के
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साथ रहता था। उसके पिता बहुत गरीब किसान
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थे। वह कृषि कार्य करके अपने परिवार का
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पेट पालता था। राहुल उसका इकलौता बालक था।
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वो रोज-रोज स्कूल पढ़ने जाता था। वो एक
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नन्हा सा बालक था। लेकिन वो बहुत ही
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होशियार था। लेकिन उसके पास पढ़ाई के लिए
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ज्यादा किताबें और कॉपी नहीं थी। वो रोज
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टूटी फूटी पेंसिल लेकर ही स्कूल जाता था।
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एक दिन की बात है राहुल पाए समाप्त करके
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स्कूल से घर लौट रहा था। अचानक बीच रास्ते
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में उसे एक बूढ़ी अम्मा मिली। उस अम्मा ने
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राहुल के नाम से पुकारा जैसे वह उसे जानती
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है। अम्मा ने राहुल से पीने के लिए पानी
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मांगा। राहुल ने तुरंत अपनी बैग से बोतल
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निकाल के अम्मा को दे दिया। अम्मा पानी
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पीकर बहुत खुश हुई और अम्मा ने उसे एक
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चमचमाती नई पेंसिल दी और बोली बेटा यह ले
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जादुई पेंसिल है। इस पेंसिल से जो भी
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बनाएगा वो असली हो जाएगा उसे लेकर राहुल
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अपने घर चला गया। राहुल को तो पहले उस बुई
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अम्मा के बात पर बिल्कुल भी विश्वास नहीं
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हुआ। लेकिन घर आकर जब राहुल ने उस जादुई
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पेंसिल से कागज पर एक आम का पेड़ बनाया और
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मन ही मन सोचा चेक करके देखते हैं। लेकिन
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कुछ ही पल में कागज से एक हराभरा आम का
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पेड़ उगाया जिसमें ढेर सारे पके आम लटक
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रहे थे। यह देखकर राहुल खुशी से उछल पड़ा।
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अब राहुल रोज कुछ ना कुछ नया बनाने लगा।
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उसने टूटे खिलौनों की जगह नए खिलौने बनाए।
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मां के लिए सुंदर-सुंदर बर्तन बनाए और
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पापा के लिए एक नई साइकिल बनाई। जादुई
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पेंसिल का नाम सुनकर गांव के बच्चे भी
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उसके पास कुछ बनाने के लिए आने लगे। राहुल
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सब की मदद करता और किसी को भी खाली हाथ
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नहीं लौटाता था।
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कुछ दिनों के बाद राहुल सोचने लगा कि
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क्यों ना हम इस पेंसिल से एक बहुत बड़ा
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महल भी बना लें। उसने सोचा कि अब मुझे
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पढ़ाई करने की कोई जरूरत नहीं है। सब मुझे
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कागज पर लिखते ही मिल जाएगा। यह सोचकर
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राहुल कागज पर महल बनाने ही वाला था कि
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अम्मा वहां प्रकट हो गई। प्रकट होकर अम्मा
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ने राहुल से कहा, राहुल बेटा इस पेंसिल का
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इस्तेमाल जरूरत के लिए करो। लालच के लिए
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नहीं। जो मेहनत से मिलेगा वही सबसे बड़ा
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खजाना होगा। राहुल को अपनी गलती का एहसास
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हुआ और उसने अम्मा को वो जादुई पेंसिल
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वापस लौटा दी। अम्मा मुस्कुराई और बोली,
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तू तो सच में बहुत अच्छा बच्चा है। उस दिन
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के बाद से राहुल ने खूब मेहनत से पढ़ाई
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करने लगा। और वो बड़ा होकर गांव का बड़ा
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अफसर बना और सभी गरीब बच्चों को किताबें
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और कॉपियां मुफ्त में बांटने लगा। राहुल
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को समझ आ गया था कि असली जादू पेंसिल में
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नहीं मेहनत में छुपा है।
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[संगीत]
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