ماہ ربیع الاول کی آمد پر حسین آباد اور میمن کالونی میں پرچم کشائی اور جلوس کے مناظر
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Aug 27, 2025
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0:00
نور کا मर जादरबा
0:09
[संगीत] के बोलो
0:14
चूम के बोलोच कर बोलो मरहम
0:21
कर बोलो मर चमरा कर बोलो मरहबा मरहबा
0:29
नूर का
0:35
माशा्लाह आशिकाने रसूल का समंदर है मगर लग नहीं रहा
0:41
है कि 1500 वाला जश्न है भाई तो पढ़ रहे हैं हाथ तो उठा सकते हो ना तो साथ झूमो और
0:49
पढ़ो जमा है नूर का
0:55
जिनके हाथ में पर्च है वो पर्च उतारे जिनके हाथ परम की उठा रहे हैं।
1:02
कांद है मरहबा निकला चांद है। निकला चांद
1:09
है निकला चांद निकला चांद है।
1:17
डाइवर्ट करें और
1:22
अच्छा मेहरबानी अपनी बाइक के बाहर पार कर ले क्योंकि मस्जिद का गेट बंद हो जाएगा।
1:28
फिरों को उठाएंगे उनको तकलीफ होगी तो मेहरबानी अपने भाई के साथ भाई बाहर निकाल और बार-बार
1:34
[संगीत]
1:40
जान को सुनो हम भाग तेरे चमकाते हैं हम भाग
1:48
तेरे चमकते हैं सखियों
1:54
चढ़ चढ़ दिल है चहके गलियां चहकी है ना दिल है चह
2:05
के गलियां चकी है कह के लेके हो जाने
2:12
के [संगीत] सखियों
2:23
आज
2:29
[संगीत]
2:35
[संगीत]
2:49
चढ़ [संगीत]
2:54
नारा तकबीर अल्लाहू अकबर एक आवाज़ कर हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ़्ती
3:01
अतीक इस्माइल साहब का खिताब नारों की गूं में इस्तकबाल करेंगे नारा रिसालत
3:08
नारा रिसालत [संगीत]
3:14
[प्रशंसा]
3:21
[संगीत] सरकार की आमद
3:27
मरहबा की आमद महाबावर की आमद महाबा की आमद की आमदबा
3:36
की आमदबा की आमद
3:43
[प्रशंसा] या रसूल अल्लाह
3:49
या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह
3:57
या रसूल अल्लाह जिंदाबाद जिंदाबाद
4:05
या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह
4:12
देखो [संगीत]
4:23
भाई थोड़ा साइड हो जाना साइड हो जाओ भाई थोड़ा रब ने देखना नसीब की आज पहली शब है अल्लाह
4:31
पाक इस पूरे महीने की सब की बरकतें हमें नसीब फरमाए आज हमने यहां परचमई की हमारे
4:38
भाई भाई उनके जितने साथी हैं यहां सब मुबारकबाद जिन्होंने अपनी अकीदतों
4:46
मोहब्बतों का इज़हार किया और बड़े एतमाम के साथ यहां पर अपनी अकीदतों को हुजूर की
4:55
बारगाह में पेश किए हम सबकी दुआ है अल्लाह पाक जहां जितने जमा है जितने आबाब है
5:01
जिसमें जिस तरीके से नाम पे कदम जुने मिलाया है अल्लाह पाक हुजूर की मिलाद के
5:09
सदके सबको खैर बरकत ों से नवाज या अल्लाह जितने तेरे महबूब के चाहने वाले आशिक यहां
5:17
मौजूद है मौला सबको इस माहे मुबारक की हुजूर की मिलाद की बरकतों से मालामाल फरमा
5:23
या अल्लाह हमें इस माहे मुबारक का सही तरीके से शरीयत के मुताबिक जश्न मनाने की
5:30
तौफीक अता फरमा ऐ अल्लाह इस के सदके से जितने परेशान हाल है सबकी परेशानी मुश्किल
5:40
अता कर दे हिस्सा मिला रहा है या अल्लाह सबको तू मिला के सदके बरकतों से नवाज सबकी
5:47
मुश्किलों को आसान कर सबके बिगड़े हुए काम बना दे सबको मुरादों के दामत सबकी मुरादों
5:54
की दामत या अल्लाह भर दे ऐ अल्लाह सबको इसकी परवानिया अता फरमा हमारी दुआएं इनके
6:00
हक में कबूल फरमा इस जुलूस में इस जुलूस जो मिलाद कमेटी के जितने अराकीन
6:10
जो इसमें मुलाज़म है और हर साल साल साल से दिन ब दिन ऐ अल्लाह तेरी तौफीक से इसमें
6:17
बरकत ही बरकत हो रही है मेरे महबूब के चाहने वालों का इजाफा ही इजाफा हो रहा है
6:23
ऐ अल्लाह से बरकत अता कर या अल्लाह इन तमाम नौजवानों को इस महफिल की इस
6:31
मिला की बरकत नसीब फरमा या अल्लाह इन तमाम नौजवानों को जितनी मिलाद
6:38
की विलादत का जश्न मना रही है मौला सबको खैर बरकतों से नवाज हमारी दुआएं कबूल फरमा
6:45
जुलूस को खैर से मौला अपने मकाम तक पहुंचा सल्लल्लाहु ताला मोहम्मद
6:55
हो इलाहा [संगीत]
7:03
कैसा निकला चांद है आसमा पर हर नजर
7:09
कैसा निकला चांद है ईद मिलादे मोहम्मद
7:15
मुस्तफा का चांद है मोहम्मद मुस्तफा का
7:20
चांद निकला चांद है निकला चांद है
7:27
निकला चांद है सरकार की आमददार की आमद मरहबा मनार की आमद
7:37
मरहबा हुजूर की आमद मरहबा फिर नूर की आमदरबा
7:45
चूम के बोलो आवाम से हम गुजारिश करते हैं नज्मों के
7:50
साथ चले आराम आराम से उलमा को तकलीफ ना जो सिक्योरिटी पे अपनी अंजाम दे रहे हैं
7:55
इसमें कुछ आगे चले जाए क्योंकि पूरा रोड जाम हो रहा है पूरा रोड जाम हो रहा है
8:01
उसको पहले खुलवाए और जो ट्रैफिक आ रहा है बड़ा मेहरबानी है साइड पे ले लेंगे तो हम
8:06
अपने जुलूस को आगे तीर की ये तहार में निकला खुदा का चांद है
8:15
नूर का निकला चांद है निकला चांद
8:22
निकला चांद है समाह
8:28
निकला चांद है चांद है निकला चांद निकला
8:35
चांद निकला चांद चांद है समाहबा
8:44
[संगीत]
8:51
सरकार की आमद मरहबा दिलदार की आमद मरहबा
8:58
की आमद मरहबा हुजूर की आमद मरहबाूर
9:04
की आमद मरहबा जरा झूम के बोलो
9:09
मर परम कर बोलो मरम कर बोलो मर परचम कर बोलो मरहबा
9:22
नूर का समा
9:31
[प्रशंसा] [संगीत] [प्रशंसा] की आमद
9:38
की आमद की आमद
9:43
मुस्तफा मुस्तफा मुस्तफा
9:49
मुस्तफा नारा तकबीर अल्लाहू अकबर
9:57
नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद ताजारे नबूवत
10:03
जिंदाबाद जिंदाबाद ताजारे खत्म नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद
10:08
ताजारे नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद नबूवत
10:14
जिंदाबाद जिंदाबाद [संगीत]
10:23
अल्हम्दुलिल्लाह अल्हम्दुलिल्लाह यंग मिला कमेटी का ये अजीमो शान माहे रब नूर शरीफ के इस्तकबाल
10:32
का ये जुलूस सिद्दीक बाद में चौक पर आया और हर साल की तरह इस साल भी भरपूर तरीके
10:40
से यहां इस्तकबाल भी हुआ परचम कुशाई भी और अल्हम्दुलिल्लाह इस परचम कुशाई को आज
10:48
हो चुके हैं। अल्लाह पाक यहां जितने बुजुर्गों ने इसको इब्तदा की जिसजिस ने
10:55
इसमें हिस्सा लिया अल्लाह सबको इसकी खैर बरकत अता फरमाए। प्यारे महबूब की विलादत
11:00
के सदके अल्लाह पाक सबके इल्म अमल में उम्र में बरकतों से नवाजे दुआ फरमा रहे रब
11:08
आलम सलातो सलाम सिया मुरसलीन ऐ बारी ताला तेरे
11:16
महबूब की विलादत की खुशी में जिसने जिसज तरीके से दा में फिर कदम सुखने जिस तरीके
11:25
से भी हिस्सा मिलाया हो जान से माल से ऐ अल्लाह तू देख रहा है प्यारे महबूब की
11:32
विलादत की खुशी का जशन मनाया जा रहा मौला इसको इस महफिल की इस जश्न की बरकतों से
11:38
मालामाल फरमा या अल्लाह यहां पर फिर अहबाब ने ये जो सिलसिला शुरू किया और जो इस वक्त
11:45
मौजूद है इसको कायम रखते हुए मौला इन सबको इसकी बरकतों से नवाज बिलखसूस अब्दुल गफार
11:51
भाई मरहूम हनीफ भाई मरहूम या अल्लाह इनकी बखशीश मफिरत फरमा इनके कार खैर मकबूल फरमा
11:58
फरमा इनकी आत को हसनात में तब्दील फरमा और यहां जितने आबाब यहां मौजूद है मौला सबको
12:05
इसकी खैर बरकतों से नवाज ऐ अल्लाह तेरे महबूब की विलादत की खुशी में जो जिस तरीके
12:10
से महफिलें मुनकब कर रहे हैं दाम दिल हमें कदम सुख हिस्सा मिला रहे हैं मौला सबको
12:17
इनकी बरकतों से मालामाल फरमा इस जुलूस में जितने लोग शरीक है या अल्लाह और जिस तरीके
12:23
से इस जुलूस पे अपना अपना हिस्सा मिला रहे हैं मौला सबको को खैर बरकत अता फरमा। सबके
12:30
रिज़्क में जान माल में इज़्ज़त आबरू में बरकतें अता फरमा। इस जुलूस को और जहां
12:35
जहां मौला तेरे महबूब के आशिकाने रसूल जितने जहांजहां मिला जलसे जुलूस रैलियां
12:42
कर रहे हैं मौला सबको खैर फरमा। सबकी खैर फरमा और सबको सबके जानो माल की हिफाजत
12:48
फरमा। और इस महीने में जितने जुलूस रेलियां जलसे होंगे ऐ अल्लाह इन्हें हर किस्म की तकरीबनकारियों से महफूज़ फरमा
12:57
दुश्मनों के शर से महफूज़ फरमा हर सुन्नी मुसलमान के जानो माल की हिफाज़त फरमा हमारी
13:03
दुआएं मौला हमारे हक़ में यहां जितने सबके हक में मकबूल फरमा सल्लल्लाहु ताला
13:10
मोहम्मद जब वापसी हो जा
13:16
ला इलाहा इ हाजी साहब के लिए उनकी फरमाए उलमा के लिए
13:26
जवाब कर दे इस मस्जिद के खती इमाम हज़त अल्लामा मौलाना अहमद रजा मदनी साहब तशरीफ़
13:32
लाए हैं। हम दिल की अता गहराइयों से खुशामदीद कहते हैं। आवाम से गुजारिश है पीछे हो जाए उलमा के लिए जगह अमवार कर दे।
13:39
हाफिज बिलाल सुल्तानी साहब को हम दिल की गहराइयों से खुशामदी कहते हैं। जगह कर दी
13:45
उलमा इकराम के लिए उलमा इकराम को आने दे [संगीत]
13:52
निकला चांद है मरहबा निकला चांद है मरहबा
13:58
निकला चांद है मरहबा निकला चांद है निकला
14:04
चांद है समाह
14:10
निकला चांद कह दो दामन को समेटे कुफरे की तारीखियां
14:19
तारीखियां ऐना बीबी के घर आना बीवी के घर निकला खुदा
14:28
का चांद है समाह
14:37
है नूर का शहजाद भाई कह रहे हैं अगर वसीम सैलानी हमारी आवाज सुन रहे हैं तो आगे तशरीफ ले
14:44
आए। वसीम जैलानी भाई आगे तशरीफ ले गए है नूर का
14:53
समा [संगीत]
15:00
के बोलो चूम के बोलोच
15:06
कर बोलोच कर बोलो मरमरा
15:12
कर बोलो मर मरहबा
15:17
नूर का
15:23
माशा्लाह आशिकाने रसूल का समंदर है मगर लग नहीं रहा
15:29
है कि 1500 वाला जश्न है भाई तो पढ़ रहे हैं हाथ तो उठा सकते हो ना तो साथ झूमो और
15:37
पढ़ो जमा है नूर का
15:42
इश्क जिनके हाथ में परचम है वो परचम उतारे जिनके हाथ में परचम है वो आंख बता
15:48
[संगीत] है मरहबा निकला चांद है मरहबा निकला चांद
15:57
है निकला चांद निकला चांद है समा
16:07
में जब मुस्कुराया हाथ ने आयशा शाखा समझा
16:13
के निकला चांद है
16:18
समाह निकला चांद है मरहबा निकला चांद है मरहबा
16:27
निकला चांद है मरहबा निकला चांद है मरहबा निकला चांद
16:35
निकला चांद निकला चांद है समा
16:42
निकला जा
16:48
निकला चांद हर तरफ है नीत का मंजर
16:54
जिंदाबाद निकला चांद है मरहबा निकला चांद है मरहबा
17:02
निकला चांद है मरहबा निकला चांद
17:07
[संगीत] [प्रशंसा]
17:13
[संगीत]
17:20
भाई [संगीत]
17:35
आ
17:41
जाहिर
17:49
हुआ सूरत जहां का
17:55
साहिर हुआ [संगीत]
18:06
गया [संगीत]
18:15
[प्रशंसा] सितारे
18:23
[संगीत]
18:41
शतामोक [संगीत]
18:50
[संगीत] वेलकम वेलकम
18:57
मुस्तफा
19:03
[संगीत] जाने सलामी
19:09
शादी सुने शादी
19:15
[संगीत]
19:21
हो [संगीत]
19:28
आमिर किधर है आमिर [संगीत]
19:43
आता है शाहू पर मदीने की
19:50
आता है शाह [संगीत] चैन बनाए पीछे होके चैन बनाए क्योंकि ये
19:59
मामला उलमा को चलने का रास्ता नहीं मिलता है पीछे रजा जहां खड़े हुए हैं वहां पे चैन बना दे कैमरामैन जहां खड़े हुए हैं
20:06
वहां चैन बनाए गुजारिश है सिक्योरिटी के अलकार के साथ करें कमेटी को
20:14
मुबारकबाद पेश करते हैं इतना जबरदस्त चला करने का मसाल
20:21
पीछे हो पीछे [संगीत]
20:33
[संगीत]
20:43
भाई नहीं देना [संगीत]
20:50
यहां से आसिफ आवाम के पास करो भाई जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
20:56
ताजारे जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
21:03
[प्रशंसा] या रसूल अल्लाह [प्रशंसा]
21:09
या रसूल अल्लाह [संगीत] या रसूल अल्लाह
21:16
[संगीत] या रसूल अल्लाह [संगीत] [प्रशंसा]
21:26
नारा तकबीर [संगीत] नारा रिसालत
21:34
नारा गौसिया [प्रशंसा] हर साहब नबी
21:41
जन्नती जन्नती हर साहब नबी जन्नती जन्नती ताने खत्म नबूवत
21:49
जिंदाबाद जिंदाबाद ताने खत्म नबूवत जिंदाबाद
21:55
या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह आवाम से
22:04
थोड़ी गुजारिश है कि पीछे पीछे हो जाए उलमा इकराम हाथ भी लगने दें ठीक है ना आप
22:10
लोग पीछे पीछे आवाम पीछे पीछे हो जाए
22:19
[संगीत] बेटा थोड़ा सा पीछे होंगे।
22:31
[संगीत] हश्र तक डालेंगे हम
22:38
पैदाइश मौला की धूप मिस पर नज के गिराते
22:45
जाएंगे और खाक हो जाए जलकर मगर हम तो रजा दम में जब तक गम है
22:55
जिक्र सुनाते जाएंगे आज अल्हम्दुलिल्लाह
23:02
पहली शबे मुबारक है रबी नूर शरीफ की और आज ही से इन नौजवानों का जज्बा देखकर लग रहा
23:09
है कि 12 रबी नूर शरीफ आ चुकी है। सुभान अल्लाह मैं मुबारकबाद पेश करता हूं एक अज़ीमो शान
23:16
रैली के पर यंग मेहमान मिलाद कमेटी जिसके तमामातीन जिम्मेदारान और बिलखसूस आज यहां
23:24
आकर हर साल की तरह बाटवान मिलाद कमेटी का चारा देखकर जिस तरह ये इलाका रोशन है
23:33
हमारे दिल भी दमगा उठे सुभान अल्लाह हमारे दिल भी रोशन हो चुके हैं और इंशा
23:38
अल्लाह हमारा ये ईमान है अकीदा है कि जो हुजूर की मिलाद पर खर्च करता है, खाम वो
23:45
जान से खा माल से अपना घर रोशन करता है, गली मोहल्ला रोशन करता है। इंशाअल्लाह
23:52
मरने के बाद हुजूर के सदके उसकी कब्र भी ता कयामत रोशन रहेगी।
23:58
इंशाअल्लाह। और हुजूर जब जलगरी फरमाएंगे तो हमारा हाल देखकर फरमाएंगे कि ये मेरा
24:06
गुलाम मेरी विलादत का जश्न मनाने वाला है। लिहाजा आप दिल खोल कर पहले से बढ़कर
24:14
क्योंकि ये 1500 साला अजीमो शान मिलाद का है। इस साल इस साल को हमें यादगार बनाना
24:21
है। इस साल को तो हमें अपनी आने वाली नस्लों के लिए यादगार बनाना है। हर शख्स
24:27
अपनी बिसात से बढ़कर अपनी बिसात अपनी हैसियत से बढ़कर हुजूर की विलादवत का जश्न
24:33
मनाए। अगर शादी होती है, ब्याह होता है, खुशी होती है तब भी तो हम अपनी बिसात से
24:40
बढ़कर खुशी का इज़हार करते है, कोशिश करते है की हम ज्यादा से ज्यादा अपना माल खर्च
24:46
करें। आने वाले मेहमानों को खुश करें। अरे अगर मिलाद पर खुश खुशी का इज़हार करोगे
24:52
खर्च करोगे तो आने वाले मेहमान कब्र में जब तशरीफ लाएंगे तो हमारा ये आलम उनके पेश
24:59
नज़र होगा और वो आकर जब फरिश्ते सवाल करेंगे तो उससे पहले ही हमारा ये विजान है
25:06
कि हुजूर अपनी गुलामी के सर्टिफिकेट हमें अता फरमा देंगे। मैं मुबारकबाद पेश करता हूं यहां जितने
25:13
बाटवा टाउन मेमन मिलाद कमेटी के अराकीन है इलाके के लोग हैं जिम्मेदार हैं जिसने भी
25:20
दाम दम कदम सुख में इस अज़ीमो शान चिरागा में अपना माल अपनी जान के जरिए इसमें
25:28
हिस्सा मिलाया है ऐ अल्लाह इस मिला के सदके उन सबके रिज़्म में जान में माल में
25:35
इज़्ज़त और आबरू में बरकतें अता फरमा और एक खुशखबरी भी समात कर लें। अब तक तो हम मैम
25:41
मस्जिद सिद्दीका से जुलूस रवाना करते हैं 12 नूर शरीफ का। अभी हमारे इमाम साहब ने
25:47
फरमाया कि इंशा अल्लाह 12 रबी नूर शरीफ को मैमीन मस्जिद पहुंचने के लिए यहां से भी
25:54
जुलूस इंशाल्लाह रवाना होगा। सुभान अल्लाह और इंशाल्लाह ये ऐसा काम है कि हम जो काम
26:01
शुरू कर गए हमारे बाद जो आने वाली नस्लें कटती रहेंगी। हमारे लिए भी कब्र में
26:07
इंशा्लाह इसका सवाब पहुंचता रहेगा। एक पैगाम मेरे भाइयों मैं देना चाहता हूं जो
26:13
हर रबी अव्वल के मौके पर कि खुदारा मिलाद मनाए जलसे करें, जुलूस करें, रैलियां करें
26:21
और हर वो काम करें जो आप हुजूर की मोहब्बत में कर सकते हैं। लेकिन लेकिन लेकिन
26:27
खुदारा शरीयत की खिलाफ वर्दी हरगिज़ हरगिज़ ना करें। कोई ऐसा काम जो शरीयत से मुहावरा
26:34
हो उसमें मिलाद का सवाब नहीं मिलता। यहां जितने स्टार लगाने वाले हैं मेरी उनसे
26:39
मोहतबारा गुजारिश है कि ऐसी मखलूक जहां मर्द औरत जमा हो ऐसी गर्दनिंग हरगिज़ ना
26:46
करवाए। कहीं मर्द औरत को हरगिज़ ना जमा करे। मर्दों के लिए अलग हो औरतों के लिए
26:52
अलग कोई इंतजाम अगर करना हो तो करें। लेकिन मर्द औरत एक जगह जमा ना हो। रिस्क
26:57
की बेहुरमती ना हो। जो ट्रक वगैरह निकालते हैं उनसे गुजारिश है कि हरगिज़ हरगिज़ कोई
27:04
भी चीज एक तो वो एक्सपायरी नहीं होनी चाहिए। आप जो भी खरीदें एक्सपायरी ना हो।
27:10
क्योंकि हुजूर की विलादत के लिए आप निकाल रहे हैं। अपना अच्छा से अच्छा माल निकाले।
27:16
और दूसरा ये कि रिस्क की बेहुरमती ना हो। उड़ाकर फेक कर हरगिज़ हरगिज़ ना फेंकियां
27:22
तकसीम किया जाए। इज़्ज़त के साथ एहतराम के साथ हुजूर के गुलामों को हाथ में दें।
27:28
और कोई भी मुकद्दस तहरीर मुकद्दस झंडा नाले की बेहुरती हमारी जात से ना हो और
27:36
कोई खिलाफ सलाह ऐसा काम ना हो कि जिसकी वजह से हम पर कोई तो कोई हम पर एलगेशन कोई
27:42
इल्जाम लगाए हम हुजूर के गुलाम है हुजूर की मोहब्बत में करते है अपनी तरफ से हर
27:47
मुमकिन कोशिश करे की खिलाफ सराह काम ना होने पाए अल्लाह पाक यहां पर जितने नौजवान
27:54
जितने खड़े है सबको मिलात की बरकतों से मालामाल फरमाए और अल्लाह पाक इस जुलूस और
28:00
तमाम जुलूसों को अल्लाह खैर से अपने अंजाम अपने मुंतकी अंजाम तक पहुंचाए
28:07
अब इंशा्लाह अल्लामा साहब कुछ गुफ्तगू फरमाए
28:15
सलाम [संगीत] सदाएं ददों की आती रहेंगी
28:24
सदाएं ददों की आती रहेंगी जिन्हें सुन के दिलशाद होता रहेगा। खुदा अहले सुन्नत को
28:33
आबाद रखे मोहम्मद का मीनार होता रहेगा। खुदा अहले सुन्नत को आबाद रखे आका का
28:41
मीनार होता रहेगा। क्यों होता रहेगा? क्योंकि जमीनो जमा
28:47
तुम्हारे लिए और मकीनो मक्का तुम्हारे लिए। चुनी चुना तुम्हारे लिए।
28:53
जहन दबा तुम्हारे लिए। हम आए यहां हमारे लिए उठे भी वहां
28:59
हमारे लिए हम आए यहां हमारे लिए उठे भी वहां तुम्हारे लिए
29:05
हम आए यहां तुम्हारे लिए उठे भी वहां तुम्हारे लिए और हश्र तक लेंगे हम
29:13
इस साल नहीं ये 1500 साल से नहीं हश्र तक लेंगे हम पैदाइश वादा की मिस पारिस नज के
29:24
कल गिराते जाएंगे खाक हो जाए खाक हो जाए
29:30
अू जल कर मगर हम तो रजा दम में दम दम है
29:36
उठाते रहते जाएंगे क्योंकि उन्हें जाना उन्हें जाना
29:43
उन्हें जाना उन्हें जाना
29:50
हम दुनिया से मुसलमान गया। अल्लाह हमारा ये जुलूस अपनी बारगाह में कबूल फरमाए। इस
29:57
इलाके के होने की हैसियत से मैं यंग मेमन मिलाद कमेटी काला मुफ़्ती अतीक साहब का
30:02
अल्लामा अब्दुल्लाह जितने भी यहां मेहमान आए जितने भी तशरीफ़ लाए सभी का दिल की अदा
30:08
गहराइयों से खुशामदीद कहता हूं। इन्हें वेलकम कहता हूं और अपने इलाके वालों को मुबारक देता हूं। अल्लाह आपको सलामत रखे।
30:14
दिल खुश कर दिया। अल्लाह आपको सलामत रखे। आपके घरों को दिलों को ऐसे जगमगाता रखे।
30:21
आज मिलाद मनाते हैं, कल कयामत के दिन हुजूर के दामन से निपट जाएंगे, निपट
30:27
जाएंगे और कहेंगे कि हुजूर वही हूं जो मिलाद मनाता था। हुजूर वही हूं जो आपकी
30:33
खातिर जीता था, आपकी खातिर मरता था। आज कबूल फरमा ले। अल्लाह हमें हुजूर की सच्ची
30:39
मोहब्बत अता फरमाए। सलात सलाम अला सय अंबिया
30:45
ऐला रबे करीम ये जो तेरे महबूब के चाहने वाले तेरे मानने वाले तेरे चाहने वालों ने
30:53
अपनी अकीदतों मोहब्बतों का इज़हार किया मौला सब की बारगाह में कबूल फरमा ऐ अल्लाह यहां मेमन मिलाद कमेटी यंगन मिलाद
31:01
कमेट और जितनी कमेटियां जिस तरीके से और जो जिस तरीके से दाम हमें कदम सुफा ने
31:09
यहां स्क्वाड के नौजवान और ना जाने कितने जो नामालूम है जिनकी कोशिशें काविशें
31:16
हमारे सामने भी नहीं बस पर्दा जो मेहनत कर रहे हैं उन्हीं की मेहनतों से ये चिराग
31:22
हैं उन्हीं की मेहनतों से ये सारा कारवा सजा हुआ है मौला सबको इसकी बरकतों से मालामाल फरमा
31:28
आमीन ऐला हमने यहां पर महफिल मिराज सजाई हुई है
31:33
जिस तरह हम मुस्तफा सल्लल्लाहु ताला वसल्लम से आते हैं मौला मौला ऐसा करम फरमा
31:39
मौला ऐसा करम फरमा मौला ऐसा रबी तेरे महबूब के दर पर हम सबको देखना नसीब फरमा ऐ
31:44
मौला तेरे महबूब के दर पर हम सबको बार-बार मौला ऐ मौला बाम हम सबको मदीने शरीफ की हाजरी नसीब फरमा ऐ जब हमारा वन हो मौत का
31:53
वक्त हो तेरा ऐसा फज़ल करम हो मौला तेरे प्यारे महबूब के कदमों में तेरे प्यारे
31:58
हबीब के शहादत वाली मौत नसीब फरमा ऐ मौला ऐ मौला ऐ मौला दुआएं की मौला जो भी
32:06
दुआ फरमाए तमाम दुआओं की कबूल मंजूर फरमा इन्स
32:13
या सल्ल वसल्लम तस्लीमा
32:20
सल्ल वसल्लम सुभान रब
32:25
व सलामसन रब ला इलाहा इल्लल्लाह मोहम्मद रसूल्लाह
32:32
आगे चलने वाले हजरात से गुजारिश है वाले भाई बिलकुल आराम से आगे चलाए
32:44
से
32:53
शाह अली अस्सलाम के अर
33:00
सला अस्सलाम जाने आलम अस्सलामी
33:07
अस्सलाम शाह सुन
33:13
शादी सुनता है [संगीत]
33:21
सदस इमाम अंबिया [संगीत]
33:34
जिनका श मदीना जिनका शो
33:39
[संगीत] नारािसालत
33:45
या रसूल अल्लाह सरकार की आमद आका की आमद
33:51
आका की आमद की आमदारा की आमद
33:58
नारा रिसालत नारा रिसालत
34:07
गुरुदेवात [संगीत]
34:14
जन्नती जन्नती हरती जन्नती जन्नती
34:22
[संगीत]
34:34
की नूर की आमदूर की आमद
34:40
उसूर की आमद रसूल की आमद सच्चे की आमद
34:47
सच्चे की आमद बसीर की आमद ताहिर की आमद
34:54
जहीर की आमदर्बीर की आमदर्ब
35:00
की आमद रहीम की आमदबा
35:05
की आमद की नबी की आमद
35:12
की आमद की आमद नबी की आमद
35:18
की आमद की विलाद बाबा की विलादत
35:24
की आमद की आमद की आमद सरवर की आम
35:34
की हुजूर की आमद की आमद
35:40
ताहिर की आमद साजिद की आमद आबिद की आमद
35:47
नबी की आमद अच्छे की आमद सच्चे की आमद
35:54
आका की विलाद की विलाबा [संगीत]
36:04
मुस्तफा मरह या मुस्तफा
36:10
मरह साار की आमद मुख्तार की आमदबा
36:17
मंथार की आमदबा गमार की आमद ताजेदार की आमद
36:24
शदार की आमद शहर यार की आमद मर्दाबादूर की आमद
36:30
मर्दाबाद उसूर की आमद मर्दाबाद रसूल की [संगीत]
36:47
अरे इमरान भाई थोड़ा सा पीछे हो [संगीत]
36:59
[संगीत] गया ना
37:08
भाई थोड़ा सा पीछे होंगे भाई। मोबाइल पीछे करो मेरे भाई। मोबाइल पीछे
37:13
करो। आ जाओ आ जाओ।
37:21
[संगीत] अबे यार
37:27
[संगीत]
37:33
जिंदाबाद ताजारे ख़ नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद
37:38
ताजदारे ख़ नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद
37:45
या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह
37:55
[संगीत]
38:11
मारे [संगीत]
38:19
या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह
38:24
पीछे हट जाओ हट जाओ भाई साहब
38:37
[संगीत] सबको नीचे
38:48
नारा तकबीर अकबर नारा नारा रिसालत
38:54
या रसूल अल्लाह नारा गौसिया
38:59
नारा हैदरी अली उलमा अहले सुन्नत जिंदाबाद जिंदाबाद
39:06
ताजारे खत्म नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद
39:12
या रसूल अल्लाह नारे नारा रिसालत रसूल नारा रिसालत
39:21
नारिसालत नारा हैदरी मन सब पर नबी
39:29
मन सब पर नबी मन सब पर नबी
39:34
आज भी मेरे बाबा जी क्या बात क्या
39:40
रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह
39:47
या रसूल अल्लाह अल्हम्दुलिल्लाह रब रब आलमीन सला सलाम सय अंबिया मुरसली ऐ बारी
39:57
ताला ऐ रबे करीम हम यहां आए तेरे महबूब की मोहब्बत में आए और ये अजीमो शान जुलूस जो
40:06
यंग मेहमान मिलाद कमेटी की जानिब से निकाला और पूरे इलाके ने इसमें हिस्सा
40:12
लिया हर जगह जगह पर मोहब्बतों का इजहार और आज यहां कुतियाना मोहल्ला में हम जमा हैं
40:18
और यहां जिन-जिन भाइयों ने ये इस्तकबाल किया परचम कुशाई का एतमाम और जो अपनी
40:25
अकीदतों मोहब्बतों के नजराने पेश किए मौला इसे अपनी बारगाह में कबूल किया जाए
40:30
या अल्लाह इन सबको प्यारे महबूब की विलादत के सदके दीन और दुनिया की भलाइयां अता
40:36
फरमा आमीन इनके रिज़्क में बरकतें अता फरमा जानो माल में बरकतें अता फरमा
40:41
या अल्लाह हमें ईमान की पुख्तगी नसीब फरमा ता कयामत हमारी नस्लों में हुजूर के सच्चे
40:48
गुलाम पैदा फरमा आमीन [संगीत]
41:03
नारा [संगीत] नाराय
41:14
भाई सामने से हट जाओ
41:27
[संगीत]
41:32
लगेगा
41:38
जश्न मनाते हैं का जश्न मनाते सखियों
41:46
जश्न मना गज [संगीत]
41:53
और इन्होंने तारीख रकम कर दी अपने मोबाइल के टॉर्च लगाए और उसको लहराए ना के साथ
42:00
बाजार भी सजिया ने गलियां बाजार भी सजिया
42:05
ने मलारा दे [संगीत]
42:12
सखियों [संगीत]
42:18
तमाम सरका जूस बिलखसूस हाथ उठाकर दुआ करें
42:24
जल अहले सुन्नत मुनवरकात आलिया जो हर साल
42:29
इस जुलूस की कयादत करते हैं और इस साल भी आप ही की कयादत में आप बीमार हैं और इस
42:36
बीमारी और अलालत में भी जा आप पहुंचते हैं उनको की इनकी सेहतियाबी के लिए आप तमाम
42:42
अहबाब खुस खुसूसी दुआ करें। अल्लाह पाक उनको जो तकलीफ जो मज़ लाहत है उससे उन्हें
42:48
जल्द शिफायाबी नसीब फरमाए। अल्लाह पाक उन्हें मुकम्मल शिफा शहद तंदुरुस्ती आफ़ियत
42:54
अता फरमाए। अल्लाह करीम उनका साया आतिफत तमाम अहले सुन्नत पर दराज फरमाए। उनके
43:01
इल्मी रूहानी फैजान से अल्लाह हम सबको मुस्तफिद फरमाए। उनकी औलाद को उनके नक्शे
43:08
कदम पर चलने की तौफीक अता फरमाए। अल्लाह करीम तमाम उलमा हक का साया हम पर तादेर
43:15
कायम कायम रखे हमारी दुआएं अल्लाह करीम इनके हक में मकबूल फरमाए आमीन आमीन सयद
43:23
अमीन सल्लल्लाहु ताला
43:30
मना [प्रशंसा] [संगीत]
43:36
के [संगीत] मनो
43:43
चढ़ गई चढ़बे
43:52
[संगीत]
44:00
मैदान में निकले हैं बादल के महलों कोने
44:05
निकले हैं हिम्मत
44:14
नारा साल या रसूल अल्लाह नारा
44:20
या रसूल अल्लाहबा
44:26
[प्रशंसा] [संगीत]
44:32
वाले वाले
44:43
या रसूल अल्लाह या रसूल अल्लाह क्यों कर ना मनाए हम ये
44:51
सुन सखावत है क्यों कर ना मनाए हम ये सुन
44:56
सखावत मिलाद मनाने पर सरकार जगा देंगे या रसूल
45:03
अल्लाह देंगे हम ईमान ना बेचेंगे सौदा ना करेंगे
45:11
हम ईमान ना बेचेंगे सौदा ना करेंगे हम ईमान ना बेचेंगे
45:19
रिसालत पर दुनिया को हिला देंगे खुलेआम कहना है सरे बाजार कहना पुकारो या रसूल
45:28
अल्लाह पुकारो या रसूल अल्लाह खुदा की सारी ज़ मुस्तफा के आशिकों से भरी हुई है।
45:34
नबी की दामों पर गिरने वाले सारी दुनिया में फैले हुए हैं। जहां जहां जाओगे वहां
45:40
वहां करते भी चलो मरते भी चलो बाजू भी सर
45:46
वहां चलते भी चलो के आते हैं मंजिल पटाने जाएंगे। दोस्तों जब तक जिस्म खून बाकी है
45:54
और जब तक खून में हरा बाकी है तसल्ली पैदा करने वाले की हम या रसूल अल्लाह का नारा
46:02
लगाना नहीं छोड़ सकते
46:13
अल्हम्दुलिल्लाह यंग मेहमान मिलाद कमेटी का ये अज़ीमो शान
46:19
फकीदुल मिसाल माहे रबी उल अव्वल शरीफ का ये जुलूस
46:27
अपनी शानो शौकत के साथ शान रसूल की अकीदतों मोहब्बतों के साथ रवा दवा है और
46:36
इस वक्त ये जुलूस हुसैनाबाद आ पहुंचा है बिलाबा ये
46:44
अकीदतें ये मोहब्बतें लिवज हिला है और रसूल की मोहब्बत में है और हुजूर की
46:51
मोहब्बत में किया जाने वाला हर अमल अल्लाह की बारगाह में मकबूल है। अल्लाह की बारगाह
46:58
में ऐसा मकबूल है कि अल्लाह पाक इस मकबूल अमल के सदके अपने महबूब का कुरब नसीब करता
47:06
है। अपने महबूब के कयामत में शफात नसीब करता है। हशर में भी कब्र में भी अल्लाह
47:13
करीम अपने महबूब की गुलामी हमें नसीब करता है। और जैसा कि हम ये नारा ता सुबह कयामत
47:22
लगाते रहे हैं लगाते जाएंगे। हमारी गुट्ठी में ये नारा शामिल है कि हश्र तक डालेंगे
47:28
हम पैदाइश मौला की धूम मिस फारस नजद के कल
47:34
गिराते जाएंगे और खा जाए अदू जल कर मगर हम
47:40
दो रजा तन में जब तक दम है जिक्र उनका सुनाते जाएंगे मैं आम तमाम शाहान रसूल के
47:48
जज्बे को सलाम करता हूं जो आप निकले हैं अपने बच्चों को लेकर निकले हैं और
47:53
इंशाल्लाह अल्लाह कल हम नहीं होंगे लेकिन हमारी ये नस्लें इन दों दीवारों को इन आने
48:00
इन गलियों को यादगार बनाएंगी और कयामत तक हमारी नस्लों में ये चिराग चलते रहेंगे और
48:07
इंशा्लाह जिस तरह आज हमारे इलाके हमारे घर रोशन है कब्र में भी हमारे इंशा्लाह नूर
48:15
हसनत जमीसा ही सल्लू अल
48:21
सल्लू अलह सल्लू अल
48:26
सबसे औला और खूब मुबारक हो इंशा्लाह इसी
48:32
तरह जोशो जज्बे से 1500वा जश्न विलादत मनाएंगे दुनिया भर में बताएंगे हम उस नबी
48:39
के दीवाने हैं जो आज भी जिंदा है तू जिंदा जुलूस इस जज्बे और जोश और खरोज के साथ इस
48:48
जुलूस में शरीक हैं अल्लाह तबारक व ताला तमाम को दोनों दोनों ज की बरकतों से
48:54
मालामाल फरमाए वमाया [संगीत]
49:01
मौलाना नोमान अमजदी साहब से गुजारिश करेंगे मुख्तसर ख्याल फरमाए
49:10
निसार तेरी चहलपहल पर हजारों ईदे रबीउल
49:15
अवल आका निसार तेरी चहलपहल पर हजार ईदे रबीउल अवल सिवाय इब्लीस के जहां में आका
49:24
सभी खुशियां मना रहे हैं। अल्हम्दुलिल्लाह अल्लाह तबारक व ताला का करोड़ों करोड़ फजल
49:31
करम है। अल्लाह तबारक व ताला ने हमें ऐसे मुजब कुरान में पैदा किया है कि इंशा
49:37
अल्लाह के इंशा्लाह सदाएं दुरुदों की आती रहेंगी जिन्हें सुन के दिल साफ होता
49:44
रहेगा। खुदा हमले सुन्नत को आबाद रखे मुस्तफा का मिलाद
49:50
मुस्तफा का मिलाद क्योंकि मेरे महबूब की शान है खुद मेरे रब
49:55
ने फरमाया है कि अम्मा ने रब कादि और अपने रब की नेमतों का खूब चर्चा करो रब ताला की
50:03
बारगाह में अर्ज करते हैं मौला कि कौन सी नेमत का चर्चा करें तेरी तो नेमत इतनी है
50:08
तो जिसको शुमार नहीं कर सकते तो खुद कुरान फरमाता है कि वमासल का इला रहमत आलमीन वो
50:15
रहमत वो नेमत जो तमाम जहानों के लिए रहमत बनकर आई फरमाया इस नेमत का तुम शुक्र अदा
50:22
कर लोगे तो सारी नेमतों का शुक्र अदा हो जाएगा सुभान अल्लाह तो इंशा्लाह ता कयामत इंशा्लाह हुजूर
50:29
सल्लल्लाहु ताला वसल्लम का जिक्र मनाते रहेंगे मिलाद मुस्तफा करते रहेंगे क्योंकि
50:34
वन का जिक्र क्योंकि महबूब हुजूर का जिक्र मैंने नहीं हमने नहीं खुद रब ताला ने
50:41
फरमाया ऐ महबूब हमने बुलंद कर दिया लगा ए हबीब आपके लिए जिक्र आपके जिक्र को खुदा
50:49
ताला बुलंद करता है तो किसी का किसी के अंदर इतनी पावर नहीं है कि हुजूर का जिक्र खत्म कर दे फरमाया कि रहेगा यू ही उनका
50:57
चर्चा रहेगा बड़े खाक हो जाए जिंदा
51:03
बहुत शुक्रिया या रसूल अल्लाह
51:09
या रसूल अल्लाह [प्रशंसा] ईमान ना बेचेंगे सौदा ना करेंगे हम ईमान
51:18
ना बेचेंगे सौदा ना करेंगे हम ईमान ना बेचेंगे
51:25
नामोत पर दुनिया को हिला देंगे
51:30
आप मुस्तफा के आशिकों से भरी हुई है नबी की नामों पर उठने वाले सारी दुनिया में फैले
51:37
हुए हैं जहां जहां ताजारे ख़बूवत जिंदाबाद जिंदाबाद
51:42
کا जानबान
51:49
आद मुस्तफा मरहबा मरहबाद
51:54
मुस्तफा मरहबा मरहबा का चांद आया बार का चांद
52:03
का चांद आया बार आया बार का चांद
52:09
का चांद आया साज पे बज रहा है एक नगमा बार-बार
52:20
साज पे चांद आया आमीना का लाल आया बार का
52:26
चांद आया बार का चांद आया बार का चांद
52:33
का चांद आया बार का चांद
52:38
बार का चांद आया का चार यारों की सदा जागी सदाबा
52:49
नूरी नूरी है नूरी नूरी है नूर नूरी है
52:56
या रसूल अल्लाह मुस्तफा मरहबा या मुस्तफा
53:01
आज है सबकी सदा मरहबा या मुस्तफा कर रम गया मरहबा या मुस्तफा आ गया मरहबा
53:11
मुस्तफा गया मरहबा मुस्तफा
53:16
जश्न विलादत शाह जमन का जश्न विलादत
53:23
शाह जमन का इश्क है व्ल्लाह कर आओ नबी की नात सुनाए
53:32
आमीना की जान का चांद नूर बनके आया
53:39
मुस्कुराना [संगीत]
53:45
प्यार नबी का मिलके मनाए
53:50
लाजवाब है
53:56
[संगीत] हम सर पे
54:02
मैदान में निकले हैं दिल के महबूब से हमने
54:07
निकले हिम्मत हमें ठोको दम है तो हमें रोको
54:14
हिम्मत हमें रोको दम है तो हमें रोको हम नारा रिसालत को फैलाने निकले हैं
54:23
हम नारा रिसालत को फैलाने निकले हैं नारा रिसालत या रसूल अल्लाह
54:32
नारा रिसालत या रसूल अल्लाह
54:37
परदेश में गूजेगा अब या रसूल अल्लाह पर गूजेगा या रसूल
54:45
अल्लाह या रसूल अल्लाह
54:53
या रसूल अल्लाह सारी दुनिया में हलचल सी मचा देंगे हम
55:00
सारी दुनिया में हलचल सी मचा देंगे हम सारी दुनिया में हलचल मचा देंगे
55:09
सरकार के आशिक हैं रंग अपना जमा देंगे
55:16
या रसूल अल्लाह में
55:24
या रसूल अल्लाह में या रसूल अल्लाह मेरा मुस्तफा है
55:34
मेरा मुस्तफा मुस्तफा
55:40
मुस्तफा की
55:49
दादा की झूम के झूम के वाले
55:56
के वाले
56:04
वाले [प्रशंसा] है
56:10
या रसूल अल्लाह में भर सरकार जजा देंगे
56:21
या रसूल अल्लाह सर बाजार कहना है पुकारो या रसूल अल्लाह पुकारो या रसूल अल्लाह
56:28
खुदा की सारी ज़ मुस्तफा के आशिकों से भरी हुई है नबी की दामत पर मिटने वाले सारी
56:34
दुनिया में फैले हुए हैं। जहां जहां जाओगे वहां वहां आशिकाने रसूल पाओगे। दोस्तों जो
56:41
से काम लो इस्लाम का दामन थाम लो। सात बार हसमस रंगोस केों को पास पास कर दो और कहो
56:50
हम इस्लाम के लिए जिंदा है और इस्लाम भी उठा है। हम आने वाले आएंगे। मरते भी चलो
56:57
मरते भी चलो। सर भी बाहर चलते भी चलो।
57:03
मंथली मिले जाएंगे दोस्तों जब तक जिस्म खून बाकी है और जब तक खून में हरा बाकी है
57:13
पैदा करने वाले की हम या अल्लाह का नारा लगाना नहीं छोड़ सकते नारा रिसालत
57:21
या रसूल अल्लाह नारा रिसालत या रसूल
57:26
अल्लाह या रसूल अल्लाह है पैगाम मोहब्बत है
57:35
इस्लाम अकबर
57:41
नारािसालत [संगीत] नारा
57:47
[प्रशंसा] [संगीत]
58:00
या रसूल अल्लाह या रसूलद
58:08
कमेटी का यह अज़म शान जुलूस इस वक्त रहमानी तौर पर आ पहुंचा है और तहरीक
58:14
की जानिब से और यहां के इलाकाई मिलाद कमेटी की जानिब से जो चिरागों का एतमाम
58:21
हुआ जो इस्तकबाल का एतमाम हुआ इन्होंने जो हुजूर की मोहब्बत में अपनी अकीदतों
58:27
मोहब्बतों के नजराने पेश किए अल्लाह पाक हम सब शका जुलूस इनके लिए दुआ है कि
58:34
अल्लाह इनको इस मिलाद की खूब बरकतों से नवाजे। आमीन। अल्लाह पाक इन्हें और इनकी नस्लों को
58:41
अल्लाह पाक हुजूर के रंग में रंग दे। अल्लाह पाक हमारी नस्लों में भी कयामत तक
58:46
कोई बेअदब गुस्ताख पैदा ना करे। औरसूसला बाबा जी रहमत का फैजान हमारी
58:53
नस्लों में तास है। कयामत में और जिस मंशूर जिस फिक्र और जिस नज़िए को लेकर आए
59:01
और आए और छा गए। अल्लाह पाक ऐसा जज्बा हमें भी नसीब फरमाए। और इस्लाम को जो तख्त
59:08
में लाने का उनका जो जज्बा जो अज़म था अल्लाह जल्द हमें अपनी आंखों से वो देखना
59:14
नसीब फरमाए। यहां जितने भी शका जितने भी यहां पर इस रहमानी चौक पर इस जरा में शरीक
59:22
होने वाले इस परचम कुशाई में शरीक होने वाले दाम दिल हमें कदम सुखन है जिनजिन
59:28
भाइयों ने हिस्सा मिलाया अल्लाह उन सबको खैरो बरकत अता फरमाए उन सबके जानो माल
59:34
इज़्ज़त आबरू ईमान की बरकतें इन्हें नसीब फरमाए एक मर्तबा इस जज्बे के साथ कि
59:41
हुज़ूरबला बाबा रहमा की रूह खुश हो जाए मिल मिलकर मोहब्बत के साथ एक नारा लगा दे
59:48
ताजदारे ख़ नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
59:54
ताजदारे ख़ नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
59:59
ताजारे ख़ नबूवत जिंदाबाद जिंदाबाद जिंदाबाद
1:00:05
[संगीत] सलातलामस
1:00:11
करीम पाक परवरदिगार आलम ऐ प्यारे अल्लाह आज तूने अपने प्यारे हबीब का मिलाद मनाना
1:00:18
नसीब किया। अल्लाह यही सहादत आखरी दम तक हमें अता फरमा। हर साल खूब जोश जज से
1:00:24
मनाना नसीब फरमा। कल कयामत के दिन हुजूर की दामन शफात नसीब फरमा। हुजूर की शफात
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नसीब फरमा। हुजूर के पीछे जन्नत का दाखिला नसीब फरमा दे। तमाम उलमा मशाले सुन्नत
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तमाम शाकाने रसूल की खैर फरमा। हमें आखरी दम हुजूर के जों में शहादत की मौत अता
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फरमा [संगीत]
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सबको दीन और दुनिया की नेमतों से मालामाल फरमा मौला इस चरागा के बदले मौला उनकी
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कब्रों को रोशन फरमा और उनकी कब्रों को मोहब्बत फरमा मौला जो हम चरागा करते हैं
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तेरे हबीब के लिए करते हैं मौला हमारी कब्रों को रोशन फरमा मौला मौला कब्र में
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नबी पाक सल्लल्लाहु ताला वसल्लम की शफात नसीब फरमाना हमें 1500 साला जश्न ईद मिलाद नबी जोश के
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साथ मनाने की हमें कुत ताकत अता फरमाना सल्लल्लाहु ताला मोहम्मद
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रहमत का हम यंग मेंबर कमेट की जानिब से हुसैना
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कमेट को इस अजीमो शान में मुबारकबाद पेश करते हैं।
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[संगीत] का है
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[संगीत]
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निकला चांद निकला चांद
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निकला चांद निकला चांद निकला चांद निकला जाने
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दूर का
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समाज [संगीत]
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[संगीत] नूर की आमदूर
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की आमद मरबा झूम के बोलो
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के बोलो [संगीत]
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[प्रशंसा] [संगीत]
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भाई बस बस ठीक है ठीक है ठीक है भाई ठीक है
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[संगीत]
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के बोलो चूम के बोलो [प्रशंसा]
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या
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[संगीत]
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[संगीत]
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[संगीत]
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राम [संगीत]
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[संगीत]
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[संगीत]
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भैया आगे आगे बढ़ते जाओ भाई [संगीत]
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[संगीत] [प्रशंसा] [संगीत]
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कहना है पुकारो या रसूल अल्लाह पुकारो या रसूल अल्लाह अल्हम्दुलिल्लाह
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दोबारा खैर से अल्लाह ने इसे सिद्दीकाबाद पहुंचाया जितने शरकाए जुलूस जितने मुंतजिम
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जितने कारकुरान यंग मेहमान मिलाद कमेटी व दीगर जितनी कमेटियां दरहमे कदम सुखने इस
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कारवा इसको मोहब्बत के काफिले में अपनी खिदमात सर अंजाम दी ये फकत हुजूर की
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मोहब्बत हुजूर के इश्क में हुजूर की खातिर हम निकले हैं और इंशाल्लाह हमारा ये ईमान
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है की जिस तरह आज यहां झंडे लहराते हुए हुजूर के नग में तराने गा रहे हैं। हश्र
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में भी इसी तरह हुजूर के कदमों में हम झंडे लहराते हुए इंशा्लाह हुजूर के दामन
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पकड़ कर जन्नत में इंशा्लाह रवाना होंगे और हश्र तक डालेंगे हम पैदाइश से मौला की
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धूम फार नज के खिलाए गिराते जाएंगे खाक हो
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जाए जलकर मगर हमको रजा या रसूल अल्लाह दम
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में जब तक दम है जिक्र उनका सुनाते जाएंगे मिला कमेटी कि जा की जो इस चिरागे की
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काविशें हैं जो इन्होंने पहले से बढ़कर भरपूर तरीके से और जिस झूमर के नीचे हम
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यहां खड़े हैं इसमें भी अपनी और इन्होंने अपनी सलाहियतों को बरूए कार लाते हुए
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हुजूर की मोहब्बत में इस सिद्दीका को रोशन किया। अल्लाह एक एक कार्टून को और इस
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कार्टूनों के साथ जिसने भी अपनी माली ताुन जानी ताुन किए अल्लाह पाक उन सबको इस
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महफिल इस मिलाद की बरकतों से मालामाल फरमाए और अल्लाह हमारी कब्रों को भी इसी
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तरह हुजूर के कुरनूर चेहरे अनवर की जिया से हमारी कब्रों को मुनव फरमाए
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[संगीत] मेरे भाइयों यकीन खरीदने से पहले इस बात
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को मलूज़ रखिएगा कि कहीं वो हुजूर के दुश्मनों की तो नहीं, कहीं वो मुसलमानों
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के दुश्मनों की प्रोडक्ट तो नहीं, कहीं वो यहूदो हुनूद की प्रोडक्ट तो नहीं। और
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बिलखसूस अपने उन फ़स्तीनी मुसलमान भाइयों का ख्याल करते हुए हर उस प्रोडक्ट का
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बॉयकॉट भी कीजिए। ये भी मिलाद का एक तरीका है कि हम हर उस प्रोडक्ट का बॉयकॉट करें और
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बॉयकॉट करके उन दुश्मनाने इस्लाम दुश्मनाने मुस्तफा को नुकसान पहुंचाकर भी
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अपनी मिलाद में इस हिस्से को शामिल करें। अल्लाह पाक इन तमाम कारवाबान में शरीक
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होने वाले शका को मुंतजमीन को कारनान को सबको इसकी जजा खैर अता फरमाए।
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इलाका [संगीत] चांद उस दिन अफरो
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साथ के लाखों सलाम
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पहले सजदे पे अजू
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या उम्मत
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[संगीत] सलाम का
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रहमत [संगीत] के
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आने वाले हो सलाम
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से आ इमामों को
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दिल में जाने को
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लाखों सलाम काश
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उनकी आत हो
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उनकी शौकत से
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हमारे को हमसे राज़ फरमा दे। ऐ आलमीन ऐ मौला करीम पाक परवरदिगार आलम नबी पाक सलाम
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की सच्ची मोहब्बत दे इसी में जीना और किसी में मरना नसीब फरमा
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अल्लाह सलाम सलाम सलाम सलाम
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अल्लाह [संगीत]
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का बहुत-ब शुक्रिया भाई [संगीत]
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[संगीत]
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[संगीत]
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भाई