IKIGAI Chapter-1: जी रहे हो या बस निभा रहे? | Hindi Book Summary
Nov 2, 2025
IKIGAI Chapter-1 in Hindi – अपनी ज़िंदगी का असली मक़सद खोजिए। कभी सोचा है — हम सुबह क्यों उठते हैं? काम के लिए? EMI के लिए? या सच में जीने के लिए? Japan की Ikigai Philosophy कहती है — ज़िंदगी बदलती है जब हम purpose के साथ जीना शुरू करते हैं। इस वीडियो में आप सीखेंगे: ✅ Ikigai क्या है? ✅ क्यों ज़्यादातर लोग बिना उद्देश्य जीते हैं ✅ अपनी Life का purpose कैसे ढूँढें ✅ Simple daily habits to find your Ikigai ✅ एक Middle-Class Indian example for clarity ✅ एक 60-second Ikigai test (must do) यह सिर्फ book summary नहीं है, ये आपके अंदर की सोई हुई आग को जगाने की शुरुआत है।
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सोचिए आप जिंदगी जी रहे हैं या बस समय काट
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रहे हैं। सुबह अलार्म बजता है और हम उठते
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क्यों हैं? ईएमआई, ऑफिस, रिस्पांसिबिलिटी
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या सच में जीने का कोई कारण। जापान के लोग
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कहते हैं अगर सुबह उठने का कारण मिल गया,
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तो जिंदगी जीना शुरू हो जाता है। और इसी
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रीजन का नाम है इकेगा।
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ध्यान से सुनिए। यह वीडियो आपकी लाइफ
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डायरेक्शन थोड़ा क्लियर कर देगा। अगर आप
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फ्रस्ट्रेशन, कन्फ्यूजन या लॉस्ट महसूस
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करते हो, यह चैप्टर आपके लिए है। इंडिया
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में 90% लोग अपनी जिंदगी ऐसे जीते हैं
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जैसे ऑटो पायलट मोड हो, सुबह हसल, ऑफिस
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प्रेशर, सोशल मीडिया स्क्रूलिंग, थोड़ा
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एंटरटेनमेंट, फिर सो जाओ। और कुछ साल बाद
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एहसास होता है जिंदगी कहीं निकल गई। पर
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मैं क्या बना?
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हम दूसरों की जिंदगी की मूवी देखते रहते
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हैं। लेकिन अपनी जिंदगी में खुद साइड
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कररेक्टर बन गए हैं।
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इकी गाय एक जापानीज दार्शनिक सोच है।
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जापान के ओकिनावा आइलैंड पर दुनिया के
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सबसे ज्यादा 100 प्लस साल जीने वाले लोग
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हैं। और सिर्फ इसलिए नहीं कि वहां हवा साफ
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है या खाना अच्छा है। बल्कि इसलिए क्योंकि
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हर इंसान के पास सुबह उठने का रीजन है। वो
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लोग काम करते हैं चाहे 90 साल के क्यों ना
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हो। क्योंकि उनके लिए काम बोझ नहीं पर्पस
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है। एक गाय यह कहता है जिंदगी में असली
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खुशियां तब आती हैं जब जो काम आप पसंद
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करते हो व्हेन यू लव। जिसमें आप नेचुरली
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अच्छे हो। व्हाट यू आर गुड एट? जिससे समाज
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को फायदा होता है। व्हाट द वर्ल्ड नीड्स
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और जिससे अर्निंग मिलती हो व्हाट यू कैन
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बी पेड फॉर। यह चारों चीजें मिल जाए वही
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आपका एक गाय है।
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एक गाय खोजा नहीं जाता। एक गाय बढ़ाया
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जाता है। एग्जांपल लेते हैं। रोहन दिल्ली
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का 9 टू फाइव एंप्लॉय। सैलरी ठीक-ठाक थी।
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लाइफ सिक्योर थी लेकिन दिल खाली सा महसूस
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होता था। वीकेंड पर Netflix बाहर खाना फिर
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मंडे डिप्रेशन आप रिलेट कर सकते हो। एक
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दिन उसने ये चार सवाल लिखे। मुझे क्या
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करना पसंद है? मैं किस में नेचुरली अच्छा
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हूं? दुनिया को मेरी किस स्किल की जरूरत
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है? इस स्किल से अर्निंग कैसे हो सकती है?
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उसका जवाब था गिटार और टीजीटी। उसने
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वीकेंड पर दो स्टूडेंट्स से शुरू किया। आज
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साइडिंग कम भी है, कॉन्फिडेंस भी है और
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जिंदगी में एक्साइटमेंट भी है। रोहन अब
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सिर्फ जी नहीं रहा। जग रहा है।
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प्रॉब्लम यह नहीं कि हमें पता नहीं क्या
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करना है। प्रॉब्लम यह है कि हम सोचते हैं
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कि एक दिन मैजिक होगा और आंसर मिल जाएगा।
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लेकिन एक गाय एक यात्रा है एक डेली
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प्रैक्टिस छोटे स्टेप्स कंपाउंड ग्रोथ
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एग्जजेक्टली एटॉमिक हैबिट्स की तरह
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अब एक 60 सेकंड एक्सरसाइज अभी करो पॉज मत
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करना यह आपकी जिंदगी बदल सकती है पेपर और
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पेन पकड़ लीजिए राइट पहला व्हाट आई लव
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डूइंग कम कम से कम पांच चीजें टू व्हाट एम
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आई गुड एट इसमें भी पांच चीजें थर्ड व्हाट
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द वर्ल्ड नीड्स फ्रॉम मी तीन से पांच
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पॉइंट्स फोर व्हाट कैन आई लर्न फ्रॉम
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एटलीस्ट थ्री आइडियाज
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अब लिस्ट कंपेयर करो जहां ओवरलैप है वही
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आपका एक गाय सीड है। एक गाय मतलब जॉब
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छोड़ना नहीं। एक गाय मतलब लाइफ अलाइनमेंट।
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कई लोग सोचते हैं पैशन मिल जाए तो लाइफ
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सॉर्टेड गलत। पैशन के साथ स्किल के साथ,
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पर्पस के साथ अर्निंग ही एकेगा है। ये
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चारों बिल्ड करने पड़ते हैं। हर सुबह 10
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मिनट्स बिना फोन के अपनी वैल्यूज लिखो।
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अपने स्ट्रेंथ्स सोचो। एक छोटा
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इंप्रूवमेंट डिसाइड करो। बस एक छोटा स्टेप
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रोज कंसिस्टेंसी ही मैजिक है। यह आपने
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एटॉमिक हैबिट्स में सीखा है। जिंदगी लंबी
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होने से नहीं मीनिंगफुल होने से खूबसूरत
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होती है। अगर आप रोज किसी और का सपना पूरा
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करने जा रहे हो तो कम से कम शाम को 1 घंटा
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अपनी ड्रीम को भी दो क्योंकि दुनिया
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उन्हीं का सम्मान करती है जो खुद को
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रिस्पेक्ट देते हैं। एक चीज जो आप
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सीक्रेटली करना चाहते थे पर अभी तक शुरू
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नहीं की शायद आपका एक-एक गाय वहीं छिपा
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है। एक बात समझिए। एक गाय सिर्फ करियर
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नहीं है। एक गाय सिर्फ पैसा नहीं है। एक
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गाय सिर्फ पैशन नहीं है। एक गाय एक जीने
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की फिलॉसफी है। हमारी लाइफ में तीन बड़ी
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गलतफहमियां होती हैं। पहला मेरा पैशन मिल
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जाए बस लाइफ परफेक्ट हो जाएगी। सेकंड,
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मुझे सिर्फ वह काम करना चाहिए जो मुझे
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पसंद है। थर्ड, पर्पस एक दिन अचानक मिल
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जाता है। पर सच्चाई अलग है। पैशन सीधे
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नहीं मिलता। पैशन प्रैक्टिस से आता है। हम
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किसी चीज में अच्छे बनते हैं। फिर वहां से
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कॉन्फिडेंस आता है। फिर धीरे-धीरे पर्पस
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शेप होता है। सो अगर आपको आज आंसर नहीं
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पता, इट्स नॉर्मल, इट्स ह्यूमन। आप अकेले
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नहीं हो। एक गाय है लाइफ का बैलेंस
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फार्मूला। सोचिए अगर कोई व्यक्ति सिर्फ
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पैसा कमाए बट खुश ना हो क्या वह सक्सेसफुल
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है? अगर कोई सिर्फ पैशन करे पर पैसे ना हो
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क्या वह लॉन्ग टर्म में सर्वाइव कर पाएगा?
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अगर कोई सिर्फ दूसरों की जरूरत पूरी करे
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लेकिन खुद टूट जाए। क्या वो फुल्ली अलाइव
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रहेगा? एकगाई कहता है लाइफ एक सर्कल नहीं
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चार सर्कल्स का हार्मोनी है। यह बैलेंस
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सीखना ही क्रोध है। इंडिया में हमारे
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पेरेंट्स कहते हैं पहले सिक्योर जॉब लो
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फिर पैशन बाद में देखना।
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क्या गलत है इसमें? नथिंग। सुरक्षा जरूरी
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है। लेकिन प्रॉब्लम तब होती है जब हम
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सिर्फ सर्वाइवल मोड में रह जाते हैं।
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हमारे अंदर दो पार्ट्स होते हैं। सर्वाइवल
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सेल्फ जिसमें सेफ्टी, जॉब या रूटीन आता
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है। दूसरा ड्रीम सेल्फ, ग्रोथ,
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क्रिएटिविटी, कंट्रीब्यूशन।
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एक गाय तब बोर्न होता है जब यह दोनों एक
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दूसरे के दुश्मन नहीं बल्कि एक दूसरे के
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साथी बनते हैं। डे में जॉब कर सकते हो।
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शाम को अपने प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हो।
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यह बैलेंस ही एक गाय है। कई लोग कहते हैं
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मैं टैब स्टार्ट करूंगा
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जब टाइम मिल जाएगा। मतलब मैं नए काम में
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हाथ तब डालूंगा जब टाइम मिल जाएगा। सच
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बोलो। टाइम कभी नहीं मिलता। टाइम निकल
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जाता है। टाइम को निकालना पड़ता है। शुरू
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छोटा करो। 30 मिनट सीखने पर, 30 मिनट
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रीडिंग पर और 15 मिनट रिफ्लेक्शन पर। बस
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यही तीन चीजें आपका रास्ता बदल देंगी।
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वर्ल्ड बदलने के लिए वर्ल्ड टू नहीं
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चाहिए। बस एक नोटबुक, एक पेन और एक सीट
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थॉट। मैं आज बेहतर कैसे बनूं?
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आगे बात करते हैं ओकिना टीचिंग स्लो डीप
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लिविंग। जापान के लोग कहते हैं हरी स्लोली
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मतलब फास्ट लाइफ नहीं राइट लाइफ वो लोग
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जल्दी नहीं भागते स्ट्रेस नहीं जमाते कम
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कम्युनिटी से जुड़े रहते हैं एक्टिव रहते
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हैं ग्रेटट्यूड प्रैक्टिस करते हैं और
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डेली मीनिंगफुल काम करते हैं एक गाय कहता
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है बस बिजी मत बनो परपसफुल बनो हम
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स्क्रोलिंग से डोपामिन लेते हैं वो वो लोग
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गार्डनिंग, आर्ट, वर्क और रिलेशनशिप्स से
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पीस लेते हैं। हम रेस में हैं। वो फ्लो
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में है। एक्चुअल ग्रोथ तब होती है जब
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इंसान कंपैरिजन छोड़कर कनेक्शन पकड़ लेता
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है। कनेक्शन अपने आप से, नेचर से, लोगों
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से, काम से। याद रखना हम इस दुनिया में
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सिर्फ बिल्स भरने नहीं आए हैं। हम आए हैं
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कुछ देने के लिए दूसरों को नहीं सबसे पहले
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खुद को। अगर आज आप लॉस्ट फील कर रहे हो तो
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इसका मतलब आप गलत नहीं हो। इसका मतलब है
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आप खोज रहे हो। एंड सर्चिंग इज द बिगिनिंग
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ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन। आज का स्टेप छोटा लग
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सकता है। पर यही छोटी आदतें एटॉमिक
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हैबिट्स प्लस पी के गाय जीवन बदलने का
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फार्मूला है।
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थैंक यू।
