Don’t Sweat The Small Stuff – छोटी बातों को छोड़ो, बड़ी ज़िंदगी जियो | Hindi Book Summary
Dec 1, 2025
इस वीडियो में हम Richard Carlson की life-changing किताब
Don’t Sweat The Small Stuff का पूरा सार बेहद आसान हिंदी में समझेंगे।
यह किताब सिखाती है कि:
– छोटी-छोटी बातों में तनाव मत लो
– Mind को slow करो
– Judgment कम करो
– Ego छोड़ो
– Gratitude बढ़ाओ
– Arguments avoid करो
– Life को हल्का और शांत बनाओ
अगर आपकी उम्र 18–45 है और आप stress, pressure, negativity या overthinking से परेशान रहते हैं,
तो यह किताब आपको तुरंत शांति और clarity देगी।
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छोटी-छोटी बातों से खुद को मत जलाओ। लाइफ बहुत आसान हो सकती है। इमेजिन कीजिए आप
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सुबह उठे और छोटी-छोटी बातों ने ही आपका मूड खराब कर दिया। कोई ट्रैफिक में कट के
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मर गया। घर में किसी के कमेंट सुनकर गुस्सा आ गया। WhatsApp में किसी ने सीन
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करके रिप्लाई नहीं किया। ऑफिस में किसी ने टोन खराब रखी। ऑनलाइन आर्डर लेट आ गया। 2
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मिनट की छोटी प्रॉब्लम ने दिमाग खा लिया और ऐसा रोज होता है। क्या आपने नोटिस किया
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है लाइफ की 90% परेशानी छोटी बातों से आती है लेकिन हम उन्हें बड़ी प्रॉब्लम बना
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देते हैं। रिचर्ड कॉल्सन इसी बात को बहुत सिंपल शब्दों में समझाते हैं। छोटी चीजों
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को छोटा ही रहने दो। उन्हें अपने दिमाग, दिल और दिन पर कब्जा मत करने दो। अब पार्ट
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वन में हम सीखेंगे छोटी बातों पर ओवरएक्ट क्यों करते हैं? कैसे माइंड छोटी चीज को
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बड़ी बना देता है? एवरीडे इरिटेशन से खुद को कैसे बचाएं? शांत और स्टेबल माइंडसेट
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कैसे डेवलप करें? लाइफ को हल्का और सिंपल कैसे बनाते हैं? लेसन नंबर वन छोटे मसलों
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पर गुस्सा नहीं समझ जाइए। रिचर्ड काल्सन कहते हैं लाइफ की बहुत प्रॉब्लम्स असल में
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प्रॉब्लम्स नहीं होती। बस हमारी रिएक्शंस होती हैं। एग्जांपल किसी ने बात काट दी,
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किसी ने एप्रिसिएशन नहीं दी, किसी ने गलत पार्किंग कर दी, किसी ने हेल्प नहीं की,
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किसी ने टोन खराब रखी। यह सब झूठी बातें हैं। लेकिन माइंड इन्हें इंसल्ट, अटैक,
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जजमेंट मान लेता है। और हम ओवरएक्ट कर देते हैं। और सबसे इंटरेस्टिंग बात हम खुद
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ही अपनी इरिटेशन को बढ़ाते हैं। अगर हम चाहे तो यह छोटी चीजें हमें अफेक्ट ही ना
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करें। काल्सन कहते हैं छोटे मसलों पर गुस्सा करने से आपकी पीस तो जाती ही है।
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आपकी एनर्जी भी खत्म हो जाती है। इसीलिए पहला रूल स्टॉप गिविंग मीनिंग टू स्मॉल
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थिंग्स। हर बात में इशू मत ढूंढो। लेसन नंबर टू लोग परफेक्ट नहीं होते यह
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एक्सेप्ट कर लो। हम छोटी बातों से इसलिए भी परेशान होते हैं क्योंकि हम लोगों से
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परफेक्ट बिहेवियर एक्सपेक्ट करते हैं। लेकिन ट्रुथ यह है लोग गलत बोलेंगे, गलत
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समझेंगे, गलत रिएक्ट करेंगे, गलत ड्राइव करेंगे, गलत टाइमिंग रखेंगे, गलत एजमशनंस
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बनाएंगे। और यह परफेक्टली नॉर्मल है। काल्सन कहते हैं, लोग परफेक्ट हो। यह कहना
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ही सबसे बड़ी गलत एक्सपेक्टेशन है। जब आप रियल वर्ल्ड को वैसे ही एक्सेप्ट कर लो
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जैसा है वह है। आप इमीडिएटली लाइटर फील करते हो क्योंकि तब आप हर छोटी चीज पर
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रिएक्ट नहीं करते। लेसन थ्री हर चीज आपकी चाहत के अनुसार होना जरूरी नहीं है। बहुत
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से लोग छोटी बातों पर इरिटेशन इसलिए करते हैं क्योंकि वह लाइफ को अपनी मर्जी से
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चलाना चाहते हैं। लोग आपकी तरह बिहेव करें। काम आपकी स्पीड से हो। दुनिया आपकी
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डेफिनेशन से चले। ट्रैफिक आपकी आपकी एक्सपेक्टेशन के हिसाब से मूव करें। लोग
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आपकी लैंग्वेज समझे। हर चीज आपके प्लान के अनुसार हो। लेकिन लाइफ ऐसी नहीं है।
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रिचर्ड कार्लसन कहते हैं, द वर्ल्ड डजंट एडजस्ट टू योर मूड। यू मस्ट एडजस्ट योर
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पीस। कभी-कभी लाइफ को फ्लो में चलने दो। एव्री सेकंड कंट्रोल करने की कोशिश मत
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करो। इससे दिमाग इंस्टेंटली हल्का हो जाता है। लेसन नंबर फोर ओवरथिंकिंग छोटी बात को
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तूफान बना देता है। छोटी बात तब प्रॉब्लम बनती है जब माइंड उसे बार-बार रिपीट करता
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है। एग्जांपल किसी ने कहा तुम टाइम पर नहीं आती। एक्चुअल बात, छोटा कमेंट, माइंड
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की बात, इंसल्ट, जजमेंट, अटैक, रिजल्ट, मूड खराब, पूरा दिन खराब। यह हमारे माइंड
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का ट्रैप है। स्मॉल ट्रिगर लीड्स टू बिग स्टोरी व्हिच लीड्स टू बिग स्ट्रेस। कालसन
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कहते हैं, माइंड छोटी बात को रिपीट करके उसे बड़ी बनाता है। रिपीटिंग बंद करो, पीस
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आ जाएगी। किसी ने कुछ कहा? एक बार सुनो। लीव इट, मूव ऑन। यही मैच्योर तरीका है।
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लेसन नंबर फाइव दूसरों की नेगेटिविटी को कैरी मत करो। रिचर्ड कहते हैं अगर कोई आप
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अपना गुस्सा आप पर निकाल दे तो उसका फ्रस्ट्रेशन उठाना आपकी जिम्मेदारी नहीं
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है। लोग कई बार अपनी फ्रस्ट्रेशन, स्ट्रेस या मूड आपके ऊपर फेंक देते हैं। रुड, टोन,
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शॉर्ट रिप्लाई, इरिटेशन, डिसरिस्पेक्ट, कोल्ड बिहेवियर और हम इसे पर्सनल ले लेते
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हैं। लेकिन ज्यादातर केसेस में उनका मूड खराब है। आप नहीं। इसीलिए कारसन का सबसे
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पावरफुल सुझाव डोंट टेक देयर मूड होम। दूसरों की नेगेटिविटी अपने घर मत लाओ। अगर
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कोई आपको गलत बिहेव कर दे तो काम रहो। वह मोमेंट गुजर जाएगा। उसका गुस्सा कैरी मत
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करो। लेसन नंबर सिक्स। छोटी बातों को लेट गो करना एक सुपर पावर है। कालसन कहते हैं
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पीसफुल लोग इसीलिए पीसफुल नहीं होते क्योंकि उनके लाइफ में प्रॉब्लम्स नहीं होती। वे छोटी बातों को छोड़ना सीख चुके
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होते हैं। लेटिंग गो एक कला है। किसी की छोटी मिस्टेक ओवरलुक कर दो। किसी के स्मॉल
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कमेंट को इग्नोर कर दो। किसी की छोटी गलत टोन को पर्सनली मत लो। किसी ट्रैफिक
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मिस्टेक को पर्सनल इंसल्ट मत मानो। किसी की स्लो रिप्लाई को डिसरिस्पेक्ट मत समझो।
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लेट गो करने का मतलब हार मानना नहीं। यह मैच्योरिटी है। यह कहता है यह यीशु छोटा
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है। मेरी शांति इससे बड़ी है। लेसन सेवन
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हर फाइट लड़ना जरूरी नहीं होता। एक बड़ी गलती जो हम करते हैं। हम हर इशू
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को आर्ग्यू करके सॉल्व करना चाहते हैं। लेकिन रियल विज़डम यह है। कुछ बातों पर चुप
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रहना बेहतर है। कुछ बातों को टाइम खुद सॉल्व करता है। कुछ लोगों से डिबेट करने
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का कोई फायदा नहीं। कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग्स खुद क्लियर हो जाती हैं। कुछ बिहेवियर आप
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एक्सप्लेन कर भी दो तो सामने वाला नहीं समझेगा। आर्ग्यू करने से ज्यादा कीमत आपकी
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पीस की होती है। कालसन कहते हैं बीइंग राइट इज ओवरेटेड बीइंग पीसफुल इज अंडर
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रेटेड हर फाइट मत चुनो सही फाइट चुनो। लेसन नंबर एट शांत दिमाग हमेशा ज्यादा
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पावरफुल होता है। यह किताब का कोर मैसेज है। जब आप छोटी बातों पर रिएक्ट करना बंद
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करते हो, आपकी एनर्जी बचती है। आपकी क्लेरिटी बढ़ती है। आपका कॉन्फिडेंस बढ़ता
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है। आपका पेशेंस बढ़ता है। आपका डिसिप्लिन मजबूत होता है। आपका मूड स्टेबल हो जाता
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है। आपकी हेल्थ इंप्रूव होती है। स्मॉल इरिटेशंस ड्रेन करते हैं। काम माइंड एमवर
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करता है। इसीलिए कार्लसन कहते हैं डेवलप अ क्वाइट माइंड एंड लाइफ विल बिकम लाउड वि
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पीस। लेसन नंबर नाइन हर दिन एक छोटा प्रॉमिस करो। आज मैं छोटी बातों को बड़ा
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नहीं बनाऊंगा। यह किताब का सबसे ब्यूटीफुल प्रैक्टिकल एडवाइस है। हर सुबह उठकर खुद
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से कहो आज मैं छोटी बातों पर गुस्सा नहीं करूंगा। आज मैं किसी छोटी बात को अपने मूड
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पर हावी नहीं होने दूंगा। आज मैं लोगों की माइनर गलतियां ओवरलुक करूंगा। आज मैं
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नेगेटिविटी को कैरी नहीं करूंगा। एक सिंपल डेली इंटेंशन आपके पूरे दिन को बदल देता
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है। यह एक मेंटल रिसेट है। अभी तक आपने
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सीखा कि छोटी बातों को छोटा रहने देना, लेट गो करना और लोगों की इमपरफेक्शंस
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एक्सेप्ट करना लाइफ को ऑटोमेटिक आसान बना देता है। अब पार्ट टू में रिचर्ड कासन
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बताते हैं कि हमारी सोच, आदतें और पर्सपेक्टिव हमारी खुशी को कैसे शेप करते
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हैं। यह सब बहुत प्रैक्टिकल है। हर लेसन आपके डेली लाइफ के तनाव को तुरंत कम
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करेगा। लेसन वन, अपने माइंड में अननेसेसरी संघर्ष मत पैदा करो। बहुत से लोग अपनी
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प्रॉब्लम खुद क्रिएट करते हैं। रिचर्ड कासन कहते हैं, द प्रॉब्लम इज नॉट द प्रॉब्लम। द प्रॉब्लम इज योर माइंड्स
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ड्रामा। एग्जांपल ट्रैफिक है माइंड ड्रामा। आज सब खराब हो गया। बॉस ने टोन
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खराब रखी। माइंड ड्रामा। वह मुझे इंसल्ट कर रहा है। पार्टनर ने कॉल नहीं उठाई।
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माइंड ड्रामा उसे परवाह नहीं। किसी फ्रेंड ने प्लान कैंसिल कर दिया। माइंड ड्रामा
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शायद वह मुझे अवॉइड कर रहा है। एक्चुअल प्रॉब्लम छोटी थी। लेकिन माइंड ने उसे
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बड़ा बना दिया। कालसन का सिंपल रूल स्मॉल रियलिटी प्लस बिग थिंकिंग लीड्स टू बिग
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स्ट्रेस। स्मॉल रियलिटी प्लस स्मॉल थिंकिंग लीड्स टू स्मॉल स्ट्रेस। लाइफ
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सिंपल हो जाएगी अगर आप माइंड के ड्रामा को कम कर दो।
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लेसन टू अपने ईगो को हर जगह मत लाओ। स्मॉल स्टफ मोस्टली तभी हैवी लगता है जब हमारा
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ईगो बीच में आ जाता है। रिचर्ड कहते हैं ईगो कहता है मुझे हर जगह सही होना है।
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इससे होता क्या है? छोटी बात पर भी बहस। हर इशू पर फाइट। हर पॉइंट प्रूव करने की
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जरूरत। हर क्रिटिसिज्म पर हर्ट, हर गलत टोन पर इंसल्ट, फील। ईगो आपकी पीस का सबसे
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बड़ा एनिमी है। जब आप ईगो को थोड़ा पीछे रखते हो, लाइफ बहुत हल्की लगने लगती है।
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हर बात पर मैं सही हूं। प्रूफ करना जरूरी नहीं, लेकिन मैं शांत हूं, बनना जरूरी है।
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लेसन थ्री खुद को लाइफ का सेंटर मत समझो। रिचर्ड कॉल्सन कहते हैं कि हम छोटी बातों
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से इसलिए परेशान होते हैं क्योंकि हम माइंड में सोचते हैं सब कुछ मेरे बारे में
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है। लेकिन रियलिटी में किसी का रूट बिहेवियर अक्सर उनकी प्रॉब्लम है। कोई
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आपकी वजह से इरिटेट नहीं अपने प्रेशर से है। कोई आपकी वजह से हरी नहीं, अपनी चिंता
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से है। किसी ने जवाब नहीं दिया क्योंकि वह बिजी था। किसी की समस्या आपकी वजह से नहीं
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है। पीपल आर फोकस्ड ऑन देयर लाइफ्स नॉट एंड यू। अगर आप यह समझ लेते हो, आप
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अननेसेसरी हर्ट होना बंद कर दोगे। लेसन नंबर फोर
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एक दिन में 100 इरिटेशन आती हैं। उनमें से 99 को इग्नोर करना ही विज़डम है। रिचर्ड
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काल्सन कहते हैं, हर इरिटेशन एक चॉइस है। आप रिसोंड करेंगे या इग्नोर? डे में छोटी
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इरिटेशंस नेचुरल है। कोई बच्चे जोर से खेल रहे हैं। डिलीवरी 10 मिनट लेट हो गया। कोई
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लाइन में घुस गया। किसी ने धन्यवाद नहीं कहा। किसी कोलीग ने आपके काम को नोटिस
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नहीं किया। कोई आपको इंटरप्ट कर गया। किसी ने दो सेकंड की गलती कर दी। इन 100
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इरिटेशंस में से अगर आप सिर्फ एक दो बार रिएक्ट करो, आपका माइंड शांत रहेगा। बट
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अगर आप हर इरिटेशन पर रिएक्ट करोगे तो पूरा दिन खराब हो जाएगा। इग्नोर करना
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इमोशनल इंटेलिजेंस है। लेसन नंबर फाइव लाइफ को सीरियस मत बनाओ। थोड़ा हल्का लो।
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यह किताब की सबसे पावरफुल फिलॉसफी है। लाइफ इतनी गंभीर नहीं है जितना हम उसे बना
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लेते हैं। बहुत लोग छोटी-छोटी बातों पर टेंशन लेते हैं। घर साफ नहीं हुआ। किसी ने
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कॉम्प्लीमेंट नहीं दिया। किसी ने गलती कर दी। किसी का मूड ऑफ है। कोई अलग ओपिनियन
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रखता है। कोई आपको इंस्टेंटली अंडरस्टैंड नहीं करता। कोई आपकी एक्सपेक्टेशंस पूरी
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नहीं करता। लेकिन लाइफ को हल्का लेने पर स्ट्रेस 70% कम हो जाता है। रिचर्ड कहते
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हैं बी सीरियस इन योर एफर्ट्स। नॉट इन योर रिएक्शंस। काम सीरियसली करो। लाइफ को
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लाइकली लो। लेसन सिक्स खुद को ज्यादाेंस मत दो। यह
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सुनने में अजीब लगता है, लेकिन लाइफ इजीियर हो जाती है जब आप खुद को एक्स्ट्राेंस नहीं देते। एग्जांपल कोई
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आपकी बात भूल गया इग्नोर। कोई आपकी तारीफ नहीं कर पाया। नो प्रॉब्लम। किसी ने आपको
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इनवाइट नहीं किया। चले कोई बात नहीं। किसी को आपकी चॉइस पसंद नहीं आई। ठीक है। आप
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रेयर हैं लेकिन दुनिया आपके इर्दगिर्द नहीं घूमती। यह समझना पीस की शुरुआत है।
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लेसन सेवन हर दिन में कुछ परेशानियां आएंगी। इसको नॉर्मल समझो और रिचर्ड कासन
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की सबसे प्रैक्टिकल थॉट प्रॉब्लम्स आर पार्ट ऑफ डेली लाइफ। दे डोंट मीन समथिंग
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इज रॉन्ग। बहुत लोग सोचते हैं क्यों प्रॉब्लम आई? मेरे साथ ही क्यों? आज ही
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क्यों? लेकिन ट्रुथ हर दिन कोई छोटी समस्या आएगी। यह नॉर्मल है। इसे पर्सनल मत
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बनाओ। इसे लाइफ का नेचुरल फ्लो मानो। प्रॉब्लम आने का मतलब यह नहीं कि आप अनलकी
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हो। यह केवल लाइफ है। अगर आप प्रॉब्लम को नॉर्मल समझते हो, स्ट्रेस नहीं होगा। लेसन
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एट। पेशेंस आपका सबसे बड़ा हथियार है। छोटी बातों पर पेशेंस रखना मैच्योरिटी है।
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रिचर्ड काल्सन कहते हैं पेशेंस इज पीस इन स्लो मोशन। पेशेंस क्यों जरूरी है? लोगों
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को समझने में, परिवार को संभालने में, काम को स्मूथली चलाने में, रिलेशनशिप को लॉन्ग
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टर्म रखने में, स्ट्रेस को कम करने में, पेशेंस रखने वाला इंसान कभी एंग्री,
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फ्रस्ट्रेटेड और कंफ्यूज नहीं लगता। वह मजबूत दिखता है और असल में होता भी वही
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है। लेसन नंबर नौ छोटी गलतियां ओवरलुक करो। ओवरलुकिंग मतलब इमोशनल फ्रीडम।
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रिचर्ड कहते हैं लोगों की छोटी-छोटी मिस्टेक्स को छोड़ने में बहुत मजा है।
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ओवरलुक करने से मिलता है इनर पीस, बेटर रिलेशनशिप्स, लेस फाइट्स, लेस इरिटेशन,
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मोर काम, मोर मैच्योरिटी। एग्जांपल किसी ने साल्ट ज्यादा डाल दिया। छोड़ दो। किसी
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ने बात रिपीट कर दी। इग्नोर। कोई 5 मिनट लेट आ गया। कोई इशू नहीं। कोई स्मॉल कमेंट
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कर गया, स्माइल करके मूव ऑन। किसी ने थ्री टाइम्स आपका नाम गलत बोल दिया। नो नीड टू
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करेक्ट। यह स्मॉल थिंग्स आपको बड़ा इंसान बना देती हैं। लेसन नंबर 10। आज ही अपने
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माइंड को ट्रेनिंग देना शुरू करो। रिचर्ड कासन कहते हैं, पीस भी एक हैबिट है। आप आज
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से ही प्रैक्टिस कर सकते हो। हर छोटी बात पर पॉज करना, डीप ब्रेथ लेना, रिएक्ट करने
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से पहले सोचना, इरिटेशन को चेक करना, लोगों की छोटी मिस्टेक्स को इग्नोर करना,
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नेगेटिविटी को लेने से इंकार करना। काम टोन में बात करना, छोटी बातों को पर्सनली
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ना लेना। दिस इज माइंड ट्रेनिंग। हर दिन 1% इंप्रूवमेंट। धीरे-धीरे माइंड शांत,
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डीप और मैच्योर बन जाता है।
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खुद को हल्का रखना सीखो। यही असली खुशहाल जिंदगी का राज है। अब तक आपने सीखा कि
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छोटी बातों को बड़ा मत बनाओ और रिएक्शन कम रखो। लाइफ को हल्का लो और लोगों की छोटी
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मिस्टेक्स ओवरलुक करो। पार्ट थ्री में काल्सन बताते हैं कि हमारी हैप्पीनेस,
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रिलेशनशिप्स और पीस कैसे छोटे-छोटे मेंटल शिफ्ट्स से बदल सकती है। यह हिस्सा बहुत
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पावरफुल है क्योंकि यह आपके सोचने का तरीका बदल देगा। लेसन वन दूसरों की बातों
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को दिल पर मत लो। रिचर्ड कासन कहते हैं लोग क्या बोलते हैं? वह उनकी स्टोरी है।
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आपका ट्रुथ नहीं। बहुत बार लोग अपनी फ्रस्ट्रेशन, अपनी इनसिक्योरिटी, अपनी जेलसी, अपना स्ट्रेस, अपना लो मूड आपके
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ऊपर फेंक देते हैं और हम इसे पर्सनली ले लेते हैं। लेकिन रियलिटी क्या है?
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ज्यादातर लोग जो बोलते हैं, वह उनके अंदर का हाल होता है। आपकी वैल्यू नहीं। इसलिए
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कालसन का सुझाव अगर कोई थोड़ी रूट टोन में बोल दे, पर्सनली मत लो। किसी ने
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एप्रिशिएशन नहीं दी पर्सनली मत लो। किसी ने डिले किया पर्सनली मत लो। कोई आपकी बात
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समझ ना पाए पर्सनली मत लो। यह आपका इमोशनल शील्ड है। लेसन टू माइंड को स्लो डाउन मोड
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में लाना सीखो। काजल कहते हैं अ फास्ट माइंड इज ऑलवेज इरिटेटेड। अ स्लो माइंड इज
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पीसफुल। आप नोटिस करो जब हमारा माइंड जल्दी-जल्दी चलता है। हम जल्दी गुस्सा
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करते हैं। जल्दी रिएक्ट करते हैं। जल्दी इरिटेटेड होते हैं। जल्दी जजमेंट करते
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हैं। जल्दी हर्ट होते हैं। लेकिन जब माइंड स्लो होता है, हम कामली सोचते हैं। हम
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वाइसली रिसोंड करते हैं। हम पेशियस रखते हैं। हम लोगों को समझते हैं। हम खुद को
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एंजॉय करते हैं। स्लो माइंड मतलब काम लाइफ। माइंड को स्लो करने के सिंपल तरीके।
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डीप ब्रीथिंग, थोड़ी देर चुप बैठना, वॉक लेना, स्लो टोन में बात करना, फोन को
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बीच-बीच में दूर रखना, बिना हरी के चीजें करना। माइंड जितना स्लो, लाइफ उतनी स्मूथ।
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लेसन थ्री, अपनी प्रायोरिटीज को क्लियर रखो। कंफ्यूजन मतलब इरिटेशन। काल्सन कहते
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हैं, कंफ्यूज्ड माइंड हमेशा इरिटेटेड रहता है। बहुत लोग छोटी-छोटी बातों पर टेंशन
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इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि उनकी प्रायोरिटीज क्या है। इफ यू
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डोंट नो व्हाट रियली मैटर्स देन एव्री स्मॉल थिंग विल लुकेंट। एग्जांपल एक दिन
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में 20 काम करना, हर मैसेज का रिप्लाई देना, हर इनवाइट अटेंड करना, हर इशू सॉल्व
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करना, हर डिमांड फुलफिल करना। अगर हर चीज इंपॉर्टेंट लगने लगे तो माइंड ओवरलोड हो
18:55
जाता है। सिंपल फार्मूला रोज तीन मेन प्रायोरिटीज लिखो। बाकी सब बोनस टास्क।
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छोटी बातों पर टेंशन लेने की जरूरत नहीं। क्लियर प्रायोरिटीज मतलब काम लाइफ। लेसन
19:10
फोर लोगों को जज करना बंद करो। जितना कम जज करोगे उतना खुश रहोगे। रिचर्ड कासन
19:18
कहते हैं जजमेंट क्रिएट्स टेंशन। एक्सेप्टेंस क्रिएट्स पीस। हम रोज कितनी
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छोटी बातों पर दूसरों को जज करते हैं। यह ऐसा क्यों चलता है? इसका बोलने का तरीका
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खराब है। यह इतना स्लो है। इसका ड्रेसिंग सेंस अजीब है। यह ऐसा बिहेव क्यों करता
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है? जज करने से माइंड नेगेटिव हो जाता है। अगर कास्टेंट जजमेंट छोड़ दें, हमें
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इंस्टेंटली हल्का फील होता है। ट्राई करो। 2 घंटे तक किसी को जज मत करो। आपका माइंड
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इंस्टेंटली क्वाइट हो जाएगा। एक्सेप्टनेस मतलब रिलैक्सेशन।
19:57
लेसन फाइव लोगों की छोटी-छोटी अच्छाइयां नोटिस करो। योर फोकस डिसाइड्स योर पीस।
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कार्लसन कहते हैं जिस पर आप ध्यान देते हो उसी का असर आपकी भावना पर पड़ता है। अगर
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आप लोगों की गलतियां हाईलाइट करोगे, आप इरिटेट हो जाओगे। अगर आप उनकी अच्छाइयां
20:16
नोटिस करोगे आप शांत हो जाओगे। एग्जांपल किसी ने आपके लिए दरवाजा पकड़ा, किसी ने
20:22
मुस्कान दी, किसी ने छोटी हेल्प की, किसी ने थैंक यू कहा। किसी ने आपके काम की
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तारीफ की। किसी ने आपकी बात पेशेंटली सुनी। यह छोटी-छोटी गुड मोमेंट्स आपके मूड
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को अपलिफ्ट करते हैं। योर फोकस क्रिएट्स योर एक्सपीरियंस।
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लेसन सिक्स काइंडनेस को हैबिट बनाओ। काइंडनेस रिमूव्स इरिटेशन।
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रिचर्ड कहते हैं काइंडनेस एक सुपर पावर है जो आपकी और दूसरों की लाइफ हल्की कर देती
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है। काइंडनेस से फाइट्स कम होती है। मिसकम्युनिकेशन कम होता है। सोशल फिक्शन
21:00
कम होता है। इरिटेशन कम होती है। रिलेशनशिप्स बेटर होते हैं। आप पीसफुल
21:06
महसूस करते हैं। स्मॉल एक्ट्स ऑफ काइंडनेस स्माइल करके बात करना। दूसरों की बात
21:12
पेशेंटली सुनना थोड़ा एप्रिशिएट करना। हेल्प पेश करना, सॉफ्ट टोन रखना, किसी को
21:20
प्रायोरिटी दे देना, किसी गलती को माफ कर देना। काइंड पीपल सबसे ज्यादा स्ट्रेस
21:26
फ्री लोग होते हैं। लेसन सेवन कंप्लेनिंग कम करो। कंप्लेनिंग इज अ साइलेंट पोइजन।
21:34
काल्सन कहते हैं कंप्लेनिंग आपके मूड का ऑक्सीजन खींच लेता है। जब आप कंप्लेन करते
21:40
हो माइंड नेगेटिव होता है। स्ट्रेस बढ़ता है। एनर्जी कम होती है। फोकस खराब होता
21:46
है। आप दूसरों को भी नेगेटिव बना देते हो। ट्राई करो 24 आवर्स बिना कंप्लेंट के आपका
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दिमाग 50% हल्का हो जाएगा। कंप्लेंट रिप्लेस करो ग्रेटट्यूड से। ट्रैफिक है,
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चलो कम से कम कार है, काम ज्यादा है, चलो अर्निंग भी है, घर में टेंशन है, चलो
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फैमिली भी है। कोई ब्यूट था, चलो मेरा कंट्रोल मजबूत है। ग्रेटट्यूड इरिटेशन को
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डिॉल्व कर देता है। लेसन एट छोटी असुविधाओं पर शांत रहना सीखो। ई विद
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डिसकंफर्ट मीन्स इन अ स्ट्रेंथ। लाइफ में रोज छोटी असुविधाएं आएंगी। गर्मी, भीड़,
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वेटिंग, डिलेज, स्लो इंटरनेट, नॉइज स्मॉल इनकन्वीनियंसेस। अगर आप इन पर रिएक्ट करते
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रहोगे, आपकी एनर्जी पूरी खत्म हो जाएगी। कालसन कहते हैं, असुविधा में भी ई रहने की
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स्किल। आपका सबसे बड़ा एसेट है। ट्राई करो क्यू में कामली खड़े रहना, डिले में
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ब्रीथिंग करना, इंटरनेट स्लो हो तो रिलैक्स करना, रश आर में पेशेंस रखना। यह
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आपको मेंटली बहुत स्ट्रांग बनाता है। लेसन नाइन खुद को अपनी थिंकिंग पैटर्न को
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ऑब्जर्वर बनाओ। कालसन कहते हैं, जो लोग अपनी सोच को ऑब्जर्व करते हैं, वे अपनी
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सोच के गुलाम नहीं बनते। ऑब्जर्व करो आपका गुस्सा कब आता है? इरिटेशन कब बढ़ती है?
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किस बात से हर्ट होते हो? कौन से लोग आपको ट्रिगर करते हैं? कौन सी बातें आपको अपसेट
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करती हैं? अवेयरनेस ही पावर है। अगर आप ट्रिगर पहचान लेते हो, रिएक्शन अपने आप कम
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हो जाता है। लेसन 10 माइंड को पॉज देना सीखो। पॉज मतलब पावर। कार्लसन की सबसे
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प्रैक्टिकल वॉइस बिफोर रिएक्टिंग पॉज पॉज करने से गुस्सा कम आता है। गलत बोलने से
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बचते हो। गलत डिसीजन से बचते हो। दूसरों को बेटर समझते हो और खुद को काम फील करते
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हो। पॉज इज मैच्योरिटी। पॉज इज पीस। पॉज इज इमोशनल इंटेलिजेंस।
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लाइफ को हल्का करो, दिल बड़ा करो। यही असली खुशी का मार्ग है। अब तक कालसन ने
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आपको सिखाया छोटी बातों को बड़ा मत बनाओ। काम रहना सीखो। दूसरों को समझो। जजमेंट कम
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करो। माइंड को स्लो करो। खुश रहने के सिंपल तरीके अपनाओ। पाठ चार जीवन के सबसे
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प्रैक्टिकल और गहरे लेसंस पर आधारित है। जिन्हें अपनाकर कोई भी इंसान हल्का, शांत
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और खुश रह सकता है। लेसन वन लेट गो करना सीखो। छोड़ने का नाम ही फ्रीडम है। कालसन
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कहते हैं जिंदगी में हर चीज पकड़ कर रखने के लिए नहीं होती। हम छोटी-छोटी बातों को
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पकड़ कर बैठे रहते हैं। किसी की पुरानी बात, कोई छोटी इंसल्ट, कोई छोटी बहस, किसी
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की गलत टोन, कभी हुई गलती, कोई पुराना मिसअंडरस्टैंडिंग। बट ट्रुथ इज जितना
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होल्ड करेंगे, उतना खुद जलेंगे, जितना छोड़ेंगे, उतना हल्का होंगे। ट्राई करो 24
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घंटे किसी भी छोटी बात को होल्ड मत करो। आप फील करेंगे कि आपकी जिंदगी 50% हल्की
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हो गई। रिलीजिंग मतलब हीलिंग। लेसन टू। लोगों को बार-बार सुधारने की आदत छोड़ो।
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पीपल डोंट वांट करेक्टनेस। दे वांट काइंडनेस। बहुत लोग हर छोटी बात में
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दूसरों को करेक्ट करते रहते हैं। यह ऐसे नहीं बोलते। तुम्हारा तरीका गलत है।
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एक्चुअली यह फैक्ट सही नहीं है। लिसन लेट मी करेक्ट यू। काल्सन कहते हैं, हर छोटा
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करेक्शन रिलेशनशिप में फ्रिक्शन पैदा करता है। कभी-कभी गलत को इग्नोर कर देना बेहतर
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है। फैक्ट की जगह फ्रेंडशिप चुन लेना बेहतर है। प्रोवाइडिंग से ज्यादा पीस
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चुनना बेटर है। करेक्ट कम करो। प्यार ज्यादा मिलता है। लेसन थ्री हर समय जल्दी
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में मत रहो। हरी मर्तबरी। कालसन कहते हैं जल्दी करने की आदत सबसे बड़ा स्ट्रेस
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क्रिएटर है। हम हर चीज में जल्दी करते हैं। जल्दी से रेडी हो जाओ। जल्दी खाना
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खाओ। जल्दी काम खत्म करो। जल्दी बोलो, जल्दी सोचो, जल्दी रिएक्ट करो। और नतीजा
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टेंशन, इरिटेशन, प्रेशर, मिस्टेक्स, बर्न आउट। ट्राई सिंपल शिफ्ट। थोड़ा धीरे चलो,
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थोड़ा-धीरे बोलो, थोड़ा खाओ, थोड़ा सोचो। स्लो इज स्मूथ। स्मूथ इज पीसफुल। लेसन
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फोर। अपनी इच्छा को यूनिवर्सल लेवल पर रखें। छोटे ईगो की बजाय बड़ा दिल। कालसन
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कहते हैं ईगो आदमी को छोटा बना देता है। हम हर चीज को ईगो से देखते हैं। मेरे साथ
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ऐसा क्यों? मुझे रिस्पेक्ट क्यों नहीं मिला? मेरा काम इंपॉर्टेंट है। मुझे
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प्रायोरिटी मिलनी चाहिए थी। लेकिन जब हम ईगो को पीछे रख देते हैं,
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लाइफ इंस्टेंटली पीसफुल हो जाती है। स्मॉल ईगो मतलब बिग हैप्पीनेस। यह सोच ट्राई
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करो। चलो, कोई बात नहीं, मेरे लिए यह मैटर नहीं करता। लेट इट बी। यह जीवन का हिस्सा
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है। ईगो छोड़ना मैच्योरिटी का साइन है। लेसन फाइव। हर बहस में जीतने की कोशिश मत
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करो। वन द डे नॉट द आर्गुमेंट। काल्सन कहते हैं आर्गुममेंट्स रेयरली हैव विनर्स
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बट दे ऑलवेज हैव लूजर्स। बहस में वक्त खराब होता है। एनर्जी खत्म होती है।
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रिलेशनशिप वीक होता है। माइंड हैवी हो जाता है। इसलिए बेस्ट अप्रोच अगर पॉसिबल
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हो अवॉइड अगर हो रही है काम टोन। जरूरत
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महसूस हो यू मे बी राइट कह दो। बड़ी बात हो समझदारी से रिॉल्व। लाइफ में 95%
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फाइट्स अवॉइड की जा सकती हैं अगर आप जेनुइनली चाहते हो। लेसन सिक्स दूसरों के
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लिए छोटी-छोटी खुशी क्रिएट करो। इट मेक्स यू हैप्पीियर देन देम। कालसन कहते हैं
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गिविंग हैप्पीनेस क्रिएट्स मोर हैप्पीनेस देन रिसीविंग इट। स्मॉल एक्ट्स किसी को
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कॉम्प्लीमेंट दे देना, किसी की हेल्प कर देना, किसी को थैंक यू बोल देना,
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मुस्कुराकर मिलना, किसी के लिए डोर होल्ड करना, किसी को प्रायोरिटी देना। यह छोटी
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चीजें आपके अंदर बड़ी खुशी पैदा करती है। दिस इज इमोशनल साइंस। लेसन सेवन हर
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व्यक्ति अपने लेवल पर बेस्ट कर रहा है। यह समझ लेना आपको शांत बनाता है। पीपल बिहेव
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डिफरेंटली बिकॉज़ उनका बैकग्राउंड अलग है। उनका एनवायरमेंट अलग है। उनके अपब्रिंगिंग
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अलग है। उनके बिलीव्स अलग है। उनके स्ट्रगल्स अलग है। उनका स्ट्रेस अलग है।
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कार्लसन कहते हैं अगर आप हर किसी को उसके बेस्ट एफर्ट के साथ देखें। आप कभी अपसेट
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नहीं होंगे। इंस्टेड ऑफ सेइंग यह ऐसा क्यों है? यह समझता क्यों नहीं? से शायद
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यह अपने बेस्ट एफर्ट पर है। इंस्टेंट पीस लेसन ग्रेटट्यूड को एक डेली हैबिट बनाओ।
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ग्रेटट्यूड मतलब इंस्टेंट हैप्पीनेस। कार्लसन कहते हैं जो चीजें आपके पास है
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अगर आप उन्हें नोटिस कर लें, आप तुरंत खुश हो जाते हैं। डेली 30 सेकंड्स ग्रेटट्यूड
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प्रैक्टिस। अपने घर से निकलने से पहले तीन चीजें सोचो जिनके लिए थैंकफुल हो। आपका
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शरीर, आपका घर, आपका परिवार, आपका काम, आपकी क्षमताएं, आपकी सीख, आपकी समस्याएं
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भी क्योंकि वे आपको मैच्योर बनाती है। ग्रेटट्यूड नेगेटिविटी को डिॉल्व कर देता
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है। लेसन नाइन अपनी जिंदगी को दूसरों से कंपेयर मत करो। कंपैरिजन इज अ थीफ ऑफ जॉय।
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हम सोशल मीडिया, नेबर्स रिलेटिव्स से कंपेयर करते रहते हैं। उनकी जॉब, उनकी
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कार, उनकी लाइफ स्टाइल, उनकी सैलरी, उनके रिलेशनशिप, उनका लुक, हर कंपैरिजन दुख
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पैदा करता है। काल्सन कहते हैं कंपैरिजन आपको आपके ओन जर्नी से डिस्कनेक्ट कर देता
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है। सशन सिर्फ अपने पुराने वर्जन से कंपेयर करो।
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दूसरों को सिर्फ इंस्पिरेशन की तरह देखो। अपनी पेस पर चलो। अपनी लिखी हुई स्टोरी
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जियो। कंपैरिजन बंद। खुशी शुरू लेसन 10 याद रखो लाइफ छोटी है। यह सच आपको काम
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बनाता है। कार्लसन लाइफ का सबसे पावरफुल ट्रुथ बताते हैं। लाइफ शॉर्ट है और हम
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छोटी-छोटी बातों में से बर्बाद करते रहते हैं। सोच कर देखो छोटी शिकायतें, छोटी
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बहसें, छोटे ईगो इशूज़, छोटे क्रजेस, छोटी जेलसी, छोटी इरिटेशंस, छोटी
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डिसपॉइंटमेंट्स। इनका हमारी लाइफ में कोई मूल्य नहीं है। अगर आप आज तय कर लें मैं
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लाइफ छोटी बातों में वेस्ट नहीं करूंगा तो आपका माइंड इंस्टेंटली शिफ्ट हो जाएगा।
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लाइफ इज टू प्रेशियस। लाइफ इज टू शॉर्ट। एंजॉय इट, लव इट। डोंट वेस्ट इट। खुश रहने
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की कला छोटी बातों को छोड़ने में है। इस हिस्से में आपने सीखा छोड़ना सीखो। लोगों
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को कनेक्ट मत करो। जल्दी में मत जियो। ईगो को छोटा रखो। हर बहस अवॉइड करो। दूसरों को
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खुशी दो। हर इंसान को अंडरस्टैंड करो। ग्रेटट्यूड डेली हैबिट बनाओ। कंपैरिजन बंद
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करो। लाइफ शॉर्ट है। छोटी बातों को छोड़ दो। अगर कोई इन 10 लेसंस को लाइफ में
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इंप्लीमेंट कर ले तब छोटी बातों का कोई असर नहीं रहेगा। माइंड शांत होगा, हार्ट
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हल्का होगा, लाइफ ब्यूटीफुल रहेगी। थैंक यू।
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