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डॉक्टर अमजद अली भट्टी
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कला में बाबा फरीद गंज शकर के हवाले से आज
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हमारा दूसरा प्रोग्राम है
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इससे में भी हम कला में बाबा फरीद में से
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चंद अशआर बयान करेंगे और फिर उनका मखोम भी
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बयान किया जाएगा हमें उम्मीद है कि आपको
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हमारा यह सिलसिला पसंद आएगा तो आइए अपने
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कुछ ना बुझे कुछ ना समझे दुनिया बुझीबा
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साईं मेरे चंगा किता नहीं तो हम भी वजह
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क्योंकि दुनिया एक पोशीदा आग है लिहाजा
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इसके मतलब हथनी तौर पर कहना कि यह क्या है
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इंसानी समझ से बाहर है लेकिन मैं
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खुशकिस्मत हूं कि मुझे अपने मुझे दुनिया
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की हकीकत मेरे सामने खोल कर बयान कर दी है
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वरना मैं भी दिगर दुनिया दारू की तरह इस
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आग में जलकर राख हो जाता यानी मैं भी
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दुनिया वालों का शिकार हो जाता और आखिरत
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एक और जगह बाबा जी फरमाते हैं यह जाना दिल
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तोड़ डे संभल बुक भरी यह जाना सनम रे
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थोड़ा मन करें अफरीदी अगर तेल थोड़े हो तो
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उन्हें मुट्ठी में त्याग से पकड़ना चाहिए
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या नहीं अगर तू जानता है कि जिंदगी चांद
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रोजा है तो फिर से देहात से बसर कर आजाद
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शैली के तहत गुजारी जाने वाली जिंदगी
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आखिरत में जहन्नम की तरफ ले जाएगी इसी तरह
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अगर महबूब छोटी उम्र का नादान हो तो भी
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अतियात लाज़िम है कि खामखा इस पर तकिया
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नहीं करना चाहिए कि वह हमें सीधीरा
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दिलाएगा और रोजे में शेयर कामयाबी से हम
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किनार करेगा हमें अपने आमाल पर भरोसा करना
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चाहिए किसी दूसरे के सहारे पर नहीं रहना
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एक और जगह बाबा जी लिखते हैं यह जाना
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बाद में ना को सब जग डिटेल
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इसका फोन कुछ इस तरह हो सकता है कि अगर
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मैं जानता कि महबूब का आंचल जल्द छूट जाने
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वाला है यानी पतला और मुलायम है तो मजबूती
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से गांड देले तक होंगे कि अगर भटकने का
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अंदेशा हो तो महबूब के दामन को मजबूती से
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थामे रखना चाहिए दुनिया भर में घूम फिर कर
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देख लिया मगर तुझ जैसा आना और बढ़ाई वाला
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कोई दूसरा दिखाई नहीं दिया महबूब तुम्हारे
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सामने मेरी कोई हैसियत नहीं
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बाबा जी एक और जगह लिखते हैं
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जे तू अकल लतीफ काले लिखना है अपने
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गिरेबान में सरनेम आकर देख ऐ प्रीत अगर
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तेरे पास अखिलेश सलीम है तो दामन को गुनाह
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उसे आलू बनाकर बेहतर है कि सर को झुका कर
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अपने गिरेबान में झांक के रहना चाहिए यू
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एक तरफ तेरी खुद है तो शादी होती रहेगी और
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दूसरी जाना दूसरों के एवं की तरफ ध्यान ना
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जाएगा हजरत बाबा फरीद गंज शकर एक और जगह
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जोते मारण मुखिया इन हाना मारी घूम
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अपने घर जाइए पैर के ना भेजो
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है प्रीत जो तुझे गांव से मारे तो पलट कर
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में कुछ ना कहना बल्कि उनकी कदम बोसी करना
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और अपने घर की राय लेना यानी करने वालों
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से बदला या इंतकाम नहीं लेना चाहिए बल्कि
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दुश्मन से प्यार मोहब्बत करना चाहिए और
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बुराई का जवाब बुराई से नहीं देना चाहिए
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बाबा फरीद गंज शकर के कलाम में से ज्यादा
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हिसार और उनका उर्दू में फोन हमें उम्मीद
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है कि आपको हमारा यह सिलसिला पसंद आएगा और
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करेंगे और दोस्तों से शेयर भी करेंगे आपका