lovely words ☺️
Jun 6, 2024
lovely words ☺️
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मैंने उसे मैसेज किया मुझे तुम्हारी आवाज
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सुननी है रिप्लाई आया मसरूफ हो नहीं कर
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सकती एक वक्त था जब यह लड़की मेरी आवाज
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सुनने के लिए मेरी तरह मुझसे ही इल्तजा
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करती थी मैंने सोचा और तल्खी से
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मुस्कुराया वो हमारी आखरी कॉल मैंने
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इल्तजा की उसने कॉल उठाई और खामोश
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रही मैंने पूछा कैसी हो
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उसने मेरे सवाल को नजर अंदाज कर दिया कहा
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क्या कहना
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है तुम्हें मुझसे मोहब्बत नहीं रही मैंने
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पूछा और दिल में एक मोहम सी उम्मीद लिए
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समात को मुंतज पाया नहीं उसका नहीं मेरे
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अंदर किसी जहर की तरह फैल
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गया एक वक्त था मुझे कहती थी कहो ना मुझसे
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मोहब्बत है इसरार करती थी मेरे लिए नजम
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लिखो फरमाइश करती थी मेरे लिए गजल
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गुनगुनाओ मजबूर करती थी और मैं मैं उसके
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मुंह से निकला हर लफ्ज जरूरी सजदा समझकर
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फर्ज कर
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लेता तुम्हारी मोहब्बत के नक्श मेरे अंदर
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गहरे हो रहे
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हैं मैंने उसके अंदर मेरे लिए मरी हुई
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मोहब्बत को झनझना चाहा तो उसने मेरी ही
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मोहब्बत के परखच्चे उड़ाए
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तुम्हारा मसला क्या है मोहब्बत शुरुआत से
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ही एकतरफा हो तो इंसान को अपनी औकात का
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अंदाजा रहता है बामी मोहब्बत में औकात का
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नापतोल नहीं होता दोनों एक दूसरे को
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बराबरी से गिरने नहीं देते मोहब्बत को य
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तरफा का एजाज हासिल हो जाते ही एक फर एक
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दूसरे को धक्का देता है तो पता चलता है कि
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मोहब्बत से वापसी के सफर में औकात का ध
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किसको कितना पढ़ना है मुझसे मिल लो आखिरी
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बार
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किसलिए छह से सात बार कभी रहम कभी जिद कभी
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धमका कर मिलने वाली जब आखिरी बार मिलने की
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बात पर सवाल खड़े करें तो मोहब्बत
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शर्मिंदगी की अता गहराइयों में गिर जाती
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है तुम्हें मुझसे मोहब्बत नहीं थी तो
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तुम्हें मुझे मोहब्बत में मुब्तला नहीं
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करना चाहिए था
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मेरा इतना कहना था कि उता हुए लड़की की
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चिड़चिड़ी आवाज रिसीवर से उभरी मोहब्बत
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मोहब्बत मोहब्बत कब तक इस लफ्ज मोहब्बत को
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लगते
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रहोगे नहीं है मुझे तुमसे मोहब्बत क्या कर
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लोगे मेरा नहीं सुनना चाहती तुम्हें नहीं
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मिलना चाहती हूं तुमसे तुम्हारे अंदर कोई
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इज्जत नफ्स नहीं है शर्म नहीं आती तुम्हें
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बार-बार आते
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हुए आंसुओं ने गले में गोला सा बना दिया
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था वरना मैं उसे कह देता मोहब्बत की कोई
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सेल्फ रिस्पेक्ट नहीं होती अगर होती तो
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मैं तुम्हारे आगे और तुम उसके आगे मोहब्बत
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की मट्टी पलीद ना कर रही होती दूसरी तरफ
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से फोन बंद हुआ तो कांपते हाथों ने कब कपा
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आते होठों पर चुप का पत्थर रखा कौन देगा
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इस मोहब्बत का हिसाब जिसमें मोहब्बत है कि
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ढेर सारे अल्फाज थमा करर मोहब्बत नहीं थी
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कि दिल में बवत कर द जाती है मोहब्बत में
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मुब्तला होने से पहले यह जरूर पता कर लो
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कि अगला बंदा पहले से किसी मोहब्बत में
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मुब्तला तो नहीं कहीं वह आपकी पहली
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मोहब्बत को रिप्लेस करने के लिए इस्तेमाल
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तो नहीं कर रहा कहीं उसे पहली मोहब्बत बीच
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में कहीं याद आ गई तो कहीं वह बीच रास्ते
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में मुकर गया पलट गया छोड़ गया
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तो दोस्तों मोहब्बत है हमेशा रसने वाला
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किसी की हमदर्दी में किसी के जख्मों पर
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मरम रखने के लिए आप आगे तो बढ़ाएंगे लेकिन
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अगर बदले में जखम आपको लग गए तो यकीन करें
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आपके जखम मिटाने को सैकड़ों हाथ आगे बढ़े
4:17
मगर होगा क्या कुछ भी नहीं
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[संगीत]

