March 15, 2024
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Mar 14, 2024
March 15, 2024
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फरमा ती जनाबे सैयदा फरमाते है नबी पाक
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सल्लल्लाहु ताला अलैहि वसल्लम मेरे पास से
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गुजरे सहरी का वक्त
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था तो हुजूर ने मुझे पांव से पकड़ के
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हिलाया और हुजूर अल सलातो सलाम फरमाने लगी
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मेरी बेटी
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उठो अपने रिजक से अपना हिस्सा वसूल
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करो फरमाया कि यह जो तुलू फजर का वक्त
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होता है ना तुलू फजर से लेकर तुलू आफताब
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तक तुलू फजर से तुलू आफताब तक यानी फजर का
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वक्त शुरू होने से लेकर सूरज निकलने तक
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अल्लाह ताला अपने बंदों में रिस्क तकसीम
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फरमाता है अगर आप इस रवायत पर गौर करें तो
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जनाबे जहरा रजि अल्लाह ताला अन्हा हमारी
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तवज्जो दिलाती हैं कि हमें सहरी में उठना
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चाहिए सिर्फ रमजान में नहीं हर रोज उठना
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चाहिए