March 15, 2024
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इमामे हसन कहते हैं कि एक पूरा दिन गुजर
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गया खाने को कुछ ना
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मिला अगली शाम आ गई तो चंद रोटियां खाने
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में मिली ज लाए हजरत अली जनाबे फातिमा ने
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पीस के रोटी पकाई फरमा है सबको खाना खिला
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दिया तो अपनी रोटी आपने रख
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ली जब आप खाना खाने लगी खाने पर हाथ ही
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रखा था के दरवाजे पर किसी ने सजा दी तो
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कहते हैं बोलने वाले के लफ्ज बड़े अजीब थे
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जिसने सजा दी ना उसके लफ्ज बड़े अजीब थे
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कहने लगे और रसूलल्लाह की बेटी सुन अला
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मैं दो दिन से फाके में हूं तो मुझे पता
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है इस घर से रोटी जरूर मिलेगी जनाबे
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फातिमा ने ना खाना उठाया इमाम हसन कहने
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लगी बेटे दे आ जनाबे हसन कहते मुझे बड़ी
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तकलीफ हुई हम सब खाना खा चुके थे मौला अली
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भी खा चुके थे सिर्फ मेरी अम्मा ने नहीं
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खाया था मां और बेटे का प्यार और फिर हसन
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हुसैन और सैयदा का प्यार फरमाते मैं मैंने
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कहा अम्मा जी आधी दे देते हैं आदी आप खा
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ले पूरा दिन गुजर गया आप फाके से हैं तो
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कहते हैं हजरत फातिमा ने मेरे सर पर y